मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 42

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माचिस की तीली​
4.3k words
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86
00

Part 1 of the 47 part series

Updated 10/30/2023
Created 09/04/2021
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माचिस की तीली​

एक दिन मेरे एक दोस्त रजनीकान्त का फ़ोन आया और उसने किसी और दोस्त की बहन के बारे में बताया जो मॉडलिंग में अपना कॅरियर बनाना चाहती थी और मुझे उसकी कुछ मदद करने के लिए कहा। मुझे उसके बारे में अन्य जानकारी भी उसने दी -उम्र 20 थी और उसकी शादी नहीं हुई-लगभग 5 ' 6" लंबी-बजन 52 किलो-रंग गोरा, लंबे बाल-उसका चेहरा खूबसूरत और उसका खूबसूरत चेहरे की विशेषता ठीक चीनी मिट्टी के बरतन तरह दोष मुक्त त्वचा हैं-देखने में पतली लम्बी और आकर्षक दिखती है-स्तन बड़े और उसकी गांड दिल के आकार की थी ।

हमारे परिवार के अनेको व्यवसायों में एक व्यवसाय वस्त्रो और खासकर के हैदराबादी मोतियों और आभूषणों का भी है। और अपने एक्सपोर्ट और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए हमे हमेशा मॉडल बनने के लिए सुंदर महिलाओं की तलाश रहती है। उसने मुझसे बोला की भाई एक बार आलिया से मिल लो । तो मैंने कहा भी मुझे कुछ काम के लिए लखनऊ जाना है । उसके बाद मिल लेते हैं ।

मैंने उसे हमारी कम्पनी के अधिकारी का नंबर दे दिया और उसे कहा की वह लड़की उससे बात कर ले ।

जब मैं कॉलेज में था तो कॉलेज में दोस्तों के साथ सिगरेट पीनी शुरू कर दी थी। वैसे तो मैंने कॉलेज की सारी पढाई लंदन में की है लेकिन एक बार छुट्टियों में जब घर आया तो व्यापार के किसी काम से दिल्ली से लखनऊ शताब्दी ट्रैन से 2-3 दिनों के लिए जा रहा था । वैसे तो वहाँ प्लेन से भी जाया जा सकता था लेकिन मेरे पास काफी सामान था इसलिए ट्रैन से जाने का कार्यक्रम बना र्और वही होटल में रुकने का प्रोग्राम था।

ट्रैन में चाय पीने के बाद ज्यादातर लोग ऊँघने लगे। ट्रैन वैसे तो आधी ही भरी हुई थी पर मेरे साथ की सीट पर एक साहब थे और मैं कुछ देर बाहर के नज़ारे देखता रहा पर जल्दी ही बोर हो गया इस बीच मेरे पडोसी साहब सो रहे थे ।

चुकी मैं सिगरेट पीता था और ट्रैन में तो सिगरेट पीने की दिक्कत रहती है पर फिर भी एयरकंडीशन केबिन से बाहर निकल कर टॉयलेट के पास ट्रैन का गेट खोलकर खड़ा हो गया और सिगरेट पीनी में झिझक रहा था । वहाँ इतने में टीटी गुजरा तो उसने बोला अपना ध्यान रखियेगा! मैंने टीटी से पुछा क्या यहाँ सिगरेट पी सकते हैं उसने कुछ जवाब नहीं दिया । मैंने कहा साहब ट्रैन का सफर लम्बा होता है इसमें भी कोई स्मोकिंग केबिन होना चाहिए ।

तो वह मुस्कुरा कर बोलै आप सरकार को सुझाव भेज दीजिये तो मैंने कहा सर आप सुझाव शिकायत बुक दे दीजिये मैं लिख देता हूँ तो उसने मुझे किताब पकड़ा दी और मैंने लिख दिया । मैंने कहा सर इस पर तो अमल जब होगा तब होगा। वह मुस्कुरा दिया ।

मैंने पुछा क्या सर आप भी पीते हैं?

तो वह बोला कभी-कभी पीता तो हूँ पर अभी ड्यूटी पर हूँ किसी ने देखकर शिकायत कर दी तो बेकार की मुसीबत हो जायेगी ।

मैंने कहा सर कुछ करने को तो है नहीं ट्रैन में तो या तो सो जाओ अब नींद नहीं आ रही मेरा लखनऊ का शताब्दी से वह पहला सफर था इसीलिए उससे पुछा ट्रैन कहाँ रुकेगी तो उसने बताया एक ही स्टॉप है कानपुर में । मैंने कहा सर तलब लग रही है क्या किया जाए । सर आपको तलब लगती है कैसे करते हैं?

वह बोला वैसे तो ट्रैन में मना है फिर ही आप पैसेंजर हो दरवाजा खोलकर पी लो । मैं चलता हूँ तो मुझे जैसे हरी झंडी मिल गयी सो सिगरेट निकाली और एक दो सिगरेट उसको भी पकड़ा दी । वह सिगरेट लेकर चला गया और टीटी के जाने के बाद एक सिगरेट सुलगा कर कुछ कश मारे ही थे की कुछ देर में एक बहुत हॉट लड़की आयी, बिलकुल मॉडर्न कपडे एक टाइट घुटनो के ऊपर स्कर्ट और लाल रंग का टाइट टॉप पहना हुआ था । उसके बड़े-बड़े चुचे थे और वही मेरे पास ही खड़ी हो गयी ।

उसकी पोशाक उसके शरीर के चारों ओर कसकर लपेटी गई थी जिसमें उसके बदन के सारे वक्र और आकार सब कुछ दिख रहा था । पहले तो मैं उसे देखता रहा। मेरा लंड थोड़ा ताव ले रहा था फिर ये सोच कर रुक गया कही मेरी सिगरेट पीने पर ऐतराज न करने लगे और शिकायत करने लगे तो सिगरट खुले गेट से बाहर कर खड़ा हो गया और इंतज़ार करने लगा ये चली जाए तो पिऊंगा ।

बड़ी अजीब स्थिति थी उस समय मेरी कहाँ तो ऐसी हसीना को देख कर हर लड़का सोचता है ये मेरे पास ही खड़ी रहे पर मैं सोच रहा था कि ये यहाँ से जल्दी जाए । पर वह वही खड़ी रही तो मुझे लगा ये जाने वाली नहीं है तो एक कश मार कर पहली सिगरेट बाहर फेंकने लगा, तो वह मुस्कुरा कर बोली आप आराम से पी लीजिये मुझे पता है तलब लगने पर रुका नहीं जाता।

तो मैंने कहा जी मोहतरमा ट्रैन का सफर लम्बा होता है और इसमें कोई स्मोकिंग केबिन भी नहीं होता । इनको कुछ सोचना चाहिए स्मोकर्स के लिए । तो वह मुस्कुरा दी और वापिस केबिन में चली गयी ।

अपने सिगरेट ख़त्म कर मैं भी अपनी सीट पर वापिस आ गया और आकर अखबार वगैरा पढ़ने लगा उन दिनों ट्रैन में फ़ोन और नेट नहीं चला करते थे । तो मैं उसके बाद कुछ देर बोर होता रहा मेरे साथ वाली सीट पर बैठे हुए पैसेंजर भी दुसरी खाली सीट पर चले गए शायद उन्हें मेरे मुँह से आ रही सिगरट की गंध पसंद नहीं थी और मेरे पास की सीट खाली हो गयी । फिर कुछ देर बाद सोचा चलो कुछ करने को नहीं है तो एक सिगरेट ही और हो जाए ।

तो मैं उठकर टॉयलेट की तरफ चल दिया सिगरेट फूकने । रास्ते में वह लड़की भी कुछ सीट के बाद बैठी हुई थी उससे मेरी नज़रे मिली मैं उसे देख मुस्कुराया तो वह भी मुस्कुरा दी । मैं बाहर आया तो वहाँ अब कोई नहीं था मैंने दरवाजा खोला और सिगरेट जला ली और कुछ कश मारे । कुछ देर बाद तो वह लड़की मेरे पास दुबारा आकर खड़ी हो गयी.और मैंने उसको पुछा लगता है आप भी बोर हो रही हैं और नींद भी नहीं आ रही है । वह बोली हाँ मुझे ट्रैन में नींद कम ही आती है तो मैंने कहा मेरा भी यही हाल है तो मैंने कहा ये ट्रैन का सफर बहुत लम्बा है।

तो मैंने पुछा आप कहाँ तक जा रही है तो उसने बताया मैं लखनऊ तक जा रही हूँ

तो मैंने कहा आप लखनऊ रहती हैं तो वह बोली वह वैसे तो हिमाचल शिमला की है आजकल दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रही है । लखनऊ में उसका कुछ काम है और शायद दो तीन दिन रुकना होगा तो मैंने कहा मैं भी लखनऊ ही जा रहा हूँ और दो तीन दिन रुकूंगा और मैंने उसे अपना नाम बताया । उसने कहा मेरा नाम आलिया है और हम दोनों ने हाथ मिलाया, उसका मुलायम स्पर्श पाकर मेरा लंड कठोर हो गया और मैंने कहा आप से मिल कर अच्छा लगा ।

उसके बाद इधर उधर की बाते होती रही मैंने उसे बताया मैं अकेला ही लखनऊ जा रहा हूँ और इस बीच मैं सिगरेट के कश मारता रहा और धुआँ ट्रैन के बाहर फेंकता रहा जिससे उसे कोई तकलीफ न हो ।

वह बोली मेरी साथ वाली सीट खाली हो गयी है आप भी अकेले हो तो मेरे साथ वाली सीट पर आ जाओ, तो मैं अंदर उसके साथ ही बैठ गया और हम गप्पे मारते रहे।

कुछ देर बाद मैं उठा और बोला आलिआ मैं आता हूँ और बाहर चला गया और सिगरेट पीने लगा तो वह फिर कुछ देर बाद मेरे पास आकर बोली "एक माचिस की तीली मिलेगी?

तो मैंने कहा तुम स्मोक करती हो! तो वह बोली हाँ!

तो मैंने कहा फिर पहले क्यों नहीं बताया तो वह बोली मैंने सोचा था तुम सिगरेट ऑफर करोगे तो ले लूंगी पर तुमने की ही नहीं ।

मैंने कहा सॉरी मुझे लगा तुम नहीं पीती हो,अगर पीती होती तो इतनी देर कैसे रूकती, तो वह बोली इतनी नहीं पीती कभी-कभी पी लेती हूँ पर तुम्हारे मुँह से आ रही सिगरेट की स्मेल ने तलब जगा दी है।

तो उसने अपनी जेबे टटोली और बोली मेरी सिगरेट लगता है बैग में है । मैं लेकर आती हूँ तो मैंने कहा आप कौन-सा ब्रांड लेती हो इससे पहले वह कुछ बोलती मैं फिर बोला गर ब्रांड की परवाह नहीं करती हो तो मेरी डिब्बी से ले लो और अपनी क्लासिक की डिब्बी खोल कर एक सिगरेट आगे निकाल कर उसके-उसके आगे कर दी। तो वह बोली मेरा भी यही ब्रांड है ।

उसके बाद उसने एक सिगरेट अपनों लाल रसभरे ओंठो से लगाई तो मैंने माचिस जलाकर उसकी सिगरेट जला दी उसने कहा थैंक यू और फिर दोनों जोर से हस दिए ।

मैंने कहा इतनी देर तक तलब कैसे बर्दाश्त कर ली तुमने1 मेरे सामने कोई पी रहा हो तो मुझसे तो रुका ही नहीं जाता।

वह बोली मैं कभी-कभी दोस्तों सहीलियो के साथ पी लेती हूँ तो मैंने कहा कभी-कभी पीती हो और डिब्बी रखती हो! तो वह मुस्कुरा कर बोली दिल्ली के बाहर कई बार ब्रांड नहीं मिलता इसलिए स्टॉक लेकर चलना पड़ता है।

अब आप से परिचय हो गया है इसलिए कोई दिक्कत नहीं है । । खैर इस तरह सफर कटा और हम दोनों दोपहर से पहले लखनऊ पहुँच गए।

लखनऊ में हम अलग हो गए और जब होटल पहुँचे तो वह भी उसी होटल में ठहरी जिसमे मैं ठहरा ।

हमारी कम्पनी ने कुछ विदेशी ग्राहकों को अपने नए प्रोडक्ट और वस्त्र पेश करने थे और हमारी टीम वहीँ पर थी और मैं कुछ कीमती समान खुद ले कर गया था। वहाँ पहुँच कर मुझे मेरे मैनेजर ने बताया की आपके दोस्त रजनी ने किसी मॉडल को मेरा नंबर दिया था और वह लड़की लखनऊ में है और मैंने उसे आपसे मिलने को बोलै है । चुकी उस समय हम एक छोटा-सा फैशन शो अपने ग्राहकों के लिए कर रहे थे तो काफी सामान मेरे साथ आया था । उस समय हम थोड़ा बिजी थे तो मैंने मैनजेर को बोला लड़की को शाम को आने को बोलो ।

शाम के समय में मेरे कमरे की बेल बजी और मैंने दरवाजा खोला तो आलिआ मेरे सामने थी। उसके गले में डबल मोती की माला थी, जो उसके हंस जैसी सुंदर गर्दन, और उंगलियों पर हीरे की अंगूठी उसकी सुंदरता की बढ़ा रही थी थी। मेरे लिए वह मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स दोनों का मिला जुला रूप लग रही थी और हम दोनों एक दुसरे को देख कर बहुत हैरान और खुश हुए और मैंने उसे खाने पर आमंत्रित किया और हमने मेरे कमरे में ही खाना खाया ।

उसके खूबसूरत चेहरे को देखकर मैं सोच रहा था कि उसकी चूत कितनी खूबसूरत होगी और मेरा लंड खड़ा हो गया। हमारी बातचीत के दौरान समय-समय पर मेरा लंड सख्त होता रहा। कुछ मौकों पर मुझे अपनी स्थिति को समायोजित करना पड़ा ताकि मैं अपने लंड की कठौता को छुपा सकूं।

तो आलिया! आप फैशन मॉडल बनना चाहती हैं? मैंने उसके घुटने थपथपाते हुए कहा। हमने इसके बारे में थोड़ी देर बात की और मैं इतना केयरिंग और विचारशील लग रहा था कि उसने मेरे साथ खुल कर बात करना शुरू कर दिया। उसने यह भी स्वीकार किया कि वह यौन रूप से भी सक्रिय नहीं थी। बातचीत काफी सुकून भरी थी भले ही थोड़ी-सी सेक्स पर चर्चा की गई पर उसे यह अजीब नहीं लगा कि उसने अपने सबसे करीबी दोस्तों के साथ भी अपनी सेक्स लाइफ के बारे में कभी चर्चा नहीं की थी और फिर भी यहाँ वह मेरे साथ काफी खुल गयी थी। शायद हमारा परिचित होना उसके संकोच को कम कर रहा था।

मैं उसे बोला आलिया आप बहुत सुंदर हो और क्या आप वह सब पहनेगी जो फैशन मॉडल पहनती हैं तो वह बोली वह सब कुछ करेगी ।

मैंने पुछा क्या मैं तुम्हे किस कर सकता हूँ तो उसने पल के झुका अपनी सहमति दी।

मैंने उसके गालो पर किस किया तो उसने मुझे पकड़ कर वापिस मेरे होंठो को किस किया और मेरे सर को जकड़ के अपने मुंह से मेरा मुंह लगा दिया और वह मेरे ओंठ चूसने लगी और मैं उसके ओंठ चूसने लगा। थोड़ी देर बाद उसने अपना मुंह थोड़ा-सा खोला और मेरी जीभ आलिया के मुंह में चली गयी।

आलिया ने मेरी जीब चूसने लगी फिर मेरी झीब से खेलने लगी मैं उसकी जीभ से खेलने लगा और मुँह घुमा-घुमा कर उसे चूमा औरउसके मुँह पर उसकी सारी लिपस्टिक फ़ैल गयी कुछ देर सांस लेने के बाद वह मेरे-मेरे साथ लिपट गयी कम से कम 15 मिनट हम एक दुसरे के लबों को चूमते रहे ।

और मैंने मुँह आगे किया और उसे किश किया तो उसने भी किश का जवाब दिया और फिर मैं उसके पीछे हाथ ले गया और मैं उसकी गर्दन के चारों ओर एक हाथ लपेटा और दुसरे हाथ से उसके और उसके स्तनों की सहलाने लगा और उन्हें दबाया। उसने अपनी कमीज के बटन खोलने शुरू कर दिए और फिर उसने अपने आंशिक बटन वाले ब्लाउज को उसकी बाहों से और भी नीचे खिसका दिया। इससे पहले कि मैं कुछ बोल पाता उसका ब्लाउज उसके स्तनों से फिसल गया और उसकी बाँहों से बाहर निकाल दिया।

"वाह आलिया तुम सच में बहुत सुंदर हो" मैंने उसकी तनावपूर्ण प्रतिक्रिया को भांपते हुए कहा, " निश्चित रूप से अन्य लोगों ने आपको पहले भी ब्रा में देखा है! उसके बड़े स्तन उनके बीच की दरार, उसकी लंबी टांगें, उसकी चुभती बड़ी आँखें, उसके गोल, कूल्हे मुझे आमंत्रित कर रहे थे । आलिया बोली आज से पहले मैंने कभी किसी पुरुष के सामने इस तरह से बिकनी पहन कर नहीं गयी हूँ । मैंने उसके स्तनों को चूसा ।

बेशक! आलिया अब मैं तुम्हे पूरी नग्न देखना चाहता हूँ। मेरा लंड कड़ा और खड़ा हो गया था । मैं उसके पास गया और उसकी पीठ के पास गया तो वह बोली प्लीज मेरी ब्रा खोलने में मदद करो

मैंने आएगी बढ़ कर उसकी बिकनी खोल दी और उसके बड़े स्तन उछल कर बाहर आ गये और मैं उन्हें देखने लगा और उन्हें छुआ और हलके से दबा कर उसके चुचकों को सहलाया और बोल ये बहुत सुंदर हैं ।

फिर मैंने उसकी स्कर्ट की ज़िप जो की उसकी पीठ की तरफ थी उसे खोलने में उसकी मदद की और वह सरररर से जमीन पर गिर गयी ।

अब तुम्हारी सुंदर बैंगनी पैंटी के बारे में क्या विचार है। "मैं उसके कान में फुसफुसाया।" मुझे उसे उतारने के लिए कहो। "शब्दों को बाहर निकालने से पहले उसने कुछ गहरी कंपकंपी भरी साँसें ली।" कृपया उसे भी ले लो। उउउ। "" बिल्कुल सही आलिया। मैं इसे तुम्हारे लिए करूँगा। "

मैं अपने हाथों को उसकी पेंटी तक सरकाया और उन्हें नीचे उसकी टखनों तक खींच दिया। जैसा कि अपेक्षित था, उसका शरीर बहुत सुंदर और बिना किसी प्रकार के दोष या दाग के था। उसके सुडौल स्तन सख्त औरबिलकुल ढीले नहीं थे। उसके निप्पल उत्तेजना से सख्त थे और मेरी ओर इशारा कर रहे थे। उसकी सूजी हुई भगंदर उसके निचले होंठों के बीच से बाहर झाँक रही थी, उसकी बाल रहित योनि चिकनी लग रही थी

"अब देखते हैं कि हमारे पास यहाँ क्या है।" मैंने उसकी गांड के गालों को पकड़कर अलग किया तो मुझे उसकी सुंदर गुलाबी चूत और उसके गुदा का फीका पड़ा हुआ घेरा दिखाई दिया। "मम्म, अच्छा। देखते हैं आप कैसा महसूस करती हो।" मैंने अपने दाहिने हाथ से उसकी गांड को छोड़ा और उसके टांगो के बीच योनि क्षेत्र में सरका दिया। उसकी चूत गर्म थी।

मैंने पीछे से अपना हाथ उसके पेट तक पहुँचाया और पाया कि वह क्लीन शेव है। वह अब कांप रही थी उत्तेजना और डर के साथ। मैंने अपनी उँगलियों को उसकी चूत के साथ आगे-पीछे, आगे-पीछे, आगे-पीछे रगड़ना शुरू कर दिया। कभी-कभी मैं उसके भगशेफ पर रुक जाता और उसे एक छोटे से घेरे में रगड़ता। फिर आगे-पीछे। ऐसा होने में केवल एक या दो मिनट का समय लगा। वह जानती थी कि वह अब झड़ने वाली है। उसे लगता है जैसे किसी ने उसके अंदर एक अंगूर कुचल दिया हो। उसकी उत्तेजना का गर्म, चिपचिपा तरल बहने लगा।

उसे चूमते हुए और उसकी चूच को सहलाते हुए अपनी उँगलियों को दौड़ाते हुए, मैंने धीरे से उसे बिस्तर लेटा दिया मैंने अपने कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया और मेरा लंड पूरी तरह से सीधा हो गया और मैं उसकी बगल में लेट गया।

वह मेरे खड़े हुए लंड को घूर रही थी। तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है, " उसने कहा।

" मैंने उसकी खड़ी भगशेफ को अपने अंगूठे के बीच ले लिया और तर्जनी और उसे दबाया।

"ओउओ," उसने मेरे हाथ से अपने नितम्बो से थपथपाते हुए कहा।

मैंने उसकी भगशेफ रगड़ना जारी रखा और फिर, बहुत मुश्किल से उसके अंदर एक ऊँगली और गिर दूसरी उंगली खिसका दी उसकी योनि तंग थी, बहुत तंग थी, मुझे आश्चर्य हुआ कि क्या वह मेरे विशाल लंड को समायोजित कर पाएगी। मेरी उँगलियाँ उसके अंदर गहराई तक मालिश कर रही थी और जब मैंने उसका जी स्पॉट सहलाया। " मैं उसके क्लिट को दबाता रहा और धीरे-धीरे उसकी गीली चुत में अपनी उँगलियाँ घुमाता रहा और धीरे उसे उँगलियों से चोदने लगा। जब मैंने अपनी उंगली बाहर की ओर खींची तो उसने उंगली को पीछे हटने से रोकने के लिए अपनी नितम्ब ऊपर उठा दिए।

वह मजे से कराहती रही जबकि मैंने उसे उंगली से चोदा। थोड़ी देर बाद उसने मेरा लंड पकड़ लिया और मुझे अपने ऊपर खींचने की कोशिश की। मैंने उस पर चढ़ गया लेकिन उसकी चूत में लंड घुसाने की कोशिश नहीं की। इसके बजाय, मैंने उसके गीली चूत के ऊपर अपना लंड ऊपर-नीचे रगड़ा और उसके क्लीट से उसकी चूत तक लंड रगड़ा।

वह अपनी आँखें बंद करके बड़बड़ाती रही, "ओह आमिर," और उसके कूल्हे चुदाई की गति में ऊपर-नीचे हो रहे थे।

आह्ह्ह्ह! "वह हांफ गयी और उसने खुद को झटका दिया क्योंकि उसकी उत्तेजना की पहली लहर उसके ऊपर सवार थी और मैंने कहा।" अच्छा बहुत बढ़िया! अब आप तैयार हैं। "

मेरा लंड गर्व से खड़ा होकर तैयार था। मैंने सही पोजीशन बनायीं और चिकनाई देने के लिए कुछ बार अपने हाथ का उपयोग अपने लंड के सिर को उसके चूत के होठों के ऊपर आगे-पीछे करने के लिए किया फिर एक जोर से ढ़ाके के साथ, मैं अपने; ंद को पूरी तरह से उसके अंदर घुसने के लिए मजबूर कर दिया। "उन्घ्ह!" वह चिल्लायी है। मैंने लंड को धीरे-धीरे बाहर खींचा और फिर से, इस बार पहले से भी ज्यादा जोर से लंड अंदर धकेल दिया और लंड योनि के ह्यमन को चीरता हुआ उसकी चूत में जड़ तक चला गया। कुछ देर वह सबकी और फिर कुछ ही झटके में, मैंने अपनी लय पर चुदाई शुरू कर दी बार-बार मैं पूरा बाहर निकालता सिर्फ लंड मुंड चूत में रहने देता और फिर पूरा अंदर धकेल देता। उसकी चूत बहुत तंग थी और पूरी गीली थी। चूत के ओंठ लंड पर कस कर चिपके हुए थे और मेरे ओंठ उसके ओंठो से और मेरे हाथ उसे स्तनों से चिपके हुए थे।

जब मैं लंड बाहर निकालता और फिर अंदर धक्का मारता। प्रत्येक धक्के से उसके मुँह से इच्छा और भय और सुख और दर्द की एक और पशुवत ध्वनि युक्त कराह निकलती। फिर, कुछ ही मिनटों में, मुझे लगा कि उसकी योनि मेरे लंड के चारों ओर सिकुड़ रही है। वह कामोत्तेजना के चार्म पर थी और हांफती हुई सांस ले रही थी, रो रही थी, आधा कराह रही है और आधा सह रही है। फिर मैं भी चरम पर पहुँचा और मेरे धक्को की गति बढ़ गयी। मैं इसे अब और नियंत्रित करने में असमर्थ हो गया और मैंने उसे करीब खींच लिया और अपने वीर्य की उसमें पिचकारीया मार दी।

मैंने कुछ मिनटों के लिए उसे ऐसे ही पकड कर रखा । जब मेरी सांसें थम गईं मेरा स्खलन पूरा हो गया तो मैंने अपने लंड को उसके अंदर सिकुड़ता हुआ महसूसकिया। मैं पीछे हटा और उसकी योनी को देखा। खून से सना मेरा वीर्य उसकी चूत से बह कर चूत के द्वार पर जमा हो गया था। मैंने उसे किश करना शुरू किया और साथ-साथ उसके स्तनो को दबाने लगा मैं जल्द ही फिर से लंड को कठोर होता हुआ महसूस करने लगा। मैंने लंड को चूत के अंदर और बाहर तब तक किया जब तक कि उसकी चूत से निकलने वाला तरल पदार्थ कम होने लगा और उनका अंदर खिसकना कठिन और कठिन होता गया।

वह अपनी पीठ के बल लेट गयी और अपने पैरों को चौड़ा कर लिया। जैसे ही मैं उसके पैरों के बीच चढ़ा, उसकी आँखें बंद हो गईं, उसका शरीर मेरे राक्षसी लंड के हमले की आशंका से कांप रहा है। मेरे बड़े लंड का सिर उसकी चूत के होठों को अलग कर रहा था। "प्लीज आमिर।" उसने अपनी एड़ी को बिस्तर में खोदा, मैंने उसकी कलाइयों को पकड़ कर दबाया, उसका शरीर मेरे वजन से दब गया।, मैं उसके गले को चूमने लगा। एक जानवर की तरह मैंने उसके स्तनों को चूसा और कुतरा। उसने मेरी तरफ देखा, मेरा लंड उछल रहा था मैंने उसमें प्रवेश किया। उसकी चूत में मेरे बड़े लंड को फिर घुसा दिया उसके पैर की उंगलियाँ एक परमानंद के साथ मुड़ जाती हैं और एक कराह निकली। "अरे नहीं। आह्हः हाय।" उसने कहा और इंच दर इंच लंड उसकी चूत में समा गया और लंड का सर उसके गर्भशय ग्रीवा से टकराया और उसमें दब गया। मेरा मोटा लम्बा और बड़ा लंड उसकी योनि को धक्का दे रहा था ।

"आलिया," मैंने एक मुस्कान के साथ कहा, फिर मैं अपनी चूतड़ उठा-उठा कर धक्के मारने लगा। " ओह आलिया मैं खुद को उसके अंदर-बाहर करते हुए कहता रहा। उसकी तंग चूत ने मेरे लंड को ऐसे जकड़ा हुआ था जैसे वह चाहता था। उसने अपने शरीर को शाप दिया। उसकी लम्बी चिकनी टांगो के बीच की तंग गुलाबी दीवारों ने मुझे खुश करने की पूरी कोशिश की और अब मेरे हर धक्के के साथ कराह रही थी।

"नहीं, नहीं। आमिर आप नहीं जानते कि आप क्या कर रहे हैं।" "हाँ, आलिया।" मैंने अपनी बाँहों को उसकी पीठ के चारों ओर लपेटा और उसकी गहराई में लम्बे-लम्बे शॉट लगाते हुए उसे चोदना जारी रखा। मेरे होंठ उसकी ओंठो गर्दन और छाती और निपल्स पर घूम रहे थे और मैं उसे कह रहा था वाह! आलिया मजा आ गया ओह आलिआ "रुको आमिर," उसने साँस छोड़ते हुए कहा। उसके पैर चौड़े फैले हुए और हर धक्के के साथ जोर से हिल रहे थे। मेरी मर्दानगी उसके अंदर और बाहर जबरदस्ती और तेजी से फिसल रही थी और उसे बार-बार खोल रही थी, जहाँ तक जा सकता था वहाँ तक मेरा लंड हर बार जा रहा था और थप-थप का आवाज आ रही थी क्योंकि मेरी गेंदे भी उसकी चूत के ओंठो से टकरा रही थी । उसके शरीर ने जितना हो सके उतना चिकनाई दी लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। "ओह्ह्ह्ह, ओह, आमिर तुम मुझे दर्द हो रहा है। कृपया रुको। मत करो।" "हाँ, आह...आह, आलिया तुम बहुत टाइट हो।"

उसके हाथ मेरे कंधों को धकेल रहे हैं। फिर भी वह सावधान थी की कि वह मुझे पंजा या खरोंच न मार दे इसलिए उसने आधे-अधूरे मन से मुझसे लड़ाई की और पलट गयी और वह अपने पेट के बल लेट गई। मैंने अपना लंड उसकी चूत में पीछे से पूरा अंदर तक धकेल दिया। मैंने उसकी पीठ पर लेट गया, दोनों हाथों को उसके स्तनों के नीचे ले जाकर स्तनों के दबाने लगा और उसके निपल्स को निचोड़ दिया। मेरा सिर उसके उलझे काले बालों में दब गया है। उसमे से पसीने और सेक्स की गंध आ रही थी। जैसे ही मेरा लंड उसके अंदर और बाहर होने लगा कुछ हो देर में उसका शरीर काम्पा और अकड़ा और उसकी चूत से सफेद और चिपचिपा रस निकला। ओह आलिआ। " मैं कहता रहता हूँ कि मेरी जांघें उसके नितम्ब के गालों के खिलाफ तेजी से और तेज टकराने लगती हैं। वह तकियो को अपनी मुट्ठी में कस कर पकड़ लेती है। मैं उसकी टखनों को अलग करता हूँ, उसके कूल्हों को थोड़ा ऊपर उठाता हूँ और उसे घोड़ी बना कर फिर छोड़ने लगता हूँ।

"आमिर ओउ, ओउ, यह बहुत गहरा गया है।" "हाँ," मैं उसके कान में फुसफुसाया। "और वह अब पहली बार बोली चोदो जोर से चोदो आमिर और तेज करो-करो और तेज अहह! मैंने अपने स्पीड बढ़ा दी और बोलै आलिया मेरा होने वाला है।" "हाँ, जोर से करो रुको मत तेज और जोर से।" वह भीख माँगती है।

वह भीख माँगती है क्योंकि वह चाहती है कि यह खत्म हो जाए। वह यह भी नहीं जानती थी कि उसने क्यों कहा। उसे बस इसे खत्म करने की जरूरत थी । वह बोली रुको मत! अंदर ही करो! उसने हिसाब लगाया वह सुरक्षित दिनों में थी अब मेरा वीर्य उसे गर्भवती नहीं करने वाला था। कराहते हुए मैंने तेज पम्पिंग जारी रखी ओह हाँ। "मेरा शरीर काँप उठा।" आप बहुत आकर्षक हैं। " उसके पैर कांप रहे थे उसकी चूत गर्म हो रही थी। वह मेरे वजन के साथ सांस नहीं ले सकती थी। उसके भीतर गहरे से ज्वालामुखी मैग्मा की तरह फूट पड़ा। मेरा वीर्य हिंसक फुहारों में निकला, मेरे कूल्हों के आगे के झटके के साथ, उसे पसीने से लथपथ, सेक्स से लथपथ सोफे में दबा दिया। मैं उससे उठ गया। रिहाई की सांस के साथ, मैं एक और शब्द के बिना अपनी कुर्सी पर बैठ गया। फिर हम दोनों बाथरूम में गए और खुद को साफ़ किया और धोया और फिर एक बार और मैंने उसे चौदा और उसके बाद उसकी टाइट चूत में ही लंड दाल कर उसके साथ रात में सो गया । मेरे पास उसके लिए और भी थे।

सुबह एक बार फिर मैंने उसे चौदा और अगले दिन के फैशन शो में वह शो स्टॉपर थी । हमे बहुत सारे एक्सपोर्ट आर्डर मिले और आलिया को हमारे ग्राहकों से मॉडलिंग का काम मिला और अगले तीन दिनों तक हम दोनों चुदाई करते रहे ।

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