खानदानी निकाह 22

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तीसरी बेगम कमसिन अर्शी ​
1.5k words
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Part 22 of the 67 part series

Updated 01/16/2024
Created 01/21/2022
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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 22

तीसरी बेगम कमसिन अर्शी ​

2 दिन बाद रिजवान के साथ अर्शी और रुखसार आयी और मैंने उन दोनों की चुदाई करने का फैसला ले लिया। रिजवान के साथ मेरी बहने और उसके तीनो बीविया रुखसाना, सलमा और फातिमा भी आयी थी।

अर्शी जिसका मतलब होता है जन्नत की रानी और अपने नाम की-की तरह एक 18 साल की लड़की है जो बेहद सुंदर है जिसके पास गर्म शरीर है, वह 5' 5 "लंबी है और लगभग 50Kg वजन, बड़ी और सुंदर आंखे, 34सी-21-33 का माप घने लम्बे काले बाल, गोल और बड़े स्तन और एक छोटी कमर, अविश्वसनीय लम्बी टाँगे और एक बिल्कुल सुडोल नितम्ब, वह पुरुष की परम कल्पना जैसी है। जब वह मुझ से मिली तो मेरे गले लगी और जैसे ही मैंने उसे अपने शरीर में खींचा, मेरे मजबूत हाथ उसके कंधों और उसकी पीठ के चारों ओर खिसक गए। उसके निप्पल कस गए और मैं चाहता था कि हमारे कपड़े जादुई रूप से गायब हो जाएँ और हमारे बीच गर्मी और त्वचा के अलावा कुछ न बचे।"

जब रुख्सार और अर्शी आयी और जब उन्हें मालूम हुआ की जूनि की सुहागरात हो चुकी है तो खूब दुखी होकर रोने लगी और अर्शी ने कहा की दूल्हे भाई ने अच्छा नहीं किया, कमसिन लड़की को ठोक दिया, बेचारी चल भी नहीं पा रही है। मैंने उन्हें बताया की ज़ीनत की सुहाग रात को महीना पूरा हो गया है अब मेरा इरादा है कि अब मुझे जल्द ही तुम दोनी के साथ भी सुहागरात मनानी है। तो मसला हुआ की पहले किसकी सुहागरात होगी और फिर बात अम्मी तक गयी तो मेरी अम्मी ने अर्शी को मेरे कमरे में जाने को कहा और निश्चित हुआ की हर हफ्ते के हिसाब से मेरी चारो बीविया अब मुझसे चुदवायेगी ताकि कोई झगड़ा नहीं हो।

मैंने भी अगले दो दिन ज़ीनत और जूनि के साथ कोई चुदाई नहीं की ताकि मैं तरोताजा रहूँ।

अर्शी अमीषा की तरह कमसिन और नाज़ुक थी, लेकिन वह फ्रैंक भी बहुत थी और दिन में ही पूछ लिया दूल्हे भाई आज रात कैसी डिश चाहिए, दुल्हन की तरह, या लाइट ब्लू निघ्त्य में खुले बालों वाली गोरी मेम। मैंने कहा मेरी जान तुम्हे याद योग तुमने कहा था नमकीन डिश मिलेगी अब गोरी मेम दुल्हन की तरह नमकीनडिश पेश करे तो क्या कहने और वह मुस्कराते हुए चली गयी और में भी दिन भर अपने चहेरे भाई रिजवान के साथ अपनी ज़मीन और खेती को देखने चला गया और फिर दोस्तों रात में चुदाई और हवस का ऐसा नंगा नाच हुआ की अर्शी ने मेरा दम ही निकाल दिया।

कमरे में जाते ही वह आयी और वह दुल्हन की तरह सजी हुई थी और उसने नीले रंग की चोली और घाघरा पहना हुआ था जो की पूरी तरह से पारदर्शी था। वह मेरी आँखों में आंखे डाल कर बोली

"Mr. Salman your wife Arsi welcomes you to a tour of forbidden pleasure free of cost, where satisfaction is guarnteed and fee is rupturing the entrance to the sensational cave" ।

("मिस्टर सलमान, आपकी पत्नी अर्सी, निषिद्ध आनंद के मुफ्त दौरे में आपका स्वागत करती है, जहाँ संतुष्टि की गारंटी है और शुल्क होगा सनसनीखेज गुफा के प्रवेश द्वार को तोड़ना।")

और फिर उसने मुझे सबसे अंतरंग फ्रेंच चुंबन दिया और उसकी लार के स्वाद ने मुझे एक एस्फोरैडिक-कामोत्तेजक की तरह उत्साहित किया,

फिर वह बिस्तर पर घूंघट ओढ़ कर बैठ गयी। मेरे मुँह से निकला ओये होये-मजा आएगा आज तो गोरी मेम की जैसे दिखने वाली सजी धजी देशी दुल्हन नमकीन मजे देगी।

मैं धीरे-धीरे बेड के करीब पहुँच जहाँ अर्शी घूंघट किए हुए बैठी गयी थी। अर्शी छई-मुई-सी बनी हुई ही नजरें झकाए बैठी हुई थी। शर्म में उसकी हालत खराब थी। सोचने और करने में वाकई फर्क होता है। वह सुहागरात मानने जा रही थी। आज उसकी चुदाई होने वाली थी। उसे ज़ीनत की चीखें याद आ रही थी।

अब बेड पर मैं अर्शी के बगल में जाकर बैठ गया। मैंने एक हाथ उसके कंधे पर रखा और उसके माथे पर चूमा और तोहफे में लाया हार उसे पहना दिया। इस चुबन में उसके जिस्म को झकझोर दिया। फिर मैंने धीरे से घूंघट को उठाया और अपने हाथ उसे उसके चेहरे को उपर उठाया और फिर उसकी दोनों आँखों में बारी-बारी से किस किया।

अर्शी की आँखें बंद हो गई थी अब। मेरे सामने उसके रसीले लब थे। मैंने अभी इन हसीन लबों का रस पीया था और उसकी लार के स्वाद ने मुझे कामोत्तेजित किया था और मेरी प्यास भड़क गयी थी। मैंने अर्शी को थोड़ा-सा अपनी ओर खींचा और अपने होंठ श्री के रसभरे लबो पर रख दिये और उनके रस को चूसते हुए अर्शी को बेड पर गिरा सिया। वह सीधी लेटी हुई थी और मैं उसकी बगल में आधा और आधा उसके ऊपर लेटा हुआ उसके अधरों को चूमने लगा और साथ ही साथ उसके पेट को भी सहलाने लगा था।

मैं अर्शी के पेंट को चूचियों से नीचे तक और लहँगे तक सहला रहा था। नीला पारदर्शी लहँगा और चोली के बीच में उसका गोरा चिकना पेट चमक रहा था। मैं उसके होठों को चूसता हुआ उसके पेट को सहला रहा था। अर्शी गरमा गयी। उसका पेंट अंदर होने लगा, मैंने अपनी जीभ को अर्शी के मुँह में डाल दी। वह भी अपनी जीभ बाहर करके मेरी जीभ से टकराने लगी। मैं उसकी जीभ को अपने होठों के बीच में पकड़ कर चूसने लगा। अर्शी अब पूरी तरह गरमा गई थी और उसकी चूचिया ऊपर नीचे होने लगी अब मैंने अपना हाथ आगे किया और अर्शी की चूचियों को उसकी पारदर्शी नीली चोली केअंदर घूरने लगा। अर्शी ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी उसक निपल और गोरा जिस्म नीली चोली के अंदर से चमक रहा था। उसमें से अर्शी के हलके ब्राउन निप्पल जो गुलबी पण लिए हुए थे साफ-साफ दिखाई दे रहे थे।

मैंने अपना खाली हाथ उसके शरीर पर फिरा दिया, उसे सबसे अंतरंग स्थानों में छू लिया। जैसे ही मेरे हाथ उसके शरीर पर दौड़े, वह उत्साह में कराह उठी। जैसे ही मेरे हाथ उसके स्तनों के पास आए, उसने एक गर्म कराह दी। मैं चोली के ऊपर से ही उसके स्तन दबाने लगा।

चोली डीप कट की थी तो मैंने अपने हाथ को थोड़ा-सा तिरछा किया और मेरा हाथ अर्शी की चोली और बा के अंदर उसकी चूची पर पहुँच गया। मैंने अर्शी के स्तन के करारेपन को महसूस किया। चूची को हल्का-सा दबाया और अर्शी आह... करती हुई कमर को उठाकर बदन ऐंठने लगी। मैंने अपना हाथ उसकी ब्रा और नंगी त्वचा के बीच चिपकाते हुए उसके गोल स्तनों पर चलाया और उसके निप्पल को छेड़ा फड़फड़ाया, जिससे अर्शी जोर-जोर से कराहने लगी।

मैं चोली के डोरी को खोलने लगा। मैंने चोली के डोरी खोल कर चोली को किनारे कर दिया और एक चूची को चूमा और फिर कस के मसल डाला। उफफ्फ... अर्शी की हालत खराब होती जा रही थी। मैं उसकी एक चूची की चूमता हुआ दुसरे निपल को मसलने लगा और बीच-बीच में दोनों चूचियों को भी मसल देता था।

फिर मैं अर्शी की ज्वेलरी उतरने लगा। पहले उसने मांगटीका उतारा फिर गले से हार। फिर अर्शी को उठाया और उसके पीछे बैठते हुए उसके गर्दन पर किस किया और उसकी चिकनी पीठ को चूमकर पीठ को बगल को सहलाने लगा मैं उसकी चिकनी पीठ को अपने होठों से चूमता जा रहा था।

मैं उसकी नंगी पीठ को चूमने और सहलाने लगा। अब मैंने अर्शी को फिर से लिटा कर उसे करवट से कर उसके साथ उसके सामने उसके जिस्म से चिपकता हुआ लेट गया और फिर से अर्शी के होंठ चमने लगा और उसकी पीठ, पेट को सहलाने लगा।

अब मैंने अपने कपड़े भी निकाल दिए और-और पूरा नंगा हो गया

मैं उसके पेट को चूमने लगा। वह जोरो से सिसकारी लेते हुए गरम सांसे मेरे चेहरे पर निकाल रही थी और अपनी जीभ से मेरे पूरे बदन को चूमती और चाटती जा रही थी, मैं उसकी निपल्स अपने मुंह में लेकर चूसने लगा और अपने दूसरे हाथ से उसके नाज़ुक बदन को मसलता रहा और इस तरह पूरा कमरा हमारी मादक सिसकारियों और सांसो से भर गया।

अब अर्शी ऊपर से बिकुल नंगी थी और मैं उसकी चूचियों को चूस रहा था। मैं बारी-बारी एक-एक निपल को मुँह में लेकर बच्चों की तरह चूस रहा था और दूसरे निपल को मसल रहा था। गोरी चूचियाँ लाल हो गयी थी। अर्शी आह्ह... उह्ह... कर रही थी। ओह, तुम्हें ये पसंद है, हुह? मैंने धीरे से अपना हाथ उस स्तन से जिसे मैं दबा रहा था, उसे उसके पेट पर फेरा जैसे ही मैं उसके पेट के पास गया, वह कांपने लगी, बेचैनी से हांफने लगी। फिर मैं अर्शी के पेंट और बगल को सहलाने लगा और पेंट सहलाते हए लहँगा के ऊपर से जांघों को सहला रहा था। मैं उसके पेट की चूमने लगा तो उसने पेट अंदर कर लिया जिससे मेरा हाथ आसानी से लहंगे के अंदर चला गया और मैंने अर्शी की चुत को सहलाया तो मुझे वह गीली लगी। '

मेरा हाथ नीचे पहुँच गया, जब तक कि वह उसके चूत के अधरों तक नहीं पहुँच गया। मैंने गीलापन महसूस किया और एक उंगली से जांच करने लगा। तो वह कसमसा उठी और उसका एक पैर सीधा था और उसने दूसरा पैर उसने मोड़ लिया। मैंने दुसरे हाथ से लहँगा ऊपर करना शुरू कर दिया और फिर लहँगे के अंदर हाथ डालकर अर्शी की नंगी जांघों को सहलाने लगा।

कहानी जारी रहेगी

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