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VOLUME II
बैचलर पार्टी
CHAPTER-3
PART 13
मंच से नीचे का नजारा
तेजी से भावुक और सुंदर H-हेली 'i' के बगल में बैठी-I इंद्रवीर अब मंच पर प्रदर्शन नहीं देख रहे थे। वह जानता था कि फिर से झंकार बजने से पहले उसके पास सीमित समय था और वह इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाना चाहता था। वह हाले को बोलै मैं हॉल में प्रवेश करने के बाद से आपका इंतजार कर रहा था। और उसे चूमने लगा । अब समय था अपनी अगली चाल चलने का।
I-इंद्रवीर हेली के करीब आ गया और, उसके सूजे हुए स्तनों को प्रत्येक फटी हुई सांस के साथ उठते और गिरते देखने लगा, वह धीरे-धीरे उसके कंधे के चारों ओर एक सावधानीपूर्वक अपनी बाजू ले गया और दूसरी बाजू से उसकी बांह तक पहुँच गया और उसे चूमा। इंद्रवीर अरे हाले दोनों ने एक गहरी सांस ली। उसने जितना सोचा था वह उससे कहीं अधिक मनोरम थी। छोटे कपड़े ने उसके स्त्री आकर्षण को छिपाने के लिए कुछ नहीं किया और वह पहले से गर्म थी और इंद्रवीर का साथ दे रही थी ।
C.-सिंडी को चूमते हुए P.-पुण्यप्रताप को ऐसा लग रहा था कि वह स्वर्ग में था। पुण्यप्रताप ने अपने दायीं ओर देखने के लिए गर्दन इधर-उधर की तो उसकी आँखें चौड़ी हो गईं। जब उसने देखा कि उसके आस पास क्या-क्या हो रहा है तो उसका मुँह खुला रह गया। प्रिंस Z.-ज़ोरावर पुण्यप्रताप की पिछली साथी पामेला को चूम रहे था और P, -पामेला की पोशाक उसकी कमर तक चारों ओर से उठी हुई थी और उसके पैर चौड़े थे। उनकी बाईं ओर R.-रॉक्सी थी, जिसके ऊपर महाराजा H-मंडरा रहे थे जिन्होंने अपना हाथ उनकी पैंटी में दबा रखा था जाहिर तौर पर उसे उँगलि कर रहे थे और वह कराह रही थी।
मिया के चिकने शरीर में बिजली के झटके लगे क्योंकि उसके ऊपर वाला आदमीK-कृष्णावर्धन उसकी भीगी हुई चूत में अपनी उँगलियाँ घुमा रहा था। वह अपनी विजय में बहुत सहज था। इससे पहले कि वह समझ पाती कि क्या हो रहा है, के-कृष्णवर्धन ने उसकी टांगो के बीच रेशम के छोटी पेंटी के टुकड़े के बीच से उसकी योनि के चिपके होंठों का पता लगा लिया था-फिर उसने अपना हाथ उनकी पेंटी के अंदर खिसका दिया था। मिया के सिर में खलबली मच गयी जब उनकी देखादाखि पुण्यप्रताप की उँगलियाँ सीधे उसकी छोटी भगशेफ पर चली गईं, जिसे उसने छेड़ा और तब तक सहलाया जब तक कि वह खुशी से नहीं रो पड़ी। फिर उसने अपनी बड़ी उँगलियों को नीचे किया और योनि को भाप से भरा, गीला और खुला हुआ पाया।
उसके सामने मंच पर मैं नयी दुल्हन की योनि पर लंड रगड़ रहा था और तभी कैसा की आवाज आयी सब लोग कुछ देर के लिएमन्च की तरफ ध्यान दे । सब सामने देखने लगे, घडी रोक दी गयी थी । दूल्हा दुल्हन का पहला मिलन होने वाला था
बेशक दूल्हा दुल्हन बने हुए मैं और मिनी स्टेज पर थे और अभिनय कर रहे थे की हम पर आसपास
बिखरी हुई कामुकता का कोई असर नहीं था लेकिन वास्तविकता ये थी की इस माहौल का हम पर सबसे ज्यादा असर हुआ था । अपने चारो तरफ देखते थे तो चुदाई कर सेक्स ही नजर आ रहा था । जो लोग नीचे थे उसनहे ज्यादा से ज्यादा अपने आस पास के चार जोड़े और, मंच पर हम दिख रहे थे पर हमारे तो चारो और देख सकते थे और देख भी रहे थे।
K-कृष्णा वर्धन M-मिया की योनि में ऊँगली कर रहा था।
S- सुखदेव, किकी-K. को भगनासा चूस रहा था।
F-फ्रेड्डी अलेक्सा-A के निप्पल चूस रहा था।
T.-टॉम के लंड को V-वीनस मुठ मार रही थी ।
यशवीर Y, -लंड से F-फ़्लोरा के स्तनों को चोद रहा था।
VY -V-विजयराज के लंड को Y-युकी अपने स्तनों से दबा रही थी।
B-बॉब T-टीया को चूम रहा और उसकी नितम्ब दबा रहा था ।
तो A-आमिर.S-सिमी । के स्तन दबा रहा था और दोनों किस कर रहे थे ।
तो R-रजनी का लंड B-ब्री चूस रही थी।
R-रॉक्सी महाराज H के पैरो को चूम रही थी I
इंद्रवीर हाले की नाभि को चूम रहा था।
I- आईरिस घोड़ी बनी हुई थी जबकि राजकुमार C-चंद्र पीछे से सवार होकर उसके स्तन पकड़े हुए था ।
P-पामेला ज़-ज़ोरावर के स्तन चूस रही थी ।
राजकुमार-P-पुण्य...C-सिंडी की योनि में ऊँगली कर रहा था, और M.मोंटू-Z-ज़ीनत की योनि को चाट रहा था... और Z-M मोंटू के लंड पर अपना हाथ ऊपर नीचे कर रही थी।
अद्भुत कामुक नजारा था ।
मंच से नीचे का नजारा संक्षेप में इस तरह से था--- KM-SK--AS-FA-YF--VY-TV-BT--RB-HR-IH-CI-PC-ZP-MZ
ये कामुक नज़ारा देखकर अब मिनी की काम इच्छा बहुत बढ़ गई थी और वह तुरंत अब मेरे लंड को अपनी योनि के अंदर लेना चाहती थी मिनी ने मेरा लंड फिर छुआ तो लंड की धड़कन ने मिनी के युवा शरीर को उत्तेजना से कंपा दिया था और वह मेरे बड़े, लम्बे मांसल लंड को अब चूसने के बाद चूरटी पर रगड़ने लगी थी। जितना उसे पहले डर लगा था इस बार वह उतनी ही ज्यादा लंड अंदर लेने के लिए उत्सुक थी इसलिए इस बार मिनी ने ठान लिया था कि वह अपनी चुत के होठों के बीच मेरा बड़ा लंड लेगी और उन सभी बेतहाशा मनभावन भावनाओं का अनुभव करेगी जो स्पष्ट रूप से कोई भी लड़की सम्भोग के दौरान करती है थी। लंड को देख कर उत्तेजित हुई मिनी ने अपने निप्पल को उंगलियों में ले कर थोड़ा मोड़ना शुरू कर दिया।
हालाँकि ये स्क्रिप्ट में नहीं था कि मैंने उसे स्टेज पर चोदना है अपर अब स्क्रिप्ट की परवाह किसे थी और कोई रोक भी नहीं थी मैं मिनी को उत्तेजित देख अविश्वास में वहीं खड़ा रहा। वह बहुत मोहक और सुंदर लग रही थी। उसके स्तनों का घेरा छोटा और चमकीला गुलाबी था और उसके निप्पल गहरे गुलाबी रंग के हो गए थे। उसके स्तन निर्दोष थे, एक दूधिया रंग के साथ चिकनी त्वचा और वह अपने साथ खेलती रही और धीरे से कराहने लगी। उसका बायाँ हाथ अब और अधिक जोर से हिल रहा था और उसका दाहिना हाथ उसके सख्त निपल्स को और भी जोर से दबा रहा था और मेरा लंड उसकी योनि के द्वार से सटा हुआ था ।
उसकी ऐसी हालात देख करकैसा मेरे पास आयी थी और उसे ने आग्रह किया की अब आपको मिनी का कौमार्य भंग कर उसके साथ सम्भोग करना चाहिए। मैंने अविश्वास में सिर हिलाया तो मिनी ने जोर देकर कहा कि उसे भी इसे आजमाने की अनुमति दी जाए और उसके आग्रह की तीव्रता ने मेरे लंड को भड़का दिया। मुझे मालूम था कि मिनी की योनि छोटी थी, वास्तव में बहुत छोटी थी, लेकिन मैं यह भी महसूस कर रहा थी की वह अब हर संभव तरीके से मुझे पाने के लिए दृढ़ और त्यार थी। मैंने कहा मिनी एक बार शुरू होने के बाद फिर मैं रुकूं नहीं पाऊंगा।
तो मिनी बोली, मैंने लड़कियों और मेरी बहन को सम्भोग करते देखा है? अगर वे ले सकती हैं तो मैं भी ले सकती हूँ।
तो अब मेरी कुंवारी नकली दुल्हन मिनी की नथ सब के सामने स्टेज पर उतरने जा रही थी।
मैंने उसका हाथ उठाया और उसकी उँगलियों को चूसने लगा। मैंने उसे अपनी मजबूत बाहों में करीब खींच लिया और उसे चूमने के लिए उस के करीब अपने होंठ ले जाया गया। मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी और उसने अपने होठों को चौड़ा करके बाध्य किया। धीरे-धीरे वह मुझे चुंबन करने लगी और एक यौन उन्माद में हमारे हाथ एक-दूसरे के शरीर को सहला रहे थे और हमारी जीभ आपस में गुंथी हुई थी।
फ़िर मैंने मिनी को पकड़ लिया उसे अपने पास खींचा और उसके होंठों का चुम्बन लेने लगा। वह पहले ही इतनी गर्म हो चुकी थी कि ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ी और वह भी मुझे जोर-जोर से चूमने लगी। उसने मुझे कस कर पकड़ लिया। काफ़ी देर तक मैं उसके होंठों को चूसता रहा, उसे भी अब इस सब में पूरा मजा आने लगा था।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार