एक नौजवान के कारनामे 169

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बैचलर पार्टी मंच का नजारा
1.5k words
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Part 169 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

बैचलर पार्टी

CHAPTER-3

PART14

मंच का नजारा

मेरा लंड एकदम खड़ा और कड़क हो गया था। मैं मिनी की चूचियाँ दबाने लगा और मैंने दस बारह मिनटों तक चूचियों को खूब दबाया। फिर मैं मिनी की चूचियाँ को पीने लगा। चूचियों को पीने से मिनी की हालत और खराब हो गई, मेरा लंड पूरा सख्त हो चूका था तो कैसा भी मंच पर बिस्तर के पास बैठ गई और हमारा खेल देखने लगी। मैं अब मिनी की चूचियों को और कस कर चूसने में लग गया। मिनी ने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया।

मेरा एक हाथ मिनी की चिकनी बुर पर चला गया और मैं उस पर हाथ फ़ेरते हुए बुर को ऊपर से ही मसलता रहा।

मेरी हथेलियों और मिनी के निपल्स के बीच के संपर्क ने स्वाभाविक रूप से मिनी को और अधिक गर्म कर दिया।

मेरे होठों में उसके ओंठ थे और मैं उसे पूरी शिद्दत के साथ चुंबन करते हुए अपने दुसरे हाथ को उसके स्तनों पर घूमते हुए पीठ पर ले जाकर मैंने उसके कामुक नितम्बो को पकड़ा और सहलाना शुरू कर दिया।

जैसे ही मैंने उसके नितम्बो के गालों को अलग करते हुए फैलाया तो मेरे हाथ की उंगलिया हाथ उसकी गांड के छेद को छु गयी । फिर मैंने उसकी गांड के गालों के बीच में और उसकी चूत में एक उंगली खिसका दी। उसकी चूत उस समय बिलकुल गीली हो टपक रही थी।

इस बीच मैंने आवेशपूर्ण चुंबन जारी रखा। मैंने उसके स्तनों को जोर से पकड़ का दबा दिया तो वह कराहने लगी। मैंने उसको मुँह को चूमना बंद कर उसके दाए स्तनों को धीरे से चुनते हुए चाटा और दाए निप्पल को कुतरना शुरू कर दिया।

मेरा मुँह उसके बाएँ निप्पल की ओर बढ़ा और उसे चूसने और कुतरने लगा। वह कराहती रही और मैं दूसरे हाथ उसके दाहिने स्तन को पकड़कर उसे दबाने लगा। मैंने उसके हाथ को अपने लंड की ओर निर्देशित किया और उसे अपनी मर्दानगी का अहसास कराया। उसने मेरे सख्त लंड को पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया फिर मैंने अपना मुँह उसके दूसरे निप्पल पर स्थानांतरित कर दिया, जिसे मैंने जोर से चूसा।

"हे भगवान," वह फुसफुसायी, "यह मेरी कल्पना से बहुत बड़ा और बेहतर है।" उसकी आँखों में वासना थी एकदम नई बुर पूरी गर्म हो चुकी थी, और पूरी तरह से लंड लेने के लिए बेकरार थी। उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी बुर की तरफ़ ले जाने की कोशिश करने लगी। उसने मुझसे कहा-अब जल्दी करो, अब नहीं रहा जा रहा। डाल दो।

मैंने एक बार चारो और देखा, सब हमारी तरफ देख रहे थे । लगभग लड़कियों के हाथ लड़को के लंड रगड़ रहे थे और लड़के लड़कियों के बुर कर स्तनों की सहला रहे थे और हमे देख रहे थे ।

मैंने उसकी चूत को फैलाया, अपनी तर्जनी और मध्यमा उंगलियों का उपयोग करके उसके सख्त और उत्तेजित भगशेफ को उजागर किया और अपना अंगूठे से उसके भगशेफ को रगड़ दिया। मेरा मुंह उसकी जाँघों पर और नीचे चला गया और उसके भगशेफ को सहलाने लगा। मैंने ऊँगली तो अंदर धकेलने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं कर सका क्योंकि उसकी योनि बहुत टाइट थी मैंने कुशलता से उसकी भगनासा को फड़फड़ाना शुरू कर दिया। वह जोर-जोर से कराहने लगी।

मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों टांगों को फ़ैला दिया उसके ऊपर चढ़ गया। मैंने उसकी योनि के ऊपर मैंने लंड एक दो बार घिसा और उसकी योनि के रस को लंड पर लगा कर लंड को चिकना किया अब मेरा कठोर लंड योनि में जाने के लिए तैयार था।

। मैंने अपने दोनों हाथ उसके पैरों के नीचे से ले जाकर उसके दोनों पांव ऊपर उठा लिए, जिससे उसकी चुत ऊपर की ओर उठ गई तथा लंड उसकी चूत के छेद के बिल्कुल सामने आ गया। उसने मेरे, सुडौल शरीर को सहलाया और मुुझे देखकर मुस्कुराई, उसकी कामुक दृष्टि ने मुझे प्रोत्साहित किया।

मैं हिला और अपने कूल्हों नीचे दबा दिया, जिससे उसकी मेरा लंडमुंड उसकी योनि पर घर्षण करते हुए योनि के छेद पर टिक गया। उस घर्षण के कारण उसकी कराह निकली।

मैं जल्दी से घुटनो के बल हुआ और मैंने अपनी उँगलियों से चूत को खोला और लंड का गुलाबी सूपड़ा योनि के छेद के बीच में रख दिया और अलंड को आगे धकेलते हुए उसकी योनि के छेद में लगा कर तेजी से टक्कर मारी कि उसने दर्द और अविश्वास से मेरी ओर देखा। फ़िर मैंने ताकत लगा कर एक ज़ोर का धक्का लगाया और लंड लगभग एक इंच लंड उसकी बुर में घुस गया।

तकलीफ के मारे मिनी का मुँह खुल गया और आँख से पानी आ गया, वह ज़ोर से चिल्लाई ओह! फट गयी घुस्स्स गया... मरर गई। " मिनी कराहने लगी। उउउईईईई आहहहाँ, कामोन्माद एक ही धक्के में दर्द में बदल गया था।

मैं एक बार पीछे हटा और अन्दर की ओर दवाब दिया। थोड़ा-सा लंड पीछे किया और फिर से आगे को धक्का दिया, ज्यादा गहरायी तक नहीं पर लंड लगभग 2 इंच अंदर मिनी की कौमार्य की झिल्ली तक पहुँच चूका था और हायमन से टकरा रहा था। मेरे लिंग को मिनी ने अपनी योनी रस ने भिगो दिया था, जिससे लंड और अधिक चिकना हो गया था।

अगली बार मैंने पूरी ताकत के एक धक्का लगा दिया "ओह!" मिनी के मुह से निकला उसके स्तन ऊपर की ओर उठ गए और जैसे ही मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनी के अवरोध को भेद कर अंदर घुस गया। लंड चूत के लिप्स को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वह पूरा अन्दर तक चला गया मिनी की योनी मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता और अजीब से अनुभव से पगला गयी। मेरे हिप्स भी कड़े होकर अंदर को दवाब दे रहे थे और लंड पूरा अन्दर जा चूका था।

जैसे ही मेरे लंड ने उसके कौमार्य की पतली झिल्ली को विभाजित किया और उसकी योनी में घुस गया वह जोर से चीख पड़ी। योनी पूरी तरह से मेरे लंड से भर गयी है। मिनी से आँखों से आंसू निकल आये... मिनी की कुंवारी चूत बहुत टाइट थी । मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर अपने चूतड़ उठा कर लंड को बाहर खींचने की कोशिश की और एक धका और लगाया लंड फिर पूरा अंदर समां गया और मैं मिनी के ऊपर गिर गया फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वह शांत हुई।

जैसे ही मेरे लिंड ने M-मिनी में प्रवेश किया और उसका कौमार्य भंग कर लिया, मंच के चारो और बैठे लोगों ने ताली बजाई और सब नेजाम उठा कर हमे बधाई दी।

मैंने उन्हें लिप किस करना शुरू कर दिया और काफी देर तक मिनी को लिप किस करता रहा फिर उनकी स्तनों को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया मिनी सुबक रही थी कुछ देर मैं उसे चूमता, सहलाता और पुचकारता रहा... जब उसका दर्द कम हुआ तो वह चुंबन में मेरा पूरा साथ देने लगी ।

अब में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया। मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिए ।

जब मिनी ने मेरे धक्के की ले में अपने कूल्हे हिलाये तो मुझे लगा कि अब मेरा मिनी पर पूर्ण नियंत्रण है और अपनी स्थिति का लाभ उठाते हुए, अपने साथी की योनि में लगतार धक्के लगाए।

हमारे आस-पास के दर्शक लगातार वाह-वाह बोल रहे थे और सभी राजकुमार हमारे चुदाई को देखते हुए पर टिप्पणी कर रहे थे: "हे भगवान, क्या शानदार ढाका लगाया है।" "कितने शानदार ढंग से अंदर ले जाता है।" "देखो देखो उनके शरीर कितने शानदार रूप से एक साथ मिलते हैं।" "लड़किया बोल रही थी आह! क्या शानदार लंड है, । कोई बोल रहा था देखो उसे स्तन कितने सुंदर हैं और कोई बोल रहा था । वाह क्या नितम्ब है," और तभी ज़ोरावर की मीठी-सी आवाज आयी वाह क्या सीन है, देखो-देखो सब देखो। मंच के चारो और बैठे मेरे दोस्तों, भाइयो ने हमे देखते हुए अपनी यौन क्रियाये रोक दी थी और हमारी चुदाई को ही देखते जा रहे थे ।

"ओह, बहुत सुंदर दृश्य है!" नीचे से किसी ने कहा। मिनी अब पूरी मस्ती में थी और मस्ती में कराह रही थी अआह्ह्ह आाइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। फिर 10 मिनट की बेरहम चुदाई के बाद तो मैंने अपना लंड आधा बाहर कर लिया और अंदर बाहर करने लगा। फिर अचानक से मिनी ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गयी और मुझे चूमने लगी और फिर अपने इस यौन पागलपण में जीत के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हुए मिनी ने अपने उत्साह में मेरे अब्दकोशों को अपने हाथ में लिया और धीरे से उन्हें दबाया और मुझे एक ही बार में चरम पर ले गयी।

एक आखिरी धक्के को लगाते हुए मैंने मिनी की योनि में अपना लंड मैं अपने प्यारी साथी की छाती पर कांपता और हांफता हुआ गिरा और उसकी जमकर धुनाई करते हुई मैं आह-आह करने लगा और फिर मैंने अपने प्यार के अमृत रस की एक परिपूर्ण बौछार से उसकी योनि को भर दिया।

फिर कुछ क्षण बाद हलकी से टिक-टिक शुरू ही गयी जो मेरे दोस्तों और भाइयो को इस बात की और इशारा कर रही थी की घड़ी फिर से शुरू हो गई है ।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

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