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Click hereमेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
भाग 37
बेगमो के साथ कहानी अभी बाकी है
इस तरह मेरी मौसी की दोनों लड़कियाँ ज़ीनत और आरसी और मेरे चाचा की दोनों लडकियाँ रुक्सार और ज़ूनी के साथ मेरे निकाह और सुहागरात हो गयी थी। लेकिन अभी कहानी अभी बाकी है दोस्तों!
फिर मैंने अर्शी के कहते हुए सुना की वह हमेशा मेरी टांगो के बीच के बड़े पैकेज को देखकर अंदाजा लगाती थी की मेरा हथियार काफी बड़ा है और-और सोचती थी कि जब ये अंदर जाएगा तो कैसा मजा और आनंद मिलेगा। " ये कहते हुए अर्शी ने मेरी गेंदों को पकड़ लिया और उन्हें दबा दिया।
मैं जोर-जोर से सांस लेते हुए लेट गया और पीछे झुक गया। अर्शी ने तेजी से एक बार फिर कड़ा होते हुए लंड को रुखसार की चूत से बाहर निकालने के लिए कड़ी मेहनत की और आखिरकार वह सफल हुई। उसका हाथ लंड के चारों ओर लिपटा हुआ था लेकिन फिर भी उसका छोटा-सा हाथ और उसकी उंगलिया लंड से उसके चारों ओर नहीं पहुँच रही थी। यह आधा कड़ा होकर भी लगभग नो इंच से लम्बा और बड़ा मोटा था। वह झुकी और उसके होठों ने उस पर काबू करने का प्रयास किया। उसके फैले हुए ओंठ और बल्बनुमा सिर के ऊपर सरक गए। जैसे ही उसकी जीभ सिर के चारों ओर चाट रही थी, उसका हाथ काले शाफ्ट की लंबाई से ऊपर और नीचे खिसक रहे थे। उसने लंड पर लिपटे मेरे वीर्य और रुखसार के सह की बूंदो का स्वाद चखा। मैंने अपना सिर पीछे झुका लिया और अपनी आंखें बंद कर लीं और अर्शी के मुंह और हाथ से मेरे काले लम्बे और बड़े लंड को चूसने का आनंद लिया।
जूनि ने अपना हाथ उसके सिर के पीछे रखा और धीरे से उसे और अधिक लेने के लिए प्रोत्साहित किया। अर्शी का जबड़ा पूरा खींच गया क्योंकि लंड नौ इंच की लम्बी चट्टान की तरह पूरा फैला हुआ था और उसके चूसने से और बड़ा हो गया लेकिन धीरे-धीरे वह आधे से ज्यादा हिस्से को अपने मुंह में लेने में कामयाब हो गई। अब उसका हाथ मेरी गेंदों को निचोड़ रहा था और उसका सिर तेजी से ऊपर-नीचे हो रहा था और उसने बढ़िया चुसाई की।
मैंने दोनों हाथों का इस्तेमाल करकेअर्शी का सिर मजबूती से उसकी ओर खींचा। जैसे ही मेरा लंड उसके गले में घुसा, उसकी नाक मेरी झांटो में चली गई और मेरी प्यूबिक बोन से मजबूती से दब गई। उसने महसूस किया कि उसके गले की दीवारें मेरे लंड के सर के किनारों को कसकर रगड़ रही हैं और उसे लगा कि उसके गले की मांसपेशियाँ सिकुड़ रही हैं और वह मेरे लंड को निगलने की कोशिश कर रही थी । अर्शी ने मुझे धक्का दिया और अपना सिर पीछे खींच लिया। वह ठिठक गई और खांसने लगी और अपनी सांस रोक ली। मैंने उसका सर पकड़ लिया और उसे अपने लंड की पूरी लंबाई के नीचे खींच लिया।
अर्शी ने अपनी सांसें रोक लीं और तेजी से मुँह को लंड के ऊपर और नीचे किया और मैं उसके मुँह को चोदने लगा। मैंने अर्शी के स्तन दबाये और उसके निपल्स को जोर से दबा दिया। अर्शी मेरे लंड के आसपास दर्द और खुशी से कराह उठी। अर्शी के जबड़े में दर्द होने लगा और गले में दर्द होने लगा। वह सोचने लगी कि क्या ये कभी रुकने वाला है। उसने दूर होने और हार मानने के बारे में सोचा और अंत में अपने मुंह में सिर्फ लंडमुंड को पकड़ लिया और फिर जब लंड गले में गया तो मैंने उसके मुंह में एक बार फिर विस्फोट कर दिया,। वह निगल गई, लेकिन वह जितना नियंत्रित कर सकती थी, उससे कहीं अधिक वीर्य था और कुछ उसके ओंठो से लीक हो लंड के चारो तफ फ़ैल गया और नीचे बह कर मेरी गेंदों पर पहुँच गया।
मेरी मणि की बड़ी धार उसके गले के ठीक अंदर जा कर लगी और वही चिपक गयी और अर्शी उस गाढ़ी मणि की निगलने की कोशिश करने लगी। चिपचिपाहट के कारण, वह मणि को निगल नहीं पायी।
साथ ही मैं लंड को आगे पीछे भी कर रहा था जिससे मेरे अंडकोष उसकी नाक से टकरा कर नाक को भी दबा रहे थे, उसके मुँह में मेरा लंड ठूसा हुआ था इसलिए जब लंड बाहर निकलता था तब वह केवल नाक से ही साँस ले पा रही थी और इस बीच मैं पिचकारियाँ मार रहा था।
उसे सांस लेने में दिक्कत हुई और वह खाँसने लगी और उसकी नाक से मेरे वीर्य निकल आया, मैंने उसके मुँह के अंदर पम्पिंग करनी और पिचकारियाँ मारनी जारी रखी हुई थी। गाढ़ी मणि से उसका नाक मुँह और गला भर गया जिससे खांसी हुई और अब मणि निगलना और भी मुश्किल हो गया। उसने मेरी और देखा तो उसे तकलीफ में देख कर मैंने लंड बाहर निकाल लिया और आखरी कुछ पिचकारियाँ उसके मुँह पर मार दी जिससे मेरी मणि उसके मुँह आँखो गालो माथे और बालो तक फ़ैल गया lऔर कुछ उसके गले में गया और कुछ उसकी नाक से बह रहा था, मैंने अर्शी को रिहा कर दिया और जूनि और ज़ीनत से कहा कि वह हमे चाट कर साफ करे, जो उन्होंने तुरंत किया।
अर्शी ने अपने होठों को चाटा और मुझे देखकर मुस्कुराई, "वाह, मैंने ऐसा कभी पहले अनुभव नहीं किया।"
" मुझे खुशी है कि आपको यह पसंद आया, इसलिए मैंने भी किया।
फिर अर्शी ने बताया कि वह और उसकी तीनों बहने अब आगे से मेरे साथ एकसाथ सेक्स करना चाहती है। यह सुनकर मेरा लंड फिर से कड़ा होने लगा और मैं अपनी चार प्यारी बेगमो को एकसाथ चोदने और के बारे में सोचने लगा था। इससे पहले कि मैं एक बार फिर रुखसार को छोड़ना शुरू करता अर्शी ने मेरे लंड को एक बार फिर से निचोड़ दिया।
मैंने उसके बाद एक बार फिर रुखसार को अपने पर चढ़ा लिया वह मेरे से लिपट गयी। मैंने कई मिनट रुखसार को चूमने और सहलाने और टटोलने के बाद उसके पूरे शरीर को रगड़ा और मैंने उसके स्तनों को सहलाया। मैंने उसके स्तन दबाये तो महसूस किया कि रुखसार की चूत की मांसपेशियों मेरे लंड पर को कस गयी।
रुखसार की तंग चूत ने मेरे लंड को अपने अंदर मजबूती से जकड़ रखा था। मेरा लंड उसकी मांसपेशियों का दबाब महसूस कर रहा था। अपने पहले के अनुभव को याद करते हुए मैंने अपने हाथ उसके स्तनों पर रख उन्हें धीरे से दबाया तो चूत के मांपेशिया कसने लगी और फिर निचोड़ा और। जैसे ही मैं उसके स्तनों को निचोड़ता उसकी मांसपेशिया तेजी से कस कर लंड को निचोड़ने लगी रुखसार की चूत की आंतरिक मांसपेशियों सुकड़ने लगी उसकी चूत संकुचन करने लगी और उसकी मांपेशिया मेरे लंड को निचोड़ कर मेरे लंड पर अपनी पकड़ मजबूत कर लेती थी। वह आगे झुकी और मुझे किश करने लगी अब लगा चूत भी लंड को चूसने लगी थी।
मैं साथ में उसके स्तन दबा और निचोड़ रहा था-था तो उसके कसी हुई चूत मेरे लंड को दबा और निचोड़ रही थी। मैं धीरे-धीरे लंड आगे पीछे करता रहा और फिर स्पीड बढ़ती गयी। उसके कसकर मुझे गले लगा लिया, हमने जोश से चूमना जारी रखा और मैं लंड आगे पीछे करता रहा। रुखसार की चूत ने प्रतिक्रिया में मेरे लंड को मेरे स्तन दबाने के गति से निचोड़ना और छोड़ना शुरू कर दिया। जल्द ही वह कांपने लगी और उसका बदन ऐंठने लगा और मेरे लंड में भी ऐंठन होने लगी और फिर मेरा भी बदन काम्पा और मैंने पिचकारियाँ मार दी साथ ही में वह भी झड़ी। मैंने जोर से कराहते हुए अपने अंडकोष खाली कर दिए और उसके बाद भी लंड अंदर बाहर करना जारी रखा और कराहते हुए हांफते हुए उस पर लेट गया।
शाम को जीनत ने मुझे बताया कि अर्शी को मेरा लंड चूसने में कितना मज़ा आया और बताया कि मेरी चारों बेगमो ने आज रात ही से मेरे साथ एकसाथ रहने और चुदाई करवाने का फैसला किया है। "
मैंने बोला ठीक है आप मुझे लगता है कि यह मजेदार होगा। मुझे ये मंजूर है लेकिन याद रखना कि जब हम एक बार जब हम शुरू कर देंगे तो मैं पूरी तरह से नियंत्रण करूँगा और आप सब वही करेंगी जो मैं कहूंगा। "
" ठीक है, बढ़िया, मैं सब लड़कियों को बता दूँगी।
रात में मैंने दरवाज़ा खटखटाया और जीनत आपा ने दरवाजा खोल कर मुझे अंदर आने के लिए कहा। जैसे ही मैं बड़े बैडरूम में गया, मैंने देखा कि चार पत्नियाँ मेरे सामने छोटी-छोटी ड्रेस पहने हुई खड़ी थीं। मैंने एक मिनट सोचा और फिर कहा। "मैं आप आपकी ड्रेस को उपहार की तरह से खोलना पसंद करूंगा और जब तक मैं ये करूंगा, तब तक आप सब चुपचाप खड़ी रहें।" कुछ ड्रेस बहुत महंगी थी लेकिन मैं धीरे-धीरे उन्हें खोलना शुरू किया और उनमे-सी कुछ को नहीं खोल पाया तो मैंने उन ड्रेसों को फाड़ दिया, लेकिन जब तक मैं आखिर तक पहुँचा और तीनों महिलाएँ नग्न हो चुकी थीं, तब तक प्रत्येक महिला चुपचाप खड़ी रही और अमीने उनके कपड़े को चीर फाड़ कर तार-तार दिया। वे सभी उत्तेजित थी और उनके निप्पल सख्त हो गए थे। मैंने देखा कि उन सभी ने झांटो के बाल नए सिरे से मुंडाए हुए थे। मेरा लंड इस बीच कड़ा होने लगा ।
"मैंने ज़ीनत की ओर इशारा किया," आपा आप आओ और मेरे कपडे उतारो। "मैंने जैसा कहा जीनत आपा ने मुझे किस किया और किस करते हुए बड़े ही मादक अंदाज में मेरा कोट उतार दिया।" अब वापस लाइन में लग जाओ। "फिर मैंने अर्शी की ओर इशारा किया," तुम आओ और मेरी शर्ट उतारो। " अर्शी ने ऐसा किया और मुझे चूमते हुए मेरी शर्त उतारी और-और फिर वापस लाइन में आ गई। सभी ने मेरी मांसपेशियों वाली कसरती छाती और सपाट पेट की प्रशंसा की। फिर जूनी ने भी मुझे मेरे ओंठो से चूमते हुए मेरी छाती को चूमा और फिर मेरी पैंट उतार दी और मेरे लंड के कठोर उभार साफ़ दिखने लगे और अंत में रुखसार ने मेरे ओंठो से चूमते हुए मेरी छाती को चूमा और फिर टांगो को चूमते हुए नीचे के शॉर्ट्स को हटा दिया, जिससे मेरी खड़ी मर्दानगी बाहर निकल गई और चार उत्तेजित महिलाओं के सामने सीखा खड़ा होकर उसने तुनक कर सलाम ठोका।
"वाह।" "ओह" और "क्या बात है बहुत बड़ा और शानदार है" चारो तरफ से ये ही सुनाई दीया।
कहानी जारी रहेगी