एक नौजवान के कारनामे 181

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विवाह से पहले मिलने को दिल बेकरार है ​
933 words
5
89
00

Part 181 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-4

PART 1

दिल बेकरार है ​

जैसा की आजकल चलन है वर और होने वाली वधु विवाह से पहले अक्सर मिलते हैं और अगर दूर रहते हैं तो दोनों घंटो फ़ोन पर बाते करते हैं जब मैं कमरे में आया तो मुझे रोजी ने बतया की आज कई बार मेरा फोन बजा था और मैंने चेक किया तो मेरी मंगेतर राजकुमारी ज्योत्स्ना की 10-12 मिस कॉल थी ।

हर रात मेरे फोन का इंतजार करना उसके लिए एक पीड़ा थी। उसके साथ ही दिन भर उसकी बाल सखी अनुपमा भी उसे सताती रहती थी। वह पास से गुजरने वाले हर आदमी को देख उसे छेड़ती थी।।

जूही जो उसकी सहेली थी उस ने उसे पहले ही बता दिया था की मैं सेक्स के मामले में अनुभवी हूँ और उसे ज्यादा जानने की जरूरत नहीं है । मैं सब संभाल लूँगा और साथ ही उसे बता दिया था की हमारे परिवार में इस विवाह के माध्यम से भाई महाराज की अन्य रानियों को मैंने गर्भवती करना है और उसने पूरी स्थिति को समझ बूझ लिया था और स्वीकार किया था ।

परन्तु फिर भी सेक्स के बारे में जाने की उत्कंठा राजकुमारी ज्योस्तना को अपनी सहेली के घर ले गयी थी वैसे राजकुमारी ज्योत्स्ना को मालूम था कि आज वर पक्ष में संगीत का कार्यक्रम है और उसके बाद बैचलर पार्टी है। उसी तरह उसकी सहेलियों ने भी उसके लिए एक पार्टी रखी थी । ज्योति ने निश्चय किया था कि वह अपना कौमार्य विवाह के बाद अपने पति को ही समर्पित करेगी, फिर भी वह अपनी गहरी सहेली के साथ उस पार्टी में गयी थी । उसकी उस सहेली ने वहाँ उसे छिपा कर अपने बॉय फ्रेंड के साथ लाइव सेक्स के कुछ नज़ारे दिखाए थे जिसके कारण वह बहुत उत्तेजित थी ।

जब तक वह कक्ष में अकेली होती थी और मेरे बारे में सोचती थी और जब रानी जूही ने उसे मेरी चुदाई के बारे में जो बताया था उसे सुनने के बाद उसका शरीर दबी हुई वासना से कांप उठता था। दो या तीन बार अनुपमा ने भी इस बीच बिस्तर पर उसके सामने अपने कपड़े फाड़े और पागलपन से उसने हस्तमैथुन किया। लेकिन इस तरह से अनुपमा को हस्तमैथुन करते देख ज्योत्स्ना को जो क्लाइमेक्स मिले, वे असंतोषजनक थे।

सौभाग्य से, मैंने उसे उस रात लंबी दूरी का फ़ोन लगाया। बस मेरी आवाज सुनकर उसकी वासना और बढ़ गई। फिर भी, अब तक उसे यह बताने में भी शर्म आ रही थी कि वह कितना कामुक महसूस कर रही है।

फोन की घंटी बजी तो उसने झट से अनुपमा के साथ से छीन लिया।

"नमस्ते?"

"हाय जानू।"

"ओह कुमार, मुझे बहुत खुशी है कि यह तुम हो!" वह हांफ गई। "

मेरे बहुत पूछने की वह क्यों हांफ रही है उसने बताया, वह आज बहुत कामुक है और अगर राज कुमार ने जल्दी से राजकुमारी को रानी नहीं बनाया तो वह पागल हो जायेगी । मैंने उसे समझाया बस दो ही दिन की बात है ये सप्ताह का मध्य था और दो दिन बाद हमारा विवाह था और उससे अगली रात हमारा मिलन होना था।

मैंने फोन किया तो वह बिस्तर पर थी। उसके निप्पल झनझना रहे थे। जब उसने गलती से उन्हें छुआ, तो वे अपनी उंगलियों से धड़क गए। उसने अपने भरे हुए स्तनों को नीचे देखा, काश वह उन्हें खुद चूस सकती थी,। लेकिन वह जानती थी कि इससे केवल और भी बुरी भूख लगेगी।

"मैं जल रही हूँ!" उसने बड़बड़ाया।

"ओह? क्या वहाँ बहुत गर्मी है?"

"नहीं। मैं बहुत गर्म हूँ।"

उसकी आवाज धीमी और उमस भरी थी। अपने खुले हाथ से अपने स्तन को सहलाते हुए, वह फोन में हांफने लगी।

"मुझे लगता है कि मुझे आपकी बात समझ में आ रही है," मैंने कहा।

"काश तुम यहाँ होते, कुमार!" ज्योत्स्ना बौखला गई थी। "मैं तुम्हें महसूस करना चाहती हूँ। मैं कहती हूँ की तुम मुझे अपनी बाहो में ले कर प्यार करो।"

"काश मैं आपके पास वहाँ होता।"

"काश ये प्रतीक्षा के पल जल्दी बीत जाए!" वह फुसफुसाई।

मुझे बताओ कि अगर तुम यहाँ होते तो मेरे साथ कैसे करते प्लीज कुमार! प्लीज! "

"पहले मैं तुम्हे किश करूँगा फिर कपड़े उतारूंगा," मैं फुसफुसाया।

तुम मेरे साथ पहले क्या करोगे? "

"आपको चूमूंगा।"

"कहाँ?"

"तुम्हारी ओंठो पर फिर गर्दन पर, तुम्हारे कानों पर।"

"हाँ! और फिर?"

मैंने सोचा इससे ज्यादा फोन पर नहीं जब मिलेंगे तब करूँगा क्योंकि असली मजा तभी मिलेगा

ये सोच कर मैं रुक गया!

ज्योत्स्ना की बाल सखी और परिचारिका अनुपमा हमारी बाते सुन रही थी और अनुपमा का हाथ उसकी अपनी योनि पर था । उसने अपनी फिसलन भरी योनी से अपना हाथ हटा लिया और अपने गर्म स्तनों को निचोड़ने लगी। उसकी उंगलियाँ उसकी योनि के रस से चिपचिपी थीं.

"फिर क्या?" ज्योत्स्ना ने अधीरता से सांस ली। और अनुपमा मेरे चुप रहने का अर्थ समझ गयी और उसने राजकुमारी से फोन खींच लिया और बोली कुमार आप राजकुमारी को ये बताओ की आज आपकी पार्टी में क्या-क्या हुआ और मैंने उसे बैचलर पार्टी में नाच गाने और हास्य आमोद प्रमोद इत्यादि के बारे में संक्षेप में बताया और आखिर में बोला प्रिय! बस आप दो दिन और संयम पूर्वक इन्तजार करो । फिर आप मेरे पास होंगी । आगे जो होगा राजकुमारी उसका कोतुहल थोड़ा बना रहना चाहिए इसी में पहले मिलन का हमे पूरा आंनद मिलेगा ।

" ओह, तभी राजकुमारी की माता जी आवाज आयी पुत्री अब सो जाओ प्रातः काल आपको त्यार होकर पूजा के लिए जाना है ।

फिर बाए-बाए करते हुए अनुपमा ने फ़ोन खींच कर हस्ते हुए बाये कुमार गुड नाईट बोल कर फोन रख दिया ।

जारी रहेगी

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