एक नौजवान के कारनामे 188

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विवाह
1.2k words
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110
00

Part 188 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-4

शादी

PART 8​

मा ने मुझे बताया की कल, जब बच्चे बिस्तर पर गए, तो हम ज्योत्स्ना को उसकी शादी की रात के बारे में छेड़ रहे थे। तब आपको उसे देखना चाहिए था: वह लगातार शरमा रही थी! वैसे भी, सभी लड़कियाँ उससे सवाल पूछ रही थीं जैसे 'क्या तुमने उसका हाथ पकड़ा' और 'वह चुम्बन कैसा था?' लेकिन ज्योत्सना शरमा जाती थी और जवाब में कुछ नहीं कहती थी। फिर हम सभी ने उसे कुछ मिनटों के लिए अकेला छोड़ दिया, फिर, उसकी नानी माँ ने कहा, 'बस मुझे कुमार को उसे देखकर, यकीन है कि उसके होंठ नरम हैं!' उस समय ज्योत्सना को एक बार फिर उसकी नानी पकड़ लिया था और उसने फटाफट कहा 'हाँ, बहुत कोमल होंठ!' खैर, इसके साथ, ज्योत्सना फिर से शर्मा गई और हम सब हसने लगे।

माँ बोली कल रात आपको अपनी शादी पर एक बड़े सरप्राइज मिलेगा! उन्होंने तुम्हारा नाम उसके हाथों में रंग दिया है और जब तक आप उसे नहीं ढूँढ लोगे तब तक आप आगे नहीं बढ़ पाओगे। गुड लक! "

शादी का दिन बहुत व्यस्त रहा । बारात की तयारी मेहमानो का स्वागत फिर बारात और दुल्हन पक्ष के द्वारा बारात का स्वागत और फिर शादी समारोह, बारात का स्वागत और शादी समारोह दोनों एक रिसेप्शन हॉल में आयोजित किए जा रहे थे, जिसकी व्यवस्था मैंने अपनी कंपनी के माध्यम से की थी। विवाह समारोह शाम 5 बजे शुरू होना था।

दोपहर को मैं नहा कर तैयार हो गया। मॉम ने मैचिंग दुपट्टे के साथहरे रंग का एक सुंदर रेशमी लहंगा चोली पहना और साथ में आभूषण पहने जिनमे वह दीप्तिमान लग रही थी। अन्य महिलाओं ने भी सुंदर रेशमी वस्त्र और आभूषण पहने।

मैं कुलगुरु जी से मिला, उन्होंने मुझे कुछ अनुष्ठानों और उनके महत्त्व के बारे में बताया और कहा कि उन्हें समय पर किया जाना चाहिए। शाम 3 बजे मेहमानों का आना शुरू हुआ और फिर हमारे कुलगुरु द्वारा कुछ अनुष्ठान किए गए और फिर मुझे घोड़ों द्वारा संचालित रथ की सवारी के लिए बोला गया और बारात का नेतृत्व संगीतकारों के एक बैंड ने किया और फिर बारात 4 बजे विवाह स्थल के लिए निकली और मेरे दोस्तो, मेरे चचेरे और फूफेरे भाईयो और रिश्तेदार सभी नाच रहे थे। मेरी सकहिव ने मेरे माता पिता को बीच रास्ते में सूचित किया की विवाह स्थल पर सभी कुछ व्यवस्थित है।

शाम के समय मोना और टीना फिर से हेमा औअर रीती के साथ ज्योत्स्ना के पास गयी और उसने फेशियल, मसाज और पेडिक्टीयर, मॅनिक्यूवर सब करवाया फिर उन्होंने उसकी चूत को दो बार वीट लगा कर बिलकुल मक्खन चूत बना दिया और पूरे बदन की फिर से मालिश करके और उबटन लगा कर उसे शावर चला कर जिस्म मसल-मसल कर नहलाया और उसके बाद एक बारी फिर उसके बदन की क्रीम से मालिश की जिससे उसका पूरा बदन बिलकुल चिकना हो गया।

ज्योत्स्ना के भाई ने उसके लिए एक लड़की फिटनेस ट्रेनर को लगा दिया जो बहूत ही सख़्त रेजीम से उसने खजूर, दूध और ना जाने क्या-क्या खिलाने को कहा और इसके कारण कुछ ही दिनों में ।जिम और उसकी मम्मी के प्रयासों का नतीजा ये निकला कि कमर तो ज्योत्स्ना की और पतली हो गयी पर जो भी वजन बढ़ा वह उसके उभारों पर, सीने और हिप्स दोनों जगह बढ़ा । इस लिए जो ड्रेसस फिट थी अब टाइट फिट हो गयी। चोली की फिटिंग करते समय टीना ने कॉंप्लिमेंट किया तो मेने पूछा क्या थोड़ी ढीली करें तो पास में खड़ी भाभी की सहेली बोली नहीं और टाइट और वास्तव में ड्रेसर ने और टाइट कर दिया। शीशे में मुझे दिखाती बोली, देखिये राजकुमारी कितना पर्फेक्ट क्लीवेज नज़र आ रहा है। उसके दोनों उभार खूब उभर के सामने आ रहे थे। फिर ज्योत्स्ना की मम्मी को एक कुंदन के काम का बस्टियर, कॉरसेट दिखाया। बहोत प्यारा था और जो राजकुमारी पर बहुत बढ़िया लगा।

राजकुमारी की मम्मी ने कहा एकदम बढ़िया । पर मोना को लगा की राजकुमारी इसमें फिट नहीं हो सकेगी वह टॉप नीचे से एकदम पतला था । टीना ने कहा ये मेरा काम है, आप चिंता मत करो और फिर उसने ब्रा भी उतरवा दी और राजकुमारी को खूब गहरी साँस लेने को कहा, उसके बाद भी वह बंद नहीं हो पा रहा था। लेकिन फिर उसने एक-एक कर के उसने सारे बंद-बंद कर दिए. राजकुमारी बोली में अगर साँस लूँगी तो ये फट जाएगा। मोना बोली, मुझे नहीं लग रहा था कि ये अंदर घुस पाएगी लेकिन आ गयी । भाभी की सहेली बोली, अर्रे ऐसे ही होता है। लगता है ज़रा भी नहीं घुस पायेगा, पर देखते-देखते पूरा घुस जाता है। मम्मी सहित सब लोग समझ के कस के मुस्कराने लगे। लेकिन जब राजकुमारी ने नीचे देखा तो उसे उसकी कमर बहुत पतली लग रही थी पर उसके उभार, एकदम छलक के बाहर आ रहे थे। लहंगे के साथ टॉप बिलकुल मैचिंग था।

जब बारात कार्यक्रम स्थल के गेट के पास पहुँची तो मेरे माता-पिता मेरे पास आ गए और मैंने ज्योत्सना को अपने परिवार के साथ आते हुए देखा और उसकी कार जल्दी से अंदर गई कि मुझे उसकी एक झलक ही दिखाई दी। उसकी माँ ने मेरी माँ की तरह ही कपड़े पहने हुए थे।

संगीतकारों का एक छोटा बैंड कार्यक्रम स्थल के द्वार पर हमारा स्वागत कर रहा था और उन्होंने शहनाईयाँ बजाना शुरू कर दिया,। औपचारिक शादी समारोह के लिए मेरे ससुराल वालों ने मेहमानों को गुदगुदाने, चिढ़ाने के लिए सुगंधित स्प्रे और फूलो के-के साथ बारात का स्वागत किया।

कुछ देर बाद ज्योत्स्ना के रिश्ते में एक भाभी मेरा स्वागत करने आयी और जब वह मेरे पास आयी तो मेरी नजरे उसके स्तनों और स्तनों की बीच की घाटी पर टिक गयी । जिससे मेरा लंड कड़ा हो गया जिसे उस भाभी ने देख लिया और धीरे से मेरे कानो में मजाक करते हुए बोली राजकुमार जी आज पहले गोल पहाड़ो पर विजय प्राप्त कर लो फिर इन पर्वतो को भी जीत लेना।

कुछ समय बाद ज्योत्सना मेरी तरफ आगे बढ़ी और मैंने उस दिन पहली बार देखा: वह एक अतिसुंदर अप्सरा की तरह लग रही थी। उसने गुलाबी लहंगा और लंबी चोली पहनी हुई थी जिसमें जटिल कढ़ाई के काम के साथ चांदी की एम्ब्रायडरी और हीरे की तरह झिलमिलाते पत्थर लगे हुए थे। उसका सिर गुलाबी, क्रेप के दुपट्टे से ढका हुआ था, जिससे उसका गोरा चेहरा भी उसके जैसा गुलाबी लग रहा था और उसके हाथऔर पैरो मेहँदी से रंगे हुए थे और उसने सुनहरी सैंडल पहने हुए थे।

दुपट्टे के बीच में से मैंने उसके गुलाबी रंग का मुस्कुराता हुआ चेहरा और माथे पर पहनी हुई माथा पाती को देखा जो हीरे की एक स्ट्रिंग की तरह लग रहा था, उसके सिर के केंद्र से एक माणिक लटका हुआ था। उसके कानो में झुमके थे जो प्रत्येक कान पर एक केंद्र माणिक के साथ हीरे की चूड़ी की तरह दिखते थे और फिर उसके नाक में नाथ पहनी हुई थी । उसने गले में हार भी पहना हुआ था जिसमें बड़े हीरे के हुप्स थे, जिसमें हीरे के स्ट्रिंगर अलग-अलग लंबाई में सामने लटके हुए थे, जिससे प्रत्येक स्ट्रिंगर के अंत में एक माणिक के साथ उसकी छाती के केंद्र में "V" बना हुआ था। उसकी कलाइयों को चांदी और गहनों के चूड़ियों के कंगन से सजाया गया था।

उसने मुझे वरमाला पहनाई और मैंने उसे वरमाला पहना दी उसके बाद शादी की बाकी रस्मे हुई और जब पुरोहित जी ने 8 बजे घोषणा की विवाह पूरा हुआ तो मैंने और ज्योत्स्ना ने सब बड़ो का आशीर्वाद लिया।

जारी रहेगी

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