खानदानी निकाह 43

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ मस्ती करने दो
1.7k words
4.75
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00

Part 43 of the 67 part series

Updated 01/16/2024
Created 01/21/2022
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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 43

मस्ती करने दो

इस बीच रुखसार ने अपना एक हाथ ज़ीनत की टाँगों के बीच ला कर उस की गरम चूत पर रखा। और अपने दूसरे हाथ से ज़ीनत के बाँये मम्मे को काबू करते हुए कहा"ओह ज़ीनत आपा आपकी चूत तो किसी आग की भट्टी की तरह तप रही है! और आपके ये बड़े बड़े मम्मे बड़े मस्त हैं, मुझे अपने साथ मस्ती करने दो और ख़ुद भी मेरे साथ मस्ती कर के ज़िंदगी के मज़े लो मेरी अच्छी मीठी आपा!"

यह कहते हुए रुखसार ने ज़ीनत की चूत के ऊपर घुमाते हुए अपने हाथ की एक उंगली को ज़ीनत या की चूत में "घुपप्प्प" से घुसा दिया।

"हाआआआअ" अपनी चूत में रुखसार की उंगली को जाता हुआ महसूस कर के ज़ीनत के मुँह से सिसकारी निकली तो उस का बंद मुँह एक दम से ख़ुद ब ख़ुद खुल गया।जिस की वज़ह से रुखसार की ज़ुबान ज़ीनत के मुँह के अंदर दाखिल हो कर उस की ज़ुबान से टकराने लगी।

ज़ीनत को अपने मुँह से बे इख्तियार निकलने वाली इस सिसकारी पर हैरत हुई. कि बजाय इस के वह रुखसार को इस हरकत से रोके.उस की चूत ने तो ना सिर्फ़ रुखसार की उंगली को अपने अंदर लेना पसंद किया। बल्कि अब तो वो रुखसार के पूरे हाथ को अपने अंदर समेटने की तमन्ना करने लगी थी।

उधर रुखसार और ज़ीनत दोनों को आपस में व्यस्त देख मैंने जूनि को अपने पास खींचा थोड़ा सा सरका और मैंने अपने हाथ रुखसार के पीछे करते हुए उस की नंगी गान्ड पकड़ कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया और जूनि को अपने लंड के ऊपर बिठा लिया और अब जूनि की चूत मेरे से चुदवाने औरमेरे लंड का अपनी फुद्दि के अंदर स्वागत करने के लिए तैयार थी।

तो जूनि ने अपना हाथ नीचे ले जा कर अपने शौहर के इंतज़ार करते हुए गरम लौडे को पकड़ कर अपनी फुद्दी के दरवाज़े पर लगाया।

साथ ही मैंने जूनि जो मेरी सबसे छोटी बेगम और कजिन है उसकी की गान्ड को पकड़ कर हल्का से नीचे किया। तो मेरा खड़ा हुआ हुआ लंड जूनि की चूत में जड़ तक घुसता चला गया।

ज्यों ही मेरा लंड उस की फुद्दि में जड़ में जा कर उसकी बच्चेदानी को ठोकरे मारने लगा। तो जूनि के मुँह से मज़े के मारे सिसकारियाँ फूटने लगीं।

जूनि ने जोश में आते हुए अपने मुँह को मेरे भाई के मुँह से जोड़ दिया। अब पोज़िशन ये थी। कि मैं सलमान अपनी छोटी कजिन और बैगन जूनि को लेकर कमोड पर बैठा हुआ था और मेरा लंड उसकी छूट की जड़ में समाया हुआ था. और कमोड की एक तरफ मेरी दूसरी कजिन रुखसार बैठी हुई अपनी बड़ी आपा जो मेरी सबसे बड़ी बेगम है उसकी छूट में ऊँगली कर रही थी और मेरी चौथी बेगम फर्श पर लेती हुई हमे देख रही थी ।

जूनि के दोनो बाज़ू अब मेरी गर्दन के इर्द गिर्द लिपटी हुई थी । और नीचे से मेरा लंड जूनि की चूत मे पूरे का पूरा जड़ तक धंसा हुआ था।

चुदाई की इस पोज़िशन में मैं अब जूनि की गान्ड पकड़ कर उसे थोड़ा ऊँचा किया इतना की मेरा लंड पूरा बाहर ना आये और फिर मैंने पूरे जोश से उसे चोदन शुरू कर दिया। जूनि अपनी गान्ड मेरे लंड पर झूल झूल कर बहुत मज़े से अपनी चूत चुदवा रही थी।

मैंने अपने मुँह में रुखसार का बायां मम्मा अपने हाथ में भरा और उसे चूसा और और मम्मे को अपनी मुट्ठी से कस कर दबाने लगा। हाईईईईईईई! तुम्हारे इन मम्मो ने तो मुझे पागल ही कर दिया है मेरी रानी।" मैंने रुखसार के मम्मे पर अपने लब फेरते हुए कहा। मैंने नीचे ढ़ाके मारने जारी रखे और इसका नतीजा ये हुआ की जूनि भी फारिग हो गयी और लंड निकला कर नीचे लेट गयी।

रुखसार के मम्मो को चुसते हुए मैं अचानक उठा और रुखसार की टाँगों के दरमियाँ आ गया।

मैंने रुखसार की गुदाज टाँगें हाथ में लेते हुए चौड़ी कीं और उन्हे अपने कंधो पर रख लिया।

मेरा तना हुआ लंड रुखसार के निचले लिप्स से बस एक इंच की ही दूरी पर था।

रुखसार की टाँगें अपने कंधे पर रखते ही मैंने रुखसार की आँखों में देखा और पूछा " शुरू करूँ, मेरी रानी।"

मेरे से कई दफ़ा चुदवाने के बावजूद, मेरे लंड की ही तरह रुखसार को भी चुदाई का चस्का लग गया था और उसकी चूत भी, अभी तक चुदाई के लिए भूखी थी।

इसीलिए ज्यों ही मैंने रुखसार से फिर चुदाई स्टार्ट करने का पूछा तो रुखसार ने फॉरन "हां" में अपना सर हिला दिया।

रुखसार की हाँ मिलते ही मैं आगे बढ़ा और एक ही झटके में अपना पूरा लंड एक ही झटके में रुखसार की चूत में डाल दिया।

"हाईईईईईईईईईईईईई!" ज्यों ही मेरा बड़ा और कड़ा लंड रुखसार की पानी छोड़ती गरम फुद्दि में दाखिल हुआ। तो मज़े की शिद्दत से दोनो के मुँह से एक बार सिसकारी निकल गई। ओह्ह आह आराम से करो औए रुखसार कराहने लगी।

चूत में अपना लंड डालते ही मैं फुद्दि में तेज तेज झटके मारने लगा और झटके मारने के साथ साथ अपने हाथों से ज़ीनत आप के बड़े और मोटे मम्मो के खड़े हुए निपल्स को भी अपने हाथ से मसल्ने लगा था।

जब कि रुखसार मेरे लंड के झटको से मज़े मे आ गई और वो भी नीचे से अपनी गान्ड उठा उठा कर मेरा चुदाई में साथ देने लगी।

"हाईईईईईई! ऐसे ही और कस्स क़ास्स्स कारर्र ज़ोर से चोदो,और ज़ोर से चोदो, फाड़ दो मेरी चूत को,आअहह बड़ा मज़ा आआआ राहाा है भाईईईईईई।" रुखसार बहुत जोश में आ गई और उस के मुँह से ये आवाज़े निकल रही थी।

रुखसार ने अब अपने दोनो पैरों को मेरे कंधो से हटा कर मेरी कमर कर गिर्द लपेटा और मुझे अपनी टाँगों से जकड लिया।

रुखसार ने ज्यों ही अपने मेरी कमर के गिर्द अपनी नर्म चिकनी और मुलायम टाँगों कर घेरा डाला। तो मैं रुखसार के जिस्म के ऊपर झुक गया। और मज़ीद तेज़ी के साथ अउसकी चूत में अपने बड़े और मोटे लंड के झटके लगाने शुरू कर दिए।

रुखसार कराह रही थी।

ओह्ह आह, हाय । मुझे कुछ हो रहा है... हाय!

उसकी चूत बिलकुल टाइट थी, रस से भरी थी रुखसार रोमांच में थी। वह काँप रही थी और अपने अंदर मेरे सख्त लिंग के स्पंदन से काँप रही थी । मैं उसकी अतृप्त चूत से अंदर और बाहर फिसलता रहा। वह महसूस कर सकती थी उसका रस बाहर निकल रहा है और उसके चूतड़ों की दरार से नीचे बह रहा था ।

मैं अपने मुंह से निकली कराहो को निकलने हीं रोक सका क्योंकि रुखसार की तंग चूत ने मेरे लंड को अपने अंदर मजबूती से जकड़ रखा था। ऐसा लगा जैसे मेरा लंड रेशम के अंदर कैद था और मेरा लंड उसकी मांसपेशियों में दबाब महसूस कर रहा था। अपनी आँखें बंद करके उसने एक नरम कराह भरी और वह मेरे अंडो पर टिक गयी वह पूरी तरह से भरी हुई थी। मैं स्वर्ग में था! जैसे ही उसने धीरे से अपनी आँखें खोलीं, उसने मेरे हाथों को अपने स्तनों पर रख दिया। मैंने धीरे से दबाया और फिर निचोड़ा जैस ाकि हमारी सुहागरात में हुआ था जैसे ही मैं उसके स्तनों को निचोड़ता, रुखसार की चूत की आंतरिक मांसपेशियों सुकड़ने लगी उसकी चूत संकुचन करने लगी और उसकी मांपेशिया मेरे लंड को निचोड़ कर मेरे लंड पर अपनी पकड़ मजबूत कर लेती थी और मुझे बहुरत मजा आया । वह आगे झुकी और मुझे किश करने लगी मुझे बिलकुल वैसा लगा जैसे तीखा खाने के बाद लगता है ।

लेकिन यह बहुत शानदार अनुभब था और रुखसार को संकुचन के दौरान एक इंच भी हिलना नहीं पड़ा। जब मैंने फिर से उसे स्तनों को दबाया और फिर हरेक बार स्तनों को दबाने के साथ, रुखसार की चुत मेरे लंड को निचोड़ती और छोड़ती, मेरे बदन में शानदार आनंद की लहरें भेजती। हम दोनों लगातार चिल्ला रहे थे मैं आगे झुक गया और अपने मीठे होंठों से उसके मुंह को ढँकते हुए मैंने उसे गहरा चूमा। उसने मेरी पीठ के चारों ओर अपने हाथो को फेंक दिया और कसकर मुझे गले लगा लिया, हमने जोश से चूमा। रुखसार की चूत ने प्रतिक्रिया में मेरे लंड को एक उग्र गति से निचोड़ना और छोड़ना शुरू कर दिया । यह शानदार था! उसकी मांसपेशियाँ नीचे से ऊपर तक सिकुड़ रही थी, जो एक लहरदार प्रभाव की तरह लगता है। रुखसार के बदन में ऐंठन होने लगी. हम दोनों को पसीना आ रहा था और मेरे धड़कता हुआ लिंग कठोर था और वो जोर से कम्पटी हुई फारिग हो गयी ।

कई मिनट रुखसार की सांसों को पकड़ने, चूमने और टटोलने के बाद, मैं उससे लिपट गया। उसने मेरे पूरे शरीर को रगड़ा और मैंने उसके स्तनों को सहलाया।

कुछ देर में मैंने अपना लंड रुखसार की चूत में से बाहर निकला ओर मैंने ज़ीनत के दोनो मम्मो को दबा कर आपस में जोड़ा। और फिर खुद ज़ीनत के पास जा कर खड़ा होकर अपनी आपा के आपस में जड़े हुए मम्मो के दरमियाँ में अपना मोटा लम्बा लंड रख कर फिराने लगा। मेरे साथ साथ ज़ीनत आपा को भी मेरे बड़े लंड का यूँ उस की भारी छातियों में फिराना अच्छा लग रहा था।

इसीलिए वो भी अपने दोनो हाथों से अपने बड़े मम्मों का आपस में मिला कर अपने शौहर के लंड को अपने गुदाज मम्मो में जकड़ते हुए मज़ा महसूस कर रही थी।

मैं अपने लंड को तेज़ी के साथ अपनी बहन की भारी छातियों में फेर रहा था। और आख़िर कार मैं इसी स्टाइल में ही अपनी बहन के बड़े मम्मो के दरमियाँ ही फारिग भी हो गया।

"हाईईईईईई! भाईईईईईईईईई! ये आप ने क्या किया" ज्यों ही मैंने ज़ीनत आपा के बड़े बड़े मम्मो के दरमियाँ अपने लंड का वीर्य उडेला।

तो ज़ीनत एक दम से सिस्कार्ते हुए बोली। "ओह आप अपने लंड का इतना कीमती पानी फ़िजूल में इस तरह ज़ाया करने की बजाय, मेरी बच्चे दानी में डाल कर मुझे हमल से करो और अपने बच्चे की माँ बना दो सलमान भाईईईईईई"। ज़ीनत ने सिसकते हुए अपने शौहर से फरमाइश की।

"हाईईईईईईई! आप वाकई ही मेरे बच्चे की माँ बनना चाहती हो आपा? "

"हाईईईई!, आप जानते हैं कि कोई शादी शुदा औरत उस वक्त तक मुकम्मल नही होती, जब तक वो माँ नही बन जाती,इसीलिए मैं वाकई ही आप के बच्चे को 9 महीने अपने पेट में पाल कर उसे पैदा कर कर आप की बेगम का दर्जा पाना चाहती हूँ भाईईइ!" ज़ीनत ने मेरी बात का जवाब दिया।

कहानी जारी रहेगी

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