Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.
You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.
Click hereमेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
भाग 44
अपने बच्चे की माँ बना दो सलमान
आप मेरी बच्चे दानी में वीर्य डाल कर मुझे हमल से करो और अपने बच्चे की माँ बना दो सलमान भाईईईईईई"। ज़ीनत ने सिसकते हुए मेरे (शौहर) से फरमाइश की।
"हाईईईईईईई! आप वाकई ही मेरे बच्चे की माँ बनना चाहती हो आपा (बेगम पर मैं उन्हें आप ही कहता था)"
"हाईईईई, मेरे सरताज आप जानते हैं कि कोई शादी शुदा औरत उस वक्त तक मुकम्मल नहीं होती, जब तक वह माँ नहीं बन जाती, इसीलिए मैं वाकई ही आप के बच्चे को 9 महीने अपने पेट में पाल कर उसे पैदा कर-कर आप की बेगम का दर्जा पाना चाहती हूँ भाईईइ!" ज़ीनत ने मेरी बात का जवाब दिया।
उसकी बात सुन कर जोश में आ कर मैंने बिस्तर पर लेटे-लेटे अपने जिस्म को नीचे से ऊपर की तरह एक हल्का-सा धक्का दिया तो मेरा लम्बा मोटा लंड बहुत आसानी के साथ जीनत बेगम की प्यासी फुद्दि के मुँह को खोलता हुआ अंदर जा कर फँस गया।
मैंने अपनी सबसे बड़ी बेगम जो की मेरी सबसे बड़ी कजिन भी है उसकी चूत में नीचे से लंड डाल कर अपने लंड को हल्का-सा बाहर खैंचा और फिर तेज धक्का दिया।
"हाइयाय! भाईईईईईईईईईईईईई, मार डालोगे क्या, आज ही कर दो? उफफफफफफफफफ्फ़!" जीनत अब इस जबर्जस्त धक्के से उछल पड़ी और जीनत की फुद्दि में अपना लंड डाल कर मैं नीचे से जीनत बेगम की चूत में झटके मारने लगा।
"ऊवू क्यों करू मेरी जान, तुम्हारी बातो और तुम्हारे इस खूबसूरत बदन और तुम्हारी प्यासी चूत ने तो मुझे पागल कर के रख दिया हाईईईईईईईईईई!" मैंने हल्के से लंड को थोड़ा बाहर खींचा और फिर ज़ोर से उसकी चूत में अपना लंड घुसा दिया।
अब मैं ज़ोर और जोश से जीनत की चूत मारने लगा। झटके इतने ज़ोरदार थे कि इन झटकों की वजह से मेरे लंड पर बैठी जीनत मेरे लंड पर काफ़ी ऊँचा उछल रही थी और साथ ही साथ अपने मुँह से "अया, ऊहह, उूुुउऊफ़, आहिस्ताआ" की आवाज़े निकाल रही थी और बाकी तीनो कजिन रुखसार, जूनि और अर्शी जो की मेरी बेगमे भी हैं हैरत से हमारी चुदाई को देख रही थी।
इस तरह अपने शौहर के लंड पर उछलने की वजह से जीनत के फुट बॉल जैसे बड़े-बड़े मम्मे इस बुरी तरहा से हिल रहे थे। जो कि बाहर से अपने शौहर और बड़ी बहन की ऐसे जोरदार चुदाई का नज़ारा देखने वाली मेरी तीनि बेगमो को बहुत अच्छे लग रहे थे। वह तीनो अपनी योनि और म मसलते हुए हमारी चुदाई देख रही थी और हम दोनों ज़ोर दार तरीके से कमरे के बिस्तर पर चुदाई में मसगूल थे।
हमारी इस मज़ेदार चुदाई को देख कर तीनो कजिन जोश में आते हुए अपनी चूत को रगड़ रही थी और इस चुदाई के लाइव शो से पूरी तरह मदहोश हो रही थी।
उफ़्फुऊऊुुुउउ! कितना मोटा लंड है भाई का हाईईईईई! मेरा लंड किस तरह से फँस-फँस कर जीनत की प्यासी चूत के अंदर, जा रहा है आआआआआआआहह! " अपनी चूत की दाने को सहलाती और आहिस्ता-आहिस्ता अपनी फुद्दि में अपने हाथ की उंगलियाँ घुमाते हुए रुखसार, कराह रही थी।
"ओह सलमान हमे कब अपने इस जवान लंड की सवारी का मोका दोगे मेरे बलम" अपनी बड़ी आपा को अपने शौहर के लम्बे मोटे लंड पर बैठ कर इस तरह मज़े से चुदवाते देखते हुए रुखसार, जूनि और अर्शी का दिल भी ये चाह रहा था। के काश वह भी इसी तरह मेरे लंड पर बैठ कर उस से अपनी गरम फुद्दि को चुदवाये पर उन्हें जीनत को ऐसे कराहते और चिल्लाते देख दर भी लग रहा था कि वह इतनी तेज चुदाई झेल भी पाएंगी या नहीं इसी कारण उन तीनो में से कोई भी बीच में नहीं कूदी और मैं बिना रुके जीनत की तेज चुदाई करता रहा । पर उन तीनो की नज़रें मेरे लंड पर जमी हुई थी और वह जीनत की चूत में जाते हुए मेरे मोटे और तगड़े लंड से ताल से ताल मिला कर अपनी फुद्दि को भी अब उसी तेज़ी से रगड़ रही थी, जिस तेज़ी से मैं जीनत की चूत में अपना लंड पेल रहा था।
जीनत की चुदाई करते हुए मुझे अब काफ़ी देर हो चुकी थी और इस दौरान जीनत मेरे लंड पर उछलते हुए लंड पर दो दफ़ा बार फारिग हो चुकी थी। फिर कुछ देर और तेज़ी से झटके मारते हुए मैं एक दम चीखा"ओह में अपने बच्चे का बीज तुम्हारी फुद्दि में डालने जा रहा हूँ मेरी आपा मेरी जीनत जान"।
ये कहते मैंने अपने पूरे लंड को जड तक जीनत की चूत की गहराई में डाल कर उस की कमर को कस कर जकड लिया। मेरे लंड से वीर्य का फव्वारा छूटा तो जीनत की चूत में एक सैलाब आ गया। मेरे लंड की पिचकारी की गरमी इतनी ज्यादा थीकि इस गर्मी की वजह से जीनत की चूत में एक आग-सी लग गई और वह एक बार फिरमेरे लंड पर अपनी चूत का पानी खारिज करने लगी। हम दोनों लंड और चूत का पानी आपस में मिक्स हो कर जीनत की चूत से निकल कर मेरी टाँगों के दरमियाँ से बहता हुआ बिस्तर की चादर पर टपकने लगा था।
हमारी इस गरम चुदाई को देख कर रुखसार, जूनि और अर्शी भी मज़े से बे हाल हो गई और उन्होंने भी अपनी चूत को रगड़ते हुए साथ-साथ अपने हाथ से अपनी चूत का पानी निकाल दिया।
अब हम पांचो में आपस में कोई पर्दा नहीं था इसीलिए अब बिना किसी शरम और हया के मैं अपनी बेगम जीनत को कई दफ़ा अपनी बाकी तीनो बेगमो की मौजूदगी और गैर मौजूदगी में अपने घर की अलग-अलग जगह पर अलग-अलग पोज़िशन में चोदा।
कई दफ़ा जब रुखसार, जूनि या अर्शी या जीनत अपने कमरे में रेस्ट कर रही होती। तो कई दफ़ा अपनी बाकी बेगमो के अपने कमरे में मौजूदगी का फ़ायदा उठे हुए किचन में आ घुसता और किचन में काम काज में मसरूफ़ अपनी किसी भी बेगम के साथ अपने प्यार की पींगे बढ़ाने लगता। वैसे मुझे हमेशा सुबह जीनत ही उठाती थी और चाय पेश करती थी ।
इसी तरह कई दफ़ा मैं सुबह सवरे उठते ही फिर से जीनत को मजबूर करता कि वह बिना कपड़ों के सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी चड्डी और ब्रेज़ियर में या फिर हाफ नंगी ही मेरे लिए किचन से चाय बना कर लाए।
वैसे तो जीनत को-को इस तरह अपनी चड्डी और ब्रा में अपने घर के किचन में जाते हुए बहुत शरम आती। मगर इस के बावजूद उसे अपने शोहर भाई के प्यार के आगे हर मान कर आधी नंगी या पूरी नंगी हालत में चाय बना कर लाती।
कभी रात के अंधेरे में मैं जीनत को टीवी लाउन्ज के सोफे पर लिटा कर उसकी चूत को मज़े ले-ले कर चाट्ता। औरउसकी चूत से निकलते रस को अपनी ज़ुबान से चाटता रहता। कभी आधी रात को अपने कमरे में ज़ीनत मेरे मोटे लंड को अपने हाथ में ले कर उस से खेलती। या अपने हाथ से मेरे मोटे लंड की या बूब्स के बीच में लेकर मूठ लगाती और-और कभी मेरे मोटे लंड को अपने मुँह में भर कर उस की चुसाइ लगाती। और कभी हम दिन की रोशनी में ही अपने बाथरूम में चूमा चाटी करते और बाथरूम के सींक पर बिता कर मैं जीनत की चूत में अपना लंड डाल कर उसे चोद डालता।
इस चुदाइ के बाद हम दोनों अक्सर इकट्ठे शवर करते और अपने मुँह से एक दूसरे के लंड और चूत को चाट कर अपने प्यार का इज़हार करते। इस तरह मेरे मोटे ताज़े और जवान लंड को अपनी फुद्दि में ले कर हर रोज़ उस से अपनी चूत की प्यास बुझवाना जीनत की अब एक आदत-सी बन गई थी।
साथ ही कोइ ऐसे रात नहीं गुजरती थी जब मैं जीनत के इलावा अपनी तीनो और कजिन्स रुखसारम, या जूनि या अर्शी में से किसी एक की या दो की या तीनो की चुदाई नहीं करता ।
एक दूसरे को इतना ज़्यादा चोदने और चुदवाने के बावजूद हमारे जिस्मो में चुदाई की आग कम नहीं हुई बल्कि ये आग अब पहले से भी ज़्यादा भड़क रही थी।
इसी तरह मैं अपनी चारो बेगमो के साथ मियाँ बीवी की एह्सासियत से अपनी जिंदगी गुज़रने लगा और वह चारो अपने शोहरकी सब ज़रूरतों का ख्याल रखने लगी थी लेकिन मैं चुदाई के दौरान हमेशा अपना वीर्य जीनत की ही छूट में डालने लगा था। यानी सबसे ज्यादा चुदाई जीनत की ही हुई ।
इस तरह अब एक दूसरे के साथ मियाँ बीवी की हैसियत से रहते हुए अब ऑलमोस्ट एक महीना होने को था। इस दौरान जीनत को अहसास हुआ कि तकरीबन एक महीना होने वाला है और उसे इस दफ़ा माहवारी (मेन्स्ट्रुयल पीरियड) नहीं आयी।
इसी तरह दिन में कई-कई दफ़ा चुदा कर जीनत के चेहरे पर अब बहुत ताज़गी आने लगी थी। साथ ही साथ अब जीनत का जिस्म में पहले से भी ज़्यादा निखार आने लगा था।
अपनी बड़ी आपा के जिस्म पर चढ़ती हुई इस जवानी के रूप में आया निखार मेरी तीनो बेगमो रुखसार, जूनि और अर्शी ने भी नोट किया था।
"आपा भाई की बीवी बन कर तो तुम्हारी जवानी पहले से और भी ज़्यादा निखर आई है" एक दिन रुखसार जीनत से बोली।
ऐसा क्या निखार आया है मेरी जवानी में? रुख! " जीनत ने मज़ीद फ्री होते हुए पूछा।
"में बताती हूँ कि तुम्हारी जवानी में क्या निखार आया, असल में तुम्हारा बदन पहले से भी ज़्यादा भर गया है, जिस की वजह से तुम्हारे कपड़े भी पहले से ज़्यादा टाइट होने लगे हैं आपा"। जूनि ने जीनत से कहा।
"और ये तुम्हारे बूब्स भी कितने बड़े हो गए हैं जीनत आपी!" अर्शी भी उसनी बातचीत के बीच में कूद पड़ी
इस से पहले कि ज़ीनत अपनी छोटी बहनो को कुछ जवाब दे पाती उसे एक दम एक चक्कर-सा आया और वह लड़ खड़ा कर किचन के फर्श पर गिरने लगी।
"क्या हुआ है तुम्हें, आपी" ज्यों ही रुखसार ने अपनी बाजी को यूँ लड़खड़ाते देखा। तो उस ने एक दम कुर्सी से उठ कर ज़ीनत को अपने हाथों में संभाल लिया जिस से जीनत किचन के फ्लोर पर गिरने से बच गई। हाथों का सहारा पाते ही जीनत गिरने से बच तो गई। मगर इस के साथ ही उस ने एक दम से उल्टी (मितली) कर दी।
"लगता है तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं चलो में तुम्हें लेडी डॉक्टर के पास लिए चलती हूँ"। अपनी बाजी को यूँ एक दो उलटी करते देख कर रुखसार ने ज़ीनत से कहा। रुखसार जीनत को घर के पास ही एक लेडी डॉक्टर के क्लिनिक पर ले गई।
शाज़िया का अच्छी तरह मुआयना करने के बाद जब लेडी डॉक्टर कहा कि "मुबारक हो ज़ीनत माँ बनने वाली हैं"। तो ये खबर सुन कर ज़ीनत का दिल बाग-बाग हो गया। और उस की अपनी चूत भी इस ख्याल से पानी-पानी होने लगी। कि उस के शौहर के मोटे ताज़े लंड से निकलने वाला गाढ़ा पानी आख़िर अपनी उसकी बच्चे दानी में जा कर अपना काम दिखा चुका है। चूँकि जीनतजिंदगी में पहली बार प्रेग्नेंट हुई थी इसीलिए लेडी डॉक्टर ने चेक अप के बाद जीनत को कुछ खास हदायत दीं।
अपने चेक अप के बाद ज्यों ही जीनत डॉक्टर के कमरे से बाहर आई। तो उसे अब शरम के मारे हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह अपनी बहनो से अपनी नज़रें मिला सके।
कहानी जारी रहेगी