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Click hereअब मैंने उसके चूतरों पर साबुन लगाते हुए उनको मसलने लगा। फिर उसकी दरार मेंऊँगली डालकर उसकी गाँड़ के छेद को रगड़ने लगा| नेहा सीइइइइइ और हायय्य्य्य्य्य करने लगी। फिर मैं अपना हाथ नीचे लेज़ाकर उसकी चूत को मसलने लगा।
अब उसको मैंने पानी डाल कर अच्छी तरह से नहला दिया।
फिर मैंने कहा: चलो बेटा तुम तो नहाँ ली अब हमें नहलाओ।
वो हँसते हुए बोली: जी पापा चलिए बैठिए स्टूल पर, मैं आपको नहलाती हूँ।
फिर उसने मेरे ऊपर पानी डाला और बाद मैं साबुन लेकर मेरे सीने पर साबुन लगाने लगी। उसके बाद उसने मेरे सामने बैठते हुए मेरे पेट और मेरी जाँघों और पैरों पर साबुन लगाया।
उसकी संतरों सी सख़्त चूचियाँ मेरे सामने हिल रही थीं। मेरा लंड ऊपर नीचे हो रहा था।मैंने उसकी हिलती छातियों मो पकड़ लिया और दबाने लगा। उसने लंड और आंडों पर साबुन लगाया और मुझे लगा किमैंझड़ ही जाऊँगा| वो लंड को दबाकर मज़ा ले रही थी।
जब मुझे लगा किअब और नहीं तो मैंने उसका हाथ पकड़कर के बोला: बेटी सिर्फ़ इसे ही नहलाएगी क्या?
वो शर्माकर बोली: धत्त । और उसने मेरे मुँह मेंसाबुन लगा दिया। अब उसने मुझे घुमाकर मेरी पीठ पर साबुन लगाया। फिर उसने मुझे खड़ा करके मेरी जाँघों और मेरे सख़्त चूतरों को धोया और फिर उसने अपनी ऊँगलियाँडालकर मेरी गाँड़ धोने लगेगी। मैं भी मस्त हो गया फिर वो सामने आकर फिर से लंड पकड़कर बोली: तो पापा अब इसको और धोऊँ क्या? और खिखि करके हँसने लगी।
मैं भी मस्त होकर बोला: बेटा ज़्यादा धोएगी तो रस निकल जाएगा।
वो हँसते हुए पानी डालने लगी। फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपटकर ख़ूब देर तक होंठ चूस चूस कर मस्त होने लगे।
फिर तौलिए से पोंछकर बदन सुखाकर बेडरूम मेंआए और उसको चूमते हुए बिस्तर पर लिटा कर उसपर छा गया। अब मैंने उसकी चुचि पर अपना मुँह रख दिया और क़रीब क़रीब पूरा संतरा मुँह में लेकर चूसने लगा। मेरी जीभ उसके निपल्ज़ को दबा रहे थे।अब मेरा दूसरा हाथ उसके दूसरी चुचि पर था। अब मैं उसकी दूसरे निपल को ऊँगली और अंगूठे से मसलने लगा। नेहा हायुय्य्य्य्य पापाऽऽऽऽऽऽ मर गईइइइइइइइइइ करने लगी। मैंने उसके हाथ ऊपर को किए उसकी बग़लों को चाटने लगा वो हाय्य्यय कर उठी।मैं उसके बग़लों की ख़ुशबू से जैसे दीवाना सा हो गया । अब अपना मुँह नीचे उसके पेट पर लाकर उसकी नाभि मेंजीभ डालकर चाटने लगा। फिर नीचे उसकी चूत को चूमने लगा।अब अपनी जीभ से मैं उसकी जाँघ और चूत के जोड़ को जीभ से चाटा एर वो मस्ती से अपनी कमर उछालने लगी। अब मेरी जीभ उसकी चूत पर घूम रही थी। अब मैंने उसकी फाँकोंको फैलाया और उसके अंदर गुलाबी छेद देखकर लंड तो जैसे पागल ही हो गया। मेरी जीभ अब उसके छेद के अंदर जाकर उसको मस्त कर रही थी। वो अब अपनी कमर उछालने लगी और अपनी चूतको मेरे मुँह पर रगड़ने लगी।चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
अब मैंने उसकी टाँगें ऊपर को उठाया और चिकनी गाँड़ का भूरा छेद देखकर मेरा लौड़ा मस्ती से भर उठा।अब मेरी जीभ उसकी गाँड़ चाटने लगी। नेहा हाय्य्य्य्य्य्य कह के मुझे बहुत उत्तेजित कर दी।
फिर मैंने उसके जाँघों के बीच आकर उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा। मेरा सुपाड़ा उसकी चूत के मुहाने पर रखा और उसको रगड़ने लगा उसकी सिसकियाँ अब कमरे में गूँज रही थीं।
अब मैंने हल्के से दबाकर सुपाड़ा अंदर कर दिया, और कुँवारी चूत फट गयी और नेहा की चीख़ निकल गयी।
उसकी चीख़ की परवाह ना करते हुए मैंने अब ज़रा ज़ोर का धक्का मारा और लौड़ा आधा तो पेल ही दिया।अब उसके आँसू निकल आए थे। मैंने उसके आँसू पोछते हुए उसके होंठ चूसने लगा। फिर उसकी चूचियाँ दबाते हुए चूस चूस कर उसको मस्त कर दिया।अब उसकी दर्द मेंकमी आयी देखकर मैंने अपना पूरा लौड़ा अगले ही धक्के मेंपूरा अंदर कर दिया। नेहा फिर से सिहर उठी और बोली:पापा प्लीज़ छोड़ दो आऽऽऽहहहह दुखताआऽऽऽऽऽ है नाऽऽऽऽऽऽऽ ।
मैंने उसके होंठों और छातियों पर अपने होंठों का हमला जारी रखा और जल्द ही वो हायुय्य्य्य्य हाय्य्य्य्य्य करने लगी। अब मैंने उसको चोदना शुरू किया और जल्द ही वो भी मेरा साथ देने लगी। मैंने अपने मुँह का थूक उसके मुँह में डाला जिसको उसने थोड़ी हैरानी के साथ अपने मुँह मेंनिगल लिया। मैंने उसको अपनी जीभ निकालने को कहा। उसकी जीभ बाहर आते ही मैंने अपने मुँह मेंलेकर उसकी जीभ चूसने लगा। अब मेरी चुदायी की गति बहुत बढ़ गयी थी। और वो हाय्य्य्य्य्यू मरीइइइइइइइइ करके झड़ने लगी। मैं भी अब तेज़ धक्कों के साथ झड़ गया।
मैंने देखा कि मेरा लंड थोड़े से ख़ून से भी सना था। बिटिया की सील जो टूट गयी थी।मैंने लंड को पोंछ कर सफ़ किया।
नेहा झड़कर बिलकुल तृप्त होकर आँखें बंद करके पड़ी हुई थी, वो बहुत ही प्यारी लग रही थी। मैंने झुककर उसके गाल चूमे और बोला: बेटा मज़ा आया ना? बहुत चिल्ला चिल्ला कर मज़ा ले रही थी?
नेहा: हाँ पापा बहुत मज़ा आया, पर शुरू में बहुत दुखा था, मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि आपका इतना बड़ा मेरे अंदर घुसा कैसे?
मैंने उसकी जाँघों पर हाथ फेरते हुए कहा: अरे बेटा इसमें तो इससेभी बड़ा घुस जाएगा। मैंने अपने लंड की तरफ़ इशारा करते हुए कहा।
उसने हाथ बढ़ा कर मेरे नरम लंड को प्यार से पकड़ा और बोली: पापा देखिए कैसे मुँह लटकाए पड़ा है जैसे इसकी कोई ग़लती ही नहीं, और इसने मेरी चूत फाड़ दी है।
उसके मुँह से चूतशब्द सुनकर मैं मस्त होकर उसको चूमने लगा और बोला: चलो बेटा अब फ़्रेश हो जाओ, आज थोड़ी जलन रहेगी तुम्हारी चूतमें ।कल से सब ठीक हो जाएगा। और हाँ पहली चुदायी की बहुत बहुत बधाई।
वो हँसते हुए मेरी बाहो मेंसमा गयी।
ये कहते हु अपनी और अपनी बेटी नेहा की पहली चुदायी का क़िस्सा ख़त्म किया।
The end