ससुर से पट ही गयी बहु रानी

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मैंने हाथ बढ़ाके उसकी एक चुचि अपने पंजे में भर ली और बोला: जब हम दोनों नहीं बताएँगे तो उसे कैसे पता चलेगा?

वो बोली:डैडी, कार चलाइए ध्यान से,और मेरा हाथ हटाके बोली:क्या कर रहें हैं, प्लीज़ मुझे डर लग रहा है। तभी घर आ गया और हम अंदर पहुँचे। अंदर आकर मैंने अपना उतावलापन दिखाते हुए उसको अपनी बाहों में भर लिया,उसने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश की तो मैंने उसको छोड़ दिया।

वो बोली:डैडी,ये ग़लत हो जाएगा,मैं नज़ीर को क्या मुँह दिखाऊँगी।

मैं बोला: देखो, मैंने तुम्हें अपनी प्यास बुझाने के लिए अपनी चूत मेंऊँगली करते हुए देखा है,मैं तुम्हें ख़ुश देखना चाहता हूँ, वो ख़ुशी देना चाहता हूँ जो मेरा बेटा नहीं दे सका।

वो शर्मा गयी, और बोली:हाय, आप क्या मेरे कमरे में झाँकते रहते हैं?

मैं हँसके बोला: मेरा तो मन करता है कि हमेशा तुमको ही देखता रहूँ।और इतना प्यार करूँ कि तुम्हारा जीवन ख़ुशियों से भर दूँ।

वो भावुक होकर बोली:डैडी, क्या सच मेंआप मुझे इतना चाहते हैं?

मैं भी बोला: हाँ बेटी,तुम्हें मैं पागलों की तरह चाहता हूँ।

ये कहते हुए मैंने अपनी बाहें फैला दिया और उसकी तरफ़ आशा भरी नज़रों से देखने लगा।वो थोड़ी परेशान दिख रही थी और फ़ैसला नहीं कर पा रही थीकिमेरी बात माने या ना माने।मैंने आख़री तीर मारा और बोला: एक बार मेरी बात मान जाओ और मैं तुम्हारा जीवन ख़ुशियोंसे भर दूँगा! मैं अपने बेटे जैसा वहशी नहीं हूँ,तुमहे बहुत प्यार करूँगा।

और अचानक जैसे उसने फ़ैसला किया और दौड़ के आयी और मेरी बाहों में समा गयी।मेरा हाथ उसकी पीठ पर था,और मेर होंठ उसकी गरदन पर थे और मैंने उसका चुम्बन लेना चालू किया,गले का,फिर गालों का, फिर नाक का, फिर उसके माथे का और आख़िर मेंउसके होंठों का चुम्बन लेने लगा।वो भी मेरा साथ देने लगी,अब मेरे हाथ उसकी पीठ से नीचे आकर उसके मोटे नितम्बों पर आ गए,मैंने उसके नितम्बों को दबाना चालू किया।वो भी मेरी हरकतों से गरम हो गयी थी।फिर मैंने उसके ब्लाउस के बाहर झाँकती हुई छातियोंको चुम्बन लेने लगा। फिर मैंने उसकी छातियाँ ब्लाउस के ऊपर से दबाने लगा।वो अब मस्त होने लगी,उसकी आँखें भारी होने लगी।फिर मैंने उसे गोद में एक बच्ची की तरह उठा लिया और बेडरूम मेंलेज़ाकर बिस्तर पर लिटा दिया।

बिस्तर पर लेती हुई नूरी बहुत सेक्सी दिख रही थी, मेरी छेड़छाड़ से उसके साड़ी का पल्लू एक तरफ़ को हटा हुआ था और उसकी साड़ी आधी खुल गयी थी। ब्लाउस मेंकसे उसके मस्त कबूतर जैसे फड़फड़ा रहे थे बाहर आने को।उसका गोरा पेट बहुत सुंदर दिख रहा था और गहरी नाभि भी ऐसी दिख रही थी, जैसे वो भी लंड लेने को तैयार हो। मैंने उसको देखते हुए अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ जाँघिए में आ गया।मेरा लंड पूरा खड़ा था,और उससे बाहर आने के के लिए जैसे तड़प रहा था। नूरी की आँखें मेरे लंड के उभार को देख कर शर्म से झुक गयी।अब मैं उसके बग़ल मेंलेटकर उसको बाहों में लेकर चूमने लगा।वो भी थोड़ी देर बाद मेरा साथ देने लगी और हमारे होंठ जैसे एक दूसरे से चिपक गए थे।मेरा हाथ उसकी पीठ और नितम्बों पर था। फिर मैंने उसके ब्लाउस को खोला,उसने पूरा सहयोग दिया और ब्रा में क़ैद उसकी छातियों को देखकर मैं उनको दबाते हुए चूमने लगा। फिर ब्रा उतारकर मैंने उसकी छातियों का मर्दन करते हुए उनको चूसना शुरू किया।उसके निपल्ज़ बड़े होकर तन गए थे।मैंने उनको मसला और चूस।मैंने क़रीब १५ मिनट तक उसके दूध चूसे।वो भी मेरे सर को दबाकर छातियाँ चूस्वा रही थी,और आह्ह्ह्ह्ह्ह डैडी और हाय्य्य्य्य कर रही थी।

फिर मैंने उसकी आँखों मेंझाँकते हुए पूछा: मज़ा आया बेटी?

वो मस्ती में बोली: हाय डैडी बहुत मज़ा आया, हाय क्या चूसते हैं आप। नज़ीर तो बस चार पाँच बार इनको दबाकर एक दो किस

लेकर डालने के चक्कर मेंपड़ जाते हैं। हाय्यय ऐसा सुख तो पहली बार मिला है डैडी आप बहुत अच्छे हैं।

उसकी साड़ी उतारते हुए मै बोला: अरे ये तो ग़लत बात है, चूदाइ का मज़ा तो फ़ोरप्ले में ही आता है।और फिर मैंने उसका पेटीकोट का नाड़ा भी खोल कर उसकी पेटिकोट भी उतारने लगा।उसने अपनी कमर उठा दी ताकि मेरा काम आसान हो जाए, मैं समझ गया लौड़िया चूदवाने को एकदम तय्यार है।अब मैंने उसके नंगे पेट और नाभि को चूमा और चाटा और फिर उसकी जाँघों को भी सहलाते हुए जीभ से चाटने लगा।अब वो सिसकियाँ लेने लगीं और बोली: आह डैडी क्या कर रहें हैं आप।

मैं बोला: अपनी प्यारी बहू को मज़ा दे रहा हूँ।

वो बोली: हाय इसमें इतना मज़ा है, मुझे तो पता ही नहीं था!

फिर मैंने उसकी पैंटी को सहलाना शुरू किया और उसकी गीली चूत का पानी उसकी पैंटी को भीगा चुका था।मैंने मस्ती से कहा: देखो तुमने सु सु कर दिया है।

वो शर्माके बोली: धत्त, कुछ भी बोल रहे हैं।

फिर मैंने उसकी चूत मेंअपनी नाक रख दी पैंटी के ऊपर से और उसको सूँघने लगा।

वो बोली: छि डैडी क्या सूंघ रहे है गंदी जगह को।

मैं बोला: इसको तुम गंदी जगह बोलती हो? अरे मर्दों के लिए तो ये जन्नत का दरवाज़ा है जिसके अंदर बस मज़ा ही मज़ा है,हे कहते हुए मैंने उसकी पैंटी के इलास्टिक में उँगलिया डालके पैंटी को नीचे खींचना शुरू किया।उसने भी कमर उठाके मेरा साथ दिया, और मेरे आँखों के सामने उसकी मस्त फुद्दी थी,आहक्या मस्त फूली हुई और साफ़ चिकनी फुद्दी थी। मैंने उसपर उँगलियाँ फेरीं और वो कांप उठी। फिर मैंने उसमें अपना मुँह डाल दिया और उसको चूमने लगा। वो फिर बोली: आऽऽऽऽहहह डैडी, वहाँ क्यों चूम रहे हो, वो गंदी जगह है।

मैं बोला: अरे मेरी बच्ची,तुम्हारे बदन का सबसे प्यारा अंग है, इसे तो मैं पूरे समय चूम सकता हूँ। और उसकी टाँगे फैलाकर उसकी चूत चूमते हुए जीभ से चाटने लगा। वो सिसकारियाँ भरने लगी: हाऽऽय्यय डैडी क़याऽऽऽऽऽ कर रहे हो?आह्ह्ह्ह्ह मर जाऊँगीइइइइइइ।

मैं बोला: अच्छा लग रहा है बेटी?

वो बोली: आऽऽऽंब्ब डैडी बहुउउउउत्तत्त अछ्ह्ह्ह्ह्हा लगता है।

फिर मैंने अपना मुँह नीचे करके उसकी गाँड़ के छेद को भी चाटना शुरू किया।

वो चिल्लायी:आह्ह्भ्ह्ह डैडी छीइइइइ वहाँ मत चाटो। हाह्ह्ह्ह्य्य्य्य्य वो तो मतलब वह। से तो मैं चीइइइइइ गंदी जगह है।

मैं उसकी गाँड़ को और ज़ोर से चाटा और बोला: हाँ तुम यहाँसे टट्टी करती हो, यही ना, पर मेरी जान, ये भी मस्त छेद है और इसको चाटने और चोदने में भी बहुत मज़ा आएगा।

वो बोली: आऽऽऽहहहह ऐसा नज़ीर ने तो कभी किया नहीं। मैं वापस उसकी फुद्दी चाटा और बोला:अरे अब मुझसे चूदवाने के बाद तुम नज़ीर को भुला कर मेरी होकर रह जाओगी। अब मैंने उसकी फुद्दीमेंदो उँगलियाँ डाली और उसके दाने को जीभ से रगड़ने लगा। वो ज़ोर से चिल्ल्लायी:आह्ह्ह्ह्ह्ह dasddddyyyyy मेरा हो जाएगा, ह्हाऽऽऽऽयय्यय । फिर मैंने अपने को रोक दिया और अपनी चड्डी से लंड को बाहर निकला और उसकी जाँघों को ऊपर करके उसकी चूत के छेद में अपने लंड का मोटा सुपाडा रखके उसको छेद की लम्बाइ में रगड़ने लगा और उसके दाने पर भी छुआ देता था, वो मज़े से उछल पड़ती थी।फिर मैंने बोला: बेटी, अब क्या करूँ?

वो बोली: हाऽऽऽय्यय डैडी क्यों तड़पा रहे हो, डाल दो ना।

मैं बोला; क्या डाल दूँ और कहाँ डालूँ?

उसने मेरी छाती पर एक हल्का से मुक्का मारा और बोली: आपका लंड मेरी चूत में डाल दीजिए।

मैं मस्ती से भर कर बोला: लो डाल दिया, और मैंने धक्का लगाया और आधा लंड अंदर फँसते हुए चला गया,फिर मैंने एक और धक्का मारा और पूरा लंड पेल दिया। वो आह्ह्ह्ह्ह करके चिल्लायी।मैंने अब उसके ऊपर आकर उसकी चूचियाँ और होंठों पर हमला किया। थोड़ी देर में वो गरम हो गयी अपनी कमर हिलाके बोली: हाय्य्यय डैडी, अब करिए ना।

मैं बोला: क्या करूँ? बोलो अपने मुँह से।

वो बोली: आप बहुत गंदे हैं, मुझसे गंदी बातें बुलवा रहे हैं।अच्छा लीजिए बोल देती हूँ, मेरे अच्छे डैडी जी आप अब मुझे चोद दीजिए और ये कहते हुए उसके मेरे कंधे पर अपने दाँत गड़ा दिए।

मैं मस्त ही गया और उसकी चूदाइ चालू कर दी। मैं पूरा ध्यान दे रहा था की उसको पूरा मज़ा मिले,और वो थोड़ी देर में चिल्लाने लगी: हाऽऽय्यय मेरा होने वाला है, डैडी जीइइइइइइइ! मैं रुक गया और उसके होंठ चूसने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने उसको पूछा: अब रुक गयी हो ना, या झड़ जाओगी?

वो शर्माकर बोली: नहीं अब रुक गया है।

मैंने कहा: तो अब चोदूँ?

वो शर्माकर बोली: जी करिए।

मैं बोला: क्या करूँ?

वो बोली: हाय्यय आप भी ना, चोदीये मुझे और ज़ोर से चोदीये।

मैं अब मस्ती से धक्के मारने लगा, और उसको मैंने कान मेंकहा: तुम भी अपनी कमर उछालो, जब मैं नीचे आता हूँ तुम ऊपर की ओर अपने चूतरोंको उछालो, और जब मैं ऊपर जाऊँ तब तुम भी नीचे जाओ। इस तरह से हमारे लंड और चूत का मिलन ज़बरदस्त होगा। वो बहुत जल्दी कमर उछालना सीख गयी।अब हम चूदाइ का पूरा मज़ा लेने लगे। हर धक्के में हम दोनों मज़े से आवाज़ें निकालते थे।वो अब फिर से चिल्लायी: आह्ह्ह्ह्ह्ह डैडी अब नहीं रुक रहा, मैंने कहा: कोई बात नहीं और ज़ोर ज़ोर से चूदाइ करने लगा।और जल्दी ही हम दोनों साथ में झड़ने लगे।झड़ते हुए वो बड़बड़ा रही थी: हाय्य्यय फाड़ दो मेरी चूत, आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह डैडी क्या मस्त चोद रहें है आप, आह इतना मज़ा आ रहा है, उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मैं गइइइइइइइइइइइ और फिर हम दोनों शांत होकर लेट गए, मैंने उसको अपनी बाहों में भरके चूमना चालू किया और उसकी छातियों को भी चूसा ।वो बहुत मस्त थी, बोली: हाय डैडी उसने इतना मज़ा है, मुझे तो ज़रा सा भी इल्म नहीं था, आह ऐसा लगता है कि असली सुहागरत तो आज हो हुई।मैंने प्यार से उसकी चुचि को चूसते हुए कहा: आज से तुम मेरी जान बन गयी,है ना?

वो मुझसे लिपट गयी और बोली: हाँ जी डैडी, बिलकुल।

मैं बोला: अच्छा बताओ, क्या अच्छा लगा, चूत या गाँड़ चटवाना या चूदवाना?

वो बोली: सब कुछ, पहले मुझे अजीब लगा की आप गंदी जगह को क्यूँ चाट रहे हैं पर बाद मेंबहुत मज़ा आया।

फिर मैंने उसको कहा: चलो बाथरूम चलते हैं और उसको लेकर बाथरूम में ले गया।फिर उसके सामने मैंने अपना लंड कोमोड की तरफ़ करके मूतना चालू किया,वो हैरानी से देख रही थी, मैंने हाथ पकड़के उसके हाथ में अपना लंड दे दिया।वो मेरे लंड से निकलती धार को देख रही थी।फिर उसने आख़री बूँद के लिए लंड को हिलाया, मैं ख़ुश हो गया।वो धीरे से अब खुल रही थी।फिर फ़्लश करके मैंने उसको कोमोड में बिठाया और मूतने को बोला।वो शर्मा के आँख नीची की पर मूतने लगी।उसकी चूत से सिटी जैसी बज रही थी, जो मुझे मस्त कर रही थी।वो खड़ी हुई और फ़्लश की फिर अपनी चूत धोने के लिए हैंड शॉवर उठाने लगी। मैंने कहा: मेरी जान अब तुम्हारी चूत मैं साफ़ करूँगा,ये कहके मैंने नीचे स्टूल में बैठ गया और उसकी चूत को साबुन पानी से अच्छी तरह से साफ़ किया, फिर उसको घूमकर उसकी गाँड़ की भी अच्छी तरह से सफ़ाई किया।उसके मस्त चूतरों को भी दबा दबा के साफ़ किया।अब मैं खड़े हो गया,और एक तौलिए से उसकी चूत और पिछवाड़े को सुखाया,और उसको बैठने का कहा,वो समझ गई की मैं क्या चाहता हूँ, उसने मेरे लंड और बॉल्ज़ और झाँटों पर साबुन लगाया और अच्छी तरह से सफ़ाई की।फिर मैं ख़ुद ही घूम गया और उसने मेरे चूतरों और गाँड़ की भी सफ़ाई की।अब मैं फिर पलटा और उसको तौलिया दिया तो उसने मेरे सामने और पीछे को सुखाया। अब मैंने अपना लंड अपने हाथ में लेकर उसकी छातियों पर फिराया, वो बैठे बैठे मेरी हरकतों का आनंद ले रही थी। फिर मैंने लंड उसके निपल्ज़ पर रगड़ा।उसके बाद मैंने उसके गालों पर छुआया।वो सिहर उठी, उसे आभास होने लगा था की मैं क्या चाहता हूँ। फिर मैंने लंड का सुपाड़ा उसकी नाक को लगाया।आख़िर में उसके होंठों से सटा कर उसको रगड़ने लगा।थोड़ी देर उसका मुँह बंद था पर फिर खुला और मैंने उसके मुँह में हल्का सा धक्का दिया और सुपाड़ा उसके अंदर चले गया।मैं बोला: बेटी, इसे लॉलीपॉपकी तरह चूसो, तो वो थोड़ा सा चूसी, शायद उसको अच्छा लगा, फिर मैंने उसको कहा कि इसको जीभ से सहलाओ । वो अब जीभ भी फेरने लगी। क़रीब पाँच मिनट की ट्रेनिंग के बाद ही वी मस्ती से मेरा लंड चूसने लगी। मैं हैरान हो गया की ये लौंडिया कितनी जल्दी सब सीख रही है।थोड़ी देर चूस्वाने के बाद मैंने उसको खड़ा किया और बिस्तर पर लेट गया और ६९ की पज़िशन में अपने ऊपर लिटाया। उसको समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या चाहता हूँ, पर जब वो मेरे ऊपर उलटी आयी तो समझ गयी की मैं उसकी चाटूँगा और वो मेरा चूसेगी।फिर मैंने उसके मोटे चूतरों को फैलाकर उसकी चूत और बाद में गाँड़ भी चाटा, और वो मेरे सिखाने पर मेरा लंड और बॉल्ज़ चाट रही थी।थोड़ी देर बाद वो जब मस्त हो गयी तो मैं बोला: बेटी, एक बार और चूदाइ हो जाए?

वो बोली: आह जी डैडी, चोदीये ना प्लीज़!

मैं ख़ुश हो कर बोला: चलो अबकि बार तुम मुझे चोदो।

वो मुझे हैरानी से देख रही थी, तो मैं बोला: अरे तुम घूम जाओ,और मेरी जाँघों पर बैठो। जब वो बैठ गयी, तो मैंने उसे उठाकर अपनी चूत फैलाकर मेरे लंड के ऊपर धीरे से बैठाया।फिर वो ख़ुद ही अपनी कमर नीचेकर के मेरा लंड अंदर कर ली।फिर मैंने उसको ऊपर नीचे होकर मुझे चोदने मो कहा।अब वो मुझपर कूदने लगी और मैंने उसकी उछलती हुई छातियों को दबाना और चूसना चालू कर दिया।मैंने उसको झुकाके उसके होंठ भी चूसे।अब वो मस्ती से मुझे चोद रही थी। मैंने उसकी छातियाँमसलते हुए कहा: बेटी क्या कर रही हो?

वो मस्ती लेते हुए बोली: हाऽऽयय्यय डैडी मैं आपको चोद रही हूँ, आऽऽऽऽऽऽहहहह कितनाऽऽऽऽऽऽऽ माऽऽऽऽ आऽऽऽऽ रहाऽऽ है।डैडी आपका बहुत मस्त लंड है, कितना मोटा है, हाय्य्यय कितना गरम है, मर्र्र्र्र्र्र गीइइइइइइइइइ,उद्द्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।और चिल्लाते हुए बोली: डैडी मैं झड़ रहीहीहीही हुन्न्न्न्न्न्न।मैंने भी नीचे से धक्के मारे और उसके साथ झड़ने लगा।

फिर वो मेरे ऊपर गिर गई और मैंने उसको बाहों मैंलेकर चूमने लगा।मैंने उसके नितम्बों पर हाथ फेरा और उसको चूमते जा रहा था।

The End

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