अंगूरी भाभी फस गई भवर में भाग 01

Story Info
सब्जी वाले ने फसाया अंगूरी को
4.8k words
4
76
3
0
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

कानपुर में एक ही औरत के चर्चे है वो है अंगूरी भाभी, जिनकी मासूमियत और भोलेपन के चर्चे कानपुर में चारो ओर फैले है. इस कारण कई बार अंगूरी भाभी को हवस में कई मर्दों ने गिरफ्त में लिया, जी हां ये कहानी उन्ही कांडोंकी है जो कांड ज्यादा तर लो क्लास लोगों ने अंगूरी भाभी के साथ किए है.

*पहला कांड*

एक दिन की बात है तिवारी आज अपने कच्छा बनियान के खोके केलिए घर से निकल ही रहा था के अंगूरी किचन से आई और अपने पति से बोल पड़ी के, "आते वक्त नार्केट से सब्जी लेके आना."

(इस वक्त अंगूरी भाभी मस्त माल लग रही है, लाल और हरे रंग के नकाशी वाली सिल्क सारी में अंगूरी भाभी बेहद ही ज्यादा खूबसूरत लग रही है. ५.४ कद वाली अंगूरी भाभी ने अपनी सारी नाभी के नीचे पहनी हैं जिस कारण अंगूरी भाभी की २८ साइज की कमर और नंगा पेट नाभी के साथ एक साइड से दिख रहा है, उसी के साथ ऊपर अंगूरी के ३४ साइज के चूचे ब्लाउज से किसी बड़े आमोंकी तरह दिख रहे है, उपरसे उनकी ३५ साइज की गांड की फांके तो सारी से उभरकर फैली हुवी कामुकसी दिख रहीं है. और मांग में सिंदूर गले में मंगलसूत्र, हाथ में कंगन, पैर में पायल पहनी हुवी अंगूरी साक्षात काम देवी ही लग रही है.)

अपनी पत्नी की बात सुन चिढ़ते हुवे तिवारी अपनी कामुक पत्नी से बोला, "अरे पगली, वो नार्केट नही मार्केट होता है जिधर में नही जासकता अभी, दुकान में बहुत काम है." ऐसा बोलकर तिवारी किसी बात की चिंता किए बिना घर से चला गया. उसे क्या पता था के कोई भेड़िया उसकी बीवी का शिकार करने के लिए पूरा प्लान बनाए हुवे है अब वो भेड़िया कौन है ये आपको आगे पता चलेगा.

अंगूरी पहले पहले तो मार्केट अकेले ही जाती थी लेकिन कोई गिने चुने लोग अंगूरी जब भी आती उसके नजदीक से गुजरकर गंदे कमेंट्स करते थे, जैसे के, "अरे मेरी रानी जरा अपना दूध तो पिलाओ." और डबल मीनिंग वाले गंदे गाने गाते थे, जैसे के, "खड़ा है खड़ा है खड़ा है, दर पे तेरे आशिक खड़ा है."

इतना ही नहीं बल्की वे लोग अंगूरी जहा सब्जी लेरही होती तब पीछे से गांड को हाथ लगा कर पीछे से गुजर जाते थे. तब भी अंगूरी उन लोगोंको कुछ नही कहती थी, ये सब जब रोज रोज होने लगा तो तब जाकर अंगूरी ने अपने पति को रोज सब्जी लाने भेजना शुरू किया. पहले तो तिवारी सब्जी लाने वाली बात पर भड़क उठा के कैसे कोई मर्द सब्जी ला सकता है लेकिन जब अंगूरी ने अपनी सास से शिकायत की तब जाकर तिवारी नचाहते हुवे भी रोज जब भी जरूरत पड़ती तब सब्जी लाने चला जाता था. उसको याने तिवारी को क्या पता के उसकी बीवी अंगूरी पर क्या बितती थी जब वो सब्जी मार्केट चली जाती थी. लेकिन शर्म और डर से भोली अंगूरी ने सब बाते दबाकर अपने दिल के किसी कोने में रखदी थी.

अपने पतिके घरसे निकलते ही अंगूरी भी घर लॉक करके उसी सारी के गेटप में बाहर चली गई सीधा मार्केट में. मार्केट में देखा तो वे छिछोरे लोग वहा तब मौजूद ही नही थे. तो अंगूरी ने राहत की सांस ली. उन लोगोंके ना होने का कारण हीं यही था के अंगूरी की जगह पहले तिवारी सब्जियां लेने आने लग चुका था इसी वजह से दांत पीसकर वे लोग मार्केट में आना ही बंद किए हुवे कई और अपना ठिकाना बसा चुके थे जहां वे औरतोंकी छेड़छाड़ कर सके.

लेकिन उस सब्जी मार्केट में एक ऐसा भी आदमी था जिसे अंगूरी भाभी की कमजोरी अच्छी तरह से पता थी. तो वो था रहीम जिससे अंगूरी ज्यादा तर सब्जियां लेती थी. तो आज भी अंगूरी उसी के पास जाहि रही थी के रहीम दौड़ते हुवे अंगूरी के पास आया और बोला, "या अल्लाह, ये क्या कर दिया भाभी आपने."

अंगूरी रहीम की बात से डर सी गई और बोली, "की की हुवा रहीम चाचा."

रहीम ने अंगूरी की ओर पीछे की ओर इशारा करते हुवे एक चपटे हुवे नींबू की ओर इशारा किया और वो बोला, "किसीने काला जादू करके ये नींबू यहां रखा था ताकी कोई इसपर पाव रखे और उस पाव रखने वाले पर उसकी मुसीबते आजाए, याने आपकी पूरी फैमिली अब खतरे में है."

तो जी हां वो भेड़िया रहीम ही है जिसे अंगूरी की कमजोरियोंका पता है. उसी हिसाबसे उसने नींबू वाला प्लान बनाया. उसे पता लग चुका था के अंगूरी अनपढ़ गवार और भोली थी, और कई लोगों के छेड़ छाड़ का विरोध भी ज्यादातर अंगूरी ने नही किया था.

अपनी फैमिली को खतरे में देख अंगूरी टेंशन में आगई और सामने खड़े हट्टे कट्टे रहीम को देख वो रोती शकल बनाकर बोली,"hmm कोई तो उपाय होगा चाचा."

रहीम को जैसे ही अंगूरी की रोती हुवी शक्ल दिखी तो उसे अपना प्लान सही जारह़ा है ये समज आया.

अंगूरी की रोती शकल देख रहीम बोला, "तो जल्दी से मेरे साथ उस झोपड़े में चलिए."

अंगूरी बिना सोचे समझे रहीम के जाल में फस गई और वो उस झोपड़े में जाने केलिए तयार होगई.

झोपड़े में पहुंचते ही रहीम अंगूरी के कामुक बदन को उपरसे नीचे तक देख बोला, "क्या आप में कहूं वो कर पाएंगी, जिससे आपकी फैमिली सेफ होजाएगी."

अंगूरी ने गर्दन हिलाकर हां में जवाब दिया.

(अंगूरी भाभी को तो आप जानते ही होंगे लेकिन में अब आपकों रहीम के बारे में बताने जारहा हू, रहीम एक ५.९ फिट कद वाला हट्टा कट्टा मर्द है जिसकी उम्र है ४५ साल और पूरा काला कलूटा है वो, चेहरे पर मुल्ला दाढ़ी के साथ गालपर एक घाव का निशान है जो उसे खूंखार और बदसूरत बनाता है, उसकी बत्तीसी गुटखा, तंबाखू खा खा कर सड़ चुकी है.)

अंगूरी ने जैसे ही हां में जवाब दिया वैसे ही रहीम ने अपनी पीली बत्तीसी दिखाते हुवे वो बोला, "आपको अपने वस्त्र त्याग कर मेरे साथ संभोग करना होगा इसी से आपके ऊपर जो काला जादू चढ़ा हुवा है वो उतर जाएगा. अगर ये शर्त आपको पसंद नही तो आप बेशक यहासे अपने रिस्क पर जासकती है"

रहीम की बात सुन अंगूरी निशब्द १ मिनट केलिए खड़ी रही और फिर बोली, "में शादी शुदा हु जी, कोई और तरीका नाही है का?"

रहीम को अंगूरी भाभी की बातो में उसकी बात के प्रति एक्सेप्टेंस महेसुस हो रहा था जिसे महेसुस कर रहीम की हवस में चार चांद लग गए और वो आगे बोला, "नही, दूसरा कोई तरीका नहीं है. में भी आपके जैसी पवित्र नारी के साथ ऐसा नहीं करना चाहता." ऐसा बोलकर वो झोपड़ी से बाहर जाने का नाटक करने लगा तभी उसके मुताबिक, अंगूरी सुरीली आवाज में बोली, "नाही प्लीज मत जाओ मुझे इस संकट में छोर कर."

रहीम रोती हुवी शकल बनाकर बोला, "हमसे नही होगा भाभीजी, आप मुझे देवी समान है. कुछ घंटे हमे मिया बीवी की तरह बिताने होंगे जो में बिता नही सकता भाभीजी. ये होने के बाद तिवारी साहब को कैसे में मुंह दिखाऊंगा."

रहीम खुदको ज्यादा से ज्यादा पाक साफ दिखाने में लगा था और उधर अंगूरी के आंसू टपकते हुवे वो अब मझधार में अटकने जैसा अनुभव उसे होरहा था तब अपनी फैमिली के खातिर वो अटकते हुवे बोल पड़ी, "वो वो हम वो, कुछ घंटों की तो बात है."

अंगूरी जैसे ही रहीम के मन मुताबिक खुलकर बोल पड़ी तब रहीम के पर निकल आए और वो बोला, "नही भाभी जी नही हमसे ना हो पाएगा ये पाप." ऐसा बोलकर वो झोपड़ी से बाहर जाने का नाटक फिर से करने लगा.

तभी अचानक अंगूरी ने रहीम का हाथ थाम लिया और उसे अपनी ओर खींच कर बाहों में लेकर बोली, "अब आप ही है मेरे पति कुछ घंटों केलिए, जो मनमानी करनी है करलो."

अंगूरी को अपने कामुक बदनकी अच्छे से जानकारी थी जो किसी भी ८० साल के बूढ़े का लंड खड़ा करे ऐसा बदन है अंगूरी का तो ये रहीम क्या चीज है इसी कैलकुलेशन से अंगूरी ने कोई भी मनमानी करने की आजादी रहीम को देदी जिस्से उसके हिसाबसे उसे इस संकट से रहीम बचाले पर उसे क्या पता था के ये सब तो रहीम का ढोंग था, अंगूरी को तो अपने तरफसे कोई भी एफर्ट्स डालने की जरूरत ही नही थी जब उसने कहा था के, "वो वो हम वो, कुछ घंटों की तो बात है." इस बात पर ही अंगूरी पर चढ़ जाता रहीम लेकिन ऐसे अभी जो गले खुदसे लगी है अंगूरी रहीम से वो ही चीज मिस होजाति इसी वजह से रहीम ने नखरे किए थे. लेकिन अब जबकि अंगूरी उसके बहोन्मे थी तो वो अब खुल्ला सांड था अब तो.

अंगूरी ने अपने हाथोंसे रहीम को बांहों में जकड़ रखा था, उसके स्तन रशीद के सीने से पूरे दबे हुवे रहीम को महेसुस होरहे थे, तभी रहीम ने अंगूरी की कमर को दोनो हातोंसे पकड़ा और सामने चिपक कर खड़ी अंगूरी को देख बोला, " आप अगर ऐसे करोगी भाभी तो में अपने आप को रोक नहीं सकता."

तभी अंगूरी उसकी बात का जवाब देते हुवे रहीम की अंखोनमे आंखे डालकर वो बोली, "तो मत रोको अपने आप को." तभी रहीम ने अंगूरी के गले के पास जाकर कान में धीमी आवाज में वो बोला, "जैसी आपकी मर्जी मेम्मसाहब." ऐसे बोलकर अंगूरी के गले पर किस्स करने लगा. जैसे ही एक घिनौने लो क्लास मर्द का चुंबन अपने शरीर पर महेसुस हुवा तब अंगूरी सिहर उठी, उसका रोम रोम कांप उठा. अपने पति के अलावा किसी गैर मर्द की बाहोंमें अपने आप को पाकर वो परेशान तो थी लेकिन उसके साथ ही वो कामुक भी होरही थी. रहीम के शरीर और मुंह की बदबू से भी अंगूरी के शरीर में कामुत्तेजना बढ़ रही थी. आज पहली बार उसके संस्कारों ने अंगूरी को मुसीबत में डाला था, अंगूरी जो भी कर रही थी उसके हिसाबसे वो अपने परिवार के लिए कर रही थी.

गर्दन पर चूमते चूमते रहीम ने अपने दोनो हाथ कमर से नीचे सरकाए और उन्हें वो अंगूरी की सारी के उपरसे गांड की फलकोंके ऊपर लेगया और उन्हें वो मसलने लगा.

रहीम की इस कामुक हरकत से अंगूरी की आहे निकलने लगी, "ahhh hmm ahh हाय री दय्या ahh." सिसकारने के लिए जैसे ही अंगूरी ने मुंह खोला रहीम ने अपने होंठ अंगूरी के खुले होठों से मिलाए और अंगूरी के गुलाबी रसीले होठों का वो रसपान करने लगा.

झोपड़ी में माहोल बहुत गर्म हो चुका था, एक लो क्लास मर्द के हाथ एक हाई क्लास औरत लग चुकी थी जिसके होंठ वो किसी टॉफी की तरह चूस रहा था, रहीम अपनी जीभ से अंगूरी की जीभ भिड़ाकर मस्त फ्रेंच किसिंग चल रही थी दोनो में. और पिछेसे वो अंगूरी की ३५ साइज की गांड की फल्के अपने दोनो हाथोंसे किसी आटे की तरह गूंठ रहा था. कुछ १० मिनट के किस्स के बाद रहीम ने किस्स तोड़ा, और रहीम ने अंगूरी की सारी का पल्लू एक हाथसे पकड़ा और उसे खींचने लगा तब अंगूरी गोल गोल घूमती रही जब तक पूरी सारी बदन से अलग नहीं हुवी, अब वो सिर्फ सफेद पेटीकोट और लाल ब्लाउज में ही थी. उसे इस कामुक रूप में देख रहीम हवस से पगलासा गया उसे यकीन नही होरहा था के इतनी आसानी से एक हाई क्लास औरत उसके घिनौने चंगुल में फसी थी.

अंगूरी की सारी निकालने के बाद उसने अपनी नीली धोती उतारकर फेंक दी साइड में और अपनी फटी पुरानी अंडरवियर, और बनियान भी उसने उतार कर फेंक दी. अब रहीम पूरा नंगा हो चुका था जिसे एक पलके लिए देख अंगूरी ने अपनी नजरे झुकाली. एक पल केलिए जो कुछ अंगूरी ने देखा था वो डरा देने वाला था क्योंकि अंगूरी ने सफेद काले बालोंसे भरी छाती के अलावा उसने रहीम का काला लंड भी देखा था जो ९ इंच लंबा और ४ इंच मोटा था जिसे देख वो डर सी गई के कैसे ये विशालकाय लंड उसकी मासुमसी गुलाबी चूत में घुस पाएगा. वो नाचाहते हुवे भी अपने पति के ६ इंच लंबाई और ३ इंच मोटाई वाले लंड से रहीम के लंड से कंपैरिजन कर रही थी.

तभी रहीम सामने नजर झुकाए खड़ी अंगूरी को वो बोला, "मैडमजी ऐसे शर्माओगी तो कैसे चलेगा, चलिए आइए और मेरे लंड से प्यार कीजिए." ये बात सुनते ही अंगूरी फ्लैश बैक में चली गई के कैसे उसके पति तिवारी ने उससे लंड चूस कर देने की बात की थी, और वो पहले ना ना कहेकर परेशान होकर उसने अपने पति तिवारी का लंड चूसा था, लाइफ में पहली बार वो उसने किया था. पहली बार से लेकर वो लंड चूसने में इतनी माहिर होचूकी थी के तिवारी का ज्यादातर लंड का पानी अंगूरी के लंड चूसकर देने से ही बहे जाता है, और वो सेक्स के मामले में प्यासी रहे जाती है.

अंगूरी को सारी के बिना बहोत शर्म आरही थी, सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में अंगूरी को अजीबसा कामुकसा लग रहा था. रहीम के कुछ घंटे के पति होने के वजह से अंगूरी कुछ छिपा भी नही रही थी ताकी उसके ऊपर जो काला जादू हुआ है वो पूरी तरहसे मीट सके.

(कितनी भोली है अंगूरी भाभी.)

रहीम के आदेशानुसार अंगूरी काले सांड रहीम के आगे नजदीक जाकर घुटने के बल बैठ जाती है. और काले तनकर खड़े लंड को एक हातसे जकड़ लेती हैं तब उसे लंड के अंदर की हर नस की हलचल उसे महेसुस होरहि थी और पेशाब, पासीनेकी मिलीजुली बदबू अंगूरी का दिमाग चकरा रही थी. फिर वो उस लंड को हिलाना शुरु करती है. दूसरी ओर रहीम अलग ही नशे में था, एक हाई क्लास औरतको अधनंगा करके उसे अपने लंड से खेलता देख उसके अंदर की हवस और भी ज्यादा बढ़ रही थी.

वो और आगे बढ़कर अंगूरी से बोला, "मेरे लंड को अब चाटकर साफ़ करो मेम साहब."

रहीम का ऑर्डर आते ही अंगूरी नचाहते हुवे भी अपनी गुलाबी जीभ से रहीम के लंड को पूरी लंबाई से और मोटाई से चाटने लगी, और फिर जैसे वो अपने पति तिवारी के सात करती थी वैसे ही ट्रिक्स वो यहा भी यूज करती है, उसने रहीम के गोटे मुंह में लेकर वो चूसने लगी और एक हाथ से वो रहीम का लंड हिलाने लगी.

दूसरी ओर रहीम अंगूरी की लंड से खेलने की कला को देख इंप्रेस हुवा, और कामुक आहे भरते हुवे बोला, "मस्त लग रहा है मेमसाहब, ऐसे ही चुसिए ahhhhhhh hmm ah ah ahhh."

Ssssrap sssssrap sssssssarap ki लंड चाटने की कामुक आवाजें आरही थी.

गोटे चूसने के बाद अंगूरी जीभ को लंड की जड़ से लेकर टोपे तक वो चाटते हुवे आई और आखिरमे अंगूरी ने उसका लंड मुंह में भर लिया, अपनी जीभ से टोपे से टपकता हर प्रीकम उसने गटक लिया.

वो अब रहीम की ओर देख कर आधे लंड तक मुंह में लेकर वो लंड चूस रही थी.

रहीम अब ज्यादा से ज्यादा ना झड़ने का ही ट्राय कर रहा था. रहीम को अंगूरी लंड चूसने में माहिर है ये उसे पता लग चुका था.

रहीम, "ahhhh ahh ah ah ahh."

लंड चूसने की आवाजे,"ghhhlatt gholt gghghhhh ghhhghhhh ahh ahhh ghhh."

तभी रहीम ने अंगूरी के खुले बालोंको पकड़ा और उसने अपना पूरा लंड अंगूरी के गले तक उतार दिया, ऐसे उसने सिर्फ चार पांच बार किया क्योंकि वो ऑलमोस्ट झड़ने के करीब था.

पूरा लंड जब अंगूरी के मुंह में उतरता तब अंगूरी की सांसे ही थम जाती थी इसी तरीकेसे जैसे ही रहीम ने आखरी बार लंड अंगूरी के गले तक पेला तब उसने खींचकर लंड बाहर निकाला जो अब पूरा अंगूरी के सलायवा से पूरा गीला हो चुका था.

और दूसरी ओर अंगूरी तेज़ सांसे लेते हुवे हांफती हुवी खांसते हुवे बोली, "ah ah ah आपने तो जान ही लेली थी मेरी, ahhh."

तभी रहीम बोला, "मेमसाहब अब लेट जाओ पीछे."

रहीम के कहेनुसार अंगूरी पीछे फर्श पर पीठ के बल लेट गई और आगे अब क्या होने वाला है ये सोचकर ही अंगूरी की गुलाबी चूत गीली हुवे जारही थी.

रहीम पूरा नंगा अंगूरी के ऊपर आजाता है और अंगूरी को बुरी तरह अपने सांड जैसे शरीर से मसलते हुवे फिर एक फ्रेंच किस्स शुरू होजाता है.

"Mhhhhuhh mmmmhhh mmmm."

इस बार रहीम अंगूरी के ऊपर था तो सारा थूक रहीम का अंगूरी के मुंह में जारहा था जो वो मजे से गटक भी रही थी. तभी अचानक रहीम ने फ्रेंच किस तोड़ा और अपने दोनो हातोंसे वो अब अंगूरी के ब्लाउज में कैद ३४ साइज के स्तनोंको बड़ी ही बेदर्दी से मसलने लगा, रहीम को अंगूरी के स्तन किसी स्पंज जैसे मुलायम लग रहें थे जिन्हें दबाने और मसलने में बड़ा ही उसे मज़ा आरहा था.

दूसरी ओर अंगूरी दर्द और कामुक वासना के जाल में फसते हुवे सिसकारियां भर रही थी, "ahhh जरा धीरे मेरे पति देव, में कही भागी नहीं जारही ahhh ahhh ahh."

अंगूरी की बात को अनसुना कर अब रहीम ने अंगुरिका ब्लाउज खोल दिया था जो अब दोनो तरफसे कंधे से लटक रहा था, फिर लाल ब्रा को नीचे की ओर खींचकर नीचे कर रहीम ने अंगूरी के चूचे आजाद करदिए जो अब रहीम के सामने का नजारा जो था वो ये था के अंगूरी के १ इंच लंबे निप्पल तनकर खड़े ऐसे दिख रहे थे के जैसे किसीको चूसने बुला रहे हो, और पहले जो चुचोंकी दबाई और मसलाई हूवी थी इस कारण चुचोंका रंग पूरा गुलाबी लाल होचूका था, जैसे लाल रंग वाला झंडा दिखा कर युद्ध के लिए पुकार रहा हो वैसे ही अंगूरी के लाल चूचे दिख रहे थे. ये युद्ध का आमंत्रण रहीम ने स्वीकार करलिया और टूट पड़ा अंगूरी की चुचियोंपर, पहले दाई चूची मुंह में ली और दूसरी चूची को हाथ से मसला और फिर दाई चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा. निपल को वो दांत से पकड़कर वो कभी कामुक अंदाज में ऊपर की ओर खींचता तो कभी पूरे चूचे को मुंह में लेने की जिद कर जो नामुंकिन था वो कर रहा था.

दूसरी ओर अंगूरी अपने कामुक बदन पर होते सितम सहते हुवे कामुक सिसकारियां ले रही थी, "ahhh ahh हाय री दय्या, मर गई री."

कुछ १५ से २० मिनट तक रहीम अंगूरी की चुचियोंपर सितम ढाता रहा फिर आखिरमे उसने चुचियोंसे मन भरने के बाद एक बार दोनो हातोंसे

निप्पल पकड़े और ऊपर की ओर बेदर्दीसे लेजाकर छोर दिए जो आखिर में जिगल करते हुवे शांत हुवे.

अंगूरी, "अअह्ह्ह्ह्ह हाय राम, कितने शैतान हो तुम, इतना कोई दर्द देता है किसीको" और फिर वो अचानक ये बोलकर थर थर वासना से कांपने लगी जी हां रहीम ने अंगूरी की चूत पेटीकोट के उपरसे ही एक हाथ से भींच ली थी जिस कारण अंगूरी वासना से थर थर कांपने लगी थी. तभी अचानक रहीम अंगूरी के पैर के नजदीक गया और एक पैर को उठाकर उसके अंगुठेंको चूसने लगा ये हरकत किसी ने पहली बार अंगूरी के साथ की थी तो ये उसके लिए नया था और मजेदार भी था, इस्से अंगूरी की धीमी सिसकारियां निकलने लगी, "अह्ह्ह्ह्ह ah ha ahh oh hah."

पैर की पायल की छन छन भी अब कामुकता से पैर हिलाने से बज रही थी जिसे सुन रहीम का जोश और बढ़ा और बारी बारी अंगूरी की सारी दोनो पैरोंकि उंगलियां चाटने के बाद अब वो आगे बढ़ा, अंगूरी के पेटीकोट को ऊपर फिर और ऊपर लेजाते हुवे पहले अंगूरी की पिंडिलिया दोनो हातोंसे मसली फिर और ऊपर बढ़कर मांसल जांघोंको मसलने चूमने चाटने के बाद वो और ऊपर गया अब अंगूरी की कमर्तक पेटीकोट आचूका था अब अंगूरी की आंखे शर्म से बंद थी क्योंकि उसके काम रस से भीगी काले सफेद नकाशी वाली पँटी रहीम के सामने थी जो उसने कामुक अंदाज में निकालने लगा जिसपर अंगूरी ने अपनी गांड को ऊपर कर रहीम का पँटी उतार ने में सहयोग दिया.

अब सारा खेल लो क्लास रहीम के सामने था याने एक हाई क्लास औरत याने अंगूरी रहीम के सामने साक्षात नंगी थी.

चूस चूस कर टमाटर की तरह लाल हुवे चूचे जिन्ह पर उसने नजाने किस हद तक सितम ढाए थे. रहीम की थूक और हर विभस्त हरकत के लाल निशान अंगूरी के हर जगह मौजूद थे, जो अंगूरी को और भी कामुक बना रहे थे.

पँटी और ब्रा के हटते ही अंगूरी के गाल शरमसे लाल हो गए थे, अब उसके कामुक अंग निर्वस्त्र रहीम के सामने पेश थे, जिस कारण शर्म से अंगूरी भाभी की आंखे बंद थी.

पहले तो रहीम ऊपर से नीचे तक अंगूरी भाभी को नंगा देखता ही रहा और अपने लंड को एक हाथ से मसलते हुवे उसने अंगूरी के पैर जरा फैला दिए जिससे अब अंगूरी की गुलाबी चूत साफ रहीम को दिख रही थी. पूरी चूत क्लीन शेव्ड थी बस जरासी झाटे थी, यकीनन तिवारी ने ही अपनी बीवी को चूत क्लीन शेव्ड रखना सिखाया होगा नही तो अनपढ़ गवार अंगूरी कौनसा झांटे साफ़ करती.

अंगूरी की दिल की धड़कने धक धक हो रही थी, उसकी आंखे बंद और नंगे पैर पूरे फैलाए हुवे थे.

तभी अचानक अंगूरी को अपनी चूतपर गरम सांसे महसूस हुवी तो आंखे खोलकर देखा तो रहीम अंगूरी की चूत के बेहद नजदीक था और अंगूरी की ओर देख बोला, "मेम साहब आपने मुझे मेरा लंड चूसकर परमसुख दिया अब वो सुख आपको देने की बारी अब मेरी है." ऐसा बोलकर अंगूरी की टांगे अपने दोनों हाथोंसे उसने फैलाकर आगे की ओर झुकाकर रख दी जिससे अंगूरी के दोनो कामुक छेद दिख सके तो फिर आगे उसने अपनी जीभ से अंगूरी की चूत को चाटने लगा. उसे यकीन ही नहीं होरहा था के जो हाई क्लास औरत उसके यहा सब्जियां लेने आती थी वो अब उसके सामने नंगी फर्श पर टांगे फैलाए हुवे लेटी है. ये अहसास होते ही रहीम की हवस में और इजाफा हुवा और वो अब क्लिट को दांत में बीच बीच दबाते हुवे अंगूरी की चूत को वो बारी बारी चूसने लगा, चूत के छेद में दो उंगलीया डालके अंदर बाहर वो उंगली करने लगा तब अंगूरी काम उत्तेजना से पैर पटकने लगी, जिससे पायल की छन छन चारो ओर झोपड़ी में गूंज उठी जो काफी कामुक थी.

झोपड़े का नजारा बड़ा ही कामुक था, एक हाई क्लास औरत एक लो क्लास सब्जी वाले के सामने पूरी नंगी लेटी थी और वो सब्जी वाला उस औरत की चूत चाट रहा था, और फिंगरिंग कर रहा था. अगर ये नजारा कोई देखे तो यकीन ही नहीं करेगा अपनी आंखों पर जो कुछ झोपड़े में होरहा था उसे देख.

दो उंगलीयोंसे फिंगरींग करने के बाद रहीम ने सीधा अपनी जीभ ही चूत के छेद में डाल दी और अपनी जीभ वो अंदर बाहर करने लगा जैसे के वो अंगूरी की चूत जीभ से चोद रहा हो.

तभी दूसरे हाथ से रहीम ने अंगूरी की क्लीट को मसलना शुरू किया जब वो अपनी जीभ से अंगूरी की चूत चोद रहा था तभी अंगूरी जोर काम उत्तेजना से चिल्ला उठी, "ahhh मैं तो गई." ऐसा बोलकर ढेर सारा काम रस अंगुरी ने रहीम के मुंहपर उड़ेला, जिसे रहीम सपाचट करगया, जो काम रस की बूंदे अंगूरी की गांड की छेद पर आगिरी उन्हे भी रहीम ने चाटा और मन ही मन बोला, "इसकी गांड तो वर्जिन लग रहीं है, इसकी गांड मारने में मजा आयेगा, साला लेकिन आज नही होपाएगा, अच्छा खासा वक्त चाहिए इसकी गांड खोलने के लिए." ऐसा सोचते सोचते वो घुटने के बल अंगूरी की फैली टांगो के बीच खड़ा हुआ और ढेर सारा थूक लंड पर गिरा कर उसने अपने लंड का टोपा अंगूरी भाभी की चूत पर सेट करदिया और वही चूत में घुसाए बिना अंगूरी की टांगों को सीधी रेखा में एक दूसरे से जोड़कर बीच में चूत के ऊपर जो जगह हुवी उसमे जांघोंके बीच से वो लंड आगे पीछे घिसने लगा जिससे अब राधा की चूत में लंड भी नही जा रहा था, बस चूत से घिसकर जांघोमे में भी घर्षण से रहीम को बड़ा ही मज़ा आ रहा था लेकिन दूसरी ओर अंगूरी काम उत्तेजना से तड़प रही थी क्योंकि उसने सोचा थां के रहीम उसके विशाल लंड से उसकी चूत तहेस नहेस करदेगा, कौनसी फोर्स थी पता नही लेकिन वो अंगूरी को रहीम के साथ संभोग करने केलिए उकसा रहीं थी, यही तो रहीम चाहता था के अंगूरी खुदसे ही उसकी चूत मारने वो देदे और हुआ भी ऐसा ही.

चूत के साथ होते लंड के घर्षण से अंगूरी में उत्तेजना जागरूक हो रही थी लेकिन उसे और भी ज्यादा मजा चाहिए था इसी कारण वो रहीम से सिसकते हुवे बोल पड़ी, "ahhhh मेरे राजा करोना अब."

तभी जोर जोर से अपने लंड को दोनो जांघों के बीच चूत के ऊपर घिस घिस कर अंगूरी को तड़पाते हुवे मन ही मन बोला, "अब आई ना लाइन पे, अभी तो तुझे और तरसाउंगा."

अंगूरी की बात का जवाब देते हुवे रहीम सिसकारी लेते हुवे अपने लंड को आगे पीछे करते हुवे वो बोला, "क्या करू मेम साहब. Ahhhh."

तभी अचानक अंगूरी ने अपनी टांगे रहीम से आजाद की और अपनी टांगे पूरी तरह से फैलाते हुवे अपनी चूत बिना किसी शर्म के रहीम को दिखाने लगी जैसे आमंत्रण दे रही हो के "आओ और मेरी चूत मारो."

ये आमंत्रण रहीम मना ना कर पाया और अंगूरी की चूत के छेद पर लंड सेट कर अपने लंड को अंदर धकेलने लगा, अंगूरी की चूत पूरी टाइट थी जिसे महेसुस कर रहीम अपनी पीली बत्तीसी दिखाते हुवे बोला, "लगता है साहब ने आपकी चूत अच्छी तरह खोली नही है मेम साहब." ऐसा बोलकर उसने जोरदार धक्का दिया और आधा लंड अंगूरी भाभी की चूत में चला गया इस कारण अंगूरी दर्द से चीख उठी और बोली, "जल्दी निकालो, ahh ahh दर्द हो रहा है."

लेकिन रहीम ने अंगूरी की एक ना सुनी और अपना लंड आधे तक लेजाकर बार बार आगे पीछे करने लगा याने अंगूरी भाभी की बदस्तर एक लो क्लास सब्जी वाला चूत मार रहा था.

अब अंगूरी भाभी को भी अब मीठे दर्द के साथ मजा आने लगा और वो सिसकने लगी, "ahhhhh, हाय री मय्या ahhhh ahh."

तभी अचानक रहीम ने अपना लंड आधे तक घुसाना तेज किया और तभी बीच में एक जोरदार झटका देते हुवे पूरा ९ इंच का ४ इंच मोटा लंड अंगूरी की चूत में पेल दिया जो सीधा अंगूरी भाभी की बच्चे दानी तक जा टकराया जिससे अंगूरी भाभी की एक और बार दर्द से चीख उठी लेकिन इस बार वो सिसकारियां ले रही थी, "ahhhh, चाचा ahhh, ah ah ah चाचा जरा धीरे."

12