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Click hereअब क्या था अंगूरी की घपा घप चुदाई शुरू होने लगी, झोपड़ी का नजारा बड़ा ही अब कामुक लग रहा था. एक लो क्लास मर्द एक हाई क्लास औरत के चूत में अपना पूरा लंड पेले जा रहा था, जिससे झोपड़े के बाहर तक जांघें टकराने और चुतसे लंड की घिसाई की "थप थप थप और फच फच फच" और पायल की "छन छन छन" की आवाजे झोपड़ी से बाहर तक जा रही थी लेकिन मार्केट की चुलबुलाहट में वो आवाजे दब सी गई थी.
हर एक विभस्त धक्के पर अंगूरी के चूचे कामुक अंदाज में आगे पीछे उछल रहे थे. जिन्हे रहीम भी देख के कामुक हो रहा था, उन्हे और उछालने केलिए ताबड़ तोड़ चुदाई वो अंगूरी की कर रहा था, "फच फच फच फच फच फच, थप थप थप."
(झोपड़ी में फैन या कोई वेंटिलेशन नही था तो वे दोनो अब पसीनेस तरबतर होचुके थे.)
अंगूरी, "ah ah ah ahh ahh ahhhhh ahhhhh, धीरे चाचा."
बिना किसी प्रोटेक्शन के याने बिना किसी कंडोम से अंगूरी की चुदाई बदस्तर जारी थी.
रहीम अंगूरी की चुदाई करते करते हांफते हुवे मन ही मन बोला, "क्या यार क्या माल हाथ लगा है, पूरा टाइट माल है ये तो, ज्यादा देर तक में अब झड़ने से अपने आप को रोक नहीं सकता इसकी चूत तो काफी गर्म और टाइट है." ऐसा बोलकर ढेर सारा सफेद पानी की पिचकारियां अंगूरी भाभी की चूत में वो छोरते हुवे तब तक वो लंड अंदर बाहर करता रहा जब तक के अंगूरी भाभी की बच्चे दानी अपने सफेद पानी से ओवर फ्लो होकर चूत से बाहर सफेद पानी नहीं निकला.
झोपड़ी का नजारा काफी अब कामुक सा लग रहा था, एक लो क्लास काला सांड एक गोरी गुलाबी बदन वाली अंगूरी के ऊपर लेटा हुवा है और उस अंगूरी का पेटीकोट पूरा कमर तक सरका हुवा है. और वो सांड अपना पूरा सफेद पानी निचोड़कर अंगूरी की चूत में डालने के बाद अब अंगूरी की दोनो टांगो के बीच घुटने के बल बैठ कर सामने का कामुक नजारा देख देखने लगा, जीहा उसने जो हालत अंगूरी की चूतकी की थी उसे देख पता नही क्यों उस राक्षस को शांति मिल रही थी. अंगूरी की विभस्त चुदाई से सुजी हुवी चूत से अभी भी रहीम का गाढ़ा सफेद पानी बहे रहा था जिसे पोछने के लिए रहीम ने एक कपड़ा अंगूरी को थमाया और कुछ भी बोले बिना अंगूरी अपनी चूत साफ कर कपड़े पहनकर वहाँसे भागती हुवी चुदाई कारण दर्द से लड़खड़ाती हुवी घर आ पहुंची. घर आने तक कई लोगों ने अंगूरी को झोपड़े से बाहर आते हुवे देखा था, बिखरे बाल, और पासीनेसे लतपथ एक हाई क्लास औरत को इस हालत में देख कई लोग बहुचक्के थे क्योंकि कुछ ही देर में वहांसे रहीम भी पासीनेसे लतपथ बाहर निकलते हुवे उन्ही लोगों ने देखा था.
कुछ देर पहले झोपड़ी से बाहर निकलने से ठीक पहले दूसरी ओर आरामसे नंगा रहीम फर्श पर लेटा हुवा़ अंगूरी को भागते हुवे जाता देख मन ही मन बोल पड़ा, "कब तक भागोगी अंगूरी भाभी अब तो मेरा झंडा आपकी रसीली चूत में गाड़ चुका है, अब तो आपके छेदोंका भोसड़ा बनाने के बाद ही मुझे चैन मिलेगा."