अनोखा रिश्ता अनोखी चाहत

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समीना सारा दिन घर पर रहते हुए अपना इंटरनेट भी इस्तेमाल करती रहती थी और अपने वक़्त गुज़ारी के लिये इंटरनेट पर नंगी फ़िल्में भी देखती थी और कईं बार तो जमाल भी उसके साथ ये सब कुछ देखता था। इसलिये ऐसी बात भी नहीं थी कि समीना को इंसानों के जानवरों के साथ चुदाई करने का इल्म नहीं था बल्कि वो इंटरनेट पर कईं बार खूबसूरत लड़कियों को कुत्तों, घोड़ों, गधों, बकरों और दूसरे जानवरों से चुदते हुए और उनके लौड़े चूसते हुए देख चुकी थी। लेकिन उसे यक़ीन था कि ये कुत्ता उसके साथ वैसा कुछ नहीं करेगा और ना ही उसने खुद ऐसा कुछ करने का सोचा था कि वो कुत्ते के साथ इस हद तक जायेगी। वो तो बस अपने जिस्म पर टॉमी की लंबी और खुरदरी ज़ुबान की रगड़ का मज़ा लेना चाहती थी... और इससे आगे कुछ नहीं।

समीना की नज़रें टॉमी की नज़रों से मिली हुई थीं और वो उसे अपनी तरफ़ आता हुआ देख रही थी। टॉमी समीना के बेड के करीब आकर खड़ा हो गया। समीना का पैर बेड के किनारे पर था। टॉमी ने अपना बड़ा सा मुँह आगे ला कर उसके सैंडल और पैर को अपनी नाक के साथ ज़ोर-ज़ोर से सूँघा तो समीना के पूरे जिस्म में सनसनाहट फैल गयी। अगले ही लम्हे टॉमी ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली और अपनी लंबी ज़ुबान से समीना के सैंडल के तलवे और फिर उसके पैर के ऊपर एक बार लंबा चाटा। समीना का पूरा जिस्म काँप सा गया। उसने अपना पैर थोड़ा पीछे खींच लिया... बेड के किनारे से दूर। जैसे ही समीना का सैंडल पहना हुआ गोरा-गोरा पैर टॉमी के मुँह से दूर हुआ तो उसने एक बार समीना की तरफ़ देखा। उसके मुँह से हल्की सी गुर्राहट निकली... जैसे उसे समीना की ये हरकत पसंद नहीं आयी हो और अगले ही लम्हे टॉमी ने एक छलांग लगायी और समीना के बेड पर चढ़ गया।

टॉमी समीना के नरम-नरम बिस्तर पे चढ़ा हुआ था। उसका भारी भरकम जिस्म जैसे पूरे बेड को कवर कर रहा था। उसके सामने बेड पर सिर्फ़ ब्रा, पैंटी और ऊँची हील वाले सैंडल पहने लेटी हुई समीना को अपना जिस्म उसके मुकाबले में बहोत छोटा लग रहा था। सच मनो तो समीना को अब टॉमी से थोड़ा-थोड़ा खौफ़ सा भी महसूस होने लगा था। खौफ़ आता भी क्यों नहीं। एक तो वो जानवर था... इतने नोकीले लंबे-लंबे दाँतों वाला... और फ़िर उसका जिस्म भी समीना के नाज़ुक जिस्म से ज्यादा ताक़तवर और वज़नी था। समीना हौले से आवाज़ निकालती हुई कसमसायी, "ट...ट...टॉमी ये... ये... ये क्या कर रहे हो... चलो नीचे उतरो बेड से!"

समीना की आवाज़ में अपने पालतू जानवर के लिये हुक्म नहीं था। बल्कि उसकी आवाज़ से तो ऐसा लग रहा था कि जैसे वो टॉमी की मिन्नत कर रही हो बिस्तर से नीचे उतरने के लिये। मगर वो दरिंदा तो इस वक़्त अपनी मालकिन की कोई भी बात सुनने और मानने को तैयार नहीं था। उसने दोबारा से अपना मुँह नीचे किया और अपनी ज़ुबान बाहर निकाल कर समीना के सैंडल कि पट्टियों में से उसके पैर को चाटने लगा। कभी उसके सैंडल के तलवे को चाटता और कभी पैर के ऊपरी हिस्से को। आहिस्ता-आहिस्ता टॉमी की ज़ुबान समीना के पैर से ऊपर को आने लगी और उसकी टाँग के निचले हिस्से को चाटने लगी। टॉमी की ज़ुबान तेज़ी के साथ उसके मुँह के अंदर-बाहर हो रही थी और वो तेज़ी से समीना की टाँग को चाट रहा था। आहिस्ता-आहिस्ता वो और ऊपर को जाने लगा और उसके घुटने को चाटते हुए उसकी नंगी गोरी रान पर आ गया और उसकी ज़ुबान अब समीना की रानों का चाटने लगी... कभी एक रान तो कभी दूसरी रान को चाटती।

अब टॉमी की आवाज़ में कोई गुर्राहट नहीं थी। बल्कि वो तो बहोत ही प्यार के साथ समीना की रानों को चाट रहा था। समीना को जो थोड़ी देर पहले टॉमी से थोड़ा-सा खौफ़ महसूस हो रहा था वो भी जाता रहा था। बल्कि अब उसके मुँह से हल्की हल्की सिसकारियाँ निकल रही थीं। उसकी टाँगें खुद-ब-खुद ही खुलती जा रही थीं... टॉमी की ज़ुबान को अपनी रानों के दर्मियान का हिस्सा दिखाने के लिये कि वो वहाँ भी अपनी ज़ुबान का जादू चलाये। और टॉमी ने भी अपनी प्यारी सी खूबसूरत सी मालकिन को मायूस नहीं किया था। वो अब समीना की रानों का अंदर का हिस्सा भी चाट रहा था। उसकी ज़ुबान समीना की चूत के करीब हरकत कर रही थी मगर एक बार भी उसकी ज़ुबान समीना की चूत से नहीं टकरायी थी। समीना की चूत ने गरम होते हुए थोड़ा-थोड़ा पानी छोड़ना शुरू कर दिया था। उसकी चूत के पानी की मखसूस महक टॉमी को भी आ रही थी और फ़िर उसने अपनी थूथनी समीना की पैंटी के ऊपर से उसकी चूत पे रखी और समीना की चूत को सूँघने लगा।

जैसे ही टॉमी का मुँह समीना की चूत से टकराया तो समीना को बहोत ही अजीब सा मगर बहोत ही अच्छा लगा। उसका दिल चाहा कि जैसे टॉमी अपना मुँह उसके पैरों पर हमेशा रगड़ता है वैसे ही यहाँ उसकी चूत को भी अपने मुँह से ज़ोर ज़ोर से रगड़ दे। टॉमी ने अपना मुँह समीना की चूत के ऊपर उसकी पैंटी के ऊपर से ही रगड़ा। अपनी लंबी सी ज़ुबान बाहर निकाली और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत के फूले हुए हिस्से को दो-तीन बार चाटा और फ़िर उसके नंगे पेट की तरफ़ बढ़ा। समीना की चूत उसकी मोटी ज़ुबान के चाटने से फड़कने लगी थी। उसके अंदर जैसे पानी-पानी सा होने लगा था। जैसे ही टॉमी ने अपना सिर हटाया तो समीना का दिल चाहा कि वो उसकी चूत को और भी कुछ देर के लिये चाटे मगर टॉमी ने इस बार अपनी मालकिन की ख्वाहिश का एहतराम नहीं किया और अपने मुँह को समीना की चूत पर से हटा कर आगे ऊपर की तरफ़ बढ़ गया।

टॉमी अब बेड पर ही चलता हुआ समीना के मुँह के करीब आ चुका था। उसने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली और समीना के गाल को चाट लिया। टॉमी ने आज तक सिर्फ़ समीना के पैरों को ही चाटा था मगर आज वो उसके पैरों से आगे बढ़ आया था और उसके चेहरे... उसके गालों तक पहुँच गया था और अपनी लंबी गुलाबी खुरदरी ज़ुबान से समीना के गाल को चाट रहा था। समीना भी कोई मुज़ाहमत नहीं कर रही थी... उसे रोकने की कोई कोशिश नहीं कर रही थी। शायद इसलिये कि उसे खुद भी मज़ा आ रहा था टॉमी की ज़ुबान को अपने गालों पर महसूस करते हुए ।

टॉमी ने अपनी ज़ुबान को समीना के होंठों पर फेरते हुए उसके होंठों को चाटने की कोशिश करने लगा। आज पहली बार ऐसा हो रहा था कि टॉमी उसके होंठों को चाटना चाह रहा था, जोकि समीना के लिये नयी बात थी और थोड़ी मुश्किल भी। इसी लिये समीना उसका मुँह परे हटाने की कोशिश करने लगी ताकि टॉमी की ज़ुबान उसके होंठों को नहीं चाटे और वो अपना थूक उसके होंठों पर नहीं लगा दे। मगर टॉमी कहाँ मानने वाला था। उसने अपने अंदाज़ में ही समीना के साथ खेलते-खेलते अपनी पोज़िशन तबदील की और समीना के नाज़ुक से जिस्म को अपनी टाँगों के दर्मियान ले लिया... वो ऐसे कि अब समीना का जिस्म टॉमी की दोनों तरफ़ की टाँगों के बीच में था। टॉमी की अगली टाँगें समीना के सीने और उसकी दोनों बाज़ुओं के दर्मियान थीं और पिछली टाँगें उसके गोरे-गोरे चूतड़ों के गिर्द। टॉमी अब पूरी तरह से समीना के जिस्म पर छाया हुआ था। बिल्कुल ऐसा नज़र आ रहा था कि जैसे कोई मर्द समीना के जिस्म पर सवार हो उसे रौंदने के लिये... उसका रेप करने के लिये। अब दोबारा से टॉमी ने अपना मुँह नीचे ला कर समीना के होंठों को चाटना चाहा।

समीना टॉमी की इस पोज़िशन से घबरा गयी थी। वो डर गयी थी कि टॉमी जैसे सेहतमंद और भारी जिस्म के कुत्ते के नीचे थी वो। उसे डर लगने लगा के कहीं टॉमी उसे कोई नुकसान ही ना पहुँचा दे... कहीं अपने बड़े-बड़े नोकीले दाँतों के साथ उसे काट ही ना दे। इसी लिये वो थोड़ी सहम सी गयी और अब की बार जब टॉमी ने अपना मुँह नीचे ला कर समीना के होंठों को चाटने की कोशिश की तो समीना अपना मुँह उसके आगे से नहीं हटा सकी और अपने चेहरे को टॉमी के सामने बिल्कुल एक ही जगह पर रखते हुए खौफ़ज़दा नज़रों से उसकी आँखों में देखती रही। टॉमी ने जब देखा कि उसकी मालकिन अब कोई मुज़ाहमत नहीं कर रही है तो उसने अपनी लंबी सी ज़ुबान निकाली और समीना के गुलाबी पतले-पतले होंठों को चाटने लगा। उसकी लंबी खुरदरी गुलाबी ज़ुबान एक ही बार में उसके दोनों होंठों को और पूरे मुँह को चाट लेती और वो उसके होंठों को अपने थूक से गीला करने लगा।

समीना को भी महसूस होने लगा कि टॉमी के अंदाज़ में कोई गुस्सा या वहशियानापन नहीं है बल्कि वो अब अपनी रोज़ की रूटीन की तरह ही समीना को चाट रहा है तो समीना भी थोड़ा रिलैक्स होने लगी। उसने अपने दोनों हाथों को नीचे से उठाया और टॉमी की कमर को सहलाने लगी और कभी-कभी उसके पेट को सहलाने लगती ताकि टॉमी भी कुछ और खतरनाक हरकत करते हुए उसे कोई नुकसान नहीं पहुँचाये। टॉमी भी जैसे इस खेल में मज़ा लेने लगा। वो बार-बार अपनी ज़ुबान से समीना के चेहरे और उसके होंठों को चाट रहा था। एक बार समीना ने टॉमी को पीछे करते हुए उसे रोकने के लिये उसका नाम लेने के लिये अपना मुँह खोला तो जैसे ही समीना का मुँह खुला ठीक इसी वक़्त टॉमी की ज़ुबान समीना के होंठों पर आयी और मुँह खुला पाते हुए सीधी उसके मुँह के अंदर घुस गयी। जैसे ही टॉमी की ज़ुबान समीना के मुँह के अंदर दाखिल हुई तो बे-इख्तियारी तौर पर उसे रोकने के लिये समीना का मुँह बंद हो गया।

लेकिन इससे पहले काफ़ी देर हो चुकी थी और जो होना था या जो टॉमी करना चाहता था वो हो चुका था। बल्कि इससे कुछ ज्यादा ही हुआ था और वो ये कि जैसे ही समीना ने अपने मुँह को बंद किया तो टॉमी की लंबी ज़ुबान जोकि पहले ही समीना के मुँह के अंदर दाखिल हो चुकी थी अब समीना का मुँह बंद होने की वजह से उसके होंठों के बीच में जकड़ी गयी... एक जानवर... एक कुत्ते की ज़ुबान एक इंसान... एक इंतेहाई खूबसूरत औरत के मुँह के अंदर। उफफफ क्या मंज़र था। समीना खुद भी हैरान रह गयी कि ये क्या हो गया है। मगर अब तो वो कुछ भी नहीं कर सकती थी।

टॉमी की ज़ुबान अभी भी समीना के मुँह के अंदर थी और अभी भी वो उसे हरकत दे रहा था और अब इस जानवर की ज़ुबान समीना जैसी खूबसूरत औरत की ज़ुबान से रगड़ खा रही थी और उसके मुँह को अंदर से जैसे चाट रही थी। समीना ने अपने दोनों हाथों को उसके बड़े से मुँह पर रखते हुए उसे पीछे करने की कोशिश की और अपना मुँह खोल कर दूसरी तरफ़ किया और टॉमी की ज़ुबान अपने मुँह से निकाली। टॉमी ने भी कोई मुज़ाहमत नहीं की और ना ही कोई ज़बरदस्ती करने की कोशिश की। समीना अपनी जगह से उठने लगी तो अब की बार टॉमी समीना के ऊपर से उतर गया और समीना जल्दी से उठ कर बेड से टेक लगा कर बैठ गयी। टॉमी अभी भी उसके सामने खड़ा था और अभी भी जैसे उसके ऊपर ही चढ़ा हुआ था। मगर अब फ़िर से उसका अंदाज़ प्यार और लाड़ भरा था... खेलने के अंदाज़ में और अब भी वो बार-बार समीना के गालों को अपनी ज़ुबान से छूने की कोशिश कर रहा था और इसमें वो कामयाब भी हो जाता था।

समीना बोली, "बस! बस! इट्स इनफ टॉमी...! गो... गो नाओ!"

टॉमी भी समीना की बात समझ गया हमेशा की तरह और समीना के पास ही बेड के ऊपर बैठ गया समीना के पैरों के करीब और उसके सैंडलों और पैरों को चाटने लगा और अपना सिर और मुँह समीना के पैरों पर रगड़ने लगा। समीना भी आहिस्ता-आहिस्ता टॉमी के जिस्म पर हाथ फिराने लगी और उसके फ़र को सहलाने लगी। आज एक बार तो टॉमी ने समीना को डरा ही दिया था मगर उसके साथ-साथ जो उसने मज़ा दिया था वो भी अलग ही था। ये इसी लज़्ज़त और मज़े का ही नतीजा था कि समीना अभी भी नंगी हालत में सिर्फ़ ब्रा-पैंटी और हाई हील सैंडल पहने हुए अपने टॉमी के पास बेड पे लेटी हुई थी और वो भी बार-बार अपना मुँह और जिस्म समीना के नंगे जिस्म से रगड़ रहा था। दोनों की ही साँसें तेज़-तेज़ चल रही थीं। समीना को अपना मुँह अभी भी टॉमी के थूक से गीला महसूस हो रहा था और अपने मुँह के अंदर उसे अभी भी टॉमी की ज़ुबान का लम्स महसूस हो रहा था और यही सब सोचते हुए समीना मुस्कुराती हुई टॉमी के जिस्म को सहला रही थी।

कुछ देर के बाद समीना ने अपने बेड से उठ कर कपड़े पहने और दरवाज़ा खोल कर बाहर निकलने लगी। टॉमी ने अपनी मालकिन को बाहर जाते हुए देखा तो वो भी बेड से नीचे उतरा और अपनी दुम्म हिलाता हुआ समीना के पीछे-पीछे चल पड़ा। किचन में समीना ने जा के खानसामा के साथ किचन का काम देखा और टॉमी लाऊँज में ही था। समीना को बस यही डर था कि टॉमी जमाल या किसी के भी सामने कोई वैसी हरकत नहीं कर दे जैसी वो उसके साथ कमरे में करता हुआ आया है। मगर शुक्र है कि टॉमी बिल्कुल अपनी रोज़ की रूटीन की तरह रहा। अपने अंदाज़ में कोई भी तबदीली ज़ाहिर नहीं हुई उसके अंदर जिससे समीना भी खुश और मुतमाइन हुई। लेकिन ये बात ज़रूर है कि उसकी नज़रें सारी शाम टॉमी पर ही टिकी रहीं। वो उसके अंदर आज पैदा होने वाली तबदीली और उसके इस नये अंदाज़ पर गौर करती रही। जैसे-जैसे वो उसके बारे में सोचती जाती, वैसे-वैसे ही उसे अच्छा लगने लगता... कुछ भी बुरा नहीं लगता। तभी उसे ये भी याद आया कि उसने उठ कर अपना मुँह भी नहीं धोया था और ना ही कुल्ली की थी और अभी तक वो टॉमी का थूक वैसे ही अपने चेहरे और मुँह के अंदर लिये हुए फ़िर रही थी। लेकिन इस बात के याद आने पर भी वो बस मुस्कुरा ही दी... बिना खुद से या टॉमी से नफ़रत किये।

जब-जब समीना को खयाल आता उस मज़े का जो टॉमी की ज़ुबान ने उसके जिस्म को और खास तौर पर उसकी चूत को चाट कर दिया था तो उसका दिल ज़ोरों से धड़क जाता और दिल चाहता कि बस अभी के अभी एक बार फ़िर उसके सामने नंगी हो जाये और उससे अपने जिस्म को चटवाये और वो ही लज़्ज़त दोबारा हासिल करे मगर उसे पता था कि अभी इस बात का मौका नहीं है। उसे इस लज़्ज़त को दोबारा पाने के लिये अगले दिन तक का इंतज़ार करना होगा जब वो घर में अकेली होगी अपने टॉमी के साथ... सिर्फ़ वो और टॉमी... और फ़िर ही वो मस्तियाँ कर सकेंगे। इस वक़्त तो अपने जज़बातों और ख्वाहिशों पर काबू पाने के लिये समीना ने वोडका का एक बैड़ा पैग बनाया और पीने लगी।

अगली सुबह जमाल नाश्ता कर के अपने दफ़्तर जाने के लिये तैयार हुआ और साढ़े नौ बजे के करीब अपनी कार में बैठ कर निकल गया। समीना को भी एक किट्टी-पार्टी में जाना था तो वो भी तैयार होने लगी। टॉमी उसके पीछे-पीछे अपनी दुम्म हिलाता हुआ फिर रहा था और समीना जानती थी कि वो उसे खुश करने की कोशिश कर रहा है। समीना ने बड़े प्यार से उसके सिर सहलाते हुए कहा कि उसके पार्टी से वापस लौटने तक सब्र करे। फिर समीना हमेशा की तरह नये फ़ैशन का डिज़ाऑयनर सलवार-कमीज़ पहन कर अच्छे से तैयार हुई और साथ में पाँच इंच ऊँची पेन्सिल हील के बेहद सैक्सी सैंडल पहने। फिर वो ग्यारह बजे के करीब ड्राइवर के साथ मर्सिडीज़ कार में पार्टी में जाने के लिये निकल गयी। ये अमीर घरों की औरतों की किट्टी-पार्टी थी जिसमें हर दो हफ़्ते में एक बार बीस-पच्चीस औरतें सज-धज कर शरीक़ होती थीं और पैसे लगा कर ताश खेलती... इधर-उधर की बातें और गॉसिप करतीं थीं। इसके अलावा शराब पीना इन किट्टी-पार्टियों में मामुल था। उस दिन समीना ने पार्टी में काफी इंजॉय किया। जब वो चार घंटे बाद वहाँ से निकली तो काफी शराब पी हुई थी और काफ़ी नशे मे थी लेकिन नशा इतना भी नहीं था कि वो खुद को संभाल ना सके।

घर पहुँच कर ड्राइवर ने कार गेट के अंदर ला कर जैसे ही खड़ी की तो टॉमी भागता हुआ कार तक आया। समीना कार से उतरी तो टॉमी हमेशा की तरह प्यार से उसके सैंडल और पैर चाटने लगा। फिर चौंकीदार ने गेट बंद किया और समीना घर के अंदर की तरफ़ चल दी। चलते हुए उसके कदम ज़ाहिर तौर पे नशे में थोड़े लड़खड़ा से रहे थे। चौंकीदार और ड्राइवर के लिये नयी बात नहीं थी इससे पहले भी बहोत बार उनकी मालकिन कभी अपने शौहर के साथ और कभी अकेली इससे भी ज्यादा नशे की हालत में घर वापस आयी थी। समीना थोड़ा लड़खड़ाती हुई अंदर जा रही थी और टॉमी भी समीना के पीछे-पीछे था अठखेलियाँ करता हुआ... कभी उससे आगे निकलता तो कभी पीछे चलने लगता और कभी उसकी टाँगों से अपना जिस्म सहलाता। समीना उसकी हरकतों को देख-देख कर मुस्कुरा रही थी कि कैसे वो अपनी मालकिन को खुश करने की कोशिश कर रहा है ताकि आज फ़िर वो कल वाला खेल खेल सके। समीना की मुस्कुराहट टॉमी को बता रही थी के उसकी मालकिन को भी कोई एतराज़ नहीं है।

घर के अंदर आकर समीना ने अंदर से दरवाज़ा लॉक कर लिया। अब वो घर के अंदर टॉमी के साथ बिल्कुल अकेली थी। उसे थोड़ी सी बेचैनी भी हो रही थी कि पता नहीं अब क्या होगा। समीना सोफ़े की कुर्सी पर बैठी थी और टॉमी भी उसके करीब ही नीचे ज़मीन पर इधर-उधर फ़िर रहा था... समीना के इर्द गिर्द... उसको लुभाने और अपनी तरफ़ मुत्वज्जाह करने के लिये। समीना ने टेबल पर प्लेट में रखी ब्रेड का एक टुकड़ा कुछ दूर नीचे क़लीन पर फेंका और टॉमी को उसे खाने का इशारा किया। टॉमी ने उस ब्रेड के टुकड़े की तरफ़ देखा और फ़िर से अपना सिर समीना के पैरों पर रगड़ते हुए समीना के गिर्द घूमने लगा। समीना ने दो चार टुकड़े ब्रेड के और भी नीचे फ़ेंके मगर टॉमी ने उनकी तरफ़ भी तवज्जो नहीं दी। समीना समझ गयी कि आज टॉमी की दिलचस्पी कुछ खाने पीने में नहीं बल्कि उसके साथ कल वाला खेल खेलने में है।

कुछ देर के बाद समीना अपनी जगह से उठी और अलमारी में रखे हुए कुत्तों के स्पेशल बिस्कुट निकाल कर एक प्लेट में रख कर नीचे कार्पेट पर टॉमी के आगे रखे। टॉमी उनको खाने लगा और समीना टॉमी को वहीं किचन में छोड़ कर अपने कमरे में आ गयी। समीना ने अपने कमरे में आते ही सैंडल छोड़ कर अपने बाकी सारे कपड़े उतार दिये और बाथरूम में चली गयी फ्रेश होने के लिये। समीना फ्रेश होकर फ़ारिग़ हुई तो कपड़े पहनने की बजाय एक बड़ा सा तौलिया अपने जिस्म पर लपेट कर बाहर निकल आयी। तौलिया उसके मम्मों के ऊपरी हिस्से से ले कर उसकी आधी रानों तक था और बाकी का पूरे का पूरा गोरा-गोरा जिस्म बिल्कुल नंगा था। समीना के लिये ये कोई नयी बात नहीं थी। वो अक्सर नहाने के बाद भी ऐसे ही बिना तौलिया लपेटे ही बाहर आकर सबसे पहले अपने सैंडल पहनती और फ़िर बाल ब्रश करने के बाद फ़िर कपड़े पहनती थी। आखिर घर के अंदर और कोई होता ही नहीं था तो वो किससे डरती या पर्दा करने की कोशिश करती। आज भी समीना नहा कर तौलिया लपेट कर बाहर आयी और बेडरूम में सोफ़े की कुर्सी पर बैठ गयी। सैंडल तो उसने पहले उतारे ही नहीं थे।

शराब का नशा समीना पर अभी भी छाया हुआ था और समीना को ये सुरूर बहोत खुशगवार लग रहा था। शराब के नशे की कैफ़ियत में हमेशा ही समीना के जिस्म की गर्मी बढ़ जाती थी और चूत में मीठी सी मस्ती भरी कसक उठने लगती थी। वो आँखें बंड करके बैठी हुई टॉमी के बारे में सोचने लगी। वो कुछ फ़ैसला नहीं कर पा रही थी कि कल की तरह आज भी टॉमी के साथ मज़े और लज़्ज़त का वो ही खेल खेले या कि नहीं। एक तरफ़ उसे ये बात रोक रही थी कि वो एक इंसान है तो कैसे किसी जानवर को अपने जिस्म से इस तरह खेलने दे सकती है जबकि ये बात मुआशरे... मज़हब... और इख्लाकियत... सबके खिलाफ़ थी। मगर दूसरी तरफ़ शैतान उसे बहका रहा था कि जो मज़ा उसे कल एक कुत्ते की ज़ुबान से मिला है वो कभी उसे मर्द... एक इंसान की ज़ुबान से नहीं मिला था। और फ़िर अंग्रेज़ औरतें तो पता नहीं क्या-क्या करती हैं जानवरों के साथ... और वो तो सिर्फ़ थोड़ा बहोत अपने टॉमी के साथ खेल ही रही है ना। वो औरतें तो कुत्तों से ही नहीं बल्कि गधे-घोड़ों से भी अपनी चूत तक चुदवा लेती हैं और वो तो बस अपने जिस्म को ही अपने कुत्ते से चटवा रही है ना। यही सब सोचते हुए उसका हाथ तौलिये के नीचे अपनी चूत तक पहुँच चुका था और वो अपनी चूत को सहला रही थी। उसे इस बात का पता भी नहीं चला था कि कब उसका हाथ अपनी चूत पे पहुँच के उसे सहलाने लगा था। आखिर में समीना ने सब कुछ हालात पर छोड़ दिया कि जो होगा देखा जायेगा।

बेडरूम का दरवाज़ा लॉक नहीं था... बस हल्का सा ही बंद था। थोड़ी देर में समीना को दरवाज़ा खुलने की आवाज़ सुनायी दी। उसने आँखें खोल कर दरवाज़े की तरफ़ देखा तो खुले हुए दरवाज़े में से टॉमी कमरे में दाखिल हो रहा था। उसे अपने कमरे में दाखिल होता हुआ देख कर समीना का दिल ज़ोर से उछल पड़ा और उसके हाथ भी एक लम्हे के लिये तो काँप ही गये और उसने अपनी चूत सहलाना बंद कर दिया। टॉमी छोटे-छोटे क़दमों के साथ आहिस्ता-आहिस्ता दौड़ता हुआ समीना की तरफ़ आया और आकर अपना मुँह समीना की नंगी बाज़ू से रगड़ने लगा। समीना ने भी अपने एक हाथ के साथ टॉमी के सिर को सहलाना शुरू कर दिया।

समीना सोफ़े की कुर्सी पर ऐसे बैठी हुई थी के सिर्फ़ उसका तौलिया उसके जिस्म पर था। उसके मम्मों का ऊपरी हिस्सा और उनके दर्मियान बनती हुई गहरी लकीर भी साफ़ नज़र आ रही थी। निचले हिस्से में उसका तौलिया उसकी आधी रानों तक चढ़ा हुआ था और उसकी गोरी-गोरी आधी रानें और उनसे नीचे पूरी की पूरी चिकनी टाँगें बिल्कुल नंगी थीं। पैरों में बेशक ऊँची पेन्सिल हील के सैंडल मौजूद थे। टॉमी ने जब अपनी मालकिन को उसकी मोहब्बत का जवाब मोहब्बत से देते हुए देखा तो वो फ़ौरन ही समीना के घुटनों को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा।

समीना हौले से चिल्लायी, "ऐऐऐ टॉमी! क्या कर रहे हो यार! अभी मैं पार्टी में से थकी हुई आयी हूँ और तुम फ़िर से मेरा जिस्म चाटने लगे हो... हटो पीछे प्लीज़्ज़्ज़!"

समीना उसे कह तो रही थी मगर उसे अपने पास से हटाने के लिये कोई ज़ोर नहीं लगा रही थी। बल्कि उसके सिर पे हाथ फेरते हुए उसे पीछे हटाना चाह रही थी। मगर टॉमी कहाँ मानने वाला था। था तो कुत्ता ही ना... उसने भला किसी की क्या बात माननी है। वो अपनी मर्ज़ी की मुताबिक़ नीचे समीना के सैंडलों के तलवों से ले कर उसकी घुटनों तक उसकी टाँगों को चाटने लगा और अपनी लंबी सी गुलाबी गीली-गीली ज़ुबान से समीना की टाँगों को गीला करने लगा। बूरा तो समीना को भी नहीं लग रहा था। अभी जो काफ़ी देर तक यहाँ बैठी वो सोच रही थी वो सब कुछ एक बार फ़िर उसके साथ होने लगा था। एक बार फ़िर उसका जिस्म-ओ-दिल, दिमाग का साथ छोड़ कर लज़्ज़त का साथ देने लगे थे और बहकने लगे थे... इस अनोखे प्यार... अनोखी चाहत में खोने लगे थे। "आह... हे.. हे... हे... ऊँममम... सीईईई!" उसके मुँह से सिसकारियाँ सी निकलने लगी थीं। वो टॉमी को खुद से दूर करने की बजाय आहिस्ता-आहिस्ता उसका जिस्म और सिर सहला रही थी। टॉमी को और भी शह दे रही थी।

टॉमी था तो कुत्ता... मगर था ज़हीन। अपनी मालकिन की मर्ज़ी को समझ गया था। वो भी अब समीना के पैरों और घुटनों को चाटना छोड़ कर अब समीना के नंगे बाज़ुओं को चाटने लगा था। टॉमी भी पूरे जोश में था। उसकी ज़ुबान बड़ी तेज़ी के साथ उसके मुँह में अंदर-बाहर हो रही थी और समीना के नंगे गोरे-गोरे बाज़ुओं को चाट रही थी। फ़िर वो उसके कंधों तक पहुँच गया और समीना के कंधों को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा। फ़िर टॉमी ने अपना मुँह खोल कर समीना के कंधे की गोलाई को अपने अगले नोकदार दाँतों के बीच में लिया और आहिस्ता से उसे अपने अगले दाँतों में दबाने लगा जैसे कि वो समीना को काटने लगा हो। मगर वो काट नहीं रहा था बल्कि जानवरों के मखसूस अंदाज़ में वो समीना से... अपनी मालकिन से... प्यार कर रहा था।

पहले-पहल तो समीना को डर लगा कि टॉमी उसे काटने लगा है मगर जब टॉमी के नोकीले दाँतों का बस हल्का-हल्का दबाव ही उसे अपने कंधों पर महसूस हुआ तो उसका खौफ़ कम हुआ और जब टॉमी के इस तरह से हौले-हौले काटने से समीना को लुत्फ़ आया तो उसके मुँह से भी बे इख्तियार सिसकरी निकल गयी और साथ में ही लज़्ज़त के मारे उसकी आँखें बंद हो गयीं। टॉमी के दाँत समीना को अपने गोश्त में धंसते हुए महसूस तो हो रहे थे मगर उसे लग रहा था कि इस में उसे कोई तकलीफ नहीं हो रही थी। इसी लिये वो भी उसे अब रोक नहीं रही थी। टॉमी ने अपने दाँत हटाये तो समीना के कंधे पर उसके दाँतों के हल्के-हल्के निशान पड़ रहे थे और टॉमी ने इसी जगह को अपनी ज़ुबान से चाटना शुरू कर दिया।

लज़्ज़त के मारे समीना की आँखें बंद हो रही थीं। टॉमी उसके नंगे गोरे-गोरे कंधे को चाटता हुआ उसकी गर्दन की तरफ़ बढ़ने लगा और उसकी गर्दन को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा। टॉमी से समीना का हर तरह का खौफ़ खतम हो चुका हुआ था। अब वो उसे रोक नहीं रही थी बल्कि उसके जिस्म पर अपना हाथ फ़ेर रही थी और उसके जिस्म को सहला रही थी... उसकी गर्दन को सहला रही थी। जैसे ही टॉमी की ज़ुबान... लंबी खुरदरी ज़ुबान समीना के चेहरे पर पहुँची तो उसने आज एक बार फ़िर से समीना के गोरे-गोरे गालों को चाटना शुरू कर दिया। वो गाल जो आज तक सिर्फ़ उसके शौहर ने ही चूमे और चाटे थे और अब एक कुत्ता भी इस में उसके शौहर का हिस्सेदार हो चुका था। जमाल खान जैसे बड़े आदमी की खूबसूरत बीवी के गोरे-गोरे गालों को एक कुत्ता... उनका अपना कुत्ता चाट रहा था और अपने थूक से उसका पूरे का पूरा चेहरा भर रहा था। अब तो उसकी ज़ुबान समीना के होंठों पर भी पहुँच रही थी और उसके होंठों को चाटने लगी। आज समीना ने टॉमी की इस हरकत का कुछ बुरा नहीं मनाया। बल्कि अपने सामने खड़े हुए टॉमी की गर्दन को सहलाती रही। समीना सोफ़े की कुर्सी पर बैठी हुई थी और टॉमी उसके सामने खड़ा था। इस पोज़िशन में टॉमी का मुँह समीना के चेहरे के बराबर आ रहा था। इस क़दर बड़ा कद और जसामत थी टॉमी की।