विधवा भाभी की चुदाई 02

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मैंने ॠतु से कहा- अब तुम मेरे लण्ड को थोड़ा सा चूस लो जिस से ये पूरी तरह से सख्त हो जाये।

ॠतु ने मेरे लण्ड को चूसना शुरु कर दिया तो थोड़ी ही देर में मेरा लण्ड पूरी तरह से लक्कड़ जैसा हो गया। मैंने ॠतु के मुँह से अपना लण्ड बाहर निकला और लाली के पीछे आ गया। मैंने लाली की गाण्ड के छेद पर अपने लण्ड का सुपाड़ा रखा और पूरे ताकत के साथ जोर का धक्का मारा। लाली दर्द के मारे तड़पने लगी। वो अपना सिर इधर उधर पटकने लगी। उसका मुँह बंधा हुआ था इसलिये उसके मुँह से केवल गूओ गूओ की आवाज़ ही निकल रही थी। एक धक्के में ही मेरा लण्ड उसकी गाण्ड को चीरता हुआ 2″ तक घुस गया। उसकी गाण्ड से खून निकल आया।

मैंने दूसरा धक्का लगाया तो लाली के मुँह से बहुत जोर जोर से गूऊ गूऊ की आवज़ निकलने लगी। मेरा लण्ड 4″ अन्दर घुस गया। लाली की गाण्ड से और ज्यादा तेजी के साथ खून निकलने लगा। मैंने फिर से एक धक्का मरा तो मेरा लण्ड उसकी गाण्ड में 5″ तक घुस गया। उसके बाद मैंने एक ही झटके से अपना लण्ड उसकी गाण्ड से बाहर खींच लिया। पुक की आवज़ के साथ मेरा लण्ड लाली की गाण्ड से बाहर आ गया। लाली के मुँह से अभी भी जोर जोर से गूओ गूओ की आवाज़ निकल रही थी।

मैंने ॠतु को अपना लण्ड दिखाते हुये कहा- इसकी गाण्ड तो बहुत ही तंग है। देखो कितना खून निकल आया है।

ॠतु बोली- क्यों तड़पाते हो बेचारी को। घुसा दो ना अपना पूरा लण्ड इसकी गाण्ड में। मैंने कहा- ठीक है बाबा, घुसा देता हूँ।

मैंने लाली की गाण्ड के छेद पर फिर से अपने लण्ड का सुपाड़ा रख दिया। उसकी गाण्ड खून से भीगी हुई थी। मैंने बहुत ही जोर का एक धक्का लगाया तो मेरा लण्ड उसकी गाण्ड में 5″ तक घुस गया। उसके बाद मैंने 2 धक्के और लगये तो मेरा लण्ड उसकी गाण्ड में 7″ तक अन्दर घुस गया। लाली का सारा बदन पसीने से भीग गया था। वो अपना सिर पिल्लर पर पटक रही थी। उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। मुझे खूब मज़ा आ रहा था। मैं लाली की गाण्ड इसी तरह से मारना चाहता था। मेरी तमन्ना पूरी हो रही थी।

ॠतु आंखे फ़ाड़े मुझे देख रही थी, उसने कहा- रहम करो इस बेचारी पर। क्यों तड़पा रहे हो इसे।

मैंने 2 बहुत ही जोरदार धक्के और लगाये तो मेरा पूरा का पूरा लण्ड लाली की गाण्ड में समा गया।

पूरा लण्ड घुसा देने के बाद भी मैं रुका नहीं, मैंने तेजी के साथ लाली की गाण्ड मारनी शुरु कर दी। लाली के मुँह से गूओ गूओ की आवाज़ निकल रही थी। उसकी गाण्ड बहुत ही ज्यादा टाईट थी इस लिये मेरा लण्ड उसकी गाण्ड में आसानी से पूरा अन्दर बाहर नहीं हो पा रहा था। मैंने पूरे ताकत के साथ धक्के लगा रहा था। 10 मिनट के बाद मेरा लण्ड थोड़ा आसानी से अन्दर बाहर होने लगा। लाली के मुँह से भी ज्यादा आवाज़ नहीं निकल रही थी। मैंने लाली से पूछा- मुह खोल दूं।

उसने अपना सिर हाँ में हिला दिया।

मैंने पूछा- चिल्लओगी तो नहीं। उसने अपना सिर ना में हिला दिया।

मैंने लाली का मुँह खोल दिया और उसके मुँह से कपड़ा बाहर निकल लिया। वो रोते हुये बोली- जीजू, आपने तो मुझे मार ही डाला। क्या इसी तरह से गाण्ड मारी जाती है।

मैंने कहा- हाँ, गाण्ड इसी तरह से मारी जाती है। अगर मैंने तुम्हारा मुँह बांधा नहीं होता तो तुम कितनी जोर जोर से चिल्लाती, यह तुम अब समझ गई होगी।

वो बोली- आप सही कह रहे हो, तब तो मैं बहुत चिल्लाती।

मैंने कहा- अगर मैंने तुम्हें पिल्लर से ना बांधा होता तो अब तक कई बार अपना चूतड़ इधर उधर करती और मैं तुम्हारी गाण्ड में अपना लण्ड नहीं घुसा पाता।

वो बोली- जीजू, आप एकदम सही कह रहे हो। मैंने तो आप को धकेल ही दिया होता।

मैंने कहा- अब तुम ही बताओ मैंने सही किया या नहीं?

वो बोली- आपने बिलकुल ठीक किया। ऐसे ही करना चाहिये था। अब तो मुझे पिल्लर से खोल दो।

मैंने कहा- पहले मैं तुम्हारी गाण्ड तो मार लूं फिर खोल दूंगा।

वो बोली- तो मारो ना।

मैंने पूछा- कुछ मज़ा आ रहा है।

वो बोली- अभी तो बहुत ही कम मज़ा आ रहा है।

मैंने लाली की गाण्ड मारनी शुरु कर दी। मैं पूरे ताकत के साथ जोर जोर के धक्के लगा रहा था। लाली को भी अब मज़ा आ रहा था। उसके मुँह से सिसकारियां निकल रही थी। 10 मिनट तक उसकी गाण्ड मारने के बाद मैं झड़ गया। मैंने अपना लण्ड लाली की गाण्ड से बाहर निकाला और लाली को दिखाते हुये कहा- देखो कितना खून निकला है तुम्हारी गाण्ड से।

वो आंखे फ़ाड़े मेरे लण्ड को देखने लगी, वो बोली- जीजू, अब तो खोल दो मुझे।

मैंने कहा- एक बार तुम्हारी गाण्ड और चोद लूं फिर खोल दूंगा।

वो बोली- कमरे में मार लेना।

मैंने कहा- तुम फिर से चिल्लओगी।

वो बोली- मैं अपना मुँह बंद रखने की कोशिश करुंगी।

मैंने ॠतु से कहा- खोल दो लाली को।

ॠतु ने लाली के हाथ पैर खोल दिये। लाली बाथरूम जाना चाहती थी लेकिन वो बिल्कुल भी चल फिर नहीं पा रही थी। ॠतु उसे सहारा देकर बाथरूम में ले गई। लाली ने अपनी गाण्ड और चूत को साबुन से साफ़ किया। फिर ॠतु उसे कमरे में ले आई। मैं कमरे में आया तो लाली बेड पर लेटी थी। मैं उसके बगल में लेट गया। 1 घन्टे के बाद मैंने फिर से लाली की गाण्ड मारनी शुरु की। वो थोड़ी देर तक चिल्लाई फिर शान्त हो गई। उसके बाद उसे खूब मज़ा आया और मुझे भी। उसने मुझसे खूब जम कर गाण्ड मरवाई।

धीरे धीरे 6 महीने गुजर गये। लाली मुझसे खूब जम कर चुदवाती रही और गाण्ड मरवाती रही। मुझे भी लाली की चुदाई करने में और उसकी गाण्ड मारने में खूब मज़ा आता था। एक दिन मैंने दुकान के नौकर रामू को कुछ फ़ाईल लाने के लिये घर भेजा। उसने घर पर लाली को देखा तो लाली उसे बहुत पसन्द आ गई। रामू की उमर भी 20 साल की थी और वो अभी कुंवारा ही था। उसने मुझसे लाली के बारे में पूछा तो मैंने उसे बता दिया कि वो ॠतु के गावँ की रहने वाली है।

उसने मुझसे कहा कि वो लाली से शादी करना चहता है।

मैंने कहा- ठीक है, मैं लाली से पूछ लूं फिर बता दूंगा।

रात में जब मैं घर आया तो मैंने लाली से बात की तो वो तैयार हो गई। उसे भी रामू पसन्द आ गया था।

उसने मुझसे कहा- जीजू, एक दिक्कत है।

मैंने पूछा- वो क्या?

वो बोली- आप मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोदते हैं और मेरी गाण्ड भी मारते हैं। अगर मैं शादी कर लूंगी तब मैं आप से मज़ा कैसे ले पाऊंगी?

मैंने कहा- पगली, तू अपनी दीदी से मिलने के बहाने आ जाया करना। मैं तेरी चुदाई कर दूंगा और तेरी गाण्ड भी मार दूंगा। सारी ज़िंदगी तू कुंवारी तो नहीं रही सकती।

वो बोली- फिर ठीक है।

मैंने लाली के माता पिता से बात की तो वो भी तैयार हो गये। कुछ दिनों के बाद लाली की शादी रामू से हो गई। रविवार को दुकान की छुट्टी रहती है। लाली हर रविवार के दिन ॠतु से मिलने आती है और मैं सारा दिन खूब जम कर उसकी चुदाई करता हूँ और उसकी गाण्ड भी मारता हूँ।

एक दिन जब मैं रात को दुकान से घर आया तो लाली घर पर आई हुई थी। उसके साथ एक औरत और थी। वो भी बहुत ही खूबसुरत थी लेकिन थी थोड़ी मोटी। उसकी उमर भी 20 साल के लगभग रही होगी।

मैंने लाली से कहा- आज तो रविवार नहीं है, फिर आज कैसे और यह तेरे साथ कौन है?

वो बोली- यह मीना है, मेरी भाभी। आपसे चुदवाने आई है।

मैंने कहा- तू क्या कह रही है?

वो बोली- जीजू, भोले मत बनो। आप इतनी अच्छी तरह से मेरी चुदाई करते हैं और मेरी गाण्ड मारते हैं, मैं क्या कभी भूल सकती हूँ। भाभी मेरे बारे में सब जानती हैं क्योंकि यह मेरी सहेली की तरह हैं और मैंने इन्हें सब कुछ बता दिया है। मैं इन से कुछ भी नहीं छुपाती हूँ। इनकी शादी हुये 3 साल गुजर गये हैं और यह अभी तक माँ नहीं बन पाई है। मैंने इनसे कह दिया था कि मैं तुझे अपने जीजू से चुदवा दूंगी। तुझे चुदाई का पूरा मज़ा भी मिल जायेगा और तू माँ भी बन जायेगी। यह तैयार हो गई। उसके बाद मैंने भैया से कहा कि भाभी को मेरे पास 1 महीने के लिये भेज दो। मैं इसका इलाज़ बहुत ही अच्छे दोस्तों से करा दूंगी। भैया ने इसे मेरे पास भेज दिया और मैं इसे आप के पास ले आई हूँ। अब आप इसका इलाज़ बहुत ही अच्छी तरही से कर दो। आप को फिर से एक कुंवारी चूत को चोदने का मौका मिल जयेगा।

मैंने कहा- यह कुंवारी थोड़े ही है।

लाली बोली- इसने मुझे बतया था कि भैया का लण्ड केवल 4″ का ही है और आपका लण्ड तो बहुत लम्बा और मोटा है। आपके लण्ड के लिये इसकी चूत कुवांरी जैसी ही है।

मैंने कहा- ठीक है मैं इसका इलाज़ कर दूंगा। लेकिन जैसे मैंने तेरी गाण्ड मारी थी ठीक उसी तरह मैं पहले इसकी गाण्ड मारुंगा।

उसके बाद ही मैं इसकी चूत को हाथ लगाऊँगा।

तभी मीना बोल पड़ी- जीजू, मुझे तो केवल माँ बनना है और आप से चुदवने का खूब मज़ा लेना है। आप जो भी चाहो मेरे साथ करो, बस मुझे माँ बना दो और मुझे चुदाई का पूरा मज़ा दे दो।मैंने लाली से कहा- जब मैं इसे चोद दूंगा तो इसकी चूत एकदम चौड़ी हो जायेगी। उसके बाद जब यह तेरे भैया से चुदवायेगी तो उनहेन इसकी चूत एकदम ढीली लगेगी तो वो क्या कहेंगे।

लाली बोली- वो कुछ भी नहीं कह पायेगे। मैं वही बहाना बना दूंगी जो मैंने रामू से से बनाया था।

मैंने पूछा- तूने रामू से क्या कहा था?

लाली बोली- जीजू, रामू को जब मेरी चूत चुदी हुई लगी थी तो मैंने रामू से कहा था की मेरी चूत में कुछ दिक्कत थी। डॉक्टर ने मेरी चूत में एक औजार डाला था जिस से मेरी चूत का मुँह एकदम चौड़ा हो गया।

मैंने कहा- तू तो बड़ी चालाक निकली।

लाली मुस्कुराने लगी।

मैंने लाली और ॠतु से कहा- तुम दोनों इसे भी आंगन में ले जाओ और पिल्लर से बांध दो।

लाली और ॠतु उसे लेकर आंगन में चले गये। थोड़ी देर बाद लाली मेरे पास आई और बोली- जीजू, आपका खाना तैयार है, चल कर खा लो।

मैं समझ गया कि लाली क्या कह रही है, मैंने कहा- चलो।

मैं लाली के साथ आंगन में आ गया। मैंने जैसे लाली की गाण्ड मारी थी ठीक उसी तरह उसकी भाभी की गाण्ड भी मारी। मुझे मीना की गाण्ड मरने में ज्यादा मज़ा आया क्योंकि मोटी होने की वजह से उसकी गाण्ड गद्देदार थी। उसे भी बहुत दर्द हुआ और उसकी गाण्ड से भी ढेर सारा खून निकला। उसके बाद लाली और ॠतु उसे कमरे में ले आये। मैंने सारी रात कमरे में ही खूब जम कर उसकी गाण्ड मारी। 2 बार जब मैं उसकी गाण्ड मार चुका तो उसके बाद उसे भी गाण्ड मरवाने में खूब मज़ा आने लगा।

दूसरे दिन से मैंने उसकी चुदाई शुरु की। उसकी चूत भी गद्देदार थी। पहली पहली बार वो बहुत चीखी और चिल्लाई लेकिन बाद में उसे खूब मज़ा आने लगा। मुझे उसकी चूत की चुदाई करने में कुछ ज्यादा ही मज़ा आया। उसे भी मेरा लण्ड बहुत पसन्द आ गया। उसकी चूत मेरे लण्ड के लिये किसी कुंवारी चूत से कम नहीं थी। 1 महीने तक मैंने उसकी तरह तरह के स्टाईल में खूब जम कर चुदाई की और उसकी गाण्ड मारी। वो मुझसे अभी चुदवाना चाहती थी। उसने लाली से अपने मन की बात बता दी। लाली के भैया आये तो लाली ने उनसे कहा की अभी इलाज़ पूरा नहीं हुआ है। डॉक्टर ने 2 महीने और रुकने को कहा है। वो खुशी खुशी वापस गावँ चले गये।

15 दिनों के बाद जब मीना को महीना नहीं हुआ तो लाली और ॠतु उसे डॉक्टर के पास ले गये। डॉक्टर ने बताया कि वो माँ बनने वाली है। मीना बहुत खुश हो गई। उसने मुझे और ज्यादा जम कर चुदवाना शुरु कर दिया। मुझे मीना की गद्देदार चूत ज्यादा पसन्द आ गई थी इसालिये मैंने ज्यादातर उसके चूत की ही चुदाई की। मैंने अगले 1 1/2 महीने तक मीना को खूब जम कर चोदा और उसकी गाण्ड भी मारता रहा। उसके बाद वो गावँ चली गई। अब मैं केवल ॠतु और लाली को ही चोदता हूँ। ॠतु भी अब मां बनने वाली है।

समाप्त

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