अंतरंग हमसफ़र भाग 229

Story Info
हवेली नवनिर्माण भाग 28 सुंदर प्रतिलिपि​
2k words
0
54
00

Part 229 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

मेरे अंतरंग हमसफ़र

आठवा अध्याय

हवेली नवनिर्माण

भाग 28

सुंदर प्रतिलिपि

जब उसका ये छोटा सा हाथ धोने का उपक्रम पूरा हो गया, तो वह बैठ गई और अपने मौजे उतार दिए, अपने सुंदर सफेद पिंडलियों, सुंदर चिकनी टांगो और आकर्षक छोटे पैरों को प्रदर्शित किया। मेरा मानना है कि यह वास्तव में उत्कृष्ट रूप से गठित पैरों, टखनों और पैरों की यह पहली प्रशंसनीय जोड़ी थी, जो असाधारण रूप से परिपूर्ण थे, और उन्होंने मेरे उन सुंदर अंगो को छूने, सहलाने, चूमने और प्यार करने के मेरे जुनून को जगाया, सुंदर टांगो और बड़े स्तनों ने हमेशा मेरे अंदर अजीबोगरीब आकर्षण उत्पन्न किया है। उसकी सैंडिल भी विशेष रूप से आकर्षक और साफ-सुथरी थी- छोटे और गहरे वाले सैंडिल - जो देखने में विचित्र थे, और अगर मुझे अकेला उस कमरे में छोड़ दिया जाता जिसमे वो सुंदर सैंडिल रखे रहते थे तो ये निश्चित मानिये मैं अक्सर उन्हें उठाकर चूम लेता, । फिर उसका रेशम के मोजे एक दस्ताने की तरह तंग और फिटिंग के रूप में, उसकी सुंदर टांगो के उल्लेखनीय परफेक्ट आकार के हिसाब से सेट किया हुआ था और उसकी उन सुंदर लम्बी टांगो की सुंदरता और बढ़ा रहा था।

सूती मोजेऔर फिर रेशमी कपड़े निकाल कर उसने अपनी नीचे की पोशाक उतारी, अपना शौचालय खत्म किया, और अपने कमरे में वापिस चली गयी ।

मैं उस अनजान सुंदरी के खयालो में भटक गया, और ये सोच कर मेरे साथ वही सुंदरी है जो अभी अपने हाथ पाँव धो कर गयी है और मैंने सैम को बिस्तरपर पटक कर उसकी टांगो और जांघों को पूरी तरह से उजागर करके उसकी गुलाबी योनि को देखा, उसके पेट के नीचे उसकी झांटो के सुनहरे छोटे छोटे घुंगराले बालों के साथ, जिसमे उसका सुगणाधित योनिरस बाहर बह रहा था और उसके विपरीत सैम की योनि उस मिश्रण से भरी हुई थी जिसमें मेरा वीर्य सम्मिलित था । उस महिला का शरीर जिसे मैंने वाशरूम में देखा था, मिस सैम से कहीं अधिक गदराया हुआ लग रहा था। लेकिन उसकी योनि के ओंठ आपस में बिलकुल चिपके हुए थे जिसे देख कर मुझे यकीन हो गया था कि उस अनजान सुंदरी ने मेरे लंड जैसी मोटी लंबी चीज कभी नहीं ले थी । जब मैंने सैम की योनि में अपना लंड डाला था, तब भी मेरा लंड लम्बा बड़ा और मोटा था, फिर भी थोड़ी शुरूआती मुश्किलों के बाद यह इतनी आसानी से अंदर और बाहर जाता और आता हुआ दिखाई देता था, और ये आसानी से आ और जा रहा था और स्पष्ट रूप से हम दोनों को संतुष्टि और अत्यंत प्रसन्नता प्रदान कर रहा था जो की हमारे उत्साही आलिंगन, आननद के दौरान हमारी कराहो और बड़बड़ाहट, और कामुक हरकतों से स्पष्ट था और विशेष रूप ये तब और स्पष्ट था जब हमने एक साथ सभी हरकतों को विराम देने से पहले जिस तरह से हम आपस में लिपट गए थे।

मैंने उस मोहतरमा को याद करते हुए सैम की योनि में एक बार फिर पाना लंड घुसा दिया और सैम की टांगो.नितम्बो और जांघो को सहलाने लगा।

फिर मैंने सोचा, उस मोहतरमा के साथ ऐसा व्यवहार करना कितना आननददायक होगा और जैसा मैंने वॉशरूम में देखा था, उसकी योनि के ओंठ आपस में चिपके हुए थे और और उसके स्वादिष्ट टाइट योनि में अपनी कठोर लंड के साथ आनंद लेना, और जब वो उस स्टूल से ऊपर उठी थी तो उसकी योनि को मैंने स्पष्ट देखा था और मुझे आभास हुआ था की वो या तो अक्षत योनि की मालकिन है या सैम की तरह ही पिछले बहुत वर्षो से चुदी नहीं है और इन अद्भुत शारीरिक सुखो से पूर्णतया अनजान है,. तब मैंने उसके छोटी, हालांकि आकर्षक योनि के बारे में सोचा, और मैंने संकल्प किया, कि यदि संभव हो तो टी इन सभी नए खोजे गए रहस्यों का नवेशन करने के लिए मैं जल्द से जल्द उनकी योनि में अपना लंड डाल कर उसे इस गुप्त सुखो से परिचित करवाऊंगा ।

उसकी सुंदर टाँगे और योनि को याद कर मेरा लंड कड़ा हो कर सैम की योनि में फुफकारने लगा ।

सैम बोली- क्या खाते हो तुम जो इतना बड़ा बना लिया है. लगता है अगले कुछ दिन में मैं चलने लायक नहीं बचूंगी.

अपने लंड की तारीफ सुन कर मैं बोला- आदमी का ही है, जानवर थोड़ी हूँ? अपने शौहर का भी तो देखा होगा आपने?

इस पर सैम बोली- काश उसका भी इतना होता, तुमसे आधा ही होगा. आ और वो तो आता धक्के मारता दो मिनट में पानी निकाल देता और सो जाता।

मैंने ज्यादा उसके दिल को ना दुःखाते हुए उसे अपनी ओर खींचा और उसके एक चूचे को मुँह में भरके चूसने लगा. मेरे लौड़े को धीर ेधीरे उसकी योनि में आगे पीछे करते हुए मैंने उसकी चूची मेरे मुँह में दबा ली।

कुछ देर तक उसके दोनों दूध चूस चूस कर लाल करने के बाद अब मुझे सब्र नहीं था. सैम को लिटाते हुए मैंने उसकी टांगें खोल दीं और अपना लौड़ा योनि में से निकाल कर उसके सामने ले गया. और उसके खुबसुरम बदन को देखने लगा ।

मैंने पहले भी अपनी कहानियो में कई बार यह टिप्पणी की है कि मेरी मन कर दिमाग और कामुक भावनाओ पर लड़कियों की सुंदर टांगो. घुटनो टखनों और चिकनी जांघो और छोटे सुंदर पैरों का कितना जबरदस्त प्रभाव पड़ता है. बेशक गोल नितम्ब और सुंदर दृढ स्तन भी मुझे आकर्षित करते हैं लेकिन जैसे ही मैंने उस बाथरूम में उस मोहतरमा की सुंदर टांगो, चिकनी जांघो, टखनों और पैरों को देखा, मैंने महसूस किया कि मेरा लंड एकदम से सूज गया है और धड़कने लगा है, जिसको भांपना अनुभवी सैम के लिए कोई पहेली नहीं होगी. और मुझे िसिम इ उस मोहतरमा से मिलने का रास्ता भी नजर आया और ये जानते समझते ही की इस तरह उस मोहतरम ऐसे परिचय और मिलना संभव हो सकता है मेरा लंड तुनक गया. अब इस समय खासकर जब उसकी आँखे मेरे उस हिस्से के स्तर पर ही थी । मैं उसके सामने खड़ा था।और मैंने देखा कि सैम की आँखें मेरे लंड पर ही टिकी हुई थीं। कुछ ही मिनटों में उसने मेरे लंड के खेलने के लिए एक नया काम किया और उसने मुझे नीचे घुटने टेकने कजा इशारा किया ताकि मेरे हाथ नीचे बिस्तर पर आ जाएं, जिस पर वह बैठी थी।

मैं उस बिस्तर में उस जगह के के पास घुटने टेका जहाँ पर उसका पैर टिका था; उसने पाँव ऊपर उठाया गया था, और एक बहुत ही मामूली हरकत से अपने पेअर को मेरी टैंगो के बीच में ले आयी जहाँ मेरे लंड धड़क रहा था कर रही थी। उसने अपने पैर को तब तक आगे की ओर धकेला, जब तक कि पैर का अंगूठा मेरे लंड की घुंडी को नहीं छू गया, और उससे मेरे लंड को कभी-कभी दाएं और बाएं घुमाया जिससे मैं मेरे अनुमान से परे उत्तेजित हो रहा था ।

मैं जोर से कांपने लगा कि मुझे लगा कि पूरा बदन बिस्तर पर गिरा देना चाहिए था।

"मेरे प्यारे, तुम्हारे साथ क्या बात है, तुम क्यों इतना शरमाते और कांपते हो, क्या तुम अस्वस्थ हो?"

मैं जवाब नहीं दे सका, पहले से कहीं ज्यादा शरमा गया। उसका पेअर मेरी गेंदों तक मेरे लंड पर चल रहा था ।

" दीपक," उसने कहा, "उठो, और यहाँ आओ।"

मैं उठा और उसके पास खड़ा हो गया।

" क्या कारण है जो तुम्हारा लिंग इतना हिल रहा है? मेरे साथ तो तुम अब काफी देर से हो फिर क्यों इतना उत्तेजित हो। "

और यहाँ उसकी व्यस्त उंगलियाँ मेरे लंड से खेलने लगीं। मेरा लंड अब लोहे की रोड की तरह पूरा लम्बा और कठोर था और अठारह वर्ष के एक युवा के औसत लिंग से काफी बड़ा लग रहा था । वास्तव में, मेरा लिंग उस उम्र के लाखो लड़को से बड़ा, मोटा और बेहतर था। सैम ने पूरी तरह से चकित होने का नाटक किया और कहा "गुड ग्रेसियस, क्या लिंग है! इतना बड़ा, इतना मोटा और सख्त! ओह दीपक मेरे प्रिय, अब तुम एक लड़के नहीं एक आदमी बन गए हो। सुनिश्चित करने के लिए क्या आकार है उसने मेरे लंड की लम्बाई को अपने हाथ से मापा!" और उसने धीरे से इसे संभाला। "क्या यह अक्सर इस तरह सख्त रहता?"

" जी मैम।"

" ऐसा कब से है?"

"जब से मैंने आपकी प्रतिलिपि को देखा है ।"

मेरी प्रतिलिपि को आपने कब और कहाँ देखा है?

बाथरूम में!

" ओह, प्रिय वो निश्चित ही मेरी छोटी बहन चेर्री होगी और उसे बाथरूम में आपने कब देखा और उसका बाथरूम एवलिन के आने का इससे क्या लेना-देना है?"

"मैं-मैं-मैं-मैं छोटी? बस थोड़ी देर पहले - पर वो आपसे बड़ी लगती है."

"अब दीपक मेरे साथ आप स्पष्ट बात कर सकते हो ; तुम्हारा क्या मतलब है जहाँ आप कहते हैं कि मेरी बहन चेरी ने आपको ऐसी स्थिति में पहुँचाया है, क्या आपने उसे यह दिखाया था और क्या उसने इसे संभाला है?"

"ओह! प्रिय नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं!"

"क्या यह उसका चेहरा है, उसकी छाती है, या उसकी टांगो ने आपको मोहित किया है?"

यह उसके पैर और टखने और स्तन थे, मैडम, उसके सुंदर टाँगे जिन्हे वह कभी-कभी बिना जाने ही प्रदर्शित कर रही थी।

"और क्या सभी महिलाओं के पैर और टखने आप पर यह प्रभाव डालते हैं?"

"ओह, हाँ, महोदया, अगर वे साफ और सुंदर हैं!"

"और अब तुम इतने उत्साहित क्यों हो?"

"वहां अभी-अभी आपके सुंदर टांगो का नज़ारा मेरे सामने था, और आज दिन की याद जो मैंने आपको सततयों पर देखा था,सैम," मैं पहले से कहीं अधिक शरमाते हुए हकलाने लगा।

जब यह बातचीत चल रही थी, तब उसके कोमल हाथ ने मेरे कठोर और कड़े लंड को पकड़ लिया, और उसने सूजे हुए लंडमुंड पर ढीली त्वचा को धीरे-धीरे खिसकाना शुरू कर दिया, और उसे फिर से खिसकने दिया।

"मुझे लगता है, दीपक आपने उस वाशरूम में जो देखा, उसके बाद आप जानते हैं कि इस तरह से आपके उत्तेजित होने का क्या मतलब है।"

वो उठी उसने पाना लबादा ओढ़ा और अपनी पोशाक को अच्छी तरह से ऊपर खींचकर, उसने अपने पूरे निचले बदन और स्तनों को उजागर कर दिया; और अपने आप को पीछे की ओर खींच कर अपनी जाँघों को अच्छी तरह खोलकर बैठ गई।

"ठीक है, मेरे प्यारे, अगर तुम चाहो तो इसे देख सकते हो ।"

मैं अब नहीं शरमाया । मेरे कामुक प्रकृति ने मुझे एक ऐसे वीरतापूर्ण कार्य के लिए प्रेरित किया जिसने सैम को अत्यधिक संतुष्ट किया। अपने घुटनों के बल गिरते हुए, मैंने अपने होंठों को उसके बदन की सबसे स्वादिष्ट जगह पर चिपका दिया, अपनी जीभ को जितना हो सके अंदर धकेला और उसे चूसा। यह काफी साहसी था; मुझे इसमें कोई शक नहीं था, निश्चित तौर पर मैंने उसे अभी थोड़ी देर पहले ही उसकी दो या तीन बार उसकी चुदाई की थी। हालांकि, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा। सैम पर मेरे मुख का हमला उतना ही अप्रत्याशित था जितना कि यह सैम के लिए सुखद था। उसने मेरे सिर पर दोनों हाथ रखे और मेरे चेहरे को अपनी धड़कती योनी से दबा दिया। वह स्पष्ट रूप से बहुत उत्साहित थी, न केवल उस समय मैं क्या कर रहा था, बल्कि दृश्य, बातचीत और मेरे लंड के संचालन में भी वह शामिल थी। उसने मेरे नीचे मेरे लंड को घबराहट से अपने तलवे से सहलाया, मैंने उसकी नम और रसदार योनी को चाटना जारी रखा ।

"ओह! ओह! प्रिय तुम मुझे क्या शानदार खुशी दे रहे हो। ओह! ओह!"।

मैंने चाटते हुए उसे इस ओर्गास्म दिया और फिर पाना लंड उसकी योनि के मुँह के पास ले आया।

अब सैम को लगा अब मैं रुकने वाला नहीं हूँ और कुछ ही देर में उसकी फुद्दी को चीरने वाला हूँ तो उसने अपने मुँह से थूक निकाला और मेरे सुपारे को रगड़ने लगी. और दुसरे हाथ से दो उंगलिया योनि में डाल कर हमारे रस का मिश्रण निकाल कर पूरे लंड पर मला और मेरे लौड़े को गीला करके उसने सुपारा अपनी फुद्दी के दरार पर रख दिया और मुस्कुराती हुई देखने लगी।

फिर आंख मारती हुई बोली- आ जाओ बाबू आ जाओ अन्दर का दरवाजा मैंने खोल दिया है... अब जरा धीरे से करना जानू.. आज ही फाड़ मत देना. मैंने भी उसके पैर अपनी कमर के इर्द-गिर्द फैलाते हुए एक हल्का धक्का देकर सुपारा चूत में घुसा दिया.।

थूक से चमकता सुपारा सैम के चूत के लब फ़ैलाता हुआ अन्दर दाख़िल हुआ. और उसे मेरा लंड पहले से कठोर महसूस हुआ उसके माथे पर शिकन देख मैं उसके ऊपर छा गया और सैम को फिर से चूमने लगा।

मुझे मालूम था कि ऐसी तंग चूत जो छोड़ने के बाद फिर से तंग हो गयी थी उसे खोलने के लिए एक जोरदार प्रहार की जरूरत है और उसकी चीख इस प्रहार से जरूर निकलेगी।

कहानी जारी रहेगी

Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
Share this Story

Similar Stories

Me Sis And Friend On A Rainy Night Me, my sister, and her friend take some X.in Incest/Taboo
African Princess There is no actual African Princess in this story.in Incest/Taboo
Slut MILF Ch. 01 Busty Latin Mom lends a helping hand for her two sons.in Incest/Taboo
Perfect Big Tits Rumors or Realities? Brother gets his answer.in Incest/Taboo
CFNM Adventures in India Ch. 01 A man goes naked while his sister stays clothed at a temple.in Incest/Taboo
More Stories