Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.
You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.
Click hereमेरे अंतरंग हमसफ़र
आठवा अध्याय
हवेली नवनिर्माण
भाग 29
लज़्जत और कामुकता भरी सिसकियाँ
सैम के बदन का रंग बहुत गोरा और जिस्म शीशे की तरह सॉफ था। उस के कसे हुए गोल-गोल स्तन और उन के उपर हल्के ब्राउन रंग के छोटे-छोटे निपल्स थे। मैंने उस के स्तनों को देखते हुए अपने दिल में अंदाज़ा लगाया कि उस के मम्मों का साइज़ 36D होगा। सैम की टाँगे लंबी और गुदाज थीं और उस की चुत से हल्का-हल्का पानी निकल कर उस की गुदाज टाँगों के ऊपर सॉफ नज़र आ रहा था। उसके माथे पर शिकन देख मैंने लंड बाहर निकाला और सैम को निहारने लगा और सैम के चेहरे की खूबसूरती और उसकी जवानी देख कर मेरा लंड सैम की चूत में जाने को मचलने लगा।
कमरे के बिस्तर पर सैम अपने कपड़ों की क़ैद से आज़ाद बिल्कुल नंगी लेटी हुई अपनी प्यासी चूत पर अपने हाथ को आहिस्ता-आहिस्ता फेर रही थी और उस की फूली हुई गोरी चूत के गुलाबी होंठो से रस की बूंदे टपक रही थीं।
सैम की गोरी-गोरी टाँगों के बीच योनि क्षेत्र पर हलके सुनहरे बालो का गुच्छा था और उनकी बीच सैम की सॉफ और गुलाब की पंखुड़ियों की तरह से चिपकी हुई चूत की दरार को देख कर मेरे मुँह से लार टपकने लगी।
मेरा गरम, लंबा, मोटा और चुदाई के लिए पूरा तैयार, उस का लंड कमरे की छत की तरफ अपना मूह उठाए खड़ा था।
मेरी नज़रें सैम की चूत पर जमी हुई थीं और मैं साथ-साथ अपने मोटे सख़्त लंड को अपने हाथ में ले कर सहला रहा था।
मैं अपने घुटनो से नीचे बिस्तर पर औंधा होकर बिस्तर पर गिरा और यूँ बिस्तर पर गिरते ही मेरा जिस्म सैम के जिस्म के उपर आया और उस के होंठ मेरे होंठो पर आ कर जम गये। साथ ही साथ मेरा एक हाथ सैम की टाँगो के बीच में आया और सैम के जिस्म के निचले हिस्से को अपने काबू में कर लिया।
उस समय उस नरम बिस्तर पर खूबसूरत जिस्म की मालकिन सैम, मेरे लंड के नीचे नंगी लेटी हुई थी।
अपने शोहर से तलाक लेने के बाद वासना से सुलगती हुई सैम की चुत की आग को मेरे हाथ और जिस्म ने भड़का ही दिया था और अब उसके प्यासे होंठो को चूमते हुए और उसके निचले हिस्से को मसलते हुए मेरे हाथ ने उस आग को शोले की शकल दे दी । मेरे मुँह और होंठो की गर्मी और लज़्जत ने सैम को बेचैन कर दिया और इस बेचैनी के मारे सैम की सांसो में एक हलचल मची और मेरे मुँह से एक "सिसकी" निकल गई. आह! । आनंद भरी आह इसी बात का संकेत था कि सैम को मजा आ रहा था ।
मुझे मालूम था कि ऐसी तंग चूत जिसकी कितने सालो से चुदाई नहीं हुई थी फिर से तंग हो गयी थी उसे खोलने के लिए बार बार और जोरदार प्रहार की जरूरत है और उसकी चीख इस प्रहार से जरूर निकलेगी। इसलिए उसकी दोनों टांगों को मैंने अपने हाथों में जकड़ कर उसके होंठ अपने मुँह में दबाए और आगे पीछे की ज़्यादा ना सोचते हुए एक ही बार में लगभग आधा लंड अन्दर घुसा दिया। उसकी चीख मेरे ओंठो में दब गयी और घबराहट और दर्द के मारे सैम का बदन काँपने लगा था।
सैम के होंठो को अपने होंठो से चूमते हुए मेरा हाथ सैम के नितम्बो को दबाने और मसलने के बाद उसकी चिकनी जांघो के बीच ले गया और सैम की फूली हुई गरम चूत पर ले गया । मेरा हाथ अपनी फुद्दि के ऊपर महसूस करते ही सैम मेरे मुँह में सिसकी "अहह!"
जिस तरह शादी के कुछ टाइम बाद एक पति को अपनी पत्नी के जिस्म के नाजुक और सेंसिटिव हिस्सों को अंदाज़ा हो जाता है।बिल्कुल इसी तरह मुझ सैम की आज ही की चुदाई के बाद अंदाज़ा हो चुका था कि सैम के जिस्म के वह कौन से तार हैं जिन को छेड़ने पर उस का बदन गरम होने लगता है।
सैम तड़प उठी, लेकिन उसने मेरे चुंगल से छूटने के लिए उसने कोई उसकी फड़फड़ाहट नहीं की, लेकिन उसका जिस्म पसीने-पसीने होने लगा था। जिसे देख कर मैंने उसके दर्द की ज्यादा चिंता किए बिना आखिरी वार करते हुए पूरा का पूरा लंड सैम की तंग और रेशमी चूत की फांकों में पेल दिया। मेरा लंड पूरा अन्दर घुस गया था और सैम की चूत एक बार फिर से चिर चुकी थी। वह चीखना चाह रही थी, मगर चीख ही न सकी। उसकी चीख मेरे मुँह में गू-गू होकर दब गयी कुछ देर मैंने मेरा लौड़ा ऐसे ही उसकी चूत में घुसाए रखा। जल्द ही सैम के होंठ मैंने अपने ओंठो में ले लिए और सैम ने भी होंठों को चूमना शुरू कर दिया। मैं फिर उसे चूमने लगा और उसके कान और गर्दन चूमता हुआ हल्के-हल्के धक्के देते हुए उसकी चूत को मेरे लंड से परिचय करवाने लगा।
इस प्यार को पा कर सैम की चूत से रस का झरना बहाने लगी और वह भी अपने चुतड उठा-उठा कर मेरे लंड के आगे पीछे होने की लय में ताल मिलाने लगी।
"हाआआआ ओह" लज़्जत और कामुकता से बेकाबू होते हुए सैम की सिसकियाँ पूरे कमरे में ज़ोर-ज़ोर से गूंजने लगीं थीं।
अब इन सिसकियों को सुनते हुए चेरी जो दुसरे कमरे में हमें चुदाई करते हुए देख रही थी वह कामुकता से पागल हो रही थी और अपना हाथ तेजी से योनी के ऊपर और भगनासा पर चला रही थी । चेरी मोहित हो कर हमारे चुदाई चुपचाप देख रही थी ।
फिर मैं हल्का-सा ऊपर उठा जिस कारण से लंड सैम की चूत से थोड़ा से बाहर निकला फिर दुबारा नीचे होते हुए उस ने दुबारा अपना लंड सैम की चूत की वादियों में धकेल दिया।
इस के साथ मैंने अपने मुँह को थोड़ा नीचे किया और सैम की छाती पर ऊपर नीचे होते हुए उसके बड़े-बड़े मम्मों के निपल को अपने मूँह में ले लिया और उस को सक करने लगा। और गीली चूत ने लौड़े की गर्मी से ख़ुश होकर खुद अपने आपको खोलना चालू कर दिया। जब कि दूसरे साथ से मैंने सैम के दूसरे मम्मे को काबू किया और उस स्तन को बहुत ज़ोर-ज़ोर से मसल्ने लगा। सैम भी हहे करती और आहे भरती मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर महसूस कर के मज़े ले रही थी।
फिर सैम की लज़्जत और कामुकता भरी सिसकियाँ सुन चेर्री का मन हुआ की वह हमे और पास से देखे इसलिए अब वह चुपके से बाथरूम में आयी और टॉयलेट की सीट पर बैठ गयी । उसने इस बार लाइट नहीं चालु की और उसने देखा मैं ज़ोर-ज़ोर से उसकी बेहन की चूत को चोद रहा था। चेरी ने स्लीवलेस घुटनो से ऊपर तक की ड्रेस पहन ली थी। उसने खुद को बाथरूम के शीशे में देखा और उस ड्रेस में बहुत खूबसूरत लग रही थी, और उसने हमे देखा तो उस समय मैं कभी उसकी बहन के एक मम्मे को तो कभी दूसरे मम्मे को अपने होंठो और हाथो से चूस्ता और दबाता जा रहा था। कमरे में चुदाई की " ठप्प्प्प्प्प ठप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प के साथ-साथ सैम के मुँह से निकल रही लज़्जत और कामुकता भरी आहह-आहह! की सिसकियाँ की आवाज़े भी गूँज रही थी।
उधर बाथरूम में यह सारा नज़ारा चेरी के लिए ना क़ाबले बर्दाश्त हो गया था । उसे लगा उसके मम्मे कुछ ज्यादा ही फुले हुए है और उसे नीचे भी गिला-गिला लगा और फिर उसने अपना हाथ अपनी पेंटी में डाल ही दिया और उसकी अपनी योनि तक ले गयी। उसकी चूत के छोटे-छोटे बालो पर ऊँगली छु गयी और थोड़ी गीली हुयी। चेरी ने अपना हाथ तुरंत बाहर निकाल दिया और उठ खड़ी हुयी।
उधर मैं अपने चेहरे की नीचे करके सैम के नितम्बों के हिलने-डुलने और उसके पूरे नितम्बो और गांड को अपने चेहरे पर नीचे करके देख सकता था कि वह कितना आनंद ले रही थी। मैं अपना हाथ सैम की पीठ पर ले गया और उसकी पीठ को सहलाने लगा जिससे सैम के शरीर में एक सिहरन-सी दौड़ गयी जब उसे अहसास हुआ की पीठ पर से हाथ फेरते-फेरते मेरा एक हाथ उसकी कमर ने नीचे जाकर उसके उठे हुए चिकने गोलाकार गोरे मांसल चुतड पर जम गया है और उसके बाद मेरे हाथ चुतड पर दबाव बनाकर सैम की कमर को अपनी तरफ खींच लिया।
सैम अपना सर पीछे को हटाया और उसे साथ ही महसूस हुआ की, उसके अंदर मेरा लंड कड़ा होने लगा है, उसके कोमल शरीर को मेरे कड़े लंड का अहसास साफ साफ़ हो रहा था, मेरे साथ चिपकी होने के कारण से मेरे लंड का तनाव से अपनी नाजुक कमर के निचले हिस्से, योनि में और उसकी योनि खिंच कर फ़ैल गयी थी और उसके कारण उसकी केले के तने जैसी चिकनी नरम गुदाज जांघो और चुतड़ो में वह खिचाव महसूस कर रही थी। इस हालत में भी उसकी चूत में हल्की-सी वासना के उफान की सनसनाहट-सी महसूस हो रही थी। हर बीतते पल के साथ ये कामुक सनसनाहट बढती जा रही थी, क्योंकि मेरा हाथ सैम के उठे हुए चिकने गोलाकार गोरे मांसल चुतड को लगातार दबा और मसल रहा था और साथ में अपने बदन को सैम के शरीर के ऊपर दबा रहा था।
कहानी जारी रहेगी