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Click hereमेरे अंतरंग हमसफ़र
आठवा अध्याय
हवेली नवनिर्माण
भाग 39
व्यावहारिक यौन शिक्षा प्रक्टिकल - यौन विज्ञान-3
जब मैंने प्रवेश किया और अपना टॉवल गाउन गिराया तो थिएटर में हलचल मच गई। अरे बहुत बड़ा है! वाह और आह सुनाई दी!
मुझे हमेशा अपने शरीर पर काफी गर्व रहा है। मैं बचपन से नियमित रूप से व्यायाम करता रहा हूँ और इसके अतिरिखत मुझे खेलने का भी काफी शौक रह है तैरना और अपनी ताकत और मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए वजन का उपयोग करता रहा हूँ। मैं आनुवंशिकी में भी भाग्यशाली रहा हूँ। अपने पिता की ही तरह मेरा लिंग पूरा उत्तेजित होने पर 5' 11"की लम्बाई प्राप्त कर लेता है और जब उत्तेजित नहीं रहता तो भी लगभग 5" 6" का तो रहता ही है और निश्चित ही ऐसा लिंग उस हाल में मौजूद किसी भी लड़की ने कभी पोर्न के अतिरिक्त नहीं देखा होगा।
जब डॉ हेलेन बात कर रही थी तो सभी लड़कियाँ मेरी तरफ उम्मीद से देख रही थीं और उसे अचानक याद आया कि इस हिस्से के दौरान मेरा लिंग खड़ा होना चाहिए था। आमतौर पर मेरे लिंग को कठोर होने में कोई समस्या नहीं होती, अगर कुछ भी सेक्सी या उत्तेजक हो तो उसे अक्सर इरेक्शन बहुत आसानी से हो जाता है।
दुर्भाग्य से, इतने अधिक दर्शकों के सामने प्रदर्शन करने का दबाव और थोड़ी देर पहले डॉ जेनी और उसके बाद डॉ हेलेन ने जो स्वनियंत्रण की बाते बोली थी उनके कारण मैं अपनी उत्तेजना और कामुक भावनाओ पर नियंत्रण करने का प्रयास कर रहा था जिससे मेरे लिंग को कठोर होना शर्मनाक रूप से कठोर नहीं हो रहा था। डॉ. सुश्री टिम ने डॉ. क्रूज़ को इस उम्मीद में व्याख्यान जारी रखने के लिए प्रेरित किया कि वह बस आगे बढ़ेंगी और अपनी समस्या को नज़रअंदाज़ करेंगी। इसके बजाय उसने ठीक विपरीत किया।
डॉ क्रूज़ बोली स्टूडेंट्स आप देख सकती हैं यहाँ मंच पर दो महिलाये नग्न हैं और 100 अन्य छात्राये भी मौजूद हैं और मैं अतिशयोक्ति नहीं कर रही । हम दोनों टीचर ठीक ठाक दिखती हैं और किसी भी पुरुष में उत्तेजना और कामुक भावनाये उत्पन्न करने में पूर्णतया सक्षम हैं किन्तु दीपक फिर भी उत्तेजित नहीं हैं और ये निश्चित ही ये उनकी बहुत ही विशेह क्षमता है जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं । लड़किया आपस में कुछ फुसफुसाने लगी और डॉ क्रूज़ बोली स्टूडेंट्स अब आप ध्यान दीजिये ।
"गर्ल्स अब विशेष ध्यान दें। श्रीमान दीपक और मैं आपको पुरुषों और इरेक्शन के बारे में अधिक महत्त्वपूर्ण चीजों में से एक सिखाने जा रहे हैं," डॉ क्रूज़ ने दर्शकों से कहा। वैसे तो अधिकाँश लोग मानते हैं कि सेक्स टांगो के बीच होता है लेकिन असल सच्चाई है कि सेक्स जितना टांगो के बीच होता है उससे भी अधिक दो कानो के बीच । मतलब दिमाग में होता है । या मन में होता है "कभी-कभी एक आदमी को इरेक्शन होने में कठिनाई हो सकती है। यह कठिनाई आमतौर पर मनोवैज्ञानिक होती है और अक्सर इसका इससे कोई सम्बंध नहीं होता है कि वह आपको कितना आकर्षक लगता है। मिस्टर दीपक के मामले में आज मुझे यकीन है कि कोई समस्या नहीं हैं वास्तव में जैसे मैं नियंत्रण के बारे में बता रही थी वह खुद इस पर नियंत्रण बनाये हुए हैं जो की प्रशंसनीय हैं।"
मेरी ओर मुड़कर और मंच पर घुटने टेककर डॉ क्रूज़ ने बोलना जारी रखा।
"स्टूडेंट्स यदि आपकी कंपनी के किसी पुरुष के साथ ऐसा होता है, तो आप उसकी मदद करने के लिए कई चीजें कर सकते हैं। हम बुधवार के फोरप्ले और मुख मैथुन पर व्याख्यान के दौरान उन तरीकों के बारे में अधिक विस्तार से जानेंगे, लेकिन आज के लिए जल्द ही मैं सिर्फ दीपक की मदद करूंगी ताकि हम इस सत्र को जारी रख सकें और अब दीपक इस क्षण जो भी नियंत्रण उन्होंने कर रखा है उसे ढीला कर दे और जो कुछ भी उन्हें अच्छा लगता है उसके बारे में सोचे या अनुभव करें।"
मैं डॉ जेनी को करीब से देख रहा था उनकी हाइट 5 फुट 6 इंच से थोड़ी ऊँची इकहरा बदन, त्वचा का रंग शुद्ध सफ़ेद, दूधिया गोरी चिकनी त्वचा और काले घने बाल, दमकते हुए चेहरे पर धनुषाकार भवें, चमकती हुई आंखें, खूबसूरत नाक, उसमें पहना हुआ छोटा-सा रिंग, पतले गुलाबी होंठ और उन पर लाल लिपस्टिक। आधे दिल की आकार के कान और उनमें छोटी-छोटी बालियाँ, लंबी गर्दन और उसमें एक पतली चैन । बड़े-बड़े गोल स्तन। एकदम भरी हुई 36 साइज़ की सख्त चूचियाँ। गहरी क्लीवेज बनाये मस्त गोल सुडौल और कड़क चूचे । नीचे पतली कमर, उसकी गोल और गहरी नाभि और उसके नीचे लकीर के जैसी चूत की दरार जो की संकेत दे रही थी की डॉ. जेनी की योनि टाइट थी । मैं उसके सादगी भरे रूप यौवन का अपने नेत्रों से रसपान करने लगा।
अचानक डॉ सुश्री टिम और मुझे उनके शब्दों के निहितार्थ का एहसास हुआ। डॉ क्रूज़ को नीचे देखते हुए मैंने उसकी आँखों में उसनी भूख को देखा। मेरा लंड थोड़ा-सा तन रहा था और उनका हाथ मेरे लंड के पास पहुँचा और उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और जोर-जोर से अपना हाथ मेरे लंड पर आगे-पीछे करने लगी। दर्शकों और डॉ सुश्री टिम से एक जोर दार हांफ निकली थी। मैं महसूस कर सकता था कि कमरे में यौन तनाव कई डिग्री बढ़ गया है। डॉ. क्रूज़ का हाथ मेरे लंड पर नरम और चिकना लगा और इसका लगभग तुरंत ही वांछित प्रभाव पड़ने लगा।
मैं ख्यालों में हेलेन के मदभरे हुस्न के मजा लेने लगा। मैं खयालो में उसके पेट पर अपनी उंगलियाँ से कामुकता भरी छुअन से नाभि के चारों तरफ घुमाने के बाद उसकी नाभि पर चूम रहा था जीभ गोल-गोल उसकी नाभि पर घुमाते हुए, उसकी नाभि को अपने होंठों में भरकर चूसा और अपने दांतों से पकड़कर नाभि के छेद को अपनी जुबान से खोदते हुए उसके दोनों कूल्हों पर अपना हाथ फिराने लगा।
उसके पेट को चूमते हुए ऊपर की तरफ बढ़ना शुरू हुआ और इसका असर वास्तविकता में हुआ और लंड महाराज खूंखार होने की दिशा में अग्रसर हो गए. चूचियों की गोलाइयों को ऊपर से होंठों में भर कर चूसा और अपनी जीभ से चाटने लगा। मेरे हाथ कूल्हे से होते हुए धीरे-धीरे उसकी जांघों के बीच गए और उसकी चूत को छूने की बजाए मैंने हाथ से अपने खूंखार हो चुके लंड को पकड़ कर, ठीक उसकी चूत के ऊपर टिका दिया और उसकी गांड की गोलाइयों पर हाथ ले जाकर, उसको अपनी तरफ खींच लिया।
अपने लंड को मैंने डॉ क्रूज़ की चूत पर दबाते हुए उसके रसीले खूबसूरत लबों के भरे प्याले को अपने होंठों से अभी थामा ही था कि ठीक उसी समय जब मेरा लिंग लगभग आधा कड़ा हो गया था तो डॉ क्रूज़ ने पथपाकर लंड को रोक दिया और उसे अपने मुँह में लेने के लिए आगे झुक गयी। मैं अपने खयालो से बाहर निकला और देखा एक बार आँख मिलाने के बाद डॉ क्रूज़ ने मुझे नहीं देखा क्योंकि लंड का सिरा उसके होठों से फिसल कर उसके मुँह की गीली गर्मी में चला गया था।
परमानंद में कराहते हुए मैंने महसूस किया कि डॉ क्रूज़ की जीभ सिर के चारों ओर फिसल रही थी और उसने लंड पर अपना मुँह धीरे-धीरे अंदर और बाहर पंप किया था। इसके कुछ ही मिनटों के बाद डॉ. सुश्री टिम कामोत्तेजना के रास्ते पर थी और उनके निप्पल कठोर हो गए थे लेकिन दुर्भाग्य से वह आज के इस प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थी। फिर से पीछे की ओर झुकते हुए, सुश्री क्रूज़ ने मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल दिया और मधुरता से मुस्कुराई फिर उठ खड़ी हुई और व्याख्यान पूरा करने के लिए मंत्रमुग्ध दर्शकों की ओर मुड़ी। "
कहानी जारी रहेगी