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Click hereहेमन्त की शादी रूपाली से हुए 8 साल हो गए हैं। उनके एक ही लड़का है प्रिंस; जो बचपन से ही अपनी नानी के पास अजमेर रह कर पढ़ता है। हर तीन महीने बाद हेमन्त और रूपाली दो दिन के लिए अजमेर चले जाते हैं या प्रिंस को बुला लेते हैं।
हेमन्त का अनाज मंडी में थोक का बहुत बड़ा काम है। सुबह से लेकर दोपहर बाद तक वे बहुत व्यस्त रहता है, पर शाम को 4 बजे के बाद बिलकुल फ्री है, वे एक आध घंटे में घर आ जाता है. दुकान पर अकाउंटेंट और स्टाफ रहता है जो अकाउंट का काम पूरा करके डेली की एक समरी हेमन्त को मेल कर देते हैं।
हेमन्त सेक्स का बहुत भस्सी है। रूपाली उसके मुक़ाबले थोड़ी शांत और संकोची थी, पर हेमन्त के साथ ने उसे भी तेज बना दिया।
वे शादी के बाद से नाइट ड्रेसेस की बुटीक चलाती है। रूपाली अपना बुटीक केवल दोपहर में खोलती है और हेमन्त के आने से पहले सारा काम बढ़ा कर सिर्फ हेमन्त की हो जाती है।
इससे उसका दिन भी निकल जाता है और उसके अपने शौक़ों के लिए पैसा भी आ जाता है।
हालांकि हेमन्त उसे कपड़ों, गहनों और पैसों से हमेशा भर कर रखता है पर अपनी कमाई का अलग स्वाद होता है। उससे हेमन्त का बस यह ही कहना है कि जो करना है शाम 5 बजे तक कर लो, बस इसके बाद का सारा समय मेरे लिए।
हेमन्त को रूपाली जो अपने नाम के अनुरूप ही रूपसी है, कम से कम कपड़ों में अच्छी लगती। रूपाली स्वभाव से शुरू में संकोची थी पर सेक्स में हेमन्त का पूरा साथ देती।
उन लोगों ने न कभी जगह देखी न माहौल, बस जब मौका मिलता शुरू हो जाते। उन्होंने चलती गाड़ी में कई बार सेक्स किया.
रूपाली कहती भी कि चुपचाप गाड़ी चलाओ. पर हेमन्त बार बार उसके उंगली करता, उसकी टी शर्ट उठा कर मम्मे दबाता तो रूपाली भी चालू हो जाती, उसकी जींस की ज़िप खोलकर उसके पप्पू को सहलाती या चूस देती।
घूमने में हेमन्त ने कभी भी रूपाली को ब्रा या पेंटी नहीं पहनने दी ताकि उसका हाथ बेरोकटोक अंदर जा सके। वे जब भी कहीं ट्रेन से जाते तो हेमन्त फ़र्स्ट क्लास का कूपा ही बुक करता ताकि ट्रेन की रात भी बिना सेक्स के न निकले।
अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़कर और फ्री सेक्स कहानी साईट पर पॉर्न फिल्म देख देखकर हेमन्त फेंटसी में बहुत दिमाग लगता और रूपाली से वैसा ही करवाता।
रूपाली उसे अक्सर टोक देती कि ये सब कहानियों में होता है, असल में नहीं।
पर जब वे लोग विदेश टूर पर या समुद्री बीच पर जाते तो हेमन्त और रूपाली जमकर थ्रिल करते।
रूपाली के मम्मे मांसल और निप्पल नुकीले थे। बिना ब्रा पहने टीशर्ट में उसके उभार खूब दिखते, रूपाली को अटपटा लगता; पर हेमन्त को पसंद था कि लोग उसकी बीवी को देखकर आहें भरें।
अब रूपाली को भी मजा आने लगा था इन सबमें; जब पति को अच्छा लगता है तो उसे क्या परेशानी!
शुरू-शुरू में तो जब वे लोग समुद्री बीच पर जाते तो रूपाली या तो सलवार सूट पहनती या स्विम सूट के नीचे लेगिंग; पर अब तो वह बिना परेशानी टू पीस स्विम सूट पहन लेती जिसमें उसके मम्मे खूब बाहर उछलते।
थाईलैंड में तो दोनों ने मस्ती की हद ही कर दी थी। वहाँ तो कपड़े नाम मात्र के ही पहनते थे दोनों और अक्सर समुद्र किनारे हेमन्त ने उसके मम्मे बाहर निकाल दिये।
रात को भी जब रिज़ॉर्ट के स्विमिंग पूल में दोनों मस्ती करते तो हेमन्त उससे अपना लंड पूल के किनारे चुसवा लेता या उसकी चूत में उंगली कर देता।
बैंकाक में दोनों ने कपल मसाज भी ली। रूपाली तो तैयार नहीं हो रही थी मेल मसाजर से मसाज करवाने के लिए ... पर जब हेमन्त ने समझाया कि आए तो मस्ती के लिए हैं, फिर मस्ती पूरी करनी चाहिए।
पर फिर भी रूपाली के कहने पर दोनों ने एक ही रूम में मसाज करवाई। बस दोनों के बीच में एक भारी पर्दा था जो करवाने वाले की इच्छा थी कि खुला रखें या पर्दा डाल कर रखें. तो जाहिर सी बात है हेमन्त ने पर्दा डाला हुआ ही रखा।
हेमन्त की मसाजर फ़ीमेल थी और रूपाली का मसाजर मेल! दोनों ही जवान और चिकने!
हेमन्त तो दिमागी रूप से तैयार था बिना कपड़ों की मसाज के लिए; पर रूपाली को उसके मसाजर को मनाना पड़ा ब्रा पेंटी उतारने के लिए! पर बाद में रूपाली ने हेमन्त को बताया कि उसे बहुत मजा आया।
हेमन्त के क्लब में उनका एक दोस्त था गौरव! वह हेमन्त से उम्र में छोटा था, लगभग रूपाली की उम्र का रहा होगा।
गौरव पंजाबी था, उसकी बीवी मोना एक जवान पंजाबी लड़की की तरह उड़ती तितली थी। पर गौरव दिलफेंक आशिक था। रात में बीवी के साथ मजे लेता और दिन में इधर उधर मुंह मारने का जुगाड़ करता।
उसके पिता की एक फ़ैक्टरी थी। उसके पिता भी एसे ही रंगीन मिजाज थे; उनके भी शहर में चर्चे रहते। जब पैसा होता है तो किसी का कोई शौक बुरा नहीं होता।
पर बाप बेटे अपने शौक़ों पर कुछ ज्यादा ही पैसा उड़ाते; इसलिए काम में पैसे की कमी हमेशा रहती। पंजाबियों के खर्चे कुछ होते भी ज्यादा हैं कमाई के मुक़ाबले।
पिताजी बाहर वालियों पर पैसे उड़ाते तो गौरव घरवाली को चुप रखने के लिए उसकी हर डिमांड पूरी करता और भाभियों को इम्प्रेस करने के लिए महंगे गिफ्ट देता रहता।
एक दिन रूपाली ने हेमन्त से कहा कि गौरव ने उसे दो तीन दिन पहले मेसेज किया था 'भाभी मैं आपकी ड्रेसेस का ऑनलाइन काम मोना को कराना चाहता हूँ।' और अब वह रोज गुड मॉर्निंग के मेसेज भेज रहा है। पर जब मैंने मोना से ऐसे ही बात की तो उसे इसमें कोई इंटरेस्ट ही नहीं था, बल्कि उससे तो कभी गौरव ने बात भी नहीं की थी। हेमन्त हंस कर बोला- उस नालायक का दिल तुम पर आ गया है, वह तुम्हें इम्प्रेस करने के लिए चुग्गा डाल रहा है।
इस पर रूपाली बोली- तो फिर मैं उसे कोई जवाब नहीं देती। तो हेमन्त ने उसे उकसाया- हाय हैलो में क्या दिक्कत है; बस ध्यान रखना कि वह कहीं तुम्हारा बेवकूफ न बना दे। इस पर रूपाली बोली- मेरा कोई बेवकूफ नहीं बना सकता।
हेमन्त ने रूपाली का फोन लेकर खुद ही गौरव के व्हाट्सएप्प पर हाय का मेसेज डाल दिया। तुरंत ही गौरव का जवाब आ गया- भाभी क्या कर रही हो?
अब रूपाली ने हेमन्त से कहा भी कि क्यों मजे ले रहे हो। अब वे रोज मेसेज करेगा। तो हेमन्त बोला- कोई बात नहीं; जैसा तुम्हें अच्छा लगे, वैसा कर लेना।
अगले दिन गौरव के दिन में कई मेसेज आए और रूपाली ने भी उसके हर मेसेज का जवाब दिया। गौरव ने रूपाली से कहा- भाभी, अगर बुरा न मानो तो एक बात कहूँ कि कहीं हेमन्त को बुरा न लग जाये मेरे इतने मेसेज देखकर तो प्लीज़ इन्हें डेलीट कर देना।
रूपाली से बस यही गलती हो गयी जो उसकी ज़िंदगी की नासूर बन गयी। उसने भी बिना सोचे समझे गौरव के मेसेज डेलीट कर दिये।
रात को हेमन्त को फिर चुल्ल उठी। उसने रूपाली से पूछा- क्यों आज तुम्हारे आशिक का मेसेज नहीं आया? रूपाली ने बनावटी गुस्सा दिखाते हुए कहा- तुम होगे आशिक उसकी बीवी के; मेरा कोई आशिक-वाशिक नहीं है।
हेमन्त हंस पड़ा और उसने रूपाली की निगाह बचाकर गौरव को एक लाल गुलाब का मेसेज कर दिया। जवाब में गौरव का गुलाब को किस करते हुए की इमेज आई।
हेमन्त ने भेजा और आया मेसेज दोनों डिलीट कर दिये।
रात को बेड पर सेक्स करते समय हेमन्त ने रूपाली को थ्रीसम सेक्स की क्लिप्पिंग दिखाई जिसमें दो लड़के एक साथ लड़की की चुदाई कर रहे थे। इस तरह की पॉर्न मूवी देखना उनका रोज का शगल था तो रूपाली को अजीब नहीं लगा.
पर हाँ सेक्स के चरमोत्कर्ष पर हेमन्त ने रूपाली से कहा- यार, ये दो के साथ करने में मजा तो बहुत आता होगा। रूपाली भी चुदाई के खुमार में थी तो बोली- मुझे क्या पता, मैंने तो कभी नहीं किया; अगर तुमने किया हो तो बताओ। हेमन्त बोला- करोगी?
बस इतना कहते ही हेमन्त की स्पीड बढ़ गयी और उसका हो गया। बात यहीं की यहीं रह गयी। दोनों चिपक कर सो गए।
रात को रूपाली के फोन व्ट्सऐप सन्देश आया, रिंग टोन बजी तो रूपाली की आँख खुली। वह संभाल कर हेमन्त से अलग हुई और घूमकर अपना मोबाइल चेक किया। गौरव का गुड नाइट मेसेज था। रूपाली ने भी उसे GN लिख कर भेज दिया और दोनों मेसेज डिलीट कर दिये।
अब दिन में भी रूपाली और गौरव की फोन पर लंबी बातें होनें लगीं। रूपाली को गौरव की हर बात अच्छी लगती कि वह उसका कितना ध्यान रखता है, वह कितना हंसमुख है वगैरा वगैरा।
होता क्या था कि कभी रूपाली कहती कि आज सिर में दर्द है तो गौरव कहता कि सिर दबाने आ जाऊं क्या! वह दिन में दो-चार बार फोन करके हाल पूछता, इधर उधर की दवाई बताता।
एक दिन रूपाली ने उसे बताया- कल मेरा व्रत है. तो गौरव ने कहा- ठीक है, मैं भी व्रत रखूँगा; जब तुम भूखी रहोगी तो मैं कैसे खा सकता हूँ।
और उधर रूपाली को अब हेमन्त की कमियाँ दिखनी शुरू हो गईं। उसे लगने लगा कि हेमन्त तो उसके पास केवल जिस्म की भूख मिटाने आता है, बाकी तो उसे उसकी परवाह ही नहीं है।
अब हेमन्त उसे कोई गहने या कपड़े दिलाता तो गौरव रूपाली के दिमाग में भर देता कि हेमन्त तो उसे बिस्तर के लिए पटाने के लिए ये सब करता है। जो कभी नहीं हुआ वे अब रूपाली और हेमन्त के बीच होने लगा, रात को झगड़ा।
हेमन्त हमेशा की तरह सेक्स मांगता और रूपाली अब उसे टालने लग गयी थी, कई बार तो वह तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर अलग कमरे में सोती।
जब अगले दिन रूपाली ये बात गौरव को बताती तो गौरव बहुत खुश होता और कहता- तुमने सही किया।
यहाँ तक कि अब रूपाली घर की बातों में भी गौरव से राय करने लगी। गौरव ने उसका दिमाग इतना घुमा दिया कि रूपाली अब हेमन्त को लालची, बेईमान, दूसरे की संपत्ति पर निगाह रखने वाला मानने लग गयी।
हुआ यूं कि हेमन्त ने रूपाली के भाई के साथ साझेदारी में कोई व्यापार किया और उसमें घाटा हो गया जिसे रूपाली का भाई देना नहीं चाह रहा था। रूपाली को गौरव ने कुछ ऐसे भरा कि वे अपने भाई का पक्ष लेने लगी और हेमन्त को बेईमान मानने लगी। जबकि हेमन्त ने तो उसके भाई से यहाँ तक कह दिया- आप पहले हिसाब समझ लो, फिर जब हों तब दे देना, मैं टोकूंगा नहीं।
रूपाली हर बात गौरव को बताती और गौरव चटकारे लेकर उसे हेमन्त के खिलाफ भड़काता।
एक बार रूपाली अपनी बहन के पास कलकत्ता गयी एक हफ्ते के लिए तो गौरव ने एक डांसिंग कपल का मिनीएचर उसे गिफ्ट में भेजा, साथ में भेजे अपने प्यार का इज़हार करते कुछ कार्ड्स। दोनों की देर रात तक रोज फोन पर बातें होतीं।
चूमाचाटी की आवाज सुनकर रूपाली की बहन छेड़ती कि जीजू को चैन नहीं है।
हेमन्त को गौरव और रूपाली की दोस्ती का तो अंदाज़ था क्योंकि अब हेमन्त के कहने पर गौरव कई बार उनके घर कॉफी पीने आया था. पर रूपाली और गौरव के बीच बढ़ती नज़दीकियों से अनजान था।
हेमन्त ने कई बार गौरव से कहा कि मोना को भी लेकर आओ तो गौरव टाल देता। गौरव ने हेमन्त और रूपाली से भी मना किया हुआ था कि कभी भी क्लब में मिलने पर मोना को न बताएं कि गौरव उनके घर आता है।
हाँ हेमन्त ने यह महसूस किया कि अब वे जब भी रूपाली से कहता कि 'आज गौरव आएगा' तो वह खुश होती और स्मार्टली तैयार होती। और सबसे बड़ी बात उस रात हेमन्त और रूपाली का मस्त सेक्स होता।
तो अब तो हेमन्त भी रूपाली को गौरव को भड़काने वाली ड्रेस पहनने के लिए उकसाता। रूपाली जो कभी मेहमानों के सामने नाइट ड्रेस या छोटी ड्रेस नहीं पहनती थी, अब गौरव के आने पर स्कर्ट, हाफ पेंट्स या नाइट सूट पहनने लगी।
हेमन्त उससे जिद करता कि नाइट सूट के नीचे ब्रा मत पहनो, तो रूपाली ऐसा ही करती।
गौरव से हेमन्त बातों बातों में बताता कि रूपाली और वे तो रोज सेक्स करते हैं. और रूपाली को तो बहुत छोटे कपड़े पहनने का, बिना ब्रा के रहने का शौक है. देखो आज भी उसने ब्रा नहीं पहनी हुई है।
अब गौरव अक्सर हेमन्त के ऑफिस में शाम को, जब हेमन्त फ्री हो जाता था, आने लगा। उन दोनों के बीच बात होते होते सेक्स पर आ जाती।
गौरव कहता कि उसकी बीवी मोना का तो सेक्स में कोई रूचि ही नहीं है, वह उसके नजदीक नहीं आती। तो हेमन्त ने उसे समझाया कि मोना को पॉर्न मूवी दिखाकर या स्टोरी पढ़वाकर अपने से जोड़े, फिर उसके मन में पॉर्न मूवीज जैसे सेक्स के लिए चाह जगाए. और मौका देखकर हेमन्त-रूपाली की तारीफ करे ताकि मोना भी आना जाना शुरू कर दे और हम चारों अच्छे दोस्त हो जाएँ। ऐसे में गौरव को उनके यहाँ आना छिपाना भी नहीं पड़ेगा।
गौरव और रूपाली अब बहुत नजदीक आ गए थे। अब उनके बीच नॉन वेज मज़ाक होने लगे थे। रूपाली भी उसे नॉन वेज जोक्स भेज देती कभी कभी और गौरव तो पता नहीं क्या क्या भेज देता। कभी कभी रूपाली नाराज होकर एक दो दिन बात भी नहीं करती कि ये सब मत भेजा करो। पर फिर सब चालू हो जाता।
अब घर पर गौरव रूपाली से हाथ भी मिला लेता तो हेमन्त को कोई एतराज नहीं था। कई बार हेमन्त किसी बहाने से उठकर रूम के बाहर जाकर छिप के देखता तो गौरव कभी रूपाली का हाथ पकड़ लेता या गाल पर हल्के से किस ले लेता, रूपाली भी उसे किस कर लेती. पर ये सब केवल सेकण्ड्स के लिए होता।
और इन सबसे हेमन्त बजाए नाराज होने के और खुश होता कि चलो आज रूपाली गर्म हो रही है तो बेड पर मजा देगी। और होता भी यही ... गौरव के जाते ही दोनों का सेक्स शुरू हो जाता। रूपाली बहुत हॉट होती उस समय!
हेमन्त अब जब भी पॉर्न फिल्म दिखाता तो रूपाली से कहता कि क्यों नहीं एक बार गौरव को मिलकर थ्रीसम सेक्स करें! तो रूपाली उसे मना कर देती.
पर हाँ ... यह बात होते होते वह बहुत गर्म हो जाती और उसकी भड़की हुई कामवासना हेमन्त को मजा देती।
गौरव के घर आने पर एक दिन हेमन्त फोन पर बातें करता हुआ कमरे से बाहर गैलरी में चला गया जहां से उसकी फोन पर बातें कमरे में आ रही थीं.
तो इस बीच गौरव ने रूपाली को अपने से चिपटा लिया। दोनों के होंठ भिड़ गए। दोनों की सांसें उखड़ी हुई थी।
वासना का ज्वार इतनी तेजी से उठा कि उसने इन दोनों को हेमन्त की मौजूदगी से भी बेखौफ कर दिया। हेमन्त कमरे की खिड़की से इन्हें देख रहा था।
गौरव रूपाली के मम्मे ऊपर से मसल रहा था। उसने टॉप को उठाना चाहा ताकि वह मम्मे देख सके तो रूपाली ने अपने को छुड़ा लिया और गौरव से बोली- कुछ तो हेमन्त का ख्याल रखो. और मुझे ये उल्टी सीधी क्लिप्पिंग्स मत भेजा करो, किसी दिन हेमन्त ने देख लिया तो आफत हो जाएगी।
गौरव बोला- क्यों? ऐसा करना है एक न एक दिन, इसीलिए तुम्हें दिखाता रहता हूँ। रूपाली बोली- ज्यादा उड़ो मत और अपना चेहरा पौंछ लो! कहती हुई वह वाशरूम में घुस गयी।
जब हेमन्त फोन लिए लिए कमरे में घुसा तो गौरव अपना चेहरा पौंछ कर रूमाल जेब में रख ही रहा था.
हेमन्त ने रूमाल में लगी रूपाली की लिपस्टिक देख ली। वह चुप रहा।
रूपाली भी वाशरूम से चेहरा धोकर और लिपस्टिक दोबारा लगा कर आई और सीधे किचन में चली गयी कॉफी लाने!
रूपाली को ये डर लग गया था कि हेमन्त ने कुछ तो देखा है या महसूस किया है। उसे गौरव की जल्दबाज़ी और अपनी नादानी पर बहुत गुस्सा भी आया।
उसने मन बना लिया कि वे आज रात हेमन्त को बहुत मजा देगी सेक्स में ताकि उसकी शिकायत मिट जाये।
रात को बेड पर रूपाली ने हेमन्त को शिकायत का कोई मौका नहीं दिया। उसने बहुत सेक्सी नाइटी पहनी और हेमन्त से चिपट गयी, बोली- मैं बहुत गंदी हूँ, तुम इतना प्यार करते हो मुझे और मैं तुम्हें मना कर देती हूँ। अब कोशिश करूंगी कि ऐसा नहीं हो। मुझे किसी डॉक्टर को दिखलों कि मेरा मन क्यों कम करने लगा है सेक्स का!
सुनकर हेमन्त बोला- तुम्हारा डॉक्टर तो मैं ही हूँ। रोज ऊपर चुसवाया करो और नीचे इंजेक्शन लगवाया करो ठीक हो जाओगी। रूपाली भी उससे चिपकती हुई बोली- अब बातें मत बनाओ और चूस दो मेरी, बहुत पानी बहा रही है।
हेमन्त ने फिर गौरव के साथ थ्रीसम सेक्स की बात कही और ये तक कह दिया कि पसंद तो तुम भी करती हो गौरव को! तो रूपाली संभली और हेमन्त के होंठों से अपने होंठ भिड़ाते हुए बोली- पसंद करती हूँ तो क्या सेक्स भी करूंगी?
हेमन्त फिर पीछे पड़ा तो बोली- अभी तो तुम चुदाई करो, बहुत मन कर रहा है, गौरव के साथ सेक्स के बारे में हम बाद में सोचेंगे।
यह सुनकर हेमन्त भी गर्म हुआ और उसने रूपाली की नाइटी को ऊपर करके उसकी चूत में जीभ घुसा दी।
आज रूपाली की चूत बिलकुल गीली और गर्म थी। रूपाली कसमसाने लगी, वह बोली- मुझे भी चूसना है! तो हेमन्त 69 हो गया। अब दोनों एक दूसरे के चूसने लगे।
रूपाली हेमन्त के लंड का टोपा हटा कर पूरा लंड चूस चूस कर थूक से सराबोर करके अपनी हथेलियों के बीच मलने लगी.
हेमन्त को लगा कि ऐसे तो मैं इसके हाथों में ही छूट जाऊंगा। वह सीधा हुआ और रूपाली की टांगों को चौड़ा कर ऊपर करके अपना मूसल घुसा दिया और लगा धकापेल करने!
रूपाली की आदत थी ज़ोर ज़ोर से शोर करने की। वह बड़बड़ाने लगी- अरे थोड़ा धीरे से शुरुआत करो, अपनी ही बीवी है, क्या दिमाग में मोना चल रही है?
यह सुनकर हेमन्त के लंड को तो मानों आग लग गयी। अब उसने तो पूरी स्पीड से जोरदार धक्कों में चुदाई शुरू की और बोला- हाँ, तुम भी आज मुझसे, नहीं गौरव से चुद रही हो, इसीलिए तुम ज्यादा गर्म हो रही हो।
रूपाली की चुदास पूरी भड़की हुई थी और गौरव का नाम आने से वह बोली- ठीक है फिर तुम नीचे आओ और मैं गौरव के लंड की सवारी करूंगी। कहकर रूपाली ने हेमन्त को नीचे किया और चढ़ गयी उसके लंड पर और लगी घुड़सवारी करने!
हेमन्त ने उसके मम्मे पकड़ लिये और मसल मसल कर लाल कर दिये। आज रात जैसा वाइफ फक बहुत दिनों बाद हुआ था।
निढाल होकर दोनों चिपट कर सोने लगे तो हेमन्त ने पूछा- मजा आया गौरव के साथ? तो रूपाली बोली- मेरे गौरव तो तुम ही हो; मुझे किसी और की क्या जरूरत! और खबरदार जो तुमने मोना वोना से दिल लगाया तो!
हेमन्त को शाम को रूपाली और गौरव का लिपटना-चूमना भूल नहीं रहा था। उसे इस सबसे ऐतराज नहीं था, पर वह चाहता था कि जो भी हो उसकी मौजूदगी में हो।
उसने कह ही दिया रूपाली से- तुम खुद तो चाहती हो और मुझसे छिपा रही हो। मैंने सब कुछ आज अपनी आँखों से देखा है और तुम्हारे मोबाइल में वे क्लिप्पिंग भी देखी हैं। तो तुम कैसे कह सकती हो कि तुम्हें सेक्स का शौक नहीं। हाँ, अगर तुम गौरव के साथ ही करना चाहती हो तो मैं तुम्हें गौरव को सौंप देता हूँ। मैं अभी गौरव को बोल देता हूँ तुम्हें ले जाये!
रूपाली के पैरों तले जमीन खिसक गयी। उसने रो रोकर और गले लगकर हेमन्त से कहा कि इस बार उसे माफ कर दे और सब भूल जाये। आगे से ऐसा नहीं होगा।
हेमन्त भी चाहता तो यही सब था और वह रूपाली से प्यार बेइंतिहा करता था तो उसने रूपाली को गले लगाकर कहा- जो हुआ भूल जाओ; तुम मेरी जान हो। बस मेरे पीछे कुछ मत करो, चाहो तो मेरे सामने सेक्स भी कर लो, मुझे कोई ऐतराज नहीं।
कुछ दिन तो रूपाली ने समझा बूझकर गौरव को दूर रखा पर यह तो दिल की आग थी जनाब ... फिर भड़क गयी। अब रूपाली का मन दोस्ती से आगे आते आते गौरव की ओर सेक्स की भी सोचने लगा।
उधर हेमन्त ने गौरव को कुछ क्लिप्पिंग्स जो थ्रीसम सेक्स की थीं, शेयर करीं कि इन्हें मोना को दिखाना।
अब उनके बीच बातों का विषय सेक्स ही होता और हेमन्त गौरव को इस बात पर ज़ोर देता कि वह मोना को नॉर्मल करे और उसे उनके घर लाना शुरू करे ताकि वे चारों अच्छे दोस्त हो जाएँ।
एक बार तो गौरव ने उससे पूछ ही लिया कि क्या वह मोना के साथ सेक्स करने की इच्छा रखता है। सच में तो हेमन्त की सोच में हर समय सेक्स ही था पर गौरव के ऐसा पूछने पर उसने यही जवाब दिया- पहले तो मोना नॉर्मल हो, वे चारों अच्छे दोस्त बनें फिर यदि सबकी रजामंदी होगी तो उसे कोई ऐतराज नहीं।
इस बात को गौरव ने इतना बदलकर रूपाली को सुनाया कि रूपाली हेमन्त से चिढ़ गयी। गौरव ने कहा- हेमन्त तो मोना के साथ सेक्स करना चाहता है। वह चाहता है कि वह तो मोना के साथ सेक्स करे और गौरव रूपाली के साथ! और हेमन्त ने तो उसे यानि गौरव को थ्रीसम सेक्स की क्लिपिंग भी भेजी हैं।
गौरव ने वे सब क्लिप्पिंग रूपाली को भेज दीं। रूपाली को ये क्लिप्पिंग हेमन्त ने पहले ही दिखाई हुई थीं तो रूपाली को यकीन हो गया कि गौरव जो कुछ कह रहा है, वह सच है।
उस रात रूपाली हेमन्त से बहुत झगड़ी कि वह मोना पर क्यों निगाहें रख रहा है। रूपाली ने हेमन्त को साफ बोल दिया कि अब गौरव को भी यहाँ नहीं बुलाये।
हेमन्त फंस गया था, उसने बचने के लिए हथियार डाल दिये और रूपाली से कहा कि उसकी निगाहें मोना पर नहीं हैं, बल्कि वह तो केवल गौरव और रूपाली की नजदीकी चाहता है ताकि रूपाली खुश रहे। नजदीकी का मतलब सेक्स नहीं है बस आपस में हंसी मज़ाक है।
रूपाली को यकीन नहीं हुआ तो हेमन्त ने तुरुप का पत्ता चलाया कि उसे मालूम है कि वे दोनों फोन पर घंटों बात करते हैं, अश्लील चैट भी करते हैं और मिलते भी रहते हैं; पर दोस्त का अधिकार मानकर कुछ नहीं कहा।
यह सुन कर रूपाली भी बैकफुट पर आ गयी। उसे लग गया कि गलती दोनों ओर से है और बात बढ़ाने से कोई फायदा नहीं।
तो उसने कहा- हेमन्त, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और तुमको शेयर नहीं कर सकती। तुम अच्छे हो इसलिए तुम्हें मेरी और गौरव की दोस्ती पर कोई ऐतराज नहीं था। पर अब मैं गौरव से दूर रहूँगी।
हेमन्त ने उसके कपड़े उतारते हुए कहा- नहीं, तुम उससे दोस्ती के लिए स्वतंत्र हो. मुझे कोई ऐतराज नहीं, बस मेरा हक मुझे देती रहो।
रूपाली ने हेमन्त का मुंह नीचे अपनी चूत में घुसा लिया। हेमन्त को मालूम था कि इस समय उसकी चूत बहुत गीली होगी।
और यही था! तो उसने जीभ से चाट चूमकर सीधे अपना लंड पेल दिया।
पता नहीं रूपाली के ख्यालों में मस्ती थी या गौरव के लिये वासनाजनित प्यार, पर उस रात उसने सेक्स में जमकर हेमन्त का साथ दिया।
यह तो सच था कि अब रूपाली के दिलो दिमाग पर गौरव हावी था। वह दोहरे मापदंड अपना रही थी।
इस बहाने से कि हेमन्त को भी तो उसकी और गौरव की दोस्ती से ऐतराज नहीं है और बल्कि वे तो उन्हें बढ़ावा ही देता है; यह मानकर वह तो गौरव की हो चुकी थी। पर यह अधिकार वह हेमन्त को मोना के लिए देने को तैयार नहीं थी।
अब वह हेमन्त को धोखा दे रही थी और हेमन्त के अपने प्रति सेक्स की चाहत का इस्तेमाल उसे दबाने के लिए कर रही थी।
बेचारा हेमन्त, उसे तो सिर्फ रूपाली के साथ सेक्स में रंगीनियत चाहिए थी। उसने तो गौरव को भी सिर्फ इसलिए जोड़ा था कि वे सिर्फ रूपाली की ठंडी पड़ती आग भड़काता रहे और उस आग पर रोटियाँ हेमन्त सेक ले। सच में तो उसका मोना में कोई खास इंटरेस्ट नहीं था।
यह बात अक्सर गौरव भी सोचता कि वह जितना रूपाली के लिए तड़पता है, वैसी तड़प उसने हेमन्त की कभी महसूस नहीं की मोना के लिए! फिर आखिर क्यों हेमन्त उसे रूपाली के नजदीक ला रहा है।
अगले दिन रूपाली का बर्थडे था और संडे भी था। तो रात को ही चिपटे चिपटे दोनों ने ये तय किया कि कल पास ही सोहना में एक रिज़ॉर्ट में चलेंगे और वहीं रुकेंगे।
रात को 12 बजे रूपाली को व्ट्सऐप सन्देश आया। दोनों जगे थे, दोनों समझ गए कि गौरव का ही होगा।
पर रूपाली ने इस समय फोन को देखा भी नहीं और हेमन्त से चिपटी रही। दोबारा मेसेज आया तो रूपाली ने हाथ बढ़ाकर फोन उठाया और ऑफ कर दिया और हेमन्त को चूमते हुए बोली- अब इसे परसों वापिस आकर खोलूँगी।
अगली दिन वे लोग करीब 11 बजे घर से निकले। उससे पहले गौरव का कोई आदमी रूपाली के लिए चॉकलेट का गिफ्ट पैक देकर गया।
हेमन्त ने रूपाली से कहा भी कि उसे थैंक्स तो बोल दो. तो रूपाली बोली- आज सिर्फ तुम और मैं! उससे कल बात कर लूँगी।
दोनों ने रिज़ॉर्ट में जम कर मस्ती करी और अगले दिन सुबह ही वापिस आ गए क्योंकि हेमन्त को तो अपना बिजनेस देखना था।
दिन में गौरव और रूपाली की लंबी बातचीत हुई। रूपाली ने गौरव को बता दिया कि हेमन्त की निगाह मोना पर नहीं हैं, बल्कि वह तो यह चाहता है कि हम तीनों थ्रीसम सेक्स करें।
यह सुनकर गौरव तो खुश हो गया कि चलो उसकी बीवी बची और दूसरे की बीवी मिल रही है।
पर रूपाली ने साफ कह दिया कि उसके बीच बात सिर्फ दोस्ती तक ही ठीक इससे ज्यादा नहीं। गौरव ने कहा- आज मैं घर आऊँगा. तो रूपाली बोली- मैं नहीं बुला सकती, हाँ हेमन्त बुलाये तो आ जाना!
गौरव नहीं माना और दोपहर को उसके बुटीक पर पहुँच गया। रूपाली ने उसे आँखें दिखाईं कि यहाँ सिर्फ लेडिज आती हैं, जैंट्स नहीं।
गौरव बोला- अगर कोई महिला आयी तो मैं चला जाऊंगा. दिखावे के लिए उसने रूपाली से कहा कि मोना के लिए कोई नाइट ड्रेस दिखा दो। कह दूंगा ऑनलाइन मंगाई है।