बेकाबू हवस Pt. 01

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रूपाली ने दुकान पर काम करने वाली लड़की से कहा कि घर के फ्रिज से कोल्ड ड्रिंक ले आओ दो जगह गिलास में डालकर! उस लड़की के जाते ही गौरव रूपाली के नजदीक आया और दोनों के होंठ मिल गए।

रूपाली बोली- गौरव, मुझे ले चलो अपने साथ! अब नहीं रहा जाता। पर यह सब संभव नहीं था।

गौरव रूपाली के मम्मे मसलने लगा और कहने लगा कि उसे उसके साथ सेक्स करना है।

बात इससे आगे बढ़ती कि आहट हुई तो दोनों अलग हुए। लड़की कोल्ड ड्रिंक ले आई थी।

रूपाली ने गौरव को बताया कि उसे आज अपोलो अस्पताल जाना है अपनी एक सहेली को देखने! गौरव ने पूछा- कैसे जाओगी? तो रूपाली बोली- कैब से! गौरव ने उसे कहा कि वह उसे कुछ मेसेज करेगा।

तभी मेन गेट से कोई कस्टमर आ रही थी। रूपाली ने फटाफट एक पैकेट में एक सेक्सी सी नाइट ड्रेस डाली और गौरव को थमाते हुए उसे बाहर निकलने को कहा।

उस महिला कस्टमर ने आते ही मुस्कुरा कर रूपाली से पूछा- अरे तुम कब से जैंट्स कस्टमर डील करने लग गईं? रूपाली ने मुस्कुराकर कहा- मेरे पति के दोस्त हैं, अपनी पत्नी को सरप्राइज़ गिफ्ट देना चाह रहे थे।

गौरव दोपहर बाद पहुँच गया हेमन्त के ऑफिस! और इधर उधर की बातें बनाते हुए उसने कहा- कल रात मैंने मोना को क्लिपिंग दिखाईं थीं, वह बहुत मस्त हुई उन्हें देखकर! और फिर मैंने उससे आपकी बहुत तारीफ करी। जल्दी ही उसे लेकर आऊँगा आपके घर!

यह सब वह झूठ बोल रहा था। हेमन्त भी समझ रहा था पर दो दिन के रूपाली के सेक्स ने उसे सब कुछ भुला दिया था और आगे सेक्स में तड़का लगाने के लिए उसने गौरव को रात को बुला ही लिया घर पर!

गौरव बोला- आज नहीं, कल आऊँगा। हेमन्त भी बोला- हाँ, आज तो रूपाली भी अपोलो गयी है अपनी सहेली को देखने!

बाहर आते ही गौरव ने रूपाली को पूछा कि वह कहाँ है. तो रूपाली बोली- अपोलो पहुंची हूँ।

गौरव ने कहा कि वह भी उधर ही आ रहा है तो एक घंटे बाद रूपाली उसके फोन करने पर हॉस्पिटल पार्किंग में आ जाये। रूपाली ने मना भी किया तो गौरव नहीं माना।

गौरव ने बाज़ार से कुछ खरीदा और सीधे अपोलो हॉस्पिटल पहुँच गया और पार्किंग में गाड़ी खड़ी की।

वहाँ से उसने रूपाली को फोन किया और बताया कि वह पार्किंग में खड़ा है। रूपाली ने कहा भी- मेरी कैब तो आने जाने की बुक हुई है. और बारिश भी होने वाली है तो मुझे जाने की जल्दी है।

गौरव ने जिद की तो रूपाली उसकी गाड़ी के पास आ गयी। तभी बारिश होने लगी तो रूपाली को गाड़ी में बैठना पड़ा।

यहाँ वह फिर पिघल गयी। गौरव ने ताबड़तोड़ उसे चूमा और जब रूपाली भी उसका साथ देने लगी तो गौरव ने कहा- मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ अभी! चीट वाइफ रूपाली बोली- गौरव प्यार तो मैं भी तुमसे करती हूँ, पर हम दोनों के बच्चे हैं, पार्टनर हैं। तुम्हें अगले जन्म का इंतज़ार करना होगा।

गौरव ने जेब से सिन्दूर निकाला और रूपाली की मांग में भर दिया। रूपाली हतप्रभ रह गयी। यह क्या कर दिया गौरव ने?

वह गौरव से चिपट कर रो पड़ी।

गौरव ने उसे चूमा और कहा- अब हमें कोई अलग नहीं कर सकता। तभी गौरव ने उसे एक नाइट ड्रेस गिफ्ट दी।

इसके बाद रूपाली अपनी कैब से वापिस चली गयी।

रात को बेड पर हेमन्त ने रूपाली से कहा कि कल गौरव आएगा, मस्ती करेंगे तीनों! रूपाली बोली- कोई मस्ती वस्ती नहीं होगी, साफ बता दे रही हूँ. और उसे रोज रोज मत बुलाया करो, हमारी प्राइवेसी नहीं रहती. और फिर वह उल्टी सीधी हरकतें करता है, किसी दिन मैं भी भटक जाऊँगी तो?

इस पर हेमन्त मुस्कुरा कर बोला- आज रात चलो भटक ही जाएँ! रूपाली ने आँख दिखाते हुए कहा- तुम्हें ज्यादा मस्ती चढ़ रही है, बता दे रही हूँ पछताओगे एक दिन!

हेमन्त ने हंस कर उसे अपने से चिपटा लिया।

अगली रात को रूपाली ने नहाकर गौरव का गिफ्ट दिया नाइट ड्रेस पहनी जो बार्बी डोल जैसी थी. मतलब झीनी सी ब्रा और पैंटी; और उसके साथ एक हाउस गाउन!

पर उसने ब्रा के नीच एक ब्रा और पहन ली जिससे गाउन में उसके निप्पल न झाँकें।

हेमन्त ने जब यह महसूस किया कि रूपाली ने नीचे ब्रा पहनी है तो वह कुनमुनाया। रूपाली बोली- मेरे मम्मे तुम्हें दिखने के लिए हैं किसी और को दिखने के लिए नहीं! और अगर हंसी मज़ाक में उसने पकड़ लिए तो? बार बार वह इन्हें घूरता है।

हेमन्त ने बहुत कहा पर रूपाली बोली- आज उसे जल्दी भेज देना. फिर तुम्हें जन्नत की सैर कराऊँगी। हेमन्त ने पूछा- कैसे? तो रूपाली ने टॉप उठाकर उसे दिखाया कि आज उसने जो सेक्सी ब्रा पेंटी सेट नीचे पहना है, वह उसने नया ऑनलाइन मंगाया है और आज ही आया है।

हेमन्त आगे आया कि एक बार चूमने तो दो. रूपाली बोली- चूमना चूसना बाद में, अभी जरा मेरे पैरों की मालिश कर दो, बहुत रूखापन हो रहा है!

कहकर रूपाली सोफ़े पर बैठ गयी और टांगें मेज पर रख दीं। नारियल का तेल उसने पहले से ही रखा हुआ था वहाँ पर! हेमन्त को मसाज का बहुत शौक भी था तो वह तुरंत शुरू हो गया।

उसने शुरू ही किया था कि डोर बेल बज गयी। रूपाली उठती तो उससे पहले हेमन्त बोला- तुम्हारे तो तलुओं में तेल लगा है, मैं खोल देता हूँ।

गौरव आया और वहाँ के हालात देखकर हंसने लगा। हेमन्त बोला- बेटा हंस मत, एक टांग पर मैं लगाता हूँ, एक पर तू लगा!

रूपाली ने बहुत मना किया पर गौरव भी नीचे बैठ गया।

गौरव ने रूपाली के गाउन की तारीफ की कि उसके ऊपर बहुत अच्छा लग रहा है।

अब रूपाली टांगें फैलाये महारानी बनी बैठी थी और उसके दोनों आशिक नीचे उसकी टांगें मल रहे थे।

हेमन्त ने आँखों से गौरव को इशारा किया और खुद भी रूपाली के गाउन को घुटने से ऊपर करते हुए उसकी जांघों पर हाथ ले जाने लगा. उसकी देखा देकही गौरव ने भी उसका गाउन ऊपर सरकाने की कोशिश की तो रूपाली ने झटक दिया और बोली- ज्यादा बदमाशी नहीं। मैं सब समझ रही हूँ। बस तेल सुखाओ और रफा दफा हो जाओ दोनों, मैं चली कॉफी बनाने!

हंसी मज़ाक में एक घंटा ऐसे ही निकल गया। हेमन्त ने रूपाली से बचाकर रिज़ॉर्ट की उसकी और रूपाली की कुछ अंतरंग फ़ोटोज़ गौरव को दिखलाई।

गौरव ने भी हेमन्त को उकसाने के लिए शान बघारते हुए कहा कि उसके पास भी उसकी और मोना की कुछ ऐसी ही फ़ोटोज़ हैं। हेमन्त ने कहा- दिखाओ? गौरव बोला कि वे पेन ड्राइव में हैं, आपके ऑफिस आऊँगा तब दिखला दूंगा।

तभी रूपाली आ गयी तो बात यहीं रह गयी।

थोड़ी देर बाद गौरव ने वाशरूम जाना चाहा तो रूपाली उसे बाहर वाले वाशरूम तक ले गयी।

रास्ते में धीरे से गौरव ने कहा कि गाउन खोल कर अंदर वाला तो दिखाओ। रूपाली बोली- चुपचाप वाशरूम जाओ।

तब रूपाली किचन में आ गयी।

गौरव जैसे ही वाशरूम से निकला तो रूपाली ने किचन के गेट पर आकर अपना गाउन झटके से खोल कर उसे नजारा दिखा दिया और फिर गाउन ठीक करके रूम में आ गयी।

चलते समय रूपाली ने कल के गिफ्ट के लिए गौरव को थैंक्स बोला। इस पर गौरव इठला कर बोला- भाईसाहब को तो परसों रात से आज तक इतने मस्त थैंक्स बोले होंगे और मुझे रूखा रूखा थैंक्स? रूपाली भी हंस कर बोली- हाँ, मेरे पास तो रूखा रूखा ही है, घर जाकर मोना से गीले गीला ले लेना!

गौरव बोला- हेमन्त, यह तो कोई बात नहीं है, दोस्ती में एक गीला थैंक्स तो बनता ही है। हेमन्त भी हंस कर बोला- दे दो भाई इसे एक दो गीले गीले थैंक्स!

बस फिर क्या था, गौरव ने रूपाली को पकड़ लिया और देखते ही देखते उसे रसीले होंठों पर अपने होंठ रख दिये। रूपाली ने पहले तो अपने को छुड़ाने की कोशिश की, फिर उसने भी उसे जम कर चूम ही लिया।

गौरव उसे छोड़ने को तयार ही नहीं था. वो तो हेमन्त ने हँसकर उसे अलग किया कि बेचारी का दम घुट जाएगा।

गौरव चला गया।

उसके जाते ही रूपाली ने हेमन्त को कहा- तुम इसे बहुत शह दे रहे हो, देखना पछताओगे बार-बार कह रही हूँ। वे तो आज भी मेरे मम्मों को पकड़ना चाह रहा था। हेमन्त हंस कर बोला- अरे मैंने देखा नहीं ... वरना एक काम करते ... एक तरफ मैं लेट जाता दूसरी तरफ वो ... एक एक मम्मा बाँट लेते।

रूपाली ने हंस कर लंबी जीभ निकाली और कहा- ज्यादा उड़ो नहीं, आज तुम्हारी भी छुट्टी।

पर वह खुद ही लहराती हुई हेमन्त की गोद में आ गिरी। हेमन्त ने उसका गाउन खोल दिया और उसकी ब्रा ऊपर करके उसके मम्मे चूसने लगा।

रूपाली भी मचल कर बोली- तुम भी उतारो कपड़े और चलो बेड पर ... आज रहा नहीं जा रहा।

असल में गौरव से चिपटा-चिपटी में उसकी चूत चुदासी होकर पानी बहा रही थी। हेमन्त ने उसे गोदी में उठा लिया और बेड पर ले जाकर लिटा दिया।

रूपाली ने जल्दीबाज़ी में उसके कपड़े निकाल दिये और उसका लंड मुंह में ले लिया।

फिर तो उन दोनों का जो सेक्स उत्पात मचा, ऐसा लग रहा था जैसे दोनों ने ही सेक्स की गोली की हाई डोज़ ले ली है।

फिर तो उन दोनों का जो सेक्स उत्पात मचा, ऐसा लग रहा था जैसे दोनों ने ही सेक्स की गोली की हाई डोज़ ले ली है।

तभी हेमन्त का मोबाइल बजा। उसके पिता का फोन था कि हेमन्त के चाचाजी को दिल का दौरा पड़ा और कल दिल्ली में उनका ऑपरेशन है. वे लोग प्रिंस को साथ लेकर सुबह की फ्लाइट से दिल्ली आ रहे हैं। हेमन्त को हॉस्पिटल में उनके साथ एक दिन के लिए रहना होगा। तो सुबह रूपाली एयरपोर्ट से प्रिंस को ले ले और वापिस गुरुग्राम चली जाये और हेमन्त माता पिता के साथ दिल्ली। एक दो दिन बाद जब वे लोग अजमेर लौटेंगे तो प्रिंस को वापिस ले जाएँगे।

अगले दिन सुबह दोनों एयरपोर्ट गए. वहाँ से रूपाली प्रिंस को लेकर वापिस आ गयी और हेमन्त अपने माता-पिता के साथ दिल्ली चला गया। हेमंत रात को रुकने के हिसाब से कपड़े ले गया।

दिन में रूपाली और गौरव की लंबी बात हुई। रूपाली ने गौरव को बता दिया कि आज हेमन्त दिल्ली गया है।

गौरव पीछे पड़ गया घर आने के लिए! तो रूपाली ने कहा कि यह संभव नहीं है क्योंकि प्रिंस घर पर है।

गौरव पीछे पड़ा रहा, बहुत कसमें वादे हुए, गौरव ने रूपाली को कहा- हमारी शादी हुए इतने दिन हो गए, जब मैंने तुम्हारी मांग में सिंदूर भरा था तो सुहागरात तो होनी ही चाहिए; अपने पति को इतना क्यों तरसाती हो? ये मौका तो भगवान ने दिया है. वगैरह वगैरह!

तो रूपाली ने उससे कहा- ठीक है, रात को बताऊँगी। दिल तो रूपाली का भी बेईमान हो चुका था। उस पर गौरव ने क्या जादू किया था कि वे हेमन्त के प्यार को भी झूठा मान का गौरव के साथ प्यार की पींगें बढ़ा रही थी।

अब तो गौरव की बातों में आकर वे उल्टे हेमन्त को दिलफेंक, दूसरे की बीवी पर नीयत रखने वाला, और पता नहीं क्या क्या बोलती।

दिन भर रूपाली ने प्रिंस पर जान उड़ेले रखी। रात को प्रिंस भी थक गया था तो जल्दी ही सो गया।

गौरव के बार बार फोन आ रहे थे। रूपाली ने भी उसके कहने पर मन बना लिया कि जब हेमन्त ही उसे उकसा रहा है गौरव के साथ सेक्स करने के लिए तो क्यों न वे खुद ही पहल कर ले।

उसे गौरव ने यह कहकर मना ही लिया कि हेमन्त तो मोना के साथ सेक्स करना चाहता है इसलिए वे रूपाली को उकसा रहा है गौरव को उकसाने के लिए। इसीलिए वे उकसाता तो है पर उन दोनों को सेक्स नहीं करने देता क्योंकि वे चाहता है कि गौरव मोना को लेकर आए।

अब रूपाली ने भी इसे ही सच मान लिया. और चूंकि वह नहीं चाहती थी कि हेमन्त मोना के साथ सेक्स करे तो उसने यह तय किया कि वह और गौरव बिना हेमन्त को बताए सेक्स करें. ताकि हेमन्त गौरव के ऊपर मोना के लिए दबाव न बना पाये।

रात को प्रिंस के सो जाने के बाद रूपाली ने अपने को फ्रेश किया अपने आशिक के साथ बिना ब्याहे सुहागरात मनाने के लिए लगभग 10 बजे गौरव को फोन किया आने के लिए।

रूपाली ने लाल रंग का ब्रा पेंटी सेट और गाउन पहना। हाथ भर कर चूड़ियाँ और चटकता मेकअप किया, बिल्कुल दुल्हन वाले स्टाइल में!

गौरव चुपके से आया। रूपाली ने मेन गेट की लाइट बंद करके अंधेरा कर लिया था।

गौरव को अंदर करके रूपाली ने गेट बंद किया।

रूपाली को गौरव ने चिपटा लिया अपने से। उसे उम्मीद नहीं थी कि रूपाली इतना सज कर उसका इंतज़ार करेगी।

रूपाली ने उससे कहा कि बिल्कुल आवाज़ नहीं क्योंकि प्रिंस उसके कमरे में ही बेड पर सो रहा है।

दोनों ड्राइंग रूम में आ गए। रूपाली ने कॉफी बना रखी थी।

गौरव ने रूपाली को गोद में बैठा लिया। दोनों ने चुबनों के बीच कॉफी खत्म की।

गौरव बेतहाशा रूपाली को चूम रहा था और रूपाली उसी तरह से उससे चिपटती जा रही थी।

रूपाली को गौरव ने एक सोने का ब्रेसलेट गिफ्ट किया। तो रूपाली ने उसे चूमते हुए कहा कि इसकी क्या जरूरत थी।

रूपाली का ब्राइडल मेकअप और ज्वेलरी बीच में अटक रही थी, चूड़ियाँ भी आवाज़ कर रही थी।

गौरव के कहने पर रूपाली ने एक एक करके सारा मेकअप उतार लिया और अब बारी थी जिस्म के कपड़े उतारने की!

पहले गौरव ने अपनी टीशर्ट उतारी और फिर रूपाली का गाउन उसके झिलमिलाते जिस्म से अलग किया। रूपाली अब सिर्फ ब्रा पैंटी में थी।

गौरव ने उसके माथे से लेकर गालों फिर गर्दन से होते हुए सीधे मम्मों को चूम लिया। रूपाली शरमा कर पलट गयी तो गौरव ने पीछे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया।

तब रूपाली कसमसा गयी, बोली- लाइट बंद करने दो, मुझे शर्म आ रही है। गौरव ने लाइट बंद कर दी।

रूपाली ने उसकी जींस खोलकर मय अंडरवियर के उतार दी। तब रूपाली ने उसका लंड पकड़ लिया।

रूपाली के लिए ज़िंदगी में यह पहला लंड था अपने पति के अलावा! उसे फुरफुरी सी उठी।

गौरव का लंड हेमन्त के मुक़ाबले छोटा था। पर था तो आशिक का ... तो रूपाली ने उसे कस कर मसल दिया।

गौरव ने रूपाली को नीचे झुकाना चाहा कि वे उसका लंड चूसे! पर रूपाली मानसिक रूप से तैयार नहीं हो पा रही थी तो उसने मना कर दिया।

गौरव ने उसके मम्मे मसलते हुए उन्हें चूम लिया। रूपाली पता नहीं किस आशंका से घबरा रही थी, वह बोली- गौरव अब तुम जाओ, बस इससे ज्यादा नहीं, कहीं हेमन्त को कैसे भी मालूम न पड़ जाये!

फट तो गौरव की भी रही थी, कोई भी अनहोनी हो गयी तो हेमन्त तो उसे मरवा देगा। पर वे इस मौके को छोड़ना भी नहीं चाहता था। उसने मन में सोचा कि चुदाई फटाफट कर लेनी चाहिए।

उसने रूपाली को चूमते हुए कहा- बस थोड़ा सा प्यार कर लेने दो, दोनों के जिस्म एक बार मिल जाएँ, जन्मों की प्यास एक बार बुझ जाये, बस फिर मैं चला जाऊंगा।

रूपाली उसका हाथ पकड़कर उसे बेड रूम में ले गयी। वहाँ उसने नीचे एक गद्दा बिछा रखा था।

बेड पर प्रिंस सो रहा था। कमरे की लाइट बहुत धीमी थी।

रूपाली चिपट गयी गौरव से और बोली- आओ और मेरे को अपना बना लो। गौरव ने रूपाली को धीरे से नीचे गद्दे पर लिटाया और उसकी पैंटी उतार दी और उसकी मखमली चूत में जीभ घुसा दी।

रूपाली की आहें निकलने लगीं। आग भड़क चुकी थी पर मौका माहौल नाजुक था।

रूपाली ने गौरव को ऊपर खींच लिया। गौरव को भी लगा कि समय कम है, कहीं प्रिंस ही न जग जाये। उसने रूपाली के होंठ से होंठ भिड़ा दिये और अपना औज़ार रूपाली की चूत के ऊपर मसलने लगा।

रूपाली से बर्दाश्त नहीं हो रहा था, उसने अपने हाथों से गौरव का लंड अपनी चूत में घुसा लिया। इससे रूपाली की सीत्कार निकल गयी। चीटिंग Xxx से वक़्त मानो थम सा गया।

गौरव बिना हिले डुले रूपाली के अंदर गहराई तक उतर गया। रूपाली कसमसा रही थी, उसकी आवाज न निकले इसलिए गौरव ने उसके होंठ से होंठ हटाए ही नहीं और धक्के लगाने शुरू कर दिये।

अब दोनों एक दूसरे में समाने को धक्के लगाने लगे। दोनों को घबराहट थी तो गौरव ने जल्दबाज़ी की तो उसे लगा कि उसका होने वाला है। रूपाली ने उसे कस कर भींच लिया और गौरव ने सारा माल उसकी चूत में ही खाली कर दिया।

यह क्या हो गया! रूपाली को होश आया। हेमन्त का तो ओपरेशन हो चुका था तो रूपाली को ध्यान ही नहीं रहा कि गौरव ने कंडोम नहीं लगाया।

वह परेशान हो गयी। गौरव बोला- घबराओ नहीं, मैं कल सुबह ही तुम्हें दवाई ला दूंगा। रूपाली अब बेचैन हो रही थी।

उसने गौरव से कहा कि वह अब जल्दी से वापिस चला जाये। गौरव भी घबरा तो रहा ही था, उसने कपड़े पहने और चुपचाप निकल लिया।

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