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Click hereमेरे अंतरंग हमसफ़र
आठवा अध्याय
हवेली नवनिर्माण
भाग 42
व्यावहारिक यौन शिक्षा प्रक्टिकल 6- दृश्यम
मैंने कहा, " प्रिय डॉ क्रूज़, हम दोनों के बीच जो भी हुआ, उसके लिए मुझे बहुत दुख है और मैं पछतावा कर रहा हूँ। मैंने इस सब के लिए आपसे क्षमा माँगता हूँ, क्योंकि मैं आपकी सुंदरता को देख स्वयं पर काबू नहीं रख पाया और ये सब शुरू हो गया। केवल आप ही मेरी हालत को समझ सकती हैं और मेरी संवेदनाओं की सराहना कर सकती हैं, प्रिय! ' मैंने उसके स्तनों से प्रेमपूर्वक खेलते हुए कहा।
उसने धीरे से कहा, ' यदि आपके स्थान पर कोई और होता तो मैं ये कभी नहीं करती लेकिन आप की बात बिलकुल अलग है। आप मुझे बहुत पसंद आये हैं और अब आप ही मेरे सच्चे प्रेमी हैं। । मैंने तुम्हारी आँखों में अपने लिए चाहत और सम्मान देखा है। मुझे यह जानकर बहुत गर्व और ख़ुशी हो रही है कि आप मुझे चाहते हैं।
इससे पहले कि वह कुछ कह पाती, मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसे बहुत प्यार से अपने गले लगा लिया। मैंने अपने होंठ उसके रस भरे होंठों से चिपका दिए और उसके प्यार भरे स्तन अपने सीने में दबा लिए जबकि मेरा दूसरा हाथ उसकी चिकनी पीठ पर चला गया और मैंने अपने शरीर को उसके खिलाफ दबाया, ताकि वह मेरे कठोर हो रहे लंड को महसूस कर सके जो को अभी भी कड़क था और धड़क रहा था।
उसने मेरी कमर के चारों ओर अपनी बाजुओं डालकर मुझे पकड़ लिया और आहें भरते हुए, अपना सिर मेरी छाती पर रख दिया और मेरे खड़े हुए लंड पर उसने अपने शरीर को मेरे शरीर के और करीब कर दिया और कामाग्नि में जलते हुए हमारे होठ लम्बे चुंबन में लिप्त हो गए और अपनी होंठों को उसके होंठो पर दबाते हुए मैं बोला "मैडम आप नि: संदेह बहुत सुंदर हो।" और अब वह केवल फुसफुसा सकती थी। मेरे होंठ गर्म थे और उसके भी। मेरी जीभ उसके मुंह में चली गई और उसके ओंठो और दांतो की जांच करने लगी। उसकी इच्छा के विरुद्ध, वह मेरे मुँह में कराह उठी और उसकी जीभ मेरी जीभ के साथ जुड़ गई और जब हम अंत में दूर हुए तो वह बेदम थी।
लेकिन हम दोनों को अपनी इस हालात में बहुत आनद आ रहा था और उसने कहा अब हमे त्यहाँ से चलना चाहिए यहाँ पर कभी भी कोई टीचर और छात्र आ सकते हैं और इस सुझाव को स्पष्ट रूप से पसंद करते हुए, मैं उस पर मुस्कुराया, मैंने और उसने अपने टॉवल गाउन पहने और हम कॉमन रूम की और बढ़ गए । कॉमन रूम में उसने ने मुझे एक बड़ा तौलिया दिया, मुझे धीरे से छाती पर आधिकार जताते हुए धक्का दिया "दीपक! आगे बढ़ो! और स्नान करो! अब जाओ! नहा लो!"
उसने मुझे बाथरूम में अकेला छोड़कर दरवाजा भिड़ा दिया।
मैंने बाथरूम से पहले मार्बल काउंटरटॉप पर टॉवल गाउन उत्तर कर वहीँ टांग दिया, मैंने शावर क्षेत्र के अंदर कदम रखा।
मैंने उसको पुकारा-सुनिए मैडम
मैं बोला-क्या साथ में एन्जॉय करते हुए शॉवर लेना पसंद करोगी?
उसने पलटते कर मेरी तरफ देखा, मैं उसके सामने पूरा नंगा खड़ा था और मेरे नवाब साहब भी मैडम हेलेन के सम्मान में अर्धमूर्छा की हलालत में भी अर्धकड़क हो रस्म अनुसार खड़े थे।
वो बोली कुछ नहीं, लेकिन बस निचला होंठ का अंदरूनी हिस्सा अपने दांतों में दबाये हुए एकटक लंड को प्यासी नजरों से देखती रही।
हेलेन की आंखें कुछ देर पहले तक विकराल हो रहे मेरे छोटे नवाब पर टिक गईं, जो अभी भी अर्ध कड़क अवस्था में खड़े हुए थे।
इस हालत में हेलेन ने बाथरूम के बाहर, मेरे लिंग को देखकर हेलेन ने हाय! मुझे देखते हुए एक लंबी, गहरी सांस ली और फिर, मैं आगे हुआ और मैंने अपने हाथों को उसके पेट के तरफ ले जाकर उसकी बाथ गाउन की बेल्ट खोल दी। अपने हाथ की उंगलियों से गर्दन पर गुदगुदी भरी छुअन से उसको छूते हुए, अपने होंठों को उसके कान के पास ले जाकर बोला-मैडम अगर आपकी परमिशन हो तो हम दोनों मिल कर एक और गलती कर सकते हैं, ताकि अब हम एक दूसरे को सॉरी कह सकें।
वो कुछ कहती, इससे पहले ही मैं वापस बोल पड़ा-मैडम हेलेन मैं आपके साथ शॉवर लेना चाहता हूँ।
ये कह कर मैंने उसका बाथ गाउन पकड़कर नीचे की तरफ खींच कर सरकाया तो गाउन फर्श पर जा गिरा।
उसके सामने से घूमा और दो कदम चलकर उसके वापिस शावर एरिया में खड़ा हो गया और बाथरूम का दरवाजा आटोमेटिक डोरक्लोज़र के कारण धीरे-धीरे स्वता ब्नद हो गया । जब मैंने देखा वह आगे नहीं बढ़ी है तो मैं शावर की तरफ घूमा और शावर के पानी को समायोजित किया।
दिल की गड़गड़ाहट के साथ वह गाउन से बाहर निकली अब वह सर से पाँव तक नग्न थी और गाउन वही जमीन पर छोड़ दिया और कमरे के आरामदायक तापमान के बावजूद आगे क्या होने वाला है ये सोच कर उसे कंपकंपी आयी और उसने शावर के शुरू होने की आवाज सुनी।
मेरा चेहरा शावर की तरफ था और मैंने शावर में बहते पानी की आवाज में बाथरूम के दरवाजे के खुलने की आवाज को नहीं सुना, लेकिन शॉवर के कांच के दरवाजे के खुलने ने निश्चित रूप से मेरा ध्यान खींचा और खासकर जब मैंने देखा की हेलेन शावर के खुले हुए दरवाजे के बीच से मेरे पास लिए शावर में आ रही थी। वह पूरी तरह से नग्न थी और उसने उसके पीछे दरवाजा खुला छोड़ दिया था।
हालाँकि मैं हेलेन को पहले भी नग्न देख चूका था पर फिर भी मैं पहली बार की ही तरह उसकी कामुक खुजराहो के मंदिर की कामुक मूर्ति जैसी आकृति और सुंदर और थोड़ी गदरायी हुई काया के लालित्य को मैं देखता ही रह गया। मैं उसकी कमर, उसके उभरे और बड़े गोल स्तन, उसके विकसित बड़े कूल्हों की भव्यता हो निहारने लगा। मैं उसके सुंदर सांचे में ढले हुए उसके सुदृढ़ गोल स्तनों को देख रहा था, जिन पर चेरी की तरह गुलाबी निप्पल थे। उसके चौड़े कंधे, चट्टानों के रूप में सुडोल अलग-अलग खड़े उसके गौरवशाली स्तन, उन पर चुंबन आमंत्रित करते हुए निपल्स, उसकी सुंदर गोल भुजाएँ, पतली कमर और उसके सुन्दर गोल कूल्हों और उभरे हुए नितंब थे और वह शर्माती और लगाती हुई अंदर आ रही थी और बहुत अधिक सुंदर लग रही थी जिसे देख मेरा लिंग विकराल होने लगा।
हेलेन की आंखें कुछ देर पहले तक विकराल हो रहे लिंग पर जम गईं, जोकि अब जगने के बाद कड़क अवस्था में आ रहा था ।
इस अवस्था में लिंग को देखकर हेलेन ने 'इश्श...' करती आवाज में गहरी सांस ली। वह मेरे पास आयी
अपने होंठ दांतों से चबाते हुए अपने दाएँ हाथ की हथेली को नीचे ले जाकर, लिंग को ऊपर उठाया। उसे एहसास हो रहा था कि यह कितना बड़ा और सख्त था। उसके निपल्स सख्त हो गए और उसकी तंग चूत गीली हो गई।
"ओह, दीपक, यह तो सच में बहुत बड़ा है!" हेलेन कराह उठी।
कुछ पल तक हेलेन वैसे ही खड़ी रही और मैं उसका नग्न बदन ताकने लगा और हेलेन के मदभरे हुस्न की निहारने का मजा लेने लगा। नग्न हेलेन का अवलोकन निश्चित रूप से एक रोमांचकारी अनुभव था उसका दमकता हुआ चेहरा, उसकी शानदार आकृति, उसके अद्भुत स्तन, उसकी शानदार गोल जांघें और टाँगे और पैर, उसके भव्य सूजन वाले गोल कूल्हे और-और सलीके से कटे हुए छोटे-छोटे घुंघराले रेशमी बालों में छुपी उसकी योनि।
उसका कद लगभग 5 फुट 6 इंच । कंधों से नीचे ब्रा बंधने की जगह को छूती उसकी घनी सुनहरी रेशमी जुल्फें, नाजुक-सी 30 की कमर और 36 के नितम्ब। जब काफी देर मैंने उसको छुआ नहीं तो वह मेरे पास आयी । उसकी नितम्ब एक तरफ निकल आये और उसके आश्चर्यजनक रूप से विकसित और चिकनी जांघों जिस पर उसके शानदार नितम्ब और गांड टिके हुए थे और मेरी आँखे के सामने आ गयी, बालो में छुपी उसकी योनि, उसकी लम्बी सुंदर टाँगे केले के तने जैसी चिकनी जाँघे और उत्कृष्ट रूप से छोटे पैर सब मेरे सामने आ गए।
उसकी गांड शानदार थी बिलकुल गोरी, हाथी दांत की तरह चिकनी, कठोर और ऊपर की और उठी हुई बब्बूगोशे के आकार की गोल गांड। उसकी गांड के गाल जुड़े हुए थे पर बीच से उन्हें एक छायादार घाटी द्वारा अलग किए गए था जो की जिसमे से उसकी गांड के छोटे और प्यारे से गुलाबी छेद की झलक दिख रही थी।
उसकी टांगो के मध्य में प्रेम का देवता का उपासना स्थल था जिसमे उसकी गुलाबी योनि के लपलपाते होंठ उसकी योनि और गांड का छेद और उसकी सुडौल छरहरी-छरहरी काया का निचला भाग मेरे सामने था।
इस पूरे नज़ारे ने मेरे लिंग को कड़ा कर किया। एक मिनट पहले ही मैं अपनी लुंगी उतार कर नग्न हुआ था और मेरा लंड बाहर निकलते हुए पहले ही आधा खड़ा था और उसे इस तरह नग्न अपने पास आता देख पूरी तरह से खुश, उत्साहित और उत्तेजित लंड थोड़ा और तन गया और जब मैंने उसे तब भी नहीं छुआ क्योंकि मैं उसके सौंदर्य को निहार का मंत्रमुग्ध हो उसे देख रहा तो वह पलटी ।
जैसे ही वह पलटी, मुझसे टकराई और उसके 36 साइज़ के दोनों दुग्ध कलशों ने मेरी छाती पर चुम्बन किया।
वो लड़खड़ाती हुई मेरे ऊपर गिरी और मैंने तुरंत उसे थामते हुए उसे कमर से पकड़कर अपनी तरफ खींचा जिस कारण मेरा लंड उसकी चूत के ऊपर जा लगा।
खैर!. हम दोनों संभल गए और लगभग एक मिनट तक हम दोनों के साथ चिपके हुए एक दूसरे को आंखों में आंखें डाल देखते रहे।
फिर मैंने आगे से उसको देखा, तेज चलती सांसों से उसके ऊपर नीचे होती 36 साइज़ की सुडौल और अमृत रस से भरी-भरी चूचियाँ... और उन पर बादामी गोल घेरे पर चेरी के दाने जैसे लाल गुलाबी निप्पल। सलीके से कटे हुए बालो वाली एकदम शानदार और चिकनी चूत।
मैंने अपने एक हाथ से उसके निप्पल को छूते हुए मैंने हेलेन से कहा-वाव, आपके बूब्स कितने शानदार और सख्त हैं... और उस पर लाल रंग की चेरी मनमोहक हैं।
मैंने उसके एक चूचे को दबाते हुए उसे अपने पास खींचा और अपने मुँह में उसका चूचा लेकर उसके निप्पल को चूसा।
जैसे ही निप्पल को होंठों में लिया, उसके मुख से 'आह... ईश्श...' की मादक सिसकारी निकलने लगी।
उसी मदहोशी में हेलेन अपनी उंगलियों को मेरे सिर के पीछे से बालों में डाला और मेरे बालो को पकड़ लिया।
उसकी एक चूची छोड़ कर दूसरी चूची को मुट्ठी में लिया और उसके निप्पल को जीभ से चाटते हुए सहलाया। हम दोनों के भीतर का काम-प्रेम आंखों में साफ दिख रहा था।
कहानी जारी रहेगी