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Click hereमेरे अंतरंग हमसफ़र
नौवा अध्याय
डॉक्टरी की पढ़ाई
भाग 5
हवेली के मौजूदा भाग
फिर डॉ गैबी ने डॉ एड़ी से थोड़ा संयम रखने को कहा और आगे के लिए योजना बनायीं. उधर मैंने फैसला किया था की हवेली के मौजूदा भागो को थोड़ी-सी मुरम्मत की जरूरत हैंऔर उन्हकी मुरम्मत और नवनिर्माण का जिम्मा मैंने सैम जिस कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करती थी उनको सौंपने का जिम्मा उनको देने का निर्णय किया और साथ ही नए सभी आधुनिक विलासिता और सुविधाओं से सुसज्जित आलीशान निजी कक्ष, भव्य राजकीय कमरे, आंगन, रसोई, एक पुस्तकालय, स्विमिंग पूल, स्नानागार और बहुत कुछ जो की मैं बनवाना चाहता था। उनके नक़्शे बनआने की जिम्मेदारी शहर के सबसे पुराने आर्किटेक्ट को देने का निर्णय किया । और मैंने हवेली के जो काश बेहतर स्थिति में थे और मैं उनमे रह सकता था और वह कक्ष कॉलेज के हॉस्टल से सटे हुए सभी आधुनिक विलासिता और सुविधाओं से सुसज्जित थेै।
तभी सैम की एक टीम आयी और उन्होंने जहाँ मैं रहने वाला था और जिस हिस्से की मुरम्मत की जाने वाली थी वहां का हिस्सा लकड़ी के फाटे लगा कर अलग कर दिया.उस पर वाल पेपर लगा दिया आर उन्होंने काम इतनी जल्दी और सफाई से किया की पता ही नहीं लगता की ये हिस्सा लग किया गया है. सैम उनके साथ व्यस्त हो गयी.
इस बीच मेरी सुंदर जवान परिचारिका मोनिका जिसने बहुत छोटी और झीनी फ़्रांसीसी नौकरानी की वर्दी पहनी हुई थी हवेली के उस भाग से बाहर निकली जिसमे अब में रहने वाला था । उसकी गोरी जांघो तक-ऊंचे सफ़ेद मोज़ो में उस लंबी नौकरानी को अपलक देखता रहा। उसे देखते ही मेरा लंड पूरी तरह अकड़ गया। उसकी नाभि गहरी और वो बहुत कामुक लग रही थी। उसके सुनहरे बाल उसकी गोरी नंगी पीठ पर उसे नग्न नितम्बो को छू रहे थे, एक नौकरानी की टोपी उसके सिर पर टिकी हुई थी। नौकरानी मेरे पास आयी और मेरे ऊपर झुक गई, उसके स्तन लगभग मेरी निगाहों के सामने आ गए, बड़े गोल और मुलायम। उसकी दरार अविश्वसनीय और गहरी थी। तभी उसकी बैंगनी आँखों ने मेरा ध्यान खींचा।
मैंने उसकी जैसी आँखें कभी नहीं देखी थीं। वे कुछ जनून से भरी हुई थी।... एक जुनून जिसने मुझे इसकी तीव्रता से कांप दिया। मैंने कभी ऐसे जनून का सामना नहीं किया था।
"वाह, वह बहुत सुंदर लग रही है और उसने बहुत सुंदर कपड़े पहने हैं..." मेरे साथ बैठी क्सान्द्रा-सैंडी! ने कहा ।"
तभी सरवाजे पर आहट हुई और पर्पल मेरे पास आयी उसके साथ जीवा थी और जीवा के पीछे उसकी बहन केप्री थी और उन्हें देख मैंने पूरी विनम्रता से अपना हाथ पर्पलऔर जीवा की ओर बढ़ा कर उनका स्वागत किया । केप्री से मैं टर्की इस्तांबूनबुल में अफ्रोदिते के मंदिर में मिल चूका था.
"मास्टर! मुझे आपकी सेवा में नितुक्त किया गया है " केप्री ने अपना हाथ मेरी ओर बढ़ाया। केप्री छह फीट के आस पास लम्बी थी और सुंदर दिखने वाली बाहों और लम्बी पिंडलियों वाली थी। उसके बाल घने, चमकदार सुनहरे थे जो धूप में सुनहरे-पीले हो कर चमक रहे थे। वो बेहद खूबसूरत थी और उसका चेहरा बहुत प्यारा था और साथ ही उसकी हर चीज़ नायाब थी... लंबी, छरहरे बदन की मालकीन...5' 10-11" की लंबाई, बदन में सही जगह सही गोलाई और उभार...लम्बी नाक सुडौल, गोरा रंग... पतली और झीनी-सी ड्रेस पहने केप्री का हाथ मैंने पकड़ा हुआ था ।
सुंदर, लगभग 18 साल के आसपास की कैपरी, निर्विवाद रूप से आकर्षक थी। वह गोरी चमड़ी वाली, सुंदर, जीवंत चेहरे वाली थी। उसके बाल रेशमी और सुनहरे और लंबे थे,। उसकी आँखें बड़ी-बड़ी और नीले और हरे रंग के नायब मिश्रण वाली थी बिलकुल जीवा के जैसी उसकी नाक लम्बी और पतली थी। नुकीली ठुड्डी के साथ उसका अंडाकार चेहरा था। उसका मुंह मनोरम था, होंठ नम और मुलायम, ऊपरी पतला और पूर्ण, सीधे निचले होंठ पर झुका हुआ था। उसके दांत बहुत सफेद और यहाँ तक कि सामने के दांत बड़े और चौकोर और मजबूत थे। उसने बड़े करीने से कटी हुई भौंहों के बीच कोई मेकअप नहीं था।
, उसकी मलाईदार त्वचा पसीने से चमक रही थी । उसने सोने का हार और मैचिंग इयररिंग्स और हीरे और सोने की अँगूठिया अंगुलियों में पहनी हुई थी।
उसका शरीर कोमल, फिर भी दृढ़, पका हुआ और सुस्वादु था। उसके दृढ और गोल स्तन की जोड़ी ने मेरा सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित किया था जिसके आगे जीवा या क्सान्द्रा की छाती बिलकुल स्पॉट लगती थी। विशाल ग्लोब उसकी छाती पर ऊँचे थे और इतनी स्पष्ट दृढ़ता के साथ उसके अंगरखा में दब गए थे कि लगता था अभी अंगरखा फाड़ कर बाहर निकल आएंगे और उनके केंद्र में दिखाई देने वाले निपल्स मानो उस झीने कपड़े को फाड़ डालने पर आमादा थे। उसकी गर्दन लम्बी भरे हुए, पके हुए, गोल स्तनों की ओर झुकी हुई थी, जो सिकुड़े हुए ऑरियोल्स में लंबे सख्त निपल्स की इत्तला दे रही थी। उसका पेट घुमावदार लेकिन दृढ़ था और उसके कूल्हे अनुपातिकऔर आकर्षक नितंबों वाले थे जो उनके प्रेमी को उसकी योनी में पीछे से या और बेहतर उसकी गांड चोदने के लिए आमंत्रित कर रहे थे, उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि मानो वह मुझसे बहुत प्यार करती थी। उसके अंग सुचारु रूप से मुड़े हुए सुडौल थे, उसके हाथ और पैर लम्बे और सुंदर थे, उसकी कलाई और टखने पतले थे। कैप्रि की एक झलक ही पुरुष को कामुक कर देने के लिए पर्याप्त थी।
मेरे दिमाग का एक हिस्सा उसकी सुंदरता देख आकर प्रभावित था और दूसरा हिस्सा उसे देख कर विश्वास करने को त्यार नहीं था और मेरा ही ऐसी सुंदरी के खुली आँखों से ख्वाब देखने के लिए मजाक उड़ाना चाहता था, या इनकार करना चाहता था, लेकिन दूसरे हिस्से को केवल उसके अविश्वसनीय रूप को देखने की जरूरत थी ताकि यह महसूस किया जा सके कि मैं वास्तव में मैं उसे देख रहा था। और फिर मेरे लंड ने एक तुनका मारा.
मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसके हाथ की, गर्मी को महसूस किया। उसकी उंगलियाँ कितनी नाजुक थीं। वो मेरे अभिवादन करने के लिए झुक गयी । मैंने उसे उठाया और कहा आपका स्वागत है और मैंने उसका चेहरा सहलाया और उसे चूमा., उसके गर्म होठों को अपने ओंठो से महसूस करने लगा तो वो वही जम गयी । पर्पल मेरे पीछे थी। मैं जम कर खड़ा हो गया क्योंकि इस गर्मी ने मेरे अंडकोषों में उबाल ला दिया। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि ऐसा हो रहा है। कि केप्री अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल रही थी। मैं कराह उठा, चुंबन में आराम मिला । मैं मेरे को रोक नहीं सका। मेरी आग और भड़की और उसे गहरे चूमने लगा ।
फिर हम एकजुट हो चुंबन करने लगे। उसने उस समय अपनी आँखें बंद कर लीं और जैसे ही हमने चूमा, उसने साँस ली। मैंने महसूस किया कि वह मेरे फेफड़ों से सांस खींच ले रही है। जैसे ही उसने मेरे साथ चुंबन तोड़ा, वह कांप उठी।
उसके होंठ अद्भुत लग रहे थे। उसकी उंगलियाँ मेरे चेहरे पर कितनी कोमल थीं। उसकी बैंगनी आँखें मुझे घूर रही थीं। उन्होंने मेरे अस्तित्व को भर दिया था। मैं कांप उठा, उससे जुड़ा हुआ महसूस कर रहा था जैसे मैं कभी किसी के साथ नहीं रहा। इस सम्बंध की तुलना में महायाजक पायथिया या जीवा या एंजेल पर मेरा क्रश फीका पड़ गया।
मेरा दिल तेजी से और तेजी से धड़क रहा था क्योंकि मुझे लगा जैसे मेरा दिल उसके दिल के साथ समन्वयित हो रहा था।
मुझे मेरे चारों ओर एक मसालेदार इत्र की सुगंध फ़ैल गयी थी। मैंने इसमें सांस ली और आराम महसूस किया।
हम दोनों उस जगह पर ही चुंबन करते रहे और एक दूसरे को भूख से चूम रहे थे और वह परिचारिका ने सांस के लिए हांफ रही थी। पर्पल, निश्चित रूप से, हमे ऐसे चुंबन करते देख उत्तेजित हो गयी थी । नौकरानी ने उच्च पुजारिन को हमारे करीब खींच लिया जिससे उसके विशाल स्तन में से एक-एक स्तन एक म मेरे सीने में दब गया और दूसरा जीवाा की छाती में, जहाँ मांस को गर्म भाग पीसकर उसने जीवा को अधिक उन्मादी बना दिया। फिर हम त्रिकोण में चूमने लगे और हमारे स्तन एक दुसरे की छाती के साथ दब रहे थे ।
हॉल में परिचारिका मोनिका मेरे पास आयी और मुझे चूमा और बोली अब, मास्टर क्या आप अपना घर देखना चाहेंगे और हम आपके घर का दौरा शुरू करें?"
"इस तरफ, मास्टर," परिचारिका मोनिका ने कहा और मेरे आगे चल दी। उसकी स्कर्ट में से उसके गोल बड़े नितम्ब प्रकट हुए उसने उन्हें और लहराया। जब वह हवेली में दो सीढ़ियाँ चढ़ रही थी तो उसकी स्कर्ट के पीछे के फीते की फीकी परतों में सरसराहट होने लगी। उसका पीछा करते हुए मुंह सूख गया, केप्री और क्सान्द्रा- सैंडी, जीवा और पर्पल मेरे साथ आ गई। हम हवेली में मेरे कक्ष के अंदर चले गए.
जारी रहेगी।