अंतरंग हमसफ़र भाग 285

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9.38 डॉक्टरी की पढ़ाई, गर्ल फ्रेंड का प्यार
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Part 285 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
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मेरे अंतरंग हमसफ़र

नौवा अध्याय

डॉक्टरी की पढ़ाई

भाग 38

गर्ल फ्रेंड का प्यार

मैं उसे घर के अंदर घर दिखाने ले गया हम हाल एंटीक फर्नीचर और फायरप्लेस के पास की कामुक कला कृतियाँ के मध्य के दरवाजे से आगे चित्रों और कलाकृतियों से अटे एक गलियारे में से दक्षिणी भाग में गए वहाँ मुख्य रसोई थी। उसके साथ ही सफाई कर्मी, रसोइये, सहायिकाएँ इत्यादि, के रहने के कमरे थे और फिर हम सीढ़ियों की तरफ गए । पहली मंजिल पर जाने के लिए हमने सीढ़ियों का इस्तेमाल किया और मैंने उसे पहली मंजिल के अतिथि कमरे दिखाए, फिर हम दूसरी मंजिल पर पहुँचे जो की परिवार के रहने के लिए रही है।

दालान के अंत में जो दरवाज़ा था जो सबसे अलंकृत था उस पर सुंदर युवतियों की कामुक आकृतिया उकेरी गयी थी। वहाँ मोनिका ने हमारे स्वागत किया मैंने विरोनिका और मोनिस अक परस्पर परिचय करवाया और मोनिका बोली मैडम विरोनिका! "ये मास्टर सुइट है। यह अपने आप में एक अपार्टमेंट है और इसकी अपनी रसोई, दो बाथरूम, छह बेडरूम, एक बैठने का कमरा और एक बैठक है।" और यहाँ सबसे पहले पर ड्यूटी पर मौजूद नौकरानी का कक्ष है।

फिर उस कमरे से होते हुए हम एक बैठक कक्ष में पहुँचे। जो फायरप्लेस के साथविक्टोरियन लग रहा था। हालांकि इसमें कोई डरावनी तस्वीर नहीं थी। दो चंबणरत सुंदर लड़कियों की एक मूर्ती थी। खिड़कियाँ मैदान की ओर खुल रही थीं। फिर लिविंग रूम जिसमे अधिक आधुनिक फर्नीचर, भोजन की टेबल। काउच, दो रिक्लाइनर, एक लव सीट और एक बड़े स्क्रीन वाला टीवी। उस पर मिनोचा ने हमे नाश्ता परोसा और नाश्ता करने के बाद हम मेरे कमरे की और बढे और खिड़कियों पर पर्दे होने के कारण कमरे में थोड़ा अँधेरा था और मैंने लाइट ऑन नहीं की थी।

मैंने उसे कहा अभी ये पूरे घर का बहुत छोटा-सा हिंसा है जिसे हम इस्तेमाल कर रहे हैं बाकी हिस्से का पुनर्निर्माण हो रहा है ।

वो बोली "लेकिन फिर भी आपका घर का ये भाग भी काफी बड़ा और आलिशान है"।

मैंने कहा हाँ ये मेरे दादाजी ने ख़रीदा था और जब इसका पूरा पुनर्निर्माण हो जाएगा तो और भी भव्य बन जाएगा और उसने मुझे पहली बार मुझे थोड़ा-सा मुस्कुराते हुए देखा।

उसने कहा, "जब आप मुस्कुराते हैं तो आप सुंदर दिखते हैं।"

" धन्यवाद, तुम बहुत सुंदर हो।

"धन्यवाद," उसने मेरी बात को बीच में ही काट दिया।

मैंने उसे अपने पास खींचा और उसे किस किया उसने मुरे ओंठ चूसना चालू किया ओर अब मैं भी उसके ओंठ चूसने लगा ओर मैंने एक हाथ उसके स्तन पर रख दिया।

लेकिन क्या मैं कुछ निजी प्रश्न पूछ सकता हूँ। "

उसने हाँ में सर हिलाया।

"आपके स्तनों का आकार क्या है?"

"36B" उसका संक्षिप्त उत्तर था।

"और आपके निपल्स का रंग?"

"आप अपने आप को देख सकते हैं तो क्यों पूछ रहे हैं?" वह अब और भी बोल्ड हो रही थी।

मैंने कहा तो फिर दिखाओ अब मैं भी थोड़ा और बिंदास हो गया।

उसने कहा ठीक है। मैं तुम्हें अपना एक स्तन दिखाऊंगी।

उसने धीरे से अपना टॉप बायीं और से साइड से उठाया और अपना बाया स्तन निकाल लिया। उसका स्तन गोल और निप्पल गुलाबी था और इससे पहले कि मैं इसे करीब से देख पाता उसने इसे वापस कवर कर दिया।

"आपने देखा। आपको पसंद आये?"

"ठीक है, आपने जल्दी से अपने आप को ढक लिया तो मुझे बस एक झलक मिली।"

तो अब मुझे बताओ कि निप्पल का रंग क्या है?

"गुलाबी," मैंने कहा ।

"हल्का भूरा," उसने एक छोटी-सी हंसी के साथ कहा।

"तुमने अभी ब्रा नहीं पहनी है।"

"नहीं। मैं इस टॉप के साथ नहीं पहनती।"

"क्या मैं उन्हें महसूस कर सकता हूँ।"

" बात करते समय उसे एक अजीब-सा अहसास हुआ और वह जानती थी कि वह नीचे गीली हो रही थी। उसके निप्पल दर्द कर रहे थे और उसने भगवान को धन्यवाद दिया कि पर्दो के कारण रोशनी मंदी थी और कमरे की लाइट्स बंद थी और मैं उन्हें उसके लगभग पारदर्शी सूती टॉप के माध्यम से नहीं देख सकता।

"कृपया," मैंने बुदबुदाया।

"ठीक है। मैं तुम्हें अपना एक स्तन फिर से दिखाऊंगी लेकिन फिर तुम्हें मेरे सवालों का भी जवाब देना होगा और मुझसे वादा करना होगा कि तुम मेरा फायदा नहीं उठाओगे।"

"मे वादा करता हु।"

उसने धीरे से अब अपना टॉप दायी तरफ ऊपर उठाया और अपनी दायी चूची को बाहर निकाला।

"क्या यह बायीं से ज्यादा सुंदर है?" उसने चिढ़ाने वाली आवाज में पूछा।

"हाँ," मैं गहरी आवाज़ में बस इतना ही कह सका।

"कृपया। मुझे उन्हें छूने दो," मैंने निवेदन किया।

"ठीक है। लेकिन बस इसे छुओ।"

मैंने अपना हाथ बढ़ाया और उसे छुआ। यह बहुत नरम था। मैंने सख्त निप्पल को छुआ। उसने एक छोटी-सी कराह दी । ओह्ह्ह!

"क्या मुझे छूने पर दर्द होता है?"

"नहीं। कृपया ऐसे ही करते रहें, यह बहुत अच्छा लगता है।"

मैंने उसका टॉप पकड़ लिया और एक ही बार में मैंने उसे खोल कर उसके सिर से निकाल कर दूर फेंक दिया। वहाँ वह ऊपर से अपने सारे वैभव के साथ नंगी मेरे सामने थी।

"तुमने वादा किया था कि तुम कुछ नहीं करोगे," विरोनिका ने इच्छा से कांपते हुए कहा।

"मैं बस उन दोनों को देखना चाहता हूँ। मुझे क्षमा करें।"

"मैं चाहता हूँ कि दोनों को एक साथ देखूं।" अब मैं और निडर हो गया था!

मैंने अपना मुंह उनके करीब लाया और बाएँ निप्पल को अपने मुंह में ले लिया।

उसने झटका दिया और अपना स्तन मेरे भूखे मुँह में डाल दिया।

"ओह यह बहुत अच्छा लगता है। कृपया उन्हें ऐसे चूसें जैसे एक बच्चा माँ के स्तन चूसता है।"

मैंने बड़े उत्साह के साथ शुरुआत की। पहले बाईं ओर और फिर दाईं ओर जब तक मैंने उसके शरीर को तनावग्रस्त महसूस नहीं किया TAB तक उसके ाटन को चूमा और चूसा और हल्की कराह के साथ वह शिथिल हो गई। यह उसके जीवन का पहला संभोग सुख था और उसने सोचा कि उसने अपनी छोटी स्कर्ट में पेशाब किया है। उसे शर्मिंदगी महसूस हुई।

मुझे एहसास हुआ कि क्या हुआ था। "क्या आप आयी?"

वो क्या है? " उसने धीमी आवाज़ में पूछा।

"इसका मतलब है, बेबी कि तुम एक संभोग सुख प्राप्त कर चुकी हो।" मुझे उसकी स्कर्ट के आगे एक गीला पैच दिखाई दे रहा था।

उसने अपनी स्कर्ट को देखा और बोली "मुझे लगा कि मैंने पेशाब किया है।"

"नहीं, तुमने निश्चित रूप से एक संभोग सुख प्राप्त किया था। क्या तुमने इसका आनंद लिया?"

"हाँ," उसने शर्माते हुए कहा।

"मैं तुम्हारी योनि देखना चाहता हूँ।"

उसने उसकी स्कर्ट से ढकी जाँघों पर हाथ रखा। बोली कुछ भी नहीं। बढ़ते हुए मैंने उसकी स्कर्ट को धीरे-धीरे नीचे किया और धीरे-धीरे पेंटी को भी नीचे किया जब तक कि वह पूरी तरह नग्न नहीं हो गई।

मेरे सामने उसकी चमकती बाल साफ़ की हुई चूत तो जो की उसके आने से गीली थी।

मैंने उसे वहीं छुआ।

"नहीं कृपया," उसने निवेदन किया, "मैं इसके लिए तैयार नहीं हूँ।"

मैंने एक आह भरते हुए अपना हाथ हटा लिया। "ठीक है, लेकिन मुझसे वादा करो कि तुम इसे मुझे दिखाओगी।"

ठीक है और इसके साथ ही विरोनिका ने फिर से अपनी स्कर्ट पहन ली। जब वह अपनी पेंटी और टॉप के पास पहुँची तो मैंने उसे रोक लिया।

"मैं चाहता हूँ तुम ऐसे ही रो। अपना टॉप मत पहनो, तुम ऐसे और भी सुंदर दिखती हो।"

विरोनिका अनिच्छुक थी लेकिन मान गई।

मैं:- तुम तो बहुत सुन्दर लग रही। हो मेरी जान, तुम्हे खाने का मन कर रहा... मैंने कहा ।

तो फिर खा लो ना, किसने मना किया... पसीने की वजह-सी मेरे शरीर से महक आ रही थी जो उसे पागल कर रही थी ।

मैंने उसे फिर से अपने गले से लगा लिया। उसने भी मेरे गले से लगने में कोई दिक्कत नहीं जताई, बल्कि वह खुद मेरे सीने से लता-सी लिपट गई. मैंने उसे फिर से चूमा। पहले माथे पर बोसा लिया, फिर दोनों आंखों पर चूमा। वह आंखें बंद करके मेरे चुम्बनों का अहसास कर रही थी। इसी बीच उसका हाथ भी मेरी पैंट पर आ गया था। वह मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को दबाते हुए महसूस कर रही थी। लण्ड कड़ा हो गया था और आधा लण्ड शॉर्ट्स के लेफ्ट-साइड से आधा बहार निकल गया था ।

"ठीक है अब तुम मेरे सवालों का जवाब दोगे।"

"आगे बढ़ो बेझिझक कुछ भी पूछो।"

"क्या आपका खतना किया गया है?"

"नहीं।"

"आपका नाप क्या है?"

"किस का?"

"आप यह जानते हैं कि मैं किस बारे में बात कर रही हूं" उसने कहा।

हम दोनों हंसे। "ठीक है, मैंने मापा तो नहीं है लेकिन मुझे लगता है की सुप्त अवस्था में मेरे पास लगभग 6 इंच का लंड है और जब ये खड़ा होता है तो दस इंच से भी बड़ा हो जाता है क्या आप इसे देखना पसंद करोगी?"

"हाँ," उसने शर्म से जवाब दिया।

मैंने अपने शॉर्ट्स को नीचे किया और अपने खड़े लंड को बाहर निकाला।

विरोनिका इसके आकार को देखकर दंग रह गई। उसने दूसरी लड़कियों को इसके बारे में बात करते हुए सुना था लेकिन ऐसा पहले कभी नहीं देखा था। यह सुंदर लग रहा था और वह छूना चाहती थी लेकिन वह चाहती थी कि मैं उससे इसे छूने के लिए कहूँ ।

"ठीक है, क्या आप की ये पसंद आया।"

"मुझें नहीं पता।"

"क्या तुमने पहले एक लण्ड नहीं देखा है?"

"क्या आपको लगता है कि मैं एक वेश्या हूँ?"

"नहीं। मेरा मतलब ये नहीं था ठीक है इसके बारे में भूल जाओ, क्या तुम इसे छूओगी?"

उसने धीरे से अपना हाथ मेरे लिंग पर रखा। यह बहुत गर्म और रेशमी था। विरोनिका ने मेरा लण्ड पकड़ लिया और दबाने लगी लंड कड़ा हो चूका था । उसने मेरा पूरा लंड हाथ से सहलाया और हाथ फेरने लगी।

उसने धीरे से अपना हाथ मेरे लिंग पर रखा। यह बहुत गर्म और रेशमी था। उसकी लंबाई महसूस करते ही उसका छोटा-सा हाथ कांप रहा था।

मैं जन्नत में था... मुझे अपने जुनून पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था। मुझे पता था कि कुछ और स्ट्रोक और मैं स्खलित हो जाऊँगा।

विरोनिका बहुत बारीकी से मेरे लिंग का मुआयना कर रही थी। "ये तुम्हारी गेंदें हैं" है ना, उसने मेरे लंड के नीचे लटक रहे बालों वाले बोरे की ओर इशारा किया।

"हाँ वह हैं। विरोनिका, तुम मेरे लंड को रगड़ती क्यों नहीं रहती।"

"अगर मैं ऐसा करूँ तो क्या होगा?"

"मैं भी वैसे ही आऊंगा जैसे तुम आयी।"

वह मुझे खुश करने के लिए जोर-जोर से रगड़ने लगी। मैंने महसूस किया कि मेरा लिंग बड़ा हो गया है और आप आते हुए कहरमुत्कर्ष की सनसनी महसूस करने लगा। कुछ स्ट्रोक के बाद मुझे पता था कि मैं तैयार हूँ।

"कृपया जल्दी करो, तेज करो और करती रो मैं आने वाला हूँ।"

विरोनिका ने अपने प्रयास तेज कर दिए। अचानक मेरे लण्ड की नोक से गर्म वीर्य का एक धार निकली और उसकी छाती पर जा गिरी। वह नहीं जानती थी कि क्या करे! मैंने आहें भरी और वह पंप करती रही और मैं पिचकारियाँ मारता रहा अंतता मैंने वीर्य उत्सर्जित करना ब्नद कर दिया।

"धन्यवाद," मैंने कहा और उसके गालों पर चूम लिया।

"मैं अपनी छाती पर आपके इस सफ़ेद सह का क्या करूँ?"

उसने नीचे देखा और देखा कि मेरा वीर्य उसकी छाती और सुंदर स्तनों पर था।

मैंने अपना मुँह नीचे किया और उसके सह ढके निप्पल को अपने मुँह में ले लिया। इसका स्वाद नमकीन था लेकिन मैं उन्हें तब तक चाटता रहा जब तक कि उसके दोनों स्तन साफ नहीं हो गए।

वह चकित थी और साथ ही साथ फिर से उत्तेजित हो रही थी।

मैंने उसकी आँखों में देखा और संदेश पढ़ा। "क्या आप मेरे सह का स्वाद लेना पसंद करेंगी" उसने हाँ में सिर हिलाया।

उसने मेरे सह का कुछ अंश अपने मुँह में गोला बनाया और उसके मुँह पर ले आया। उसने उत्सुकता से अपना मुँह खोला और उसे ले जाकर साफ चूस लिया।

"आप और अधिक चाहते हैं," मैंने पूछा।

"हाँ," उसने कहा। "तो फिर तुम इसे मेरे लंड पर से क्यों नहीं चखती?"

"तुम्हारा मतलब है कि मैं तुम्हारा लंड अपने मुँह में ले लू, क्या ऐसा करना गंदा नहीं है?"

"नहीं, प्यार में कुछ भी गंदा नहीं है। आओ।"

उसने मेरे अर्ध खड़े लिंग को देखा और मेरी ओर देखा।

कहानी जारी रहेगी

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