अंतरंग हमसफ़र भाग 286

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9.39, डॉक्टरी की पढ़ाई, गर्ल फ्रेंड के साथ सेक्स
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Part 286 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
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मेरे अंतरंग हमसफ़र

नौवा अध्याय

डॉक्टरी की पढ़ाई

भाग 39

गर्ल फ्रेंड के साथ सेक्स

"चलो, एक बार करके तो देखो और दांत बचा कर।"

अनिच्छा से उसने अपना मुँह खोला और मेरे लण्ड का सिर अपने मुँह में ले लिया और तुरंत नोक पर कलगे शेष सह को महसूस किया। मैंने एक धक्का दिया और मेरा अब धड़कता हुए लण्ड का आधा हिस्सा उसके मुंह में था।

विरोनिका की पूरी नंगी चूची मेरे आंखों के सामने थी जिनपर गुलाबी रंग का दाना और हल्के भूरे रंग का घेरा था।

मैं तुरंत उसकी चुकी को चूमने के बाद उसकी चूचीयो को हाथ से दबाने लगा।

वो बोली-थोड़ा पी कर भी देखो।

चूची पर मेरे ओंठ लगते ही वह मेरा सर अपनी छाती पर दबा के सिसकारियाँ लेने लगी और एक हाथ से मेरा लन्ड मसल रही थी। चूची पीते हुए मसलते हुए मजे में डूब रहा था।

"इसे लॉलीपॉप की तरह चूसो।" उसने ऐसा किया और पाया कि यह मजेदार था। वह अपने मुंह में मेरे लण्ड को कड़ा होते हुए और उसके आकार में वृद्धि महसूस कर रही थी। लेकिन फिर वह पीछे हट गई।

"देखो क्या यह एक दिन के लिए ज्यादा नहीं है, यह मेरा पहला अनुभव है और मैं धीमी गति से चलना चाहती हूँ।"

मैं हताश था लेकिन मैं उसे खुश करना चाहता था। "ठीक है, लेकिन मुझसे वादा करो कि हम इसे फिर से करेंगे।"

विरोनिका मुस्कुराई। "देखो, मुझे भी अच्छा लगा लेकिन एक बात सोचो और कि मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ और यह हमारी पहली मुलाकात है।"

"किसी को इसके बारे में पता नहीं चलेगा मैं तुमसे वादा करता हूँ," मैंने जवाब दिया।

"यह किसी के जानने के बारे में नहीं है!"

"देखो मुझे यह पसंद आया और तुमने भी किया, इसलिए इसमें कुछ भी बुरा नहीं है। मैं तुम्हें नग्न, पूरी तरह से देखना चाहता हूँ और तुमसे प्यार करना चाहता हूँ।"

" अरे! तुमने मुझे नग्न देखा तो है विरोनिका ने कहा।

"देखो मैंने तुम्हारे स्तनों को देखा पर तुम्हारी चूत को नहीं देखा और तुम कह रही थी तुम्हर कुछ भी मना नहीं है?"

उसने मेरी तरफ देखा। उसे मैं प्यारा लग रहा था कि वह मुझे अपने करीब चाहती थी। मैं किसी बच्चे की तरह कुछ गिड़गिड़ाता हुआ दिख रहा था। उसने अपनी बाहें खोलीं और मुझे गले लगा लिया। यह अनंत काल के रूप में लग रहा था।

अचानक उसे अपने नग्न स्तनों पर कुछ गर्म महसूस हुआ। उसने नीचे देखा और देखा कि वे मेरे आंसू थे। "क्या बात है?" उसने पूछा।

"मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ कि यह सोचना मेरे लिए कठिन है कि तुम मुझे ऐसे अस्वीकार करोगी।"

"नहीं बाबू, मैं तुम्हें अस्वीकार नहीं कर रही हूँ। मैं तुमसे प्यार करती हूँ। ठीक है, मैं वादा करता हूँ कि हम इसे फिर से करेंगे।"

"लेकिन मैं आज आपको पूरी तरह से नग्न देखना चाहता हूँ और आपकी सभी शर्तों को मानूंगा।"

वह बेबस थी। वह मुझसे अलग होकर खड़ी हो गई। अपनी स्कर्ट उतारी और मुझसे सुरक्षित दूरी पर सोफे पर बैठ गई। उनकी बुर एकदम साफ फूली हुई पावरोटी की तरह मेरे सामने थी।

"तुम मेरी बुर देखना चाहते हो तो इसे देखो।"

"मैं इसे इस तरह नहीं देख सकता। आपको टांगो को चौड़ा खोलना होगा।"

विरोनिका ने धीरे से अपनी टाँगें खोलीं और मुझे अपनी चूत का पहला पूरा नज़ारा दिया। चिढ़ाते हुए उसने अपना हाथ नीचे किया और अपनी कुंवारी चूत के होंठ खोल दिए।

और बोली-देखो... देख लो ठीक से!

मेरी तो आंखें खुली की खुली रह गयी। मैं अपनी आंखों पर विश्वास नहीं कर सकता। वहाँ वह मेरी खूबसूरत प्रेमिका थी जो खुली हुई थी और उसकी गुलाबी चूत उसके गीलेपन से चमक रही थी।

"आपने जो देखा क्या वह आपको पसंद है?" उसने चिढ़ाते हुए पूछा।

"क्या मैं आपको देखते हुए अपने लण्ड को झटका दे सकता हूँ?"

"जो कुछ भी आप पसंद करते हैं, लेकिन अपने साथ करें।"

मैंने अपने नुकीले राक्षस को घर की गर्म हवा में धीरे-धीरे अपने घुंडी की संवेदनशील त्वचा को सहलाना और छेड़ना शुरू कर दिया। जल्द ही, मेरे हाथों ने मेरे लंड को जकड़ लिया और धीरे-धीरे पंप करना शुरू कर दिया फिर बढ़ती गति से ऊपर नीचे करने लगा। मेरे मन में एंजेला और वेरोनिका की छवियाँ थीं, कुछ यादें थीं, कुछ छविया थी जो मैंने देखी थीं, अन्य कल्पनाएँ थीं कि मैं क्या देखना और करना चाहता हूँ। मेरी आंखें बंद थीं और मैं बाकी दुनिया से पूरी तरह बेखबर था, इसलिए जब मुझे अपनी गेंदों पर एक गर्म हाथ कप महसूस हुआ तो यह मेरे लिए पूरी तरह से एक झटका था।

विरोनिका मेरा लंड सहला रही थी फिर उसने मुँह में लेलिया और चूसने लगी वह नीचे झुकी और उसकी जीभ ने लंड की नोक को गुदगुदाया। मेरे शरीर में वासना के विद्युत प्रवाह बढ़ गया कुछ ही देर में मेरा लंड बिल्कुल सख्त हो गया।, जबकि उसने मेरे हाथों ही हटा कर अपने हाथों से लंड का आधार पकड़ लिया और लंड सहलाना शुरू कर दिया। उसकी जीभ घुंडी पर नाच रही थी उसने लंड अपने मुंह में ठूंस लिया, लयबद्ध तरीके से जोर से चूस रही थी। मेरे हाथ उसके स्तनों पर गए, जो मैं स्तनों की धीरे-धीरे मालिश करने लगा। मैं उसके कराह को सुन सकता थामैंने एक निप्पल पर ब्रश किया और अपनी उंगलियों से उसे मरोड़ दिया।

मैंने निप्पल को सीधा करा और उसे सहलाना और मरोड़ना शुरू कर दिया। उसकी कराह बढ़ गई । मुझे महसूस हुआ मेरा लंड तेजी से उत्कर्ष की और बढ़ रहा है तो मैंने उसे रोका और मैंने पास ही रखा चॉकलेट्स का बॉक्स खोल कर ।अल्कोहल चॉकलेट्स निकाली और मिल कर एक चॉकलेट खाया... चॉकलेट कड़वा था...इससे पहले उसने कभी ड्रिंक्स या अल्कोहल नहीं लिया था। मैंने कहा...धीरे से मुंह मैं रखूंगा...आराम से पिघलने दो या धीरे-धीरे स्वद लेकर खाओ...एकदम से नहीं।

मैंने चॉकलेट मुँह में रख कर मुँह उसके ओंठो से लगा दिया उसने दूसरा चॉकलेट आराम से खाया... उसे अब चॉकलेट अच्छा लगा... । अच्छा लगा लगा। इसी तरह मैंने फिर से दुसरी चॉकलेट खिलायी इस बार मेरे होंठ उसके होंठ से लगे रहे... या उसकी जीभ भी मेरे मुह में आयी... उसे नशा-सा हो गया... पर उसे बहुत त अच्छा लग रहा था... 3-4 चॉकलेट के बाद उसे हल्का महसूस होने लगा।

मैंने उसे अपनी गोदी मैं बिठा लिया...वो ममेरी गोदी मैं नंगी बैठकर मेरे मुंह से चॉकलेट खा रही थी... मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर था और दूसरी बिना बालो की चुत पर...जो अब तक कुंवारी थी...उसके लिए ।सब एकदम अचानक हो गया...उसका दिमाग कहा रहा था गलत है...पर दिल सब मान रहा था। सब अच्छा लग रहा था और वह शर्मा कर मुस्कुरा रही थी और ऐसे शरमाती हुई बहुत ही प्यारी लग रही थी।

इसके बाद मैंने उसके गुलाबी गालों पर चूमा, तो उसकी आंखें खुल गईं। मैंने उसकी आंखों में देखते हुए उसके नर्म लरजते होंठों को चूम लिया। उसने मेरे होंठों की जकड़न में अपने होंठों को लुट जाने दिया। उसके होंठों को चूसते हुए मैं अपने हाथ से उसकी पीठ और कमर को सहला रहा था। उसके होंठों को चूमते चूसते मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया।

वो मेरी बांहों की गिरफ्त को छोड़ना ही नहीं चाह रही थी। मुझे यकीन हो गया कि आज मुझे गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स का अवसर मिलने वाला है।

मैंने उसे लिटा कर बड़े प्यार से उसके चेहरे, गले और कंधे पर चुम्बन लिया। वह मेरे सामने एकदम समर्पित होकर पड़ी थी। फिर मैं अपने दोनों हाथों से उसके दोनों चुचों को दबाने लगा।

वो आह! ओह्ह हाय करते हुई चुदाई की मस्ती में खोती-सी जा रही थी। अब अपने सामने उसके दोनों खुले चुचे देख मेरे मुँह में पानी आ गया। मुझसे रुका ही न गया। मैंने अगले ही पल अपने होंठों में उसका एक निप्पल दबा लिया। कड़क निप्पल का अहसास मुझे एकदम चुदासा बना रहा था। मैं पूरी मस्ती से उसके निप्पल को चूसने लगा। वह भी आंह उंह... करते हुए अपने यौवन का रस मुझे पिलाए जा रही थी। मैं कभी उसकी एक चूची को चूसता, कभी दूसरे को चूसता।

मैंने उठ कर अपनी शर्ट उतार दी। अब मैं भी नंगा हो गया था ।

मैं उसके चुचे चूसते हुए नीचे को आने लगा था। उसके पेट पर आकर मैं उसकी नाभि को चूमने लगा। नाभि पर मेरे होंठों का स्पर्श पाते ही वह एकदम से सिहर गई. उसके पेट की थिरकन से मुझे मालूम हो रहा था। मैंने तुरंत विरोनिका की नंगी बुर पर हाथ लगाया तो वह एकदम गर्म लग रही थी। नीचे झुक कर उसकी चिकनी बुर पर अपने होंठ टिका कर चुम्बन किया।

तभी उसने अपने हाथ से मेरा सर अपनी बुर पर दबा दिया और बोली-इसे अपनी जीभ से चाटो।

फिर उसकी चुत के ऊपर अपनी जीभ फेरने लगा। चूत के ऊपर से ही उसकी चुत बड़ी फूली और गीली लग रही थी। बड़ी मदहोश कर देने वाली महक आ रही थी।

मैं नाक के नथुनों को उसकी चुत की फांकों के बीच में लगा दिया। उसकी चुत का दाना मेरी नाक की नोक से रगड़ने लगा था। जिसे वह एकदम से मचल गई और उसने अपनी टांगों को खोल दिया। दस मिनट तक जवान दीपा की बुर चाटने के बाद मैं थोड़ा थकने लगा था। एकाएक उसने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया और उनकी बुर से कामरस बह कर मेरे मुंह को भरने लगा।

कुछ ही देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने उसकी चूत का रस बूंद-बूंद करके पी लिया। उसके बाद वह शांत हो गयी । अगले ही पल उसने मुझे अपने पास खींच मेरे ओंठ चूमने लगी हम दोनों एक दूसरे चूम रहे थे।

वो मेरे लंड को हाथ में लेकर मसल रही थी।

मैंने उसकी आंखों में देखा तो उसने हाथ से लंड को सहलाते हुए नीचे की तरफ मुँह कर दिया। फिर धीरे से लंड को चूमते हुए उसने लंड को अपने मुँह में ले लिया।

लंड का सुपारा उसकी जीभ के कोमल अहसास पाते ही एकदम से फूलने लगा। वह बड़े ही प्यार से लंड चूसने में लग गई. मुझे लंड चुसवाने बहुत मजा आ रहा था।

कुछ समय बाद हम दोनों 69 की अवस्था में हो गए. अब मैं उसकी चुत चूस रहा था और वह मेरे लंड को चूस रही थी। हम दोनों ही चुसाई की मस्ती में खोए हुए थे। अब हम दोनों से ही रुका नहीं जा रहा था। उसके मुंह में लंड को देकर मैं उसके मुंह को चोदने लगा। वह भी पूरे लंड को गलप-गलप करके अंदर लेने लगी। उसकी सांस रुकने लगी थी फिर भी वह लंड को गले तक उतार रही थी।

गजब तरीके से लंड चूस रही थी । मैंने उसकी चूत में उंगली दे दी और उसकी चूत के दाने को कुरेदने लगा। वह कसमसाने लगी।

कुछ देर तक उसकी चूत को चूसने के बाद मैंने उसे सीधा लिटा दिया उसके चूतड़ों के नीचे तकिया लगा दिया। उसकी चूत ऊपर की ओर आ गयी। चूचियों को मैं मुंह में लेकर पीने लगा और एक हाथ से दूसरी चूची को मसलने लगा। उसके मुंह से तुरंत सिसकारियाँ निकलने लगीं और अपने लंड को चुत पर सैट कर दिया। वह लंड का स्पर्श पाते ही फिर से उतावली हो उठी। मैं उसकी चुत की फांकों में लंड के सुपारे को घिसने लगा। मैंने उसके पैरों को फैलाया और उसकी बुर पर लंड को रगड़ने से उसका पूरा शरीर जैसे अकड़ने लगा था। वह चुदने के मचल गयी थी। मैंने उसकी चूचियों को दबाते हुए उसकी चूत के छेद पर लंड टिका दिया।

वो कहे जा रही थी-आह... मुझे डर लग रहा है... जरा आराम से करना... आह... मेरा पहली बार है। मैंने उसे विश्वास दिलाया कि डरो मत मैं प्यार से ही करूंगा।

फिर मैंने लंड का टोपा जैसे ही उसकी चुत के अन्दर किया, वह उछाल गयी । उसे दर्द होने लगा था। मैं उसे किस करने लगा। उसे किस करते हुए मैंने थोड़ा जोर लगा कर लंड को अन्दर किया ही था कि वह कसमसा उठी। मैं रुका नहीं और लंड पर दबाव बनाते हुए उसे अन्दर पेलता चला गया। अभी आधा लंड ही अन्दर गया था कि वह दर्द से तड़पते हुए जोर से चिल्ला पड़ी और रोने लगी। उसकी सील टूट चुकी थी, कौमार्य की झिल्ली टूटने से दर्द हो रहा था।

और इस बार पूरा जोर लगाकर उसकी चूत में धक्का लगाया तो मेरा लंड उसकी टाइट कुंवारी छूट की झिल्ली फाड़ कर चूत में उतर गया। मगर धक्का तेज था इसलिए वह एकदम से कराह गयी। मैंने इतने में ही दूसरा धक्का भी लगा दिया और उसकी चूत में पूरा लंड उतार दिया।

मैं फिर से रुक गया और उसकी चूचियों को दबाते सहलाते हुए उसका दर्द भुलाने का प्रयास करने लगा। कुछ पल तक मैंने उसके दोनों निप्पलों को भी बार-बार से अपने मुँह में भर कर चूसा। इससे वह सामान्य होने लगी। मेरा लंड उसकी चूत में जा चुका था और उसने लंड को अपनी चूत में एडजस्ट कर लिया था। छूट की मांसपेशिया एडजस्ट हो गयी थी और लंड के चारो और अभी भी टाइट फील हो रहा था ।

उसकी चुत चुतरस छोड़ कर चिकनी हो गयी थी और छूट की मांपेशियों ने लंड को सैट कर लिया था। मुझे भी अहसास हो चला था कि अब चुत में आगे बढ़ने का समय आ गया है। धीरे-धीरे मैंने उसकी चूत में अपने लंड को हिलाना शुरू कर दिया... कुछ देर के दर्द के बाद उसे मजा आने लगा। अब वह मजे में सब भूल कर कुछ पलों में ही उसके नितम्ब और उसकी गांड ने भी हिलना चालू कर दिया था। इससे मुझे समझ आ गया कि अब चुदाई को तेज करने का वक्त आ गया है।

उसके बाद मैंने ताबड़तोड़ उसकी चूत में लंड के धक्के लगाना शुरू कर दिया। वह भी मस्ती में चुदने लगी। हर धक्के पर उसके मुंह से आह्ह! ऊऊह्ह्ह... आह्ह... की मस्ती भरी आवाजें निकल रही थीं। उसके होंठ खुल गये थे और वह हर धक्के के साथ आह्ह इस्स... करती हुई अपनी चूत को चुदवा रही थी।

वो मादक आवाजों के चिल्ला रही थी-आह हाय फाड़ डाली, आराम से हाय! आज मैं चुद गई... ऊऊ मांआ आआह चोद दो!... आह चोदो!... आह जोर-जोर से!... आज से मैं तेरी हुई! चोद राजा...चोद!, कस कर चोदो ऊओह!

मैं भी उसकी चूत को चोदने का मजा ले रहा था। मैं उसकी चूत को चोदने का पूरा मजा लेना चाहता था। इसलिए दो मिनट धक्के लगाने के बाद रुक जाता था।

वो मुझे अपने ऊपर दबा कर अपनी कमर ऊपर उछालती और मैं फिर से उसकी चूत को चोदने लगता था। अब उसकी चूत से पच-पच की आवाज होना शुरू हो गयी थी।

चुदाई का पहला अहसास पाकर वह भी मस्त हो गयी फिर मैंने जोर-जोर से उसकी चूत में लंड को पेलना शुरू कर दिया। अब उसके मुंह से निकलने वाली कामुक सिसकारियाँ उसकी कराहटों में बदल गयी थीं।और वह झड़ गयी ।

मैं उसकी चुत में लगातार दबाव बनाते हुए अपने पूरे लंड को उसकी चुत में अन्दर बाहर करने लगा हुआ था। वह मुझे कसके जकड़े हुए थे और मैं उसके होंठों को चूस रहा था। मैं लंड को अन्दर बाहर करते हुए चुत की चुदाई करने में लगा था।

इस चुदाई से हम दोनों को ही काफी मजा आ रहा था। फिर से वह गर्म हुई और उसकी प्यार भरी सिसकारी बार-बार छूट रही थी। क़रीब दस मिनट बाद ही उसका रस निकल गया और वह ढीली पड़ गई. जोर से धक्के लगाते हुए एकदम से मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी उसकी चिकनी चूत के अंदर ही गिरने लगी। मैंने उसकी चूत की चुदाई 5 मिनट तक जोरदार तरीके से की और उसके बाद उसकी चूत में ही खाली हो गया।

अब की बार मैंने विरोनिका को घोड़ी बनाया और मैंने पीछे से लौड़ा पेलना शुरू कर दिया।

उसकी की अह आह की आवाजों से पूरी कोठी गूँज रही थी। इस स्थिति में उसे ज्यादा मजा आ रहा था और वह मजे में जोर-जोर से चोदने के लिए बोल रही थी। मैं भी उसे पूरी मस्ती में चोद रहा था।

कुछ समय बाद वह मुझे लिटा कर मेरे ऊपर आ गई और लंड को चुत में लेकर ऊपर नीचे कूदने लगी।

इसके बाद मैंने उसको अपने नीचे लिटा कर फिर से चुदाई शुरू कर दी। दस मिनट की धकापेल चुदाई बाद अब मेरा भी रस निकलने वाला था। मैंने सारा रस उसके अंदर फिर से डाला उसके बाद हम एक दूसरे को बांहों में लेकर लेट गए. हम दोनों काफी खुश थे।

हम दोनों भोजन करने जा रहे थे की वहाँ लूना आयी और इस बात की परवाह किये बिना की मेरे साथ विरोनिका भी वहाँ है मेरे साथ चिपक गयी और मुझे बेतहाशा चूमने लगी और बोली जब वह अपने हॉस्टल गयी तो उसकी सहेलियों ने उसे पकड़ लिया और उसके कपड़े उतरा दिए और उसकी सूजी हुई चूत देख कर उससे चुदाई की पूरी कहानी सुनी और अब वह भी मुझ से जल्द से जल्द चुदना चाहती हैं। मैंने लूना और विरोनिका का आपस में परिचय करवाया तभी फोन पर मेसेज आया की कॉलेज के पत्रों की एक दुर्घटना में निधन हो गया है और अब कॉलेज कुछ दिन बंद रहेगा । फिर कुछ देर में एंजेला मेरे घर आयी मैंने विरोनिका को एंजेला और लूना से मिलवाया और बताया मैं एंजेला के साथ जाऊँगा, तो विरोनिका का चेहरा देख कर लगा विरोनिका को थोड़ी ईर्ष्या हो रही है। मैंने उन तीनो से कहा मैं आप सब को साथ ही रखना चाहता हूँ क्योंकि आप सभी मुझे बराबर प्रिय हैं ।

तो लूना अपने सब कपडे उतार कर बोली पहले मुझे एक बार चोदो ।और मैंने उसे लिटाया और हम चुदाई कर रहे थे हमारी चुदाई देख विरोनिका भी गर्म हो गयी और मैंने उसे और एंजेला को भी साथ में चौद दिया । जब तीनो झड़ गयी और मेरा लण्ड फिर भी खड़ा था तो विरोनिका बोली कुमार तुम्हे संतुष्ट करना किसी एक के बस का नहीं है । तीन के साथ सेक्स करने के बाद भी अभी भी तुम्हारा लण्ड कड़ा है । पहले मुझे एंजेला और लूना से ईर्ष्या हुई थी पर अब नहीं हो रही है ।

लूना बोली वह आज रात अपनी एक सहेली को मेरे पास ले कर आएगी। कॉलेज कुछ दिन बंद रहेगा और लूना भी मेरे साथ जाना चाहती है।

कहानी जारी रहेगी

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