अंतरंग हमसफ़र भाग 305

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हर धक्के के साथ मुझे अहसास हो रहा था कि अब ज्वालामुखी फटने वाला है और मैं अपने गरम लावे से चूत का हर कोना भरने वाला हूँ। मेरे अंडकोषों में उबाल मार रहा गरम सफ़ेद लावा ऊपर की तरफ बह निकला और अगले तेज झटके के साथ जैसे ही लंड मैंने पीछे किया मेरे अन्दर का गरमसफ़ेद गाढ़ा लावा तेज पिचकारी के साथ लंड के छेद से निकल कर ज़ोरोना की चूत में गिरने लगा।

पहला शूट इतना तेज था कि वह सीधे उसकी बच्चे दानी से टकराया। जैसे ही मैंने पिचकारी मारना शुरू किया, उसने एक गहरी, गहरी कराह निकाली और मेरे साथ चिपक गयी मैंने झटके लगाने नहीं रोके, लेकिन लंड को चूत की गहराई में ही आगे पीछे कर रहा था। मेरी पिचकारीयो ने चूत लबालब भर दी। मेरा लावे जैसा गरम वीर्य उसके चुतरस और कौमार्य के रक्त के साथ बाहर बहने लगा। मेरा बदन अकड़ने लगा, इसलिए मैं उसके ऊपर लेट गया, लंड अभी भी उसकी योनि के अंदर था और हम एक साथ जुड़े हुए थे।

कहानी जारी रहेगी

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