राजमहल 1

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राज्य के वारिस के लिए राजकुमार की तीसरी शादी और सुहागरात
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Part 1 of the 13 part series

Updated 04/25/2024
Created 02/16/2024
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ये कहानी शुरू होती है 11 वी शताप्धी के एक राज्य खुशहालपुर से।

यह राज्य अन्य राज्यों से बहुत खुशहाल था उसकी बहुत सारी वजह थी।

इस राज्य को कभी भी हराया नहीं जा सका था क्योंकि यहाँ राज्य तीन तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ था।

इस राज्य के चारों ओर हरियाली थी क्यों की राज्य में एक नदी थी और इस नदी की वजह से यहाँ पानी की कोई कमी नहीं थी।

इस राज्य में फसल करने में किसानों को कोई परेशानियाँ भी नहीं आती थी, अन्य राज्यों की तुलना में इस राज्य में अनाज की कोई कमी नहीं थी।

इस राज्य का राज महल पहाड़ियों के अंदर में बना हुआ था।

यह राज्य था जिसकी कल्पना हर कोई करता है पर कहते हैं ना खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं रहती है।

इस राज्य को भी किसी की नजर लग गई है इसकी वजह है यहाँ के होने वाले राजा।

इस राज्य की परंपरा है कोई राजकुमार राजा तब बन सकता है जब उस के पुत्र का जन्म हो चुका हो।

यहाँ के एकलौते राजकुमार अब तक दो बार शादी कर चुके थे, दोनों रानियाँ कई बार गर्भवती भी हुई।

पर कहते हैं ना कि बुरा समय जब आता है तो कुछ भी सही करें सही नहीं होता है।

रानियों के पेट में ही बच्चें मर जाते या फिर जन्म लेते वक्त मर जाते, कई प्रयासों के बाद भी बच्चा नहीं हुआ और दोनों रानियाँ उन्हें बच्चा नहीं दे पाई।

फिर होने वाले राजा ने तीसरी शादी कर ली, ये उस के बाद की कहानी है।

वहाँ के राजा का नाम संतोष था अपनी पत्नी से बात करते हुए जिनका नाम शकुंतला था।

संतोष--शकुंतला हम अपने राज्य के भविष्य को लेकर बहुत परेशान हैं हमारा बेटा इतनी कोशिश के बाद भी हमें पोते का सुख नहीं दे पा रहा है।

शकुंतला बोली--इसमें उसकी क्या गलती है जी, वह तो अपनी पत्नियों की खूब चूदाई करता है।

संतोष बोला--हम जानते हैं हमारा बेटा हमें पोता देने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है पर हर बार खाली हाथ ही रह जाता है।

शकुंतला बोली--इसमें उसकी क्या गलती है जी, वह तो बस अपनी पत्नियों को चोद ही सकता है, बच्चा देना तो पत्नी का काम है।

संतोष बोला--इसमें उनकी पत्नियों का भी कोई दोष नहीं है, वह हर बार गर्भवती होती है पर किसी ना किसी वजह से बच्चा मर जाता है।

शकुंतला बोली--इसीलिए तो हमने उसकी तीसरी शादी की है और आज की रात उसकी सुहागरात है।

संतोष बोला--हम भी चाहते हैं कि अब इस पत्नी से उसे संतान प्राप्ति हो जाए।

शकुंतला बोली--हाँ, जिस के बाद हमारा बेटा कैलाश इस राज्य का राजा बन जाए।

उधर दूसरी ओर कैलाश अपनी दोनों पत्नियों के साथ बात करता हुआ अपनी कक्ष की तरफ जा रहा था।

कैलाश बोला--मेरे राज्य को मेरे पुत्र की जरूरत ना होती तो मैं कभी भी तीसरी शादी नहीं करता।

बचपन से ही मैं तुम दोनों से प्रेम करता था, मैंने तुम दोनों के अलावा कभी किसी को उस नजर से नहीं देखा।

पहली रानी बोली--हम दोनों यह बात जानते हैं इसीलिए आपने अपने जीवन में कभी भी किसी दासी तक के साथ शारीरिक सम्बंध नहीं बनाए।

दूसरी रानी बोली--हम दोनों भी तुम्हें बहुत प्रेम करते हैं।

पहली रानी बोली--तीसरी रानी की आयु 18 वर्ष है। उसके बदन का आकार अच्छा है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह कितनी सुन्दर होगी।

दूसरी रानी बोली--आपका कक्ष आ गया और हम दोनों दूसरे कक्ष में जाते है।

कैलाश बोला--आज ही रात की बात है उस के बाद तो हम चारों ही उस ही कक्ष में रहेंगे। ये कहकर कैलाश उस कक्ष के अंदर चला गया।

तीसरी रानी कक्ष के पलंग पर लाल साडी पहने हुए बैठी थी, कक्ष में ताजा गुलाबो और इतर आदि की मदहोश कर देने वाली चीजों की खुशबू आ रही थी।

कमरे मैं आते ही चारो तरफ फूल ही फूल थे।

उन सब की खुशबू माहौल को बहुत खुशनुमा बना रही थी। नई रानी का शरीर आकर्षक था और उसका फिगर एक दम से अप्सरा की माफिक लग रही थी, इन सब के नशे से तीसरी रानी को देखकर कैलाश के मन में यही आ रहा था कि देर न करते हुए इसको अभी चोद दूं।

राजकुम्मर कैलाश तीसरी रानी के पास आकर पलंग पर बैठ गया और उसका घूंघट उठाया, फिर तीसरी रानी के होठों पर अपने होठ रख दिए।

राजा ने मदिरा पी और रानी मदिरा को मदिरा पिलाई और थोड़ी मदिरा उसके स्तन पर गिरा दी वह रानी मस्ती करती राजा के पास आयी और राजा को भी कुछ और मदिरा पिलाने लगी! राजाजी देखते है कि रानी के कपड़े पूरे मदिरा की वजह से भीग चुके थे और उसके शरीर और बूब्स साफ-साफ दिख रहे थे, राजा को होश नहीं रहा और उसका लोड़ा पूरा का पूरा तना हो गया राजा ने भी उसके पास आते ही उसे गले लगा लिया और चूमने लगा और रानी भी मदमस्त हो गयी। कुछ पल बाद वह भी साथ देने लगी। दोनों एक दूसरे को बड़ी ही अच्छी तरह से चूम रहे थे! राजाजी जी ने रानी को उठा लिया अपने कंधो पर और बेड पर लेजा के पटक दिया और राजा जी रानी के कपड़ो को फाड़ दिया रानी ने भी राजाजी के सारे कपड़ो को उतार दिया।

राजकुमार ने उसकी साड़ी का पल्लू हटा दिया और इसके ब्लाउज खोलकर उसके स्तनों को आजाद कर दिया, उस के दूध जैसे स्तन राजकुमार के सामने थे। ।

राजकुमार तीसरी रानी को चूमते हुए अपने दोनों हाथों से उसके दोनों स्तनों को दबाने लगा। उसके स्तन वाकई में बहुत मुलायम थे।

कुछ देर स्तन दबाने के बाद राजकुमारने तीसरी रानी के होंठों को छोड़कर उसकी चुचक (निपल्स) चूसना शुरू कर दिया।

तीसरी रानी के मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं और वह राजकुमार के सिर को अपनी स्तनों पर दबा रही थी और बोलने लगी।

में आपकी पत्नी हूँ और मेरे पूरे शरीर और आत्मा पर आप का हक है, आप मेरी सुंदर बदन का रस पान जैसे भी करना चाहते है वैसे कर सकते है।

यह सुनकर राजकुमार ने चूचियाँ छोड़ कर फिर से उसके होठों पर अपने होठ रख दिए और धीरे-धीरे उसके सारे कपड़े उतार दिए। फिर रानी राजाजी के सामने बिलकुल ही नंगी हो गयी। इसके छोटे-छोटे नींबू जैसे स्तन और गुलाबी चुत देख कर राजाजी का लोड़ा एकदम से टाइट हो गया।

कुछ देर करने के बाद राजकुमार उसकी गर्दन चूमते हुए नीचे की ओर उतरने लगा और बॉब्स अपनी जीभ से चाटने लगे उसके निपल को काटने लगे और फिर तीसरी रानी की उसके बूब्स नाभि और पेट को सहलाने चाटने चूमने लगा।

चूमने की वजह से उस के शरीर में एक कम्पकपी-सी होने लगी थी जिसका एहसास राजकुमार को भी हो रहा था।

रानी पूरी तरह से उत्साहित हो सुकी थी उसके नीचे से पानी भी बह रहा था राजकुमार धीरे-धीरे अपने हाथ नीचे ले गए।

अब राजकुमार उसकी चूत को अपने हाथ से सहला रहा था। उसके मुँह से "आ...आ...श...श...ई" जैसी आवाजें निकल रही थीं। ओर कुछ पल बाद राजकुमार ने रानी की चुत चाटना शुरू कर दिया और रानी आ ई आई-आई आई आई-आई और निकाल दो मेरा पानी और चाटो ई आह-आह मर गए इसी मादक आवाजें निकाल कर राजाजी को उत्साह दे रही थी।

फिर राजकुमार ने उसकी दोनों टांगों को फैलाया जिसे उसकी चूत को राजकुमार सामने से साफ देख रहा था, फिर राजकुमार ने अपनी होंठो को उसकी चूत पर रख दिया जिससे उसके मुंह से एक मादक-सी सिसकारी निकली।

कुछ देर करने के बाद वह झड़ गई राजकुमार उस की चूत का सारा रस पी गया और अब वह राजकुमार के लण्ड को सहला रही थी।

राजकुमार का लंड हाथ से आधे से कम था (5 इंच का लंड) । फिर वह राजकुमार के लंड को अपने हाथों मैं लेकर देखने लगी राजकुमार धीरे से खड़ा हुआ औरअपना लोड़ा रानी के मुँह में घुसा दिया और बोला लो रानीजी मेरा लोड़ा चुसो! और रानी उसे अपने मुंह में लेकर चूमने और चूसने लगी।

कुछ देर लंड चूसने के बाद वह पलंग पर 69 की अवस्था में आ गए वह राजकुमार के लंड को चूस रही थी और राजकुमार अपनी जीभ से उसकी चूत को चाट रहा था।

कुछ देर बाद तीसरी रानी बोली--राजा जी कुछ करो... मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है ये सब।

राजकुमार उठा राजकुमार रानी को सीधा लेटा देते है और रानी अपने दोनों पैर खोल देती है राजकुमार एकदम से हमला कर देते है राजकुमार अपने लंड का सुपारा रानी की चुत पर रखते है और उसकी चूत पर अपना लंड रख राजकुमार ने जरा-सा लंड अन्दर डालने की कोशिश कि तो उसके मुँह से चीख निकल गई। राजकुमार और अंदर डालने की कोशिश करते है पर लंड अंदर नहीं घुसता । राजकुमार ने रानी की चुत मैं तेल लगाया और अपने लौड़े को पूरा का पूरा भिगो दिया फिर से लौड़े का टोपा चुत पर लगाया ओए एक जोर का जाटका दिया रानी एक दम से चीख पड़ी।

तभी राजकुमार ने उसके होंठों को अपने मुँह में ले लिया और धीरे-धीरे मजे से उस के होठों को चूमने लगा साथ में राजकुमार उसके स्तन मसल रहा था।

अब तीसरी रानी को भी मजा आने लगा था राजकुमार ने देर न लगाते हुए जोर से धक्का मारा, राजकुमार का आधा लण्ड उसकी चूत में घुस चुका था।

राजकुमार का लन्ड अन्दर जाने से रानी की चुत में से बहुत सारा खून बहने लगा उसकी चुत कुंवारी थी! लोड़ा अंदर जाने से कौमार्य की झिल्ली टूट गयी और खून निकलने लगा। रानी छटपटाने लगी तो राजकुमार कुछ पल रुक गया उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे, उसे दर्द हो रहा था, राजकुमार के शरीर से लिपट कर वह रो रही थी।

और रानी का दर्द कम होते ही एक और झटका दिया पूरा लोड़ा अंदर चला गया रानी फिर से पूरी जोर से चिल्लाई पूरे महल में वह आवाज सुनाई दी जिसे सुनकर बाकी की रनिया जलन कर रही थी और राजकुमार ने और बिलम्ब ना करते हुए तीसरी रानी की चूत में धीरे-धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा, पर उसे अभी भी दर्द हो रहा था। फिर राजकुमार ने धीरे-धीरे अपने स्पीड बढ़ा दी और रानी की चुत का भरता बनाना शुरू किया।

लेकिन थोड़ी देर बाद तीसरी रानी को भी मजा आने लगा था, वह भी अब अपने कूल्हे हिला रही थी, हालाँकि उसे अभी भी हल्का-हल्का दर्द हो रहा था राजकुमार ने उसके होंठों को आजाद कर दिया था।

तीसरी रानी बोली--राजा जी डालो और अंदर मजा आ रहा है!

उसके मुँह से आ...ह व लंबी-लंबी सिसकारियाँ निकल रही थीं।

अचानक वह एकदम से चीखी और तीसरी रानी राजकुमार से जोर से लिपट गई, वह झड़ गई थी।

पूरे 1.5 घंटे तक राजकुमार रानी की चुत पेलता रहा । रानी की नई-नई चूत लाल-लाल हो गयी । राजकुमार ने फिर आसन बदल लिया । अब राजकुमार निचे और रानी ऊपर आ गयी । रानी इस बीच दो बार जड़ चुकी थी रानी में अब कोई जोश [ताकत नहीं रही थी । वह राजकुमार की छाती पर निढाल हो के लिपट गयी, पर राजकुमार का लोड़ा अभी भी तना हुआ था, वह नीचे से भी रानी को जोरदार चुदाई कर रहे थे उछल-उछल के रानी के आँख में से आंसू बंद ही नहीं हो रहे थे राजकुमार ने रानी को इस हालत मैं भी पूरा 30 मिनट्स चोदा और फिर कुछ देर करने के बाद में भी झड़ गया और अपना सारा वीर्य उस की चूत में डाल दिया और थोड़ी देर ऐसे ही लेटा रहा।

उसने पूरा पानी रानी की चुत मैं ही निकाल दिया और रानी को अपनी बाहों में लेकर उसकी पीठ को सहलाते हुए बोला कैसा लगा तुम्हें? तो उसने बताया बहुत अच्छा।

फिर उन दोनों ने कुछ बातें की, एक पहर के बाद दोनों एक दूसरे के मुँह से मुँह मिलाकर चुम्बन करने लगे, कभी राजकुमार की जीभ उसके मुँह में चली जाती और कभी उसकी जीभ राजकुमार के मुँह में आ जाती।

और पता नहीं कितनी देर तक-तक दोनों यही करते रहे। काफ़ी देर बाद जब जीभ और होंठ थक गये।

राजकुमार ने फिर से नयी रानी की चूदाई की और उस के बाद सो गए।

सुबह देखा तो पूरी चादर लाल हो सुकी थी राजकुमार कमरे में नहीं थे और रानी जब खड़ी हुई तो तीन दासीया वहा पर थी । जब रानी बेड पर से नीचे आई तो उसे बहुत ही दर्द हो रहा था और चला नहीं जा रहा था। उन तीनों दासीओ ने मिल के रानी को स्नानघर में ले गयी और स्नानघर में बिठाया और पूरे बदन से खून साफ किया और रानी को नहलाया फिर पूरे बदन को अच्छे से साफ करके तैयार करने लगी । तभी रानी ने नीचे देखा राजकुमार ने चौद-चौद कर चुत को पूरा लाल कर दिया था ओर वह सूज गए थी और रानी को दर्द भी बहुत हो रहा था जिस कारण उस तीनों दासीओ ने चुत पर कुछ, मलहम लगायी जिसे रानी को शांति मिली।

राजकुमार की दोनों पत्नीया नई रानी के कमरे में गयी तो देखा राजकुमार ने तीसरी रानी को बड़े ही अच्छे से पेला था । उन्हें उसपर बहुत दया आई राजकुमार ने चुदाई कर उसकी वह हालत की थी की वह चल तो बिलकुल नहीं पा रही थी क्यूं की उसकी चुत एकदम से सूज गयी थी, राजकुमार ने उसकी चुत का भरता बना दिया था ।

पूरे एक सप्ताह तक राजकुमार कैलाश ने तीसरी रानी को चोदा, उस के बाद वह अपनी तीनों रानीयों के साथ रहने लगा।

2 महीने बाद पता चला की तीसरी रानी पेट से है, यह सुनकर पूरे राज महल में खुशी का माहौल हो गया सब में राजा रानी और राजकुमार को बधाइयाँ दी।

पहली और दूसरी रानी तीसरी रानी का बहुत अच्छे से ख्याल रख रही थी वह हर वह कोशिश कर रही थी जिससे बच्चे को कोई तकलीफ ना हो।

धीरे-धीरे समय बीतने लगा तीसरी रानी को 7 महीने के पेट से थी राज महल में सब कुछ अच्छा चल रहा था।

इस बार सबको यही आशा थी इस बच्चे का जन्म हो जाएगा पर कहते हैं ना जो लिखा है उसे बदला नहीं जा सकता।

और एक दिन ऐसा ही कुछ हुआ जिसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी तीसरी रानी गलियारे में चलते-चलते फिसल गई।

वाह ऊपर की मंजिल के जीने के पास थी, वह जीने से नीचे फसल कर आ गई, सभी लोग घबराकर उनके पास आ गए।

उन्हें कमरे में ले गए और बैध को बुलाया, बैध में उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की और अगले दिन तीसरी रानी और उनका बच्चा मर गया।

पूरी महल में शोक का माहौल हो गया इस बार तो सभी लोग हताश हो गए इसका असर पूरे राज्य पर पड़ने लगा।

बड़े राजा और राजकुमार ने महल के कामों में ध्यान देना बंद कर दिया, जिसका असर पूरे राज्य पर पड़ने लगा।

9 महीनों में ही राज्य की स्थिति बहुत खराब हो गई, राज्य के वफादार लोगों ने इसे संभालने की बहुत कोशिश की पर कोई फायदा नहीं हो रहा था।

मंत्री सेनापति और कुछ बड़े अधिकारी मिलकर राजमहल की कुलगुरु के पास गए और उनसे मदद मांगी।

कुलगुरू ने उनसे कहा कि मैं कुछ न कुछ रास्ता निकालता हूँ और मैं कल प्रातः ही यहाँ से प्रस्थान करुंगा और अपने गुरु के आश्रम के मित्रो के साथ मिलकर कुछ ना कुछ रास्ता निकाल लूंगा।

अब तक 6 माह हो गए थे और कुलगुरु अपने राज्य को बचाने के लिए सिंध प्रांत के दूसरे छोर पर चले गए, इस जगह एक अरब का राजा राज्य करता था।

वहाँ उनके एक दोस्त ने उने किसी से मिलवाया, वह दो लोग थे, दोनों अलग-अलग धर्मों को मानते थे, एक अरब का धर्म मानता था और दूसरा हिंद का।

उन दोनों ने बताया कि तुम्हारे राज्य को बचाने का एक ही तरीका है, कुलगुरु जी बोले तरीका बताओ।

तो उन्होंने कुलगुरू को तरीका बताया और कहा इससे तुम्हारे राज में दो राजकुमारों का जन्म होगा।

जब राजकुमार 3 साल के हो जाएंगे तो हम उन्हें अपने साथ पूरी दुनिया का भ्रमण करेंगे और उन्हें लड़ने और बौद्धिक शिक्षा देंगे और वह दोनों धर्मों को मानेंगे।

जब वह 21 साल के हो जाएंगे तो हम उन्हें तुम्हारे राज्य में वापस ले आएंगे और तुम्हारा राज्य दुनिया के श्रेष्ठ राज्यों में जाएगा।

उनमें से एक आदमी बोला यह सब तो इसके अच्छे पहलू है पर एक अच्छाई के साथ एक बुराई भी साथ आती है।

उनकी बुराई यह होगी के वह औरत के शरीर का सुख भोगेंगे, जितनी भी रानियाँ वह रखेगे उन से वह दोनों शादी करेंगे और भी औरतों के साथ वह सम्बंध बनाएंगे।

उनमें से एक आदमी बोला अब तुम अपने राज्य लौट जाओ और अपने राजा से मिलकर यह फैसला करो कि तुम्हें राजकुमार चाहिए या नहीं।

आपक हमें सूचना देने की कोई जरूरत नहीं है जब तुम्हारे राजकुमार 3 वर्ष के हो जाएंगे तो हम स्वयं वहाँ आ जाएंगे।

आगे की कहानी अगले भाग में

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