महारानी देवरानी 002

Story Info
महारानी देवरानी की सुहागरात की कहानी.
917 words
4.33
39
00

Part 2 of the 99 part series

Updated 04/14/2024
Created 05/10/2023
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महारानी देवरानी

अपडेट 2

राजा रतन: पर-वर कुछ नहीं...महाराज आपने वादा किया था

राजा राजपाल के पास ही वह वृद्ध राजा, उनकी पत्नी भी बैठे हुए थे। उन वृद्ध महाराज ने पहले राजा राज रतन और राजपाल को कुछ भेंट प्रदान की। फिर वृद्ध राजा ने ऊँची आवाज़ में बात करनी शुरू की, ताकि सब उसे सुन सकें।

" महाराज, आपने हमारे राज को बचाया है। इसके लिए पूरा राज्य आपका आभारी है।

वृद्ध राजा मुस्कुराये। "और मेरी बेटी राजकुमारी देवरानी,, क्या तुम राजा राज रतन से शादी करना चाहती हो?"

राजकुमारी देवरानी: "हाँ, मैं चाहती हूँ!"

राजा राज पाल ने सबके सामने वादा किया था अब मुकरना उसको शोभा नहीं देता और वह देवरानी से विवाह के लिए हाँ कर देता है। तेज ढोल बजने शुरू हो गए । सब राजा को बधाई देने लगे । उसी दिन विवाह का कार्यकर्म रखा जाता है और शीघ्र ही विवाह का कार्यक्रम संपन्न हो गया। फिर सुहाग रात के लिए राजा राज पाल रानी के कक्ष में गया और बिस्तर पर अपनी जूती निकल कर बैठ गया और फिर जैसे ही उन्होंने सर उठा कर देखा तो सामने का दृश्य देख के उसकी आंखों फटी कि फटी रह गयी।

राजकुमारी देवरानी एक सफ़ेद रंग के लिबास में थी जैसा उसका वस्त्र था वैसा ही उसका बदन बिलकुल संगमर-सा था और तारे की तरह चमक रहा था। वह हाथ में दूध का गिलास लिए हुए राजा राजपाल की और आ रही थी जैसे वह उसके पास पहुची तो राजा राज रतन तुरंत ही खड़ा हो गया।

राजा राजपाल का कद 5.7 था फिर-फिर भी उसका इसका सर देवरानी के वक्ष तक ही आ रहा था, देवरानी की लम्बाई देख कर राजा अचंभित था कि इतनी कम उमर में इतने लम्बी राजकुमारी को देख राजा राज पाल चकित था। राजा उसके तीखे नाक, गहरी आँखों, फूल से लाल होठ, गोल सुडोल वक्ष, पतली कमर और सुंदरता देख कर जैसे होश खो गया था। तभी राजकुमारी उसे दूध का गिलास देते हुए बोली

देवरानी: लिजिये न!

राजपाल: धन्यवाद और उससे दूध ले कर पीता है।

देवरानी जैसे वह ग्लास वापिस ले कर पलट कर रखती है तो राजा राजपाल रानी के पतली कमर के नीचे शानदार गोल गुब्बारो के जैसे अलग-अलग दिशा में कुद रहे दोनों चूतड़ों को देख दंग रह जाता है। देवरानी ग्लास रख कर मुड़ी तभी राजा पीछे से जा कर उसे दबोच लेता है और राजा रानी देवरानी के पतले छरहरे लम्बे और दूध से गोरे बदन को अपने पास पाकर मदहोश-सा हो जाता है। उन्होंने अपने घटकरास्ट्र में आज से पहले कभी ऐसा दूध-सा गोरा बदन पहले नहीं देखा था। रानी देवरानी की जुल्फो की खुश्बू महाराज को पागल बना रही थी।

उसने एक कंचुकी चुनरी और लहंगा पहना हुआ था, राजा राजपाल ने पहले रानी देवरानी की चुनरी निकाली फिर कंचुकी धीरे-धीरे खोली। कंचुकी फर्श पर गिर गयी। उसके बड़े स्तनों और निप्पल के चारों ओर बड़े एरोला की राजा ने सराहना की। फिर, धड़कते हुए दिल के साथ और लहंगे की गाँठ खोली और लेहंगा नीचे गिर गया। फिर उसके जूते उतार दिए।

राजा राजपाल धीरे से उसके वस्त्रो के नाडे को खोल कर अलग कर देता है और अब देवरानी उनके सामने केवल-केवल एक छोटे से वस्त्र में थी जो की रानी के उन्नत गोल स्तन और उसकी सुंदर योनि को मुश्किल से छुपा रहा था।

देवरानी की जवानी अभी-अभी शुरू हुई थी वह इस कामक्रीड़ा का अपनी आखो को बंद कर आनंद ले रही थी। तब राजा राजपाल ने अपने दोनों हाथो को आगे बढ़ा कर उसके कठोर वक्षो को दबोच लिया और उन्हें जोर से दबा दिया जिससे देवरानी की सिस्की निकल गयी। फिर राजा देवरानी का हाथ पकड़े उसे बिस्तर की ओर ले गया और फिर उसे लिटा देता है और उसके बदन से बचे खुचे वस्त्र निकल देता है। रानी देवरानी को निर्वस्त्र करने के बाद राजा ने खुद भी अपने वस्त्र निकाल दिए. फिर वह देवरानी के दोनों वक्षो को दबा-दबा के बारी-बारी से चूसने लगा। अब रानी राजा के सामने नग्न थी और उसकी योनि उसकी हलकी-हलकी झांटो की झाड़ी में छुपी हुई थी।

अब देवरानी सिसकने लगती है और वह उत्तेजित होने लगती है जिससे उसकी योनि पानी छोड़ने लगती है। राजा राजपाल अपना लिंग देवरानी की योनि पर लगाता है और उसके एक दो बार योनि से रगड़ता है फिर योनि के द्वार से सटा कर धक्का लगता है जैसे ही लिंग अंदर जाता है रानी जोर से चिल्लाती है और उसका शील भंग हो जाता है और उससे खून बहने लगता है। राजा गिन कर 5 बार लिंग अंदर बाहर करता है और रुक जाता है।

रानी को अब दर्द नहीं बल्कि मजा आना शुरू हो जाता है। वह सोचती है कितना मजा आ रहा था और चाहती थी की राजा का लिंग और अंदर जाए इसलिए अपने हाथ से राजा के कमर के पकडकर धक्का देती है पर राजा राजपाल के छोटे लंड ने जवाब दे दिया था।

रानी देवरानी जो की के ऊँचे और लम्बे कद-कद की थी। उसकी लम्बाई कम से कम 5.10 की थी और उसकी योनि की पूरी गहरायी को राजा राजपाल का नन्हा-सा लिंग भेद नहीं पाया और उसका लिंग 4 इंच का था और रानी देवरानी की योनि के अंदर अपने लिंग की चरम सीमा पर ही पहुच पाया था। राजा अपनी बढ़ती हुई उम्र के कारण इस नवयुवती रानी का ज्यादा देर तक साथ नहीं दे पाया और उसने रानी के योनी में अपना पानी छोड़ दिया जिसके कारण रानी देवरानी प्यासी रह गयी। फिर देवरानी अपने आखो में आंसू लिए सो गयी।

कहानी जारी रहेगी

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