नए साल की रात

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मेरी दोस्ती मेरी दीदी की सहेली की बहन से हुई
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दोस्तो, मेरा नाम सुमित है। मैं कुरुक्षेत्र, हरियाणा का रहने वाला हूं। ज्यादा बड़ा शहर न होने की वजह से यहां सोच भी छोटी ही है।

यहां हालात ऐसे थे कि कुछ टाइम पहले तक यहां लड़के-लड़की की दोस्ती को ज्यादा अच्छा नहीं माना जाता था। अगर कुछ लड़के और लड़कियां दोस्त थे भी तो छुप कर बातें करते थे। और और अगर मिलना हो तो शहर से बाहर मिलना हो पाता था।

यह वाकया 31 दिसंबर 2014 का है। पुराना साल जाने वाला था और नया साल आने ही वाला था।

मेरी बड़ी दीदी की एक सहेली थी जो मुझसे 4 साल बड़ी थी। उस सहेली की छोटी बहन का नाम शिखा था जो मुझसे 2 साल छोटी थी।

मुझे बाइक चलानी आती थी इसलिए दीदी को उनकी फ्रेंड के घर छोड़कर आना और उनकी फ्रेंड को लेकर आने का काम मेरा ही था। जब घर में इतना आना जाना था तो शिखा से भी मेरी बात शुरू हो गई।

पहले जब स्कूल में थे तो बस जब भी मौका मिला तो स्कूल बस में बात हो जाती थी। या कभी वो अपनी बहन के साथ हमारे घर आती तब थोड़ी बहुत बात हो जाती थी।

फिर जब कॉलेज में आकर उसे मोबाइल मिला तब जाकर हमारी बातें ज्यादा देर तक होने लगी।

वो भी कॉलेज में थी और हॉस्टल में रहती थी।

एक साल तक हम हर रोज़ चैट में बातें करते रहे और फिर एक दिन मैंने उसे 'आई लव यू' बोल दिया। प्यार उसे भी था लेकिन उसने कहा कि वो भी मुझे प्यार करती है और शादी भी करना चाहती है।

लेकिन हमारे जैसे छोटे शहर में ये होना आसान नहीं था। मैंने उसे कहा- दोनों अपने मन की सुनते हैं; उसके बाद देखेंगे फिर क्या होगा।

उस रोज एक-दूसरे के साथ हमने पूरी रात बात की। उसके बाद हमने मिलना शुरू किया।

उसका कॉलेज अम्बाला में था। मैं उससे वहीं मिलता था। बस में मैं उसे लेने जाता था कॉलेज से।

फिर एक दिन मैं कार लेकर गया। उस दिन हमें मौका मिला और हमने पहली बार स्मूच किया। वो कम से कम 10 मिनट लंबी स्मूच थी। हम पागलों की तरह एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे।

फिर मैंने उसे घर छोड़ दिया। उस दिन ज्यादा बात नहीं हो पाई क्योंकि वो अपने घर पर थी।

फिर अगली रात को पता नहीं वो किस मूड में थी कि उसने मुझे अपनी फोटो भेजी जिसमें वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी।

फोटो देख कर तो मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मुझे नहीं पता था कि उसमें इतनी आग है।

एक स्मूच के बाद ही हम दोनों इतने खुल गए कि पहले सिर्फ प्यार की बात होती थी लेकिन आज वो प्यार के साथ सेक्स की भी बातें कर रही थी। उस पूरी रात हम दोनों ने फोन सेक्स किया।

हम दोनों मिलने के लिए तड़पने लगे। हर समय बस एक दूसरे को चूमना-चूसना चाहते थे।

तड़प बहुत ज्यादा थी और उन दिनों जगह कहीं होती नहीं थी जहां लड़का-लड़की निश्चिंत होकर सेक्स का मजा ले सकें। बस मूवी थिएटर ही ऐसी जगह होती थी जहां लड़का-लड़की एक दूसरे के साथ चूमा-चाटी इत्यादि कर सकते थे।

तो हमने थिएटर में मिलने का प्लान किया। वैसे हमारा मक़सद फिल्म देखना नहीं था; हम तो बस एक दूसरे को चूसना और प्यार करना चाहते थे।

इसलिए हमने उस फिल्म की टिकट ली जिसमें थिएटर खाली मिलने की बहुत उम्मीद थी।

फिल्म देखने गए तो ऐसा ही हुआ, थियेटर में इक्का दुक्का लोग ही थे। हमने ऊपर की लाइन में सीढ़ियों के पीछे कॉर्नर वाली सीट ले ली।

जैसे ही अंधेरा हुआ हम दोनों ने पागलों की तरह एक दूसरे के होंठों को चूसना और मुंह का रस पीना शुरू कर दिया। मैं उसके होंठ काट रहा था और उसकी जीभ चूस रहा था।

स्मूच करते करते कब मेरा हाथ उसके 32 इंच के बूब्स पर चला गया मुझे नहीं पता चला।

हाथ लगते ही वो दूर हट गई। फिर बोली- बस इससे आगे करना गलत होगा।

मैंने उसे पास खींचा और कस कर दबा लिया। फिर मैंने उसे शादी के लिए प्रपोज़ किया।

शिखा ने हां कर दी और वो रोने लग गई। मैंने उसके आंसू पी लिए।

उसे मुझ पर बहुत ज्यादा प्यार आया और उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी ब्रा के अंदर डाल लिया और मुझसे बोली- इससे आगे बस मेरे बूब्स को चूस सकते हो लेकिन शादी से पहले सेक्स नहीं होगा।

मैंने उसके माथे पर किस किया और उससे प्रॉमिस कर लिया कि मैं कभी भी उसे सेक्स के लिए फ़ोर्स नहीं करूँगा।

उसके बाद हमने फिर स्मूच शुरू की और एक-दूसरे को चूसते हुए मैं उसके बूब्स को भी दबा रहा था। मैं उसके निप्पलों को अपनी उंगलियों से भींच रहा था और वो तड़प रही थी।

फिर मैंने उसकी गर्दन पर अपनी जीभ लगाई तो वो तड़प उठी। मैंने उसकी आँखों में देखा और उसका एक बूब ब्रा से बाहर निकाल कर उस पर किस किया।

उसने अपने दोनों हाथों से थिएटर की चेयर के हैंडल जोर से दबा लिए और अपनी आंखें बंद कर लीं। मैं पहली बार किसी लड़की के बूब्स देख रहा था और मैं पागलों की तरह उसके बूब्स को दबाये जा रहा था।

तब उसने मेरे कान में धीरे से कहा- मेरा निप्पल इंतजार कर रहा है तुम्हारी जीभ के लिए!

यह कहकर उसने मेरा सिर पकड़ कर मेरे मुंह को अपने निप्पल के ऊपर लगा दिया।

उसके निप्पलों को मैं चूसे जा रहा था और वो पागलों की तरह तड़पते हुए बिना आवाज किए हल्के हल्के सिसकार रही थी- आह्ह ... आह-आह ... ओह्ह ... और जोर से चूसो। एक ही नहीं, दोनों को चूसो। मैंने उसका दूसरा चूचा भी बाहर निकाल दिया और एक हाथ से एक निप्पल को भींचते हुए दूसरे को चूसते हुए दांतों से काटने लगा।

मैं उसे चूस रहा था और वो अपनी आवाज़ों से मेरा जोश बढ़ा रही थी।

मेरी जीन्स में लंड का पूरा तंबू बन चुका था और मैं परेशान हो रहा था। मुझे लंड को बार-बार एडजस्ट करना पड़ रहा था इसलिए हाथ बार-बार उसके निप्पल से हट रहा था।

शिखा- क्या हुआ सुमित? कुछ प्रॉब्लम है क्या? मैं- नहीं, कुछ नहीं। हम दोनों फिर चूसने-चाटने में लग गए एक दूसरे को!

फिर इंटरवल हो गया तो हम बाहर से पॉपकॉर्न और पेप्सी ले आये।

दोबारा अंधेरा होने तक हम खा पीकर रेडी थे दोबारा एक दूसरे को चूसने के लिए! हमने फिर स्मूच से शुरुआत की और निप्पल तक पहुँच गए।

फिर मेरा लण्ड दोबारा परेशान करने लगा तो इस बार उसने मुझे मेरे लण्ड को एडजस्ट करते हुए देख लिया। शिखा- मुझे पता है कि तुम्हारा 'वो' तुम्हें परेशान कर रहा है। मैं- नहीं, ऐसी बात नहीं है।

शिखा ने मुझे रोका और मेरी आँखों में देखते हुए मेरी जीन्स की चेन खोली और मेरे लण्ड को बाहर निकाल कर फ्री कर दिया। शिखा- तुम्हारी हर प्रॉब्लम मेरी है, मुझसे कैसी शर्म? हम दोनों हस्बेंड वाइफ हैं और जब यहां तक आ ही गये हैं तो मुझसे क्यों छुपा रहे थे?

मैं- क्योंकि तुमने ही कहा था कि मेरी लिमिट तुम्हारे निप्पल चूसने तक की है। वो बोली- तुम पागल हो ... मैंने सेक्स के लिए मना किया है। और वो भी सिर्फ एक चीज़ के लिए कि तुम अपना 'वो' मेरी 'उसमें' नहीं डालोगे।

मैं- तो क्या उसके अलावा सब कुछ करने की परमिशन है? शिखा मेरे माथे पर चूमते हुए बोली- हाँ मेरे प्यारे पतिदेव, सब कुछ कर सकते हो जो मन करे, बस अपना 'वो' मेरे अंदर नहीं डालना।

मैं- क्या 'वो'-'वो' लगा रखा है, हम पति-पत्नी हैं! हमारे बीच में कैसी शर्म? प्रॉमिस मी ... (मुझसे वादा करो) अब से सब शर्म खत्म प्लीज! शिखा मेरा लण्ड पकड़ कर बोली- लो ठीक है, अब तुम्हारा लण्ड पकड़ लिया और तुम्हें सब कुछ करने की इजाजत है। बस अपना लण्ड मेरी चूत में मत डालना ... अब ठीक है?

मैंने खुशी के मारे उसके निप्पल को जोर से काट लिया तो उसने उससे भी ज्यादा जोर से मेरे लण्ड को दबा दिया और धीरे-धीरे अपने नर्म हाथों से मसलने लगी।

शिखा- मैं कितनी लकी हूँ। आपका लण्ड कितना बड़ा है और मोटा भी ... मज़ा आ जाएगा फर्स्ट नाईट में तो! मैं अपना एक हाथ धीरे-धीरे नीचे ले जा रहा था।

पहले उसके पेट को मैंने अपने हाथों से सहलाया और उसके निप्पल चूसते चूसते उसकी जीन्स के ऊपर से ही उसकी चूत रगड़ने लगा। वो आंखें बंद करके बस मेरे लण्ड को ज़ोर-ज़ोर से मसल रही थी और आहें भर रही थी।

शिखा- प्लीज ... रुक जाओ सुमित, अब नहीं कंट्रोल हो रहा है। अपना हाथ चूत से हटा लो। मैं नहीं रुका और उसकी जीन्स का बटन खोल कर अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और मैं शॉक हो गया। वो अपनी चूत से सब बाल साफ करके आई थी।

मैं- आई लव यू शिखा! तुम्हें कैसे पता कि मुझे चूत बिल्कुल साफ, बिना बालों वाली पसंद है? शिखा- भूल गए ... उस दिन फ़ोन सेक्स करते हुए बताया था तुमने! तो मुझे लगा कि आज अगर हम यहां तक पहुंच गए तो मुझे अपनी तरफ से तैयार होकर जाना चाहिए। तो मैंने तुम्हारे लिए कल रात को ही चूत के बाल साफ किये थे। तुम्हें पसंद आया अपना सरप्राइज़?

मैंने उसके होंठों पर किस करके आई लव यू बोला और गले लगा कर थैंक यू बोला और गले लगा रहा। शिखा- अब गले ही लगे रहोगे? अपने सरप्राइज को एन्जॉय तो करो! मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया और मसलने लगा तो वो पागल हो गई।

अब वो मेरे लण्ड की जोर जोर से मुठ मारने लगी।

मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली तो वो उछल गई और मेरा हाथ पकड़ लिया। शिखा- मैंने कहा था कि मेरी चूत में मत डालना।

मैं- तुमने लण्ड डालने से मना किया था, ये उंगली तो डाल ही सकता हूँ? शिखा- प्लीज सुमित, अंदर कुछ मत डालो.. नहीं तो मैं खुद को रोक नहीं पाऊंगी। तुम बाहर से जो करना चाहते हो कर लो। चाहे बाहर से मेरी चूत पर किस भी कर लो, मैं नहीं रोकूंगी। बस अंदर नहीं डालना। मैं रुक गया और हमने वहीं पर सब कुछ रोक दिया और अपने कपड़े सेट करके बैठ गए आराम से।

शिखा- तुम्हारा लण्ड तो अभी भी खड़ा है, उस बेचारे को क्यों तड़पा रहे हो? उसको तो आराम दे दो। मैं- वो अब तुम्हारी प्रॉपर्टी है, तुम देखो क्या करना है।

उसने मेरी पैंट की चेन खोली और लंड को बाहर निकाल कर उसकी मुठ मारने लगी।

मैं उसके बूब्स दबा रहा था तो उसने मेरा हाथ हटा दिया और बोली- अब तुम कुछ नहीं करोगे। बस एन्जॉय करो। तुम्हारे लिए एक और सरप्राइज़ है, अपनी आंखें बंद कर लो। जैसे ही मैंने आंखे बंद कीं, उसने मेरे लण्ड की स्किन नीचे की और मेरे टोपे पर किस किया जिससे मैं तड़प उठा। मुझे धीरे-धीरे फील हो रहा था कि वो मेरा लण्ड अपने मुंह में कैसे आराम से डाल रही है।

मुझे गर्मी महसूस हो रही थी उसके मुंह की और वो मजे से लंड को चूसे जा रही थी। फिर उसने एक बार के लिए लंड पर से मुंह हटा लिया।

शिखा- मेरी जान, बहुत मोटा है तुम्हारा लण्ड! आई लव यू! उसने एक हाथ से मेरे टट्टे सहलाए और फिर मेरे लण्ड को बहुत देर तक चूसा।

मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने उसे कहा- बस अब छोड़ो चूसना, मेरा छूटने वाला है। उसने जल्दी से अपना रुमाल निकाला और मेरा सारा माल अपने रुमाल में इकट्ठा कर लिया। मुझे भी संतुष्टि मिल गई।

उसके बाद मैंने चेन बंद की और आराम से बैठ गए। बैठे हुए भी मैं उसकी जांघों को, चूचियों को सहलाता रहा और वो मेरे लंड पर हाथ रखे रही।

हम उस दिन वहां से ये सब करके निकल गए।

उस दिन के बाद हमने सारी हदें पार कर दीं, प्यार की, फ़ोन सेक्स की, और बेशर्मी की। हम हर रोज़ एक दूसरे के साथ वीडियो कॉल सेक्स भी करने लगे।

वीडियो कॉल पर एक साथ नहाना, रात को बिल्कुल नंगे होकर सेक्स चैट करना हमारा रोज़ का एक रूटीन हो गया था।

फिर आया वो दिन जिसके लिए हम दोनों तरस रहे थे। वो 31 दिसंबर 2014 की रात थी।

30 दिसंबर की रात को हमने बहुत ज्यादा कामुक फ़ोन सेक्स किया। हम दोनों बस एक दूसरे को अब अच्छी तरह से भोगना चाहते थे लेकिन शायद वो प्यार और एक दूसरे की इज्ज़त हमें रोक रही थी।

31 को वो अपने घर आ गई थी। उसका मन नहीं था लेकिन उसकी माँ ने उसे बुला लिया था।

वो दुखी मन से घर आ गई क्योंकि उसे पता था कि घर पर हमारी बात नहीं हो पाएगी।

लेकिन शायद किस्मत कुछ और ही चाहती थी। वो घर पर थी तो मुझे पता था कि बात नहीं होगी।

तो मैंने भी भाई के साथ दारू का प्रोग्राम बना लिया था न्यू ईयर मनाने के लिए।

हम 7 बजे बैठे थे और घर पर ही पी रहे थे।

तभी शिखा का फ़ोन आया- हैलो जानेमन, क्या कर रहे हो? मैं- कुछ नहीं, भाई के साथ दारू पी रहा हूं।

शिखा- ये भी कोई पीने की चीज़ है! पीना है तो मेरे होंठों का रस पियो, मेरे बूब्स का रस पियो। मैं- भाई है सामने, क्या बोल रही हो! होश में तो हो? और तुम तो घर पर हो, तुम्हारे घर वाले कहां हैं?

शिखा- वो लोग तो गए बुआजी के यहां, मैं तो घर पर अकेली हूँ। बस मेरी एक फ्रेंड आएगी रात को मेरे पास सोने के लिए! मैं भाई के पास से उठकर रूम में आ गया।

तब तक देखा तो उसने मुझे अपनी ब्रा उतार कर अपने बूब्स की फ़ोटो भेज दी थी। उसकी नंगी चूचियां देखकर मेरा लण्ड तो उछलने लगा।

कुछ दारू का नशा था और कुछ हवस का ... मैं तो पागल हो गया।

मैंने उसे कॉल किया- जान, ऐसी फ़ोटो मत भेजो। मेरा बुरा हाल हो गया देखते ही ... तुम्हारे निप्पल्स चूसने का मन हो गया। कॉलेज गर्ल लव सेक्स के वशीभूत हो बोली- तो आ जाओ, किसने रोका है! निप्पल क्या ... जो मन हो वो चूसना ... तुम्हारे सामने लेट जाऊंगी। जो करना है कर लेना मेरी जान!

मैं- तुम पागल हो गई हो, तुम्हें पता है कि ये नहीं हो सकता तो सपने क्यों दिखा रही हो? तुम्हारे ऐसे बोलने से मेरा लण्ड खड़ा हो गया है। बताओ अब इसे कैसे शांत करूं? शिखा- तो आ जाओ ना ... तुम मेरे निप्पल चूसना, मैं तुम्हारा लण्ड चूस कर शांत कर दूंगी। आ जाओ ना! मैंने तो अपनी चूत के बाल भी साफ कर लिए हैं, वहाँ से भी चाट लेना ... बस आ जाओ जानेमन!

मैं- प्लीज तुम ऐसे मत बोलो, मैं कैसे आ सकता हूँ, तुम्हारी फ्रेंड भी तो होगी वहां पर? शिखा- उससे मेरी बात हो गई है, वो हम दोनों को डिस्टर्ब नहीं करेगी।

मैं- सच बताओ, तुम मजाक तो नहीं कर रही ना? शिखा- तुम्हारी कसम मेरी जान, 10 बजे आ जाना, मैं गेट खोल दूंगी। सीधा मेरे कमरे में आ जाना। लेकिन ध्यान से ... कोई देख न ले। अब जाओ, मैं तैयारी कर लेती हूं अपनी जान से मिलने की ... ऊऊम्म्म्मम आआ ... बाय ... लव यू मेरी जान!

मैं तो ये सुनकर ही पागल हो गया। मैंने भाई को बोला- मैं 10 बजे घर से निकलूंगा, तू संभाल लियो। सुबह 4 बजे तक वापस आ जाऊंगा। भाई ने हां कह दिया तो मैं भी जाकर तैयारी करने लगा।

जल्दी से मैंने अपने लण्ड के बाल साफ किये, अच्छे से शॉवर लिया।

मेरा लण्ड तो फटने को हो रहा था सोच-सोचकर ... मैंने अपने लण्ड की फ़ोटो खींच कर शिखा को भेज दी।

उसका रिप्लाई आया। जवाब में उसने किस वाले इमोजी भेजे। फिर अपनी क्लीन शेव चूत की भी फ़ोटो भेज दी। मेरा तो मन किया कि अभी फोन में घुसकर उसकी चूत खा जाऊं।

फिर मैं उसके घर के लिए निकल गया। चूत चोदने के लिए इतनी ज्यादा उत्तेजना हो रही थी कि कोई तूफान, कोई पहाड़ मुझे आज रोक नहीं सकता था। हवस में नहाया हुआ मैं जल्दी से जल्दी उसके घर पहुंचने की कोशिश कर रहा था।

वो नए साल के पहले की रात थी जब उसने मुझे अपने घर चूत चुसवाने के लिए बुलाया। जल्दी से तैयार होकर मैं उसके घर के लिए निकल गया।

चूत चोदने के लिए इतनी ज्यादा उत्तेजना हो रही थी कि कोई तूफान, कोई पहाड़ मुझे आज रोक नहीं सकता था।

हवस में नहाया हुआ मैं जल्दी से जल्दी उसके घर पहुंचने की कोशिश कर रहा था। लगभग 10 बजे का समय था, उसके घर के पास जाकर मैंने उसको कॉल किया।

शिखा- कहां हो मेरी जान? मैं- तुम्हारे घर के सामने हूँ। शिखा- ओके, मैं बाहर की लाइट बंद कर रही हूँ, जैसे ही मैं गेट खोलूं तुम जल्दी से अंदर घुस जाना।

मैंने ओके बोला और जैसे ही गेट खुला मैं घुस गया अंदर।

उसके कमरे में जाते ही मैंने उसे बहुत जोर से गले लगाया और उस पर चुम्बनों की बरसात कर दी। वो भी मुझे पागलों की तरह किस कर रही थी।

शिखा- रुको मेरी जान, पूरी रात है हमारे पास। आराम से प्यार करेंगे, आज कोई जल्दी नहीं है। मैं रुक गया और उसे गले लगा कर उसके पास बेड पर बैठ गया।

शिखा- आई लव यू मेरी जान, मैं इस दिन का कब से इंतजार कर रही थी। कहते हुए वो मेरे गले लग गई।

हम दोनों के होंठ पास आते गए और कब हमारी स्मूच शुरू हो गई हमें पता ही नहीं चला। पागलों की तरह हम एक-दूसरे को चूसने लगे और चूसते-चूसते बेड पर लेट गए।

हम पहली बार बेड पर लेटकर स्मूच कर रहे थे। कभी वो मेरे ऊपर, कभी मैं उसके ऊपर ... मैं उसके बूब्स को उसके ट्रैक सूट के ऊपर से ही दबा रहा था।

फिर मैंने उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी और उसके ट्रैक सूट की चेन खोलकर उसकी ब्रा में हाथ डालकर उसके बूब्स दबाने लगा। फिर हम दोनों रुके, एक-दूसरे की आंखों में देखा और बेड से उठ कर जल्दी जल्दी एक दूसरे की बॉडी पर किस करते हुए कपड़े उतारने लगे।

शिखा ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए, मेरा अंडरवियर भी। मगर मुझे अपना लोअर उतारने से रोक दिया क्योंकि वो जानती थी अगर लोअर उतर गया तो हम नहीं रुक पाएंगे और चुदाई पक्का हो जाएगी।

उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और लोअर के ऊपर से मेरा लण्ड पकड़ कर मेरे पास लेट गई।

मेरी जीभ को चूसते हुए वो मेरे लण्ड पर हाथ फिराते हुए, उसे कस कर पकड़ते हुए उसके साथ खेलने लगी। शिखा- जान मुझे खा जाओ आज प्लीज, मेरे निप्पल्स को चूसो। मुझे आज वो मजा दो जिसके लिए हम इतने दिनों से तड़प रहे थे।

मैंने उसे अपने नीचे लिटा दिया और उसके ऊपर लेट कर अपना लण्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगा और उसके निप्पल को चूसने लगा।

मैं उसकी टांगें खोल कर उसकी चूत पर अपना लण्ड रगड़ रहा था तो वो इतनी ज्यादा गर्म हो गई कि उसका चेहरा लाल हो गया और वो जोर-जोर से आंहें भरने लगी।

मैंने उसके पेट पर लोअर के ऊपर से ही अपना लण्ड रगड़ना शुरू कर दिया। वो तड़पती हुई बोलने लगी- खा जाओ ... मुझे चूसो।

उसके निप्पल्स पर मैंने अपना लण्ड लगाया और उसने मुझे नीचे लिटा दिया। उससे रुका नहीं गया और उसने अंडरवियर समेत लोअर को खींचकर मुझे नीचे से पूरा नंगा कर दिया लेकिन लोअर और अंडरवियर घुटनों तक फंसी रही।

उसने लंड को देखा तो एक कामुक भाव उसके चेहरे पर दिखने लगा। अगले ही पल उसके होंठ मेरे लंड को अपने अंदर समा चुके थे। वो मेरे लण्ड को जोर-जोर से पागलों की तरह चूसने लगी।

फिर दो मिनट तक खूब जोर से चूसने के बाद लंड बाहर निकालकर बोली- जान, आज मैं तुम्हारे लण्ड को खा जाऊंगी।

मैंने कहा- मुझे भी तुम्हारी चूत को खाना है, प्लीज लोअर उतारकर मुझे अपनी चूत दे दो। मेरे लण्ड को उसने जोर से काटा जिससे मेरी चीख निकल गई।

उसने मुँह से लण्ड निकाल कर बोला- नहीं, प्लीज ... अगर लोअर उतरा तो मैं तुमसे चुदे बिना नहीं रह पाऊंगी और शादी से पहले मैं नहीं चुदना चाहती प्लीज! मैंने उसे कहा- जैसा आप कहो मेरी जान।

फिर मैंने उसे ऊपर खींचा और उसके निप्पल चूसने लगा। वो मेरे ऊपर लेट कर अपनी चूत को मेरे लण्ड पर रगड़ रही थी।

उसकी चुदास पूरी भड़की हुई थी। वो अपने बूब्स को बार बार मेरे होंठों पर दबा रही थी और सिसकारते हुए कह रही थी- आह्ह ... खा लो इनको ... आह्ह चूस लो पूरे ... दूध निकाल दो इनका ... आह्ह जान ... जल्दी से मुझसे शादी कर लो ... मुझे तुम्हारा लंड अपनी चूत में चाहिए है!

शिखा की ऐसी चुदास भरी बातें सुनकर मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गया। मैंने जोश में उसे पकड़ा और उसे नीचे लिटा कर उसकी टांगें खोल कर अपनी कमर पर रख लीं, फिर उसकी चूत के ऊपर अपने मोटे और लंबे लण्ड को रगड़ने लगा.

वो पागलों की तरह मुझे जगह-जगह काट रही थी।

अचानक से उसने मुझे रोक दिया और मुझे कहा- प्लीज सुमित, अब तुम रुक जाओ और चले जाओ, नहीं तो आज सब गलत हो जाएगा। मैंने उसे समझाया कि नहीं होगा कुछ प्लीज ... इससे आगे नहीं कुछ करूंगा, लेकिन ये तो करने दो!

शिखा- तुम्हें लगता है कि नहीं बढ़ेंगे? कहकर उसने मेरा हाथ अपनी लोअर के ऊपर से अपनी चूत पर रखवाया।

उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी।

वो मुझे अपने ऊपर से हटा कर बोली- ये मेरी आखिरी हद है बर्दाश्त करने की। अगर एक मिनट और तुम मेरे ऊपर लेटे या मेरे साथ रहे तो सब कुछ हो जाएगा, प्लीज सुमित ... तुम जाओ।

मैं हैरान होकर देख रहा था उसे! मेरे तो खड़े लण्ड पर डंडा लग गया था। लेकिन प्यार की वजह से मैंने उसे कुछ नहीं कहा और चुपचाप खड़ा हो गया।

मैं बेड से उतरकर अपने कपड़े पहनने लग गया।

वो बेड पर ही बैठी थी। मैंने उसे गले लगाया और हैप्पी न्यू ईयर विश करके निकल गया।

मुझे निकले पांच मिनट हुए थे। अभी रास्ते में ही था कि शिखा का फ़ोन आया कि वापस आओ।

मैंने कहा- नहीं प्लीज, मैं तुम्हारी बहुत इज़्ज़त करता हूँ और जान से ज्यादा प्यार करता हूँ। मैं सेक्स की आग में पागल हो गया था, मुझे ध्यान रखना चाहिए था। आई एम सॉरी ... (मुझे माफ कर दो)

इस पर उसने मुझे डांट दिया और कहा कि अभी के अभी वापस आओ। मैं चला गया वापस!

जब उसके कमरे में घुसा तो वो कम्बल ओढ़कर लेटी हुई थी।

शिखा- अपने सारे कपड़े उतारो और कम्बल में आओ। मैं- प्लीज यार शिखा, जैसे तुमसे कंट्रोल नहीं हो रहा, ऐसे ही मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो पाएगा। शिखा- जो कहा है वो करो। मुझसे प्यार करते हो ना ... तो जल्दी से कपड़े उतारो और कम्बल में आओ।

मैं कपड़े उतारने लगा। जब मैंने अपना अंडरवियर उतारा तो मेरा लण्ड अभी भी खड़ा था।

शिखा उसे देख कर बोली- इस बेचारे का क्या कसूर है, इसे तो इसकी खुराक मिलनी चाहिए ना!

अब तक मैं बिल्कुल नंगा हो गया था। उसने मुझे प्यार से अपनी बांहों में आने को कहा।

मैं कंबल में घुस गया तब मुझे पता लगा कि शिखा भी अंदर पूरी तरह से नंगी होकर लेटी है।

उसने अपना लोअर और पैंटी उतार रखी थी। मैं पीछे हटने लगा तो उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मुझे किस करके बोली- आई लव यू, आज मुझे पता चल गया कि तुम मुझसे कितना प्यार करते हो। अगर तुम चाहते तो मुझे चोद सकते थे। लेकिन मेरे एक बार मना करने के बाद तुमने मेरा लोअर भी नहीं उतारा। मेरे एक बार कहने पर ही चुपचाप बिना कुछ कहे चले गए। मुझे यकीन है कि तुम मुझे कभी धोखा नहीं दोगे। आज मुझे चोद दो सुमित, मुझे आज तुम्हारा लण्ड अपनी चूत में चाहिए ... प्लीज आज मुझे सारी रात चोदो ... इस मोटे और लंबे लण्ड को मेरी चूत की गहराई में उतार दो।

ये कहकर उसने मुझे स्मूच किया और अपनी दोनों टाँगें मेरी कमर पर जकड़ लीं।

मैंने पहली बार उसकी चूत को महसूस किया था अपने लण्ड से, जैसे ही लण्ड उसकी चूत पर टच हुआ उसकी चीख सी निकल गई। मैंने उसे कहा- शिखा, मैं तुम्हारी चूत को चूसना चाहता हूं।

वो बोली- ठीक है जान, आज ये शिखा तुम्हें अपनी चूत का अमृत चखवायेगी। कहकर उसने कंबल हटा दिया और मुझे उसकी चूत के दर्शन हुए।

उसकी चूत एकदम गीली होकर रस से भरी भरी लग रही थी।

मैंने जल्दी से उसकी चूत पर मुंह लगा दिया और पागलों की तरह चूत को होंठ और जीभ से चूसने लगा, उसकी चूत के रस को अपने मुंह में खींचने लगा। शिखा एकदम से पागल हो उठी और सिसकारने लगी- आह्ह ... ओह्ह जान ... हय ... आआ आआह ... मेरी चूत ... सुमित ... आह्ह ... आई लव यू आईई ... आह्ह खा लो इसको ... स्ससीसी ... आह्ह चूसो जान!

उसकी ये कामुकता देखकर मैं भी जैसे पागल हुआ जा रहा था। वो जोर जोर से मेरे सिर को उसकी चूत में दबा रही थी।

काफी देर हो गई मुझे, लेकिन चूसने से मन नहीं भर रहा था।

शिखा की हालत खराब होने लगी और वो बोली- बस ... जान निकलने वाली है मेरी सुमित ... चोद दो प्लीज ... मुझे प्लीज चोद दो ... मैं मर जाऊंगी लंड के बिना ... प्लीज मेरी चूत को फाड़ दो आह्ह ... चोदो जान! उसकी ये हालत मुझसे भी देखी न गई और मैंने जल्दी से लंड को चूत पर सेट कर दिया।

मैंने धक्का दिया तो चिकनी चूत में लंड फिसलकर अंदर चला गया लेकिन 1 इंच तक ही। चूत काफी टाइट थी।

मैंने थोड़ा और धकेला तो उसकी चीख निकल गई- आआईई ... आराम से यार ... दर्द हो रहा है, कितना मोटा है तुम्हारा!

अब मैंने थोड़ा धैर्य से काम लिया और लंड को रोक लिया। फिर जब उसकी टांगें थोड़ी और खुलने लगीं तो लंड को चूत में रास्ता मिलने लगा। मैंने थोड़ा और धकेला तो लंड आगे सरका।

हर इंच के साथ उसका दर्द और बढ़ रहा था लेकिन धीरे धीरे मैंने लंड को पूरा उसकी चूत में उतार लिया। वो मुझसे लिपट गई और मुझे बुरी तरह से चूमने लगी।

वो शायद अपने दर्द को भुलाने की कोशिश कर रही थी।

मैंने कहा- क्या हुआ जान? वो बोली- कुछ नहीं, तुम पर बहुत प्यार आ रहा है!

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