मेरे एडमिशन के लिए मम्मी का सफर 01

Story Info
यह सेक्स कहानी मेरी मम्मी की चूत चुदाई की है
2k words
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Part 1 of the 2 part series

Updated 06/17/2023
Created 06/13/2023
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odinchacha
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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम प्रीति है. मैं कोल्हापुर महाराष्ट्र से हूं. यह कहानी तब की है जब मैं 12वीं पास करके नर्सिंग कॉलेज में दाखिला लेने आई थी. मैं उस समय 19 साल की थी.

अभी 12 वीं तक मैं अपने घर में ही रही थी. घर में रहने की वजह से मेरा अब तक कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं बना था.

मेरे घर में सब खुले विचार के हैं इसलिए मुझे घर से बाहर पढ़ने जाने में सबसे पहले अपने लिए एक ब्वॉयफ्रेंड की कामना बलवती हो गई थी.

जब मैंने नर्सिंग के लिए दाखिला लिया तो कॉलेज मेरे गाँव से 50 किलोमीटर दूर दूसरे शहर में था. उसी वजह से मुझको वहां पर रूम लेकर रहना था.

मैं बहुत खुश हो गई थी क्योंकि अब मैं आजादी से मौज मजा कर सकती थी, ब्वॉयफ्रेंड बना कर उसके साथ घूम सकती थी.

उस समय मोबाइल फोन ज्यादा नहीं थे.

मेरे 12वीं में कम नम्बर आने की वजह से मुझे एडमिशन लेने में दिक्कत हो रही थी. जब मैं और मम्मी एडमिशन करवाने के लिए गए तो हमको सेक्रेटरी से मुलाकात करना थी.

सेक्रेटरी से बात करने के लिए हमें दोपहर का 1:00 का समय मिला था. मैं और मम्मी हम दोनों 12:00 बजे वहां पर पहुंच गए.

मेरी मम्मी का शरीर बहुत भरा हुआ था. उनका फिगर 38-32-42 साइज का था. देखने में भी मम्मी का रंग एकदम गोरा था और उनके लाले लम्बे बाल उनकी गांड के ऊपर तक लहराते थे. इसलिए कोई भी मम्मी के ऊपर फिदा हो जाता था.

मम्मी ने लॉन्ग कोट पहना था, लाल रंग की साड़ी पहनी थी.

हम दोनों सेक्रेटरी के केबिन के बाहर बैठ गए. करीब 1:00 बजे सेक्रेटरी ने हमें अन्दर बुलाया.

अन्दर जाने के बाद मैं उनके सामने खड़ी थी और उन्होंने मेरी मम्मी को बैठने के लिए बोला.

मम्मी अपना कोट सामने से खोल कर बैठ गईं. उनके बड़े बड़े मम्मे ब्लाउज में से बाहर आने को मचलते हुए सेकेट्री की नजरों में चुभने लगे.

मैं खड़ी खड़ी सेक्रेटरी की कामुक नजरों को देख रही थी. उन्होंने मेरी मार्कशीट देखी और मम्मी को बोला कि इसका दाखिला नहीं हो सकता है. मेरी मम्मी ने रोने सा मुँह बनाया और अपना दुखड़ा रोना शुरू किया.

मम्मी उनको बोल रही थीं कि आप ही कुछ कर सकते हैं, हम बड़ी उम्मीद के साथ आए हैं. अब सेक्रेटरी बिना किसी संकोच के मम्मी के मम्मों को घूर रहा था.

फिर उसने मेरी ओर देखा और बोला- तुम थोड़ी देर बाहर रुको. मुझको उसकी यह बात समझ में आ गई कि सेक्रेटरी सर मेरा एडमिशन मम्मी की चुदाई करके देने वाले हैं.

मैं उनके केबिन के बाहर चली गई और दरवाजे के बिल्कुल बाजू में बैठ गई ताकि अन्दर क्या बातचीत हो रही है, वह मुझको सुनाई दे सके.

सेक्रेटरी ने मम्मी से कहा- आपकी लड़की का एडमिशन तो मैं कर दूंगा लेकिन आपको मेरी बात माननी पड़ेगी और ...

मम्मी ने उनको बात पूरी करने नहीं दी; वो बीच में ही बोलीं- मैं आपकी हर एक बात मानूंगी, आप जो बोलोगे वह मैं करूंगी. लेकिन मेरी बेटी का एडमिशन कर लीजिए. ये कहते हुए मम्मी ने अपने कोट को और ज्यादा खोल दिया. उससे साफ़ जाहिर हो रहा था कि मेरी मम्मी सेकेट्री के साथ लेटने को राजी हो गई हैं.

सेक्रेटरी बेलाग बोला- आप दिखने में अच्छी हो. आपको मेरे साथ सेक्स करना पड़ेगा. मम्मी नाटक करती हुई बोलीं- आप यह क्या बोल रहे हैं सर. मैं ऐसी औरत नहीं हूं.

सेक्रेटरी- आप मेरा ज्यादा वक्त मत लो. आपकी हां है तो आप अपना पल्लू नीचे करो और इधर आओ ... और यदि ना है तो आप यहां से चली जाओ. आप ना कहोगी, तो दूसरा कोई तो कोई मेरे साथ सेक्स करने राजी हो जाएगी और मैं उसकी लड़की का एडमिशन करवा दूंगा. बोलो आपको क्या करना? ये मामला सामने आया तो मम्मी सोचने लगीं.

आगे का पूरा वाकिया आप मेरी Xxx मम्मी की जुबानी सुनो.

मुझको कुछ समझ में नहीं आ रहा था. सेक्रेटरी अपनी चेयर से उठ कर मेरे पीछे आ गया और उसके हाथ मेरे बूब्स के ऊपर आ गए.

मुझको होश ही नहीं था. जब उसका हाथ मेरे बूब्स के ऊपर आया तो मुझको करंट सा लग गया. मैं उठ गई.

उठते समय मेरा पल्लू नीचे गिर गया. वह मेरे दोनों मम्मों को दबा रहा था.

मैं बोली- सर, प्रीति का कॉलेज में एडमिशन करने के लिए आप प्रिंसिपल को फोन करो और उसको डॉक्यूमेंट सबमिट करने के लिए भेज दो.

सेकेट्री ने कॉलेज के प्रिंसिपल को फोन किया और कहा- ओ मेरी रांड सुन. एक एडमिशन है, प्रीति नाम है. उसका फॉर्म ले ले और उसको एक घंटे तक अपने पास बिजी रख, जब तक मेरा फोन नहीं आता, तब तक उसको छोड़ना मत. उसकी मां चुदने वाली है.

फोन करके उसने मुझको चेयर में बिठाया और बेल बजा कर चपरासी को बोला- प्रीति को भेज अन्दर.

मेरी बेटी अन्दर आई तो सेक्रेटरी ने उससे कहा- प्रीति, तू कॉलेज की बिल्डिंग में जा ... और वहां पर जाकर अपने दाखिले का प्रोसेस कर. मैं इधर तेरी मम्मी से बाकी की बात करता हूं. तेरा एडमिशन पक्का हो गया है.

प्रीति बाहर जाने के बाद चपरासी को उसने बोला- किसी को भी अन्दर मत भेजना. जब मैं तेरे को बोलूंगा तभी भेजना. चपरासी समझ गया और वो मेरी तरफ़ वासना से देखता हुआ चला गया.

उसके जाते ही सेक्रेटरी ने मुझको दो मिनट में पूरी नंगी कर दिया. मेरे होंठों को किस करने लगा और मेरे बूब्स दबा रहा था.

उसके हाथों में बहुत ज्यादा ताकत थी, मेरे बूब्स पूरे लाल हो गए थे. दस मिनट तक चूमाचाटी और मम्मे दबाने के बाद उसने अपने कपड़े उतारे.

उसका लंड देखते ही मेरे होश उड़ गए. उसका लंड एकदम लोहे की रॉड के जैसे खड़ा था और साले का लंड गधे के लंड जैसा था.

उसका भीमकाय लौड़ा देख कर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया था. उसने मेरे नजदीक आकर वापस मुझे किस करना चालू कर दिया. वो मेरे मुँह में अपनी जीभ देकर किसी रसीले फल के जैसे मेरी जीभ को चूस रहा था.

मुझे बड़ी सनसनी हो रही थी. उसका किस बहुत शानदार था. मैंने आज तक ऐसा किस नहीं किया था.

वह मुझसे वह बहुत मजे से किस कर रहा था. मेरी गर्दन पर किस करे जा रहा था और बीच-बीच में मेरी गर्दन के ऊपर प्यार की निशानी छोड़ रहा था.

मैं खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रही थी, मैं भी उसकी गर्दन पर किस कर रही थी, उसके गले के ऊपर किस कर रही थी, दांतों से काट रही थी और निशान छोड़ रही थी. मुझको मस्तराम सेक्स बहुत अच्छा लग रहा था.

फिर मैंने उसकी शर्ट को निकाला. उसकी छाती पर और पेट पर बहुत सारे बाल थे.

मैं उसके छाती के बाल से खेलने लगी थी और साथ ही साथ किस भी कर रही थी. थोड़ी देर के बाद मैं उसके सीने के निप्पलों को चूसने लगी थी.

उसके मुँह से आवाज आ रही थी. आज मैं किसी पहली बार पुरुष के मम्मे चूस रही थी.

उसे बहुत मजा आ रहा था. फिर अचानक उसने मेरे बाल खींचे और वापस मुझे किस करने लगा.

अब हम दोनों नंगे थे और करीब 20 मिनट हमारी चूमाचाटी का खेल चल रहा था.

किस करते समय उसका हाथ मेरी चूत के ऊपर आ गया था और वो मेरी चूत को रगड़ने लगा था. मेरी चूत में से बहुत पानी आ रहा था.

उसने दो उंगलियां मेरी चूत के अन्दर डाल दीं. मेरी चूत एकदम गीली हो गई थी. उसकी उंगलियां बिना दर्द दिए अन्दर चली गईं.

वह बोला- साली रांड, तू बहुत बड़ी चुदक्कड़ है. मैं- चार बच्चों की मां हूँ.

वह तुरंत मुझसे दूर हो गया और मेरे हुस्न को देखने लगा. वो बोला- भोसड़ी की, तू लगती तो नहीं है कि चार बच्चों की मां है. मैं हंस दी.

वो मेरे मम्मे पकड़ कर जोर जोर से दबाने लगा और बोलने लगा- तू रांड नहीं ... साली रांड से भी बड़ी छिनाल है छिनाल. रांड के भी इतने बच्चे नहीं होते. कितने लंड का रस पिया है तूने?

मैं- आप जैसे बड़े लोगों के साथ यह मेरा पहला टाइम है लेकिन हमारे मोहल्ले के सभी नौजवान लड़के बूढ़े मेरा चूत मार चुके हैं. यह बात मेरे घर में किसी को भी पता नहीं क्योंकि मैं बहुत बहुत अच्छे से सबके साथ बात करती हूँ.

उसको मैं अपना सेक्स जीवन बता रही थी और वह मेरे दोनों मम्मे बहुत अच्छे से चूस रहा था. साथ ही वो अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में अच्छे से रगड़ रहा था.

मैं- दिन में अपने जिस्म का हर एक रस में सबको देती थी लेकिन रात मैं पति के साथ ही सेक्स करती थी. उसी वजह से उनको शक नहीं हुआ.

उसने मुझे नीचे बैठा लिया और अब उसका लंड मेरे मुँह के सामने था. उसका लंड बहुत बड़ा और मोटा था. उसके लंड के चारों ओर जंगल जैसे बाल उगे थे.

ज्यादा वक्त ना लगाते हुए मैंने उसका लंड मुँह में ले लिया. उसका लंड का सुपारा मेरे मुँह में अन्दर पूरा बैठ गया था. मुझको चूसने में बहुत तकलीफ हो रही थी.

वो मेरे बाल पकड़े हुए था और उसने एक करारा झटका मारकर पूरा का पूरा लंड मेरे मुँह में घुसा दिया. मैं सांस भी नहीं ले पा रही थी. मेरे मुँह से गों गों की आवाज आ रही थी.

वह मेरे मुँह को चूत समझ कर चोद रहा था. वो इतनी जोर जोर से मेरा मुँह को चोद रहा था मानो साले को मुँह ही भोसड़ा लग रहा हो.

करीब दस मिनट तक मेरे मुँह को चोदने के बाद उसके लंड का पूरा रस मेरे मुँह में आ गया. मैंने उसका लंड रस पूरा मुँह से चूस लिया था. वह बहुत खुश हो गया था.

कुछ देर के बाद उसके बाद उसने लंड मेरे मुँह से बाहर निकाल लिया.

वह बोला- पहली बार मेरे लंड ने किसी के मुँह में पानी गिराया, नहीं तो 2 मिनट में ही लड़की मेरा लौड़ा चूस कर लंड चूत में ले लेती थी. किसी साली ने आज तक मेरा लंड रस नहीं पिया.

मैं उसकी बात सुनकर खुश थी और वापस से उसका लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी.

कुल 5 मिनट में उसका लंड फिर से मूसल सा हो गया.

अब उसने मुझको अपनी टेबल पर लेटाया. मैंने अपनी टांगें खोल कर चूत पसार दी.

उसने मेरी चूत में लंड सैट कर दिया, एक ही झटके में अपना मूसल लंड अन्दर पेल दिया. मैं आह करके उसका लंड खा गई.

बस फिर क्या था ... उसकी ट्रेन सवारी लेकर चालू हो गई.

वो बुलेट ट्रेन की रफ्तार से मेरी चूत को चोदने लगा और लगातार 20 मिनट तक बुलेट ट्रेन की रफ्तार से चोदता रहा. मेरे तो होश फाख्ता हो गए थे.

पहली बार में ही मेरी चूत में तीन बार पानी छोड़ दिया था.

उसके बाद उसने मुझे घोड़ी बनाया और वापस लंड पेल कर चोदने लगा. दस मिनट के बाद उसने अपने लंड का रस मेरी चूत में डाल दिया.

तभी प्रिंसिपल मैडम का फोन आया.

सेक्रेटरी- हैलो कौन बोल रहा है. प्रिंसिपल मैडम- सर में नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल बोल रही हूँ आपकी रांड.

सेक्रेटरी- हां बोल क्या काम है छिनाल ... उस लौंडिया प्रीति को भेज मेरे पास और बता दे उसको कि उसका काम हो गया. और हां ... अभी बोलता हूं उसे पूरी क्लास में फर्स्ट आनी चाहिए. अगर वह फर्स्ट नहीं आई तो तू और तेरी लड़की दोनों की गांड मैं मारूंगा भैन की लौड़ी ... साली अब फोन रख मादरचोद.

फोन कटते ही मैंने उससे कहा- थैंक्यू सर. मैं जब भी इधर आऊंगी, तब मैं आपसे चुदाई करूंगी. यह मेरा वादा रहा. और जब भी आप कोल्हापुर आओगे, तब हमारे घर जरूर आना.

दस मिनट बाद प्रीति सेकेट्री सर के केबिन में आ गई. तब तक मैं भी कपड़े पहन कर वहीं बैठ गई थी.

प्रीति- थैंक्यू सर, आपकी वजह से मेरा एडमिशन हो गया. सेक्रेटरी- यह तो मेरा काम है बेटी. अगर तुझे कॉलेज में कोई भी दिक्कत हो तो मुझसे बोल देना.

मैं और मेरी मम्मी हम दोनों सर के केबिन से बाहर आ गए.

प्रीति- एडमिशन के वक्त एक लड़की मिली, वह भी बाहर गांव से आई है. तो उसने एक रूम देखा है. क्या हम अभी उस रूम को देखने चलें मम्मी? मैं उसके साथ ही रह लूंगी. मैंने अपनी बेटी से कुछ देर बात की.

प्रीती ने बताया कि उस लड़की के पापा और वो कॉलेज में ही हैं, क्यों ना हम चारों जाकर रूम देख लेते हैं. मैंने हां कह दी.

हम लोगों ने उस कमरे को देख कर पक्का कर दिया और मैं अपनी उस सहेली के साथ रहने लगी.

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