Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.
You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.
Click hereआपको मेरी पिछली सेक्स कहानी से मालूम चल गया था कि मैं नर्सिंग की पढ़ाई के लिए एडमिशन लेने के लिए गई थी.
उस समय मुझे कैसे एडमिशन मिला था, वो सब आपने मेरी सेक्स कहानी में पढ़ा था.
मेरे एडमिशन के वक्त मुझे एक लड़की मिली थी. वह भी बाहर गांव से आई थी.
ये बात मैंने अपनी मम्मी को बताई और उनसे कहा कि उसने खुद के रहने के लिए एक रूम देखा है. क्या हम भी चल कर उसका रूम देख लें. उस पर मम्मी ने हामी भर दी और उसका कमरा देखने जाने के लिए राजी हो गईं.
मम्मी के हां कहने के बाद मैं और मम्मी, उस नई लड़की सीमा और उसके पापा से मिले.
यहीं से इंडियन रण्डी मॉम सेक्स कहानी शुरू होती है.
मम्मी ने सीमा के पापा को देखा और कहा- नमस्कार, मैं प्रीति की मम्मी शोभना हूँ. आज इसका एडमिशन हो गया है. अभी उसका रहने का देखना है, तो प्रीति मुझको बोली कि आपने सीमा के लिए रूम देखा है. अगर आप बुरा ना माने तो क्या प्रीति और सीमा एक साथ रह सकती हैं. रूम का किराया और खाने के लिए जो भी खर्च लगेगा, उसका आधा-आधा हम दोनों साझा कर सकते हैं. हम लोग ज्यादा धनवान नहीं हैं. अलग रूम का किराया और मेस के पैसे ज्यादा लगेंगे, वो हमारी सामर्थ्य के बाहर होगा.
सीमा के पापा- नमस्कार, मेरा नाम राजू है और मैं एक सिक्योरिटी कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की जॉब करता हूं. बेटी की अच्छी पढ़ाई के लिए मैंने उसको इधर भेज दिया है. इधर हमारे एक दूर के रिश्तेदार हैं. कॉलेज के पीछे की तरफ एक घर है. वहां पर हमने एक कमरा देखा है. अगर आप कहेंगी तो हम सब जाकर उसे देख लेंगे. हमारा भी खर्च कम हो, इसके लिए मैं भी अपनी बेटी के साथ किसी एक लड़की को रखना चाहूँगा.
मम्मी ने सीमा के पापा की बात सुनकर झट से हां कह दिया.
फिर हम सब कॉलेज के पीछे झोपड़पट्टी का एरिया था, उधर गए. उधर हमें सीमा के रिश्तेदार अंकल ने रूम दिखाया. उन अंकल का नाम संजू था.
आप सोच सकते हो कि झोपड़पट्टी वाले इलाके में कैसे रूम रहते हैं. बस हमें एक छोटा सा कमरा मिला और उसका रेंट भी कम था, केवल 700 था. उसमें अन्दर ही नहाने के लिए छोटी सी जगह थी, लेकिन बाकी लेट्रिन आदि के लिए सार्वजनिक शौचालय यूज़ करना था.
मम्मी और सीमा के पापा ने हां बोल दिया. हमने भी ज्यादा नहीं सोचा क्योंकि हमारे पास पैसे की तंगी थी.
मैं बताना भूल ही गई कि हम दोनों को भी गवर्नमेंट से स्कॉलरशिप मिलने वाली थी, इसलिए कॉलेज की फीस का कुछ टेंशन नहीं था और सेक्रेटरी सर भी मम्मी के लपेटे में थे तो वो तो वैसे भी कोई समस्या नहीं थी.
उन तीनों ने मिलकर हमसे पूछा- तो फाइनल है ... इधर ही रहोगी न? हम दोनों ने उनको हां बोल दिया.
हम सब वहां पर बातचीत करने लगे. मैंने ध्यान दिया की सीमा के पापा और अंकल, दोनों लोग मेरी मम्मी को घूर रहे थे.
हम दोनों के लिए जो खाने का सामान चाहिए था, वह मम्मी और अंकल में बात हो गई. उनके बीच ये तय हो गया कि मम्मी क्या क्या सामान लाने वाली थीं और अंकल कौन सा सामान लाने वाले थे.
सीमा और उसके पापा पुणे जाने के लिए निकल गए और हम वापस कोल्हापुर आ गए.
दो दिन में मम्मी ने राशन वालों से खाने का पूरा सामान ले लिया. अब आपको तो पता ही है कि मम्मी ने यह सामान लेने के लिए क्या किया होगा.
हां आप सही सोच रहे हैं. मम्मी ने ठीक वैसे ही अपनी फुद्दी चुदवाई थी जैसे वो हमेशा मम्मी राशन लेते समय उससे अपनी फुद्दी मरवाती थीं.
अब हमने खाने-पीने का पूरा सामान और मेरे कपड़े आदि लगा लिए थे और वापस कॉलेज वाले शहर आ गए.
मम्मी, सीमा के पापा व हम दोनों एक साथ चार दिन के लिए रहने वाले थे. सीमा के पापा ने भी अपने काम से छुट्टी ले ली और गए थे.
जब हम वहां पहुंचे, तो सीमा, उसके पापा और अंकल तीनों पहले से ही वहां मौजूद थे और सामान सैट कर रहे थे. हम दोनों ने भी वहां जाकर पूरा सामान सैट करवाने में सहयोग किया.
सामान आदि लग गया था थोड़ा बहुत बचा था, तो राजू अंकल और संजू अंकल बाहर निकल गए. वो थोड़ी देर में ही घूम फिर कर आ गए.
आते समय वो दोनों देसी दारू लेकर आए थे. कमरे पर आकर उन्होंने वहां पर पीना चालू कर दिया. राजू अंकल लगभग 45 साल के थे और उनका कुछ पेट बाहर आ गया था.
उनका वजन कम से कम 120 किलो रहा होगा. उनके अन्दर सब बुरी आदतें थीं, जैसे कि सिगरेट तंबाकू दारू रंडी बाजी.
वे मम्मी को घूर रहे थे और मेरी तरफ भी देख रहे थे.
वहीं संजू अंकल 40 साल के थे. वे भी एक काले सांड के जैसे थे. उनके मुँह में हमेशा पान घुसा रहता था और उनकी आदतें भी राजू अंकल के जैसी ही थीं.
हम सब खाना खा रहे थे. तभी संजू अंकल की बीवी अंकिता वहां पर आ गई.
अंकल तो दारू के नशे में थे, तो आंटी उनको लेकर अपने घर जाने लगीं. तभी नशे की हालत में अंकल ने अंकिता आंटी की गांड के ऊपर जोर से चमाट मारी.
उसकी आवाज हमें सुनाई दे गई थी. हम अब उनकी ये हरकत देख रहे थे.
तभी मेरी मम्मी चुटकी लेती हुई संजू अंकल से बोलीं- आपकी आज खैर नहीं ... आज आपका घोड़ा बहुत दौड़ेगा. अंकिता आंटी- मेरे पास तो घोड़ा है वह दौड़ेगा भी, लेकिन आपके पास तो घोड़ा नहीं है. आपकी तो आज मुश्किल है.
यह बोलकर आंटी ने हंस कर हम सबके सामने संजू अंकल को किस कर लिया. मैं और सीमा यह देख कर हैरान थे.
अंकिता आंटी- बच्चो, तुम ज्यादा टेंशन मत लो और सो जाओ. तुम दोनों की शादी होने के बाद तुम भी मजे करोगी. इतना कह कर वो अंकल को लेकर चली गईं.
हमारा खाना होने के बाद अब हम सोने लगे. मैं और सीमा बीच में सोईं.
राजू अंकल सीमा के बाजू में ... और मम्मी मेरी बाजू में सो गईं.
सुबह हम तीनों जल्दी उठ गए और शौचालय के लिए बाहर गए. शौचालय के आगे लाइन में लग गए, उसकी हमें आदत थी.
सबसे पहले मम्मी शौचालय चली गईं. बाहर आने के बाद वह बोलीं- मैं कुछ नाश्ता और खाने के लिए बनाती हूं, तुम दोनों फ्रेश होने के बाद रूम में आ जाना.
मेरा नंबर आने तक और शौचालय से निवृत होने तक 30 मिनट हो गए. मैं सीमा से बोली- मैं घर जाकर मम्मी को हेल्प करती हूँ. अभी तेरा नंबर आने में और शौचालय से फ्री होने में तुझे आधा घंटा लगेगा.
उसने हां में सर हिला दिया. मैं घर की तरफ गई.
घर का दरवाजा अन्दर से बंद था. मैं दरवाजा में खटखटाने वाली थी, उतने में मुझको आवाज आई.
राजू अंकल- अरे शोभना रानी, मम्मे तो चूसने दो, जब तक लड़कियां नहीं आतीं, तब तक मैं चूस लेता हूँ. चुदाई तो हम लड़कियों कॉलेज जाने के बाद करेंगे. मम्मी- अभी नहीं, दो दिन के बाद कर लेना.
अंकल कहां मानने वाले थे, उन्होंने जबरदस्ती से मम्मी के बॉल दबाने चालू कर दिए.
मम्मी- मर्द लोगों का यही प्रॉब्लम है, आप कंट्रोल नहीं करते और आपकी वजह से हम औरतें कंट्रोल नहीं कर पातीं. अभी खाली बूब्स चूसने का वादा करो. अंकल- वादा रहा जानेमन अभी सिर्फ मम्मे ही चूसूंगा. तेरी चूत का कबाड़ा तो बाद में तसल्ली से करूंगा.
यह बोलकर उन्होंने मम्मी के बूब्स के ऊपर एक तमाचा मारा. वो तमाचा इतना जोर से लगा था कि मुझको मारने तेज आवाज सुनाई दी.
मम्मी के मुँह से आवाज निकली और उतने में ही मैंने दरवाजा खटखटा दिया.
अंकल ने दरवाजा खोला और मैं अन्दर जाने लगी. अंकल ने मुझको किस किया.
मैं अन्दर आ गई. मम्मी- सीमा कहां है? मैं- मेरा हो गया था, इसके लिए मैं आपकी मदद करने के लिए आ गई.
इसी तरह से 15 मिनट में सीमा और उसके बाद राजू अंकल भी फ्रेश होकर आ गए.
हम चारों ने मिलकर नाश्ता किया और बैठ कर बातें करने लगे. मैंने ध्यान दिया कि राजू अंकल डबल मीनिंग वाली बात करते थे.
मम्मी भी उनके जोक्स के ऊपर हंस देती थीं. हम सबके बीच अभी हंसी मजाक चल ही रहा था कि तभी अंकिता आंटी आ गईं.
अब मैं आपको अंकिता आंटी के बारे में बताती हूं. आंटी 5 फुट 5 इंच की 30-28-32 के फिगर वाली माल महिला थीं. वो करीब 35 साल की थीं और उनके दो बच्चे थे.
दिखने में आंटी आलिया भट्ट जैसी थीं. वह जब हंसती थीं, तब उनके गाल में गड्डे पढ़ते थे, उससे उनकी खूबसूरती और निखर रही थी. आंटी उस इलाके में रानी की तरह थीं. नौजवान लड़के, अंकल और बूढ़े सबके मुँह से पानी टपकता था.
जैसे ही अंकिता आंटी आईं. उनकी चाल में थकान सी थी.
मम्मी- लगता है कल रात घोड़ी को घोड़े ने बहुत दौड़ाया! दूसरा घोड़े की चाल आने से ही रही. आंटी- अरे नहीं ... मेरा घोड़ा है तो बहुत बड़ा ... लेकिन घोड़ी को अभी दूसरा घोड़ा भी चाहिए. तुम अपनी सुनाओ, तुमने भी तो कल दूसरा घोड़ा लिया होगा?
मेरी मम्मी कुछ नहीं बोलीं. मगर अंकल बोल पड़े- रात को लिया तो नहीं लेकिन सुबह घोड़े ने घोड़ी का दूध पिया. अगर दो घोड़ी एक साथ मिल गईं, तो घोड़े को मजा आ जाएगा. एक घोड़ी 90 किलो की और एक घोड़ी 60 किलो की ... सच में क्या मस्त मजा आएगा.
ये सब बातें करते हुए वह तीनों हंसने लगे. हमें भी उनकी बातें समझ में आ गई थीं.
आंटी- देखो, कहीं दो घोड़ी के चक्कर में घोड़े का दम ना निकल जाए.
अंकल बीड़ी पीते हुए बोले- जब तक घोड़ी घोड़ा चलाना चाहेगी, तब तक वह दौड़ेगा ... यह मेरा वादा रहा.
अंकल ये कहते हुए अपने पजामे के ऊपर से ही अपने लंड को दबाने लगे थे. उनका लंड बहुत बड़ा दिख रहा था. पजामा एकदम फूल गया था.
इंडियन रण्डी आंटी और मम्मी दोनों ने उनके फूलते पजामे को देखा और एक साथ बोलीं- अच्छा ऐसा क्या ... चलो कभी देखेंगे.
ये कह कर वो दोनों हंसने लगीं. हम दोनों भी एक दूसरे की आंखों में देख कर मुस्करा रही थीं.
तभी सीमा ने मुझको आंख मारी, मैंने भी उसकी फितरत को समझ लिया कि साली ये भी पूरी रांड है. इसके साथ मैं पक्के में चुद जाऊंगी. आपको तो मालूम ही है कि मेरी चूत अभी तक सील पैक है.
अंकल आंटी और मेरी मम्मी के बीच ऐसी ही नोक-झोंक चल रही थी. फिर हम सभी ने दोपहर का खाना खाया और आंटी अपने घर चली गईं.
उनके जाने के बाद हम सभी ने थोड़ी देर आराम किया.
कुछ देर बाद उठे और चाय लेकर हम सब थोड़ा बाहर बैठकर बातें करने लगे.
जैसे ही हम सब बाहर बैठ गए तो हमारे बाजू वाले हमसे बात करने लगे. हम सबकी बातें होने लगीं.
थोड़ी देर के बाद संजू अंकल वहां पर आ गए और राजू अंकल को लेकर बाहर चले गए. हमें समझने के लिए देर नहीं लगी कि यह दोनों लोग दारू पीकर आएंगे.
शाम हो गई और रात भी गहरा गई. दस बज गए थे, फिर भी अंकल वापस नहीं आए थे.
मम्मी- हम सब लोग खाना खा लेते हैं. तुम दोनों सो जाओ. मैं बाहर उनके इन्तजार में बैठती हूं.
हमने खाना खाया और करीब 11:30 बजे हम दोनों लड़कियां लेट गईं. लेकिन हम दोनों को भी नींद नहीं आ रही थी.
तभी सीमा बोली- आज तो तेरी मम्मी मेरे पापा का रस लेंगी. मैं- हां मुझे भी लगता है क्योंकि सुबह मैंने उनकी बात सुनी थी और तेरे पापा मेरे मम्मी के चूचे भी चूस रहे थे.
सीमा- तेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड है क्या? मैं- नहीं, तेरा?
सीमा- ब्वॉयफ्रेंड तो नहीं लेकिन मेरी चूत ने बहुत लौड़े लिए हैं. मैं- क्या बात करती है?
सीमा ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत के ऊपर रख लिया और मेरी एक उंगली को अन्दर डाल लिया. उसकी चूत का तो भोसड़ा हुआ पड़ा था तो मुझको समझ में आ गया कि इसने कितने लौड़े लिए हैं.
हम दोनों ऐसे ही लेटी थी. वह बोली- हम इन दोनों जाने के बाद बात करेंगे.
मम्मी बाहर बैठी थीं और बाजू वाली औरत के साथ बात कर रही थीं. करीब आधे घंटे के बाद संजू अंकल और राजू अंकल आ गए.
संजू अंकल- अरे आप अभी तक सोई नहीं? मम्मी- नहीं, मैं इनकी राह देख रही थी.
संजू अंकल- ठीक है, मैं अब जाता हूं. अंकल के जाने के बाद.
मम्मी- सुनो अन्दर जाने के बाद शोर मत करना. अभी बीड़ी जलानी है तो जलाओ, अन्दर मत जलाना, नहीं तो लड़कियां उठ जाएंगी. राजू अंकल ने बीड़ी जलाई और जल्दी जल्दी खत्म कर दी.
उसके बाद दोनों अन्दर आ गए.
मम्मी खाना गर्म करके अंकल कों परोसने लगीं. राज अंकल खाना खाते समय भी मम्मी के मम्मे जोर-जोर से दबा रहे थे.
खाना होने के बाद मम्मी ने बर्तन धोकर रखे. बर्तन धोते समय अंकल बाहर जाकर बीड़ी पीने कर आ गए.
मम्मी मेरी बाजू में लेट गईं. अंकल आए और सीधे मेरी मम्मी के ऊपर चढ़ गए.
उन्होंने मम्मी का गाउन निकाल दिया और मम्मी को किस करने लगे, साथ ही साथ मम्मी के चूचे दबाने लगे.
मम्मी ने भी उनकी पैंट निकाल दी और लंड को हिलाने लगीं. मम्मी ने अंकल के लंड को अपनी चूत के ऊपर रख दिया.
अंकल ने तुरंत धक्का दे दिया और लंड मम्मी की चूत के अन्दर डाल दिया. वो मम्मी को धकाधक चोदने लगे, साथ ही वो मम्मी को किस कर रहे थे.
मम्मी आवाज कम कर रही थीं. हम दोनों के बगल में सोने के कारण वह ज्यादा नहीं चिल्ला रही थीं.
अंकल मम्मी को जोर-जोर से चोद रहे थे और ताबड़तोड़ लंड चूत में डाल रहे थे.
जैसे लंड चूत में जाता था, उनकी गोटियां मम्मी की टांगों के ऊपर लगती थीं. उससे पट पट की आवाज आ रही थी.
काफी देर तक अंकल मम्मी की चूत चोदते रहे थे. एक्सप्रेस ट्रेन की तरह अंकल मम्मी की चूत मार रहे थे; साथ ही साथ मम्मी को किस कर रहे थे और उनके मम्मे भी दबा रहे थे.
अंकल की एक कोहनी मुझको भी लग रही थी. इधर मेरा और सीमा का हाल बुरा हो गया था.
सीमा मेरे होंठों को चूस रही थी और मैं अपनी उंगली उसकी चूत में अन्दर बाहर कर रही थी. मेरी चूत भी अलग ही मजा ले रही थी.
कुछ देर के बाद अंकल ने मम्मी को घोड़ी बनाया और पीछे से मम्मी की चूत में लंड डाल दिया. लंड घुसा और वापस चुदाई चालू हो गई.
इस समय अंकल बुलेट ट्रेन की रफ्तार से मम्मी की चुदाई कर रहे थे.
मम्मी की चुदाई करते समय अंकल ने उनका एक हाथ मेरे गांड के ऊपर रखा और मेरी गांड को दबा रहे थे. मुझे भी मजा आ रहा था.
अंकल का दूसरा हाथ मम्मी के बाल पकड़े हुए था और वो मम्मी को बड़ी रफ्तार से चोद रहे थे. पीछे से ही अंकल मम्मी को किस कर रहे थे.
मम्मी बहुत धीरे धीरे से आवाज कर रही थीं.
बीस मिनट की चुदाई के बाद अंकल ने मम्मी को 69 पोजीशन में ले लिया.
अंकल मम्मी की चूत को चूस रहे थे और मम्मी उनका लंड लॉलीपॉप की तरह मुँह में ले रही थीं.
इधर सीमा की चूत में पानी छोड़ दिया और मेरा पूरा हाथ गीला हो गया था. कुछ 15 मिनट के बाद अंकल ने वापस उनका लंड चूत में डाल दिया. वो मम्मी के ऊपर लेट गए और मम्मी की चुदाई चालू कर दी.
मम्मी उनके सीने की घुंडी को चूस रही थीं, इससे अंकल को मजा आ रहा था और उन दोनों की चुदाई जोर जोर से होने लगी थी.
अंकल का स्टैमिना बहुत ज्यादा था. देर तक चोदने के साथ ही वह बहुत जोरदार चुदाई करते थे.
मम्मी भी बहुत चुदक्कड़ थीं तो उनको भी अंकल के लंड से बहुत मजा आ रहा था.
अंकल मम्मी की ताबड़तोड़ चुदाई चल रही थी. ना मम्मी पीछे हट रही थीं, ना ही अंकल.
काफी देर से उनकी चुदाई चल रही थी. अंकल की स्पीड़ थोड़ी सी भी कम नहीं हुई थी.
इतना वजन होने के बावजूद भी वह बहुत अच्छी तरह से मम्मी की चूत बजा रहे थे.
मम्मी भी उनका पूरा वजन अपने ऊपर सहकर भी पूरा साथ दे रही थीं.
अब अंकल ने अपने लंड का पूरा रस मम्मी की चूत में छोड़ दिया और मम्मी के ऊपर ऐसे ही लेट गए. वो मम्मी को किस करने लगे. मम्मी भी उनका सहयोग दे रही थीं.
करीब 10 मिनट के बाद वह मम्मी के ऊपर से हट गए.
मम्मी ने जोर से अपनी सांसें लीं और निढाल हो गईं.
अंकल- बहुत जोर है तेरे में ... कितने दिनों के बाद इतना अच्छा माल मिला. मजा आ गया ... मेरा पूरा वजन तूने सह लिया ... बहुत ही चुदक्कड़ है तू. मेरा वजन अब तक बस दो ही औरतें ले पाई हैं और अब तू तीसरी हो गई है.
मम्मी- मैं तीसरी, एक आपकी बीवी. उसके अलावा दूसरी कौन है? अंकल- वह तुझे बाद में समझ में आ जाएगा और एक राउंड लेगी या सो जाएगी?
मैं सोच रही थी कि अभी इनकी Xxx चुदाई को इतनी देर हो गई और अब दूसरा राउंड चलेगा ... मतलब पूरी रात इनकी चुदाई होगी.
मम्मी- एक और राउंड चाहिए पर अभी हम सोएंगे क्योंकि बहुत देर हो गई है. मुझे 4 बजे उठ कर पानी भी भरने के लिए जाना पड़ेगा. अंकल- मैं नीचे सो जाता हूँ ... तू मेरे ऊपर 69 की पोजीशन में आ जा.
मम्मी अंकल 69 में आ गए और उनका फिर से लंड चूत की चुसाई का खेल चालू हो गया. अंकल ने मेरे मम्मे के ऊपर हाथ रखा था और मेरे मम्मे दबा रहे थे.
मेरी तो नींद उड़ चुकी थी.
अंकल मेरे छोटे नींबू के जैसे मम्मे मसल कर दबा रहे थे और मम्मी की चूत चूस रहे थे.
उतने में बाजू वाली आंटी ने मम्मी को आवाज लगाई और मम्मी बाजू हो गईं. अंकल ने मेरे मम्मे से हाथ हटा लिया.
मम्मी ने फट से गाउन पहना लेकिन अंकल ने कुछ नहीं पहना, ना ही कम्बल ऊपर लिया. मम्मी उनको बोल रही थीं, फिर भी उन्होंने कुछ नहीं पहना.
मम्मी को आंटी बार-बार आवाज दे रही थीं, तो मम्मी ने दरवाजा खोल दिया.
बाहर की लाइट की रोशनी की वजह से आंटी को अंकल नंगे दिखाई दे गए.
आंटी मुस्कुराई जा रही थीं और अन्दर आ गईं.
मम्मी पानी भरने के लिए बर्तन ले रही थीं.
तभी आंटी ने अंकल के लंड को पकड़ा और अंकल को किस करने लगी थीं. आंटी- रात भर तो आपके मजे तो चलते रहे.
मम्मी आंटी से बोलीं- चल अब पानी लेने चलते हैं. फिर मम्मी अंकल से बोलीं- कपड़े पहनो और सीमा के बाजू में जाकर सो जाओ. अंकल- ठीक है रंडियो, अब जाओ.
मैंने पहली बार अंकल को ऐसे बोलते हुए सुना था.
मम्मी और आंटी जाने के बाद अंकल ने मेरे मम्मों को गाउन के ऊपर से दबाना चालू कर दिया और मुझको अपने पास खींच लिया. मैं उनसे कुछ नहीं बोल पा रही थी.
फिर उन्होंने एक हाथ मेरी चूत के ऊपर रखा. मेरी चूत तो पानी निकाल रही थी.
अंकल एक उंगली मेरी चूत में डालने की कोशिश करने लगे. मेरे मुँह से दर्द भरी आवाज आने लगी.
मैंने अंकल का हाथ पकड़ा हुआ था.
अंकल- कभी लंड नहीं लिया ... पहली बार है क्या? मैं- हां. अंकल- तब तो तेरी चुदाई आराम से करेंगे, चल अभी मेरा लंड चूस दे!
अंकल मेरे मुँह के सामने लंड हिला कर बैठ गए. मैंने अंकल का लंड हाथ में ले लिया.
उनके लंड के चारों तरफ झांटों का जंगल था. मैं लंड को हाथ से हिला रही थी.
दस मिनट बाद मेरे कान में बोला- मुँह में ले ले रांड! मैं उनका लंड मुँह में लेने लगी.
उनका लंड बहुत लम्बा था; मोटाई ऐसी समझो जितनी मेरे हाथ की कलाई थी. मुझे मुँह में लेने में तकलीफ हो रही थी. फिर भी मैं उनका लंड चूस रही थी.
उन्होंने मेरे बाल पकड़ कर पूरा लंड मेरे मुँह में पेल कर चुदाई चालू कर दी.
मैंने अपने दोनों हाथ उनकी गांड के ऊपर रखे हुए थे.
मुझको सांस लेने में जब तकलीफ होती, तब मैं गांड के ऊपर के बालों को खींचती थी और कभी कभी उनकी गांड के ऊपर नाखून लगाती थी.
मैंने उनकी गांड को 10-12 चमाट भी मारीं, वह खुशी से मेरे मुँह को चोद रहे थे.
मेरे मुँह चोदते समय मेरे मुँह से आवाज आ रही थी 'पच पच गों गों ...' मेरे मुँह से बहुत सारा पानी बाहर आ रहा था.
अंकल ने और जोर-जोर से मेरा मुँह चोदने लगे और कुछ मिनट बाद मेरे मुँह में उन्होंने अपना रस डाल दिया.
मैं पहली बार लंड रस का स्वाद ले रही थी ... रस खारा था. मैंने वह पूरा रस पी लिया.
फिर अंकल ने मुझे किस किया और सीमा के बाजू में जाकर सो गए.
मेरी तो आंखों से नींद उड़ गई थी.
दस मिनट के बाद मम्मी पानी भरकर आ गईं और मेरे बाजू में आकर सो गईं.
सुबह 5:30 बजे मम्मी फिर से उठ गईं और मुझे व सीमा को भी उठाने लगीं. पर मैंने कहा- मम्मी, मैं बाद में उठूंगी.