नो फुल स्टॉप

Story Info
सेक्स में नो फुल स्टॉप
7.8k words
4.83
93
00
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here
odinchacha
odinchacha
252 Followers

आज की कहानी माधुरी की है. माधुरी और रेखा दो चचेरी बहनें हैं. एक ही घर में पढ़ी-बढ़ी और बहनों से ज्यादा सहेलियों की तरह रहीं.

रेखा पढ़ाई लिखाई में बहुत तेज तो माधुरी एक अल्हड़, मस्त, बला की खूबसूरत और चंचल.

रेखा पढ़ाई में जो ठान ले उसे हासिल करके ही रहती है और माधुरी का दिल जिस चीज पर आ जाये, वो ऐसे बानक बना देती है कि वो चीज उसके पास खिंची चली आये.

दोनों बहनों में आपस में बहुत प्यार था, एक दूसरी पर जान छिड़कती थीं.

रेखा बहुत प्रयास करती कि माधुरी भी पढ़ाई में अव्वल आये!

पर माधुरी तो थी बहती हवा का तेज झोंका ... ऐसा झोंका जिसमें वो सबको उड़ा ले जाए!

चाहे वो रेखा ही क्यों न हो.

कुल मिला कर रेखा की संगत में माधुरी ठीक ठाक नंबरों से पास तो होती गयी पर माधुरी की संगत ने रेखा को भी खुराफाती बना दिया.

पर रेखा खुलती सिर्फ माधुरी के साथ ही थी!

पूरी मस्ती करती दोनों.

चाहे बिस्तर हो या शावर, वहां खुराफातों की शुरूआत तो माधुरी करती पर फिर रेखा भी उसका भरपूर साथ देती.

उनकी खुराफातें इतनी बढ़ी हुई थीं कि एक बार तो सहेलियों के साथ गोवा ट्रिप में दोनों ने थाई मसाज का आनन्द भी लिया था.

बस सेक्स के अलावा जवानी का पूरा मज़ा दोनों ने लूटा था.

दोनों का जिस्म गदराया हुआ और गोरा चिट्टा था.

वक्त आया विदाई का तो माधुरी की शादी पहले हुई एक हीरे के व्यापारी मनीष के साथ!

महीने में एक सप्ताह के लिए मनीष दुबई जरूर जाता था.

मनीष माधुरी की चढ़ती-सुलगती जवानी और अल्हड़पन का कायल था.

शादी के बाद तो माधुरी और रेखा की दूरी बढ़ गयी क्योंकि माधुरी को सिवाय चुदाई के अलावा और कोई काम ही नहीं था.

शुरू के कुछ महीने तो जब जब मनीष दुबई जाता, माधुरी साथ जाती.

पर अब वो भी उकता गयी थी क्योंकि मनीष उसे दिन में तो समय दे नहीं पाता था और फिर सेक्स रोमांच उन्होंने सारे कर लिए थे.

इसी बीच रेखा की शादी तो एक सरकारी अधिकारी अनुज के साथ तय हुई.

अनुज एक सरकारी कम्पनी में अधिकारी था. खासी मोटी तनख्वाह और कोई पारिवारिक जिम्मेदारी नहीं.

वह नोएडा में अकेला रहता था, परिवार-जन लखनऊ में ही थे.

मनीष का अबकी बार जब दुबई का प्रोग्राम बना तो माधुरी रेखा को भी साथ ले गयी.

रेखा ने बहुत मना किया कि मुझे दाल भात में मूसलचंद बना कर क्यों ले जा रही है.

पर माधुरी जिद पर अड़ गयी, बोली- एक हफ्ते मनीष के साथ नहीं तेरे साथ कर लूंगी.

खैर दुबई में होटल में माधुरी की जिद के बावजूद भी रेखा ने अलग रूम लिया.

इस बार काम कम था मनीष को ... तो शुरू के तीन दिन तीनों जम कर घूमे और मस्ती की.

रेखा और मनीष के बीच भी कोई लिहाज पर्दा नहीं था, मनीष तो आधी घरवाली कह कहकर उसे पूरी घरवाली की तरह चूमता चिपटाता.

माधुरी खूब हंसती और मनीष को और उकसाती.

रेखा अकेले में शिकायत करती- तेरा वाला तो मेरे मम्मे दबाता है, उसका बस चले तो हाथ अंदर ही डाल दे.

सुनकर माधुरी कहती- एक बार मसलवा ले तो तेरे को भी तजुर्बा हो जाएगा. बाद में दिक्कत नहीं होगी. मेरे मम्मे तो पहले महीने में मनीष ने दबा दबा कर लाल कर दिए थे.

रात को माधुरी कभी मनीष के साथ सोती, कभी रात को चुदाई पूरी करवा कर रेखा के पास आ जाती और उससे चिपटा-चिपटी करती.

रेखा कहती- अभी करवा कर आ रही है, तेरा मन नहीं भरा?

माधुरी उसे छेड़ती- आज रात को तीनों एक साथ करेंगे.

रेखा उसे झिड़क देती.

हालाँकि उनकी चुदाई महसूस कर अब रेखा की चूत भी पानी छोड़ देती.

आखिर माधुरी ने रेखा को मना ही लिया कि आज रात को रेखा उनके साथ ही सोएगी और सोने का नाटक करेगी और उनकी लाइव चुदाई देखेगी.

रेखा बोली- अगर मनीष मुझ पर चढ़ गया तो?

इस पर माधुरी बोली- नहीं, तेरी पहली चुदाई तो अनुज ही करेगा, उसके बाद फिर कभी साथ साथ चुद लेंगी.

अब मनीष ने रेखा के साथ भले ही चुदाई न की हो, पर चूमने और कहीं भी छू लेने में तो अब तीनों को परहेज नहीं था.

रेखा ने हंस कर माधुरी से कहा कि कहीं माधुरी की निगाह अनुज पर तो नहीं हैं, मैं नहीं देने वाली अनुज को तुझे!

माधुरी भी हंस कर बोली- चल लगी शर्त, देखना तू ही अनुज को मेरे पास लाएगी.

बात हंसी की थी, आई गयी हो गयी.

रात को माधुरी ने मनीष से कहा- आज रेखा भी यहीं सोएगी. बेचारी अकेली बोर होती है. तुम ज़रा अपने पर काबू रखना. आज सेक्स नहीं करेंगे, मस्ती कुछ भी कर लेना.

मनीष भुनभुनाया पर बात ये तय हुई कि हद नहीं टूटेगी पर कोई किसी बात का बुरा नहीं मानेगा.

रात को बाहर डिनर करके 11 बजे करीब तीनों होटल पहुंचे.

रेखा अपने रूम में ही चली गयी तो माधुरी ने चेंज करके एक फ्रॉक डाली और गयी रेखा को बुलाने.

वो उसे जिद करके अपने साथ लिवा लायी.

रेखा ने बहुत मना किया की मनीष का मूड खराब रहेगा पर माधुरी नहीं मानी, बोली- एक दिन नहीं करेंगे तो क्या हो जाएगा. जब तू सो जायेगी तब कर लेंगे. फिर कल तो जा ही रहे हैं वापिस.

जब रेखा ने नाईट सूट डालना चाहा तो माधुरी ने उसे भी जबरदस्ती फ्रॉक ही पहना दी और ले आई साथ में!

उसे इस ड्रेस में देखकर मनीष ने सीटी मारी और आगे बढ़कर रेखा को गले लगा लिया.

मनीष बोला- यार, क्यों न अनुज के लिए दूसरी लड़की ढूंढ लें और तुम मुझ से ही शादी कर लो.

रेखा बोली- हाँ यार, मन तो मेरा भी तुम्हारे साथ ही है, पर क्या करूं, बिचारी माधुरी का ख्याल आ जाता है. या तो इसे भेज दें अनुज के पास?

तीनों हंस पड़े.

मनीष ने हार्ड बियर की तीन केन खोल लीं.

इनमें अल्कोहल की मात्रा खासी ज्यादा होती है तो नशा हो ही जाता है.

तीनों बेड पर बैठ कर हँसी ठट्ठा करने लगे.

मनीष बार बार रेखा की जांघों पर हाथ फिराता तो रेखा भी उसे हंस कर झिड़क देती- अब तुम्हारे पास पूरी घर वाली है तो आधी घर वाली पर नीयत क्यों खराब कर रहे हो?

तो मनीष बोला- आज उसे आधी और तुम्हें पूरी बना लेता हूँ.

रेखा ने लम्बी जबान निकाल कर उसे चिढ़ा दिया.

गप्पों में रात का एक बज गया.

बियर का सुरूर छा गया था.

रेखा बोली- मैं तो सो रही हूँ!

कहकर वो बेड के एक और करवट बदल कर लेट गयी.

माधुरी ने लाईट धीमी की और मनीष की बाँहों में आ गयी.

मनीष ने उससे होंठ से होंठ मिला लिए.

दोनों एक दूसरे में समाने को चिपट गए.

माधुरी को रेखा का ख्याल था तो उसने मनीष से कहा- अब बस, अब सो जाओ. वर्ना रेखा भी नहीं सो पाएगी.

रेखा सोयी तो नहीं थी, उसने कहा- नहीं, तुम पहले निबट लो, मैं इसीलिए मना कर रही थी कि तुम लोगों को डिस्टर्ब होगा.

माधुरी हँसती हुई रेखा से चिपट गयी- नाराज मत हो, आज मैं तेरे साथ ही सोऊंगी. मनीष अपने हाथ से काम चलाएगा.

माधुरी ने रेखा के होंठ से होंठ भिड़ा लिए.

रेखा कसमसाई तो माधुरी ने उसे झिड़क दिया- आज हम ऐसे ही सोएंगी जैसे अपने कमरे में सोती थी, मनीष सिर्फ देखेगा.

तो रेखा ने उसे धकेल दिया- चल कमीनी, तू तो जन्मजात बेशर्म है.

अब माधुरी रेखा की पीठ से उससे चिपटा कर लेट गयी.

माधुरी ने अपनी गोरी चिकनी टांगें रेखा की टांगों के ऊपर रखकर ऊपर नीचे करना शुरू किया.

जब रेखा ने कसमसाना शुरू किया तो माधुरी ने अपने हाथों से रेखा के मम्मे दबोच लिए.

कमरे में अब अन्धेरा था.

रेखा ने भी हथियार डाल दिए.

माधुरी उसे चूमती चाटती रही और अपने हाथों से कभी रेखा के निप्पल सहलाती, कभी फ्रॉक ऊपर करके उसकी चूत की फांकों को मसल देती.

मनीष इनकी हरकतें महसूस करते हुए गर्म हो गया उसने अपने बरमूडा के अंदर हाथ डाल कर लंड को पुचकारना सहलाना शुरू किया.

थोड़ी देर बाद रेखा ने माधुरी से फुसफुसा कर कहा- बहुत हो गया, अब सोने दे.

रेखा को नशा हो रहा था, वह सोने की कोशिश करने लगी.

थोड़ी देर बाद रेखा की आँख खुली तो उसे ऐसा लगा कि उसके और माधुरी के बीच मनीष का हाथ है.

उसने दिमाग पर जोर लगाया तो उसे पति पत्नी सेक्स का अहसास हुआ कि मनीष माधुरी के मम्मे मसल रहा है और माधुरी के हाथों में शायद उसका लंड है.

मनीष ने माधुरी के कान को चूमा तो माधुरी ने अपना सर घुमाकर उसे चूम लिया और फुसफुसा कर बोली- आज ज्यादा बदमाशी नहीं, चुपचाप सो जाओ.

पर मनीष नहीं माना और माधुरी से चिपटा चिपटी करता ही रहा.

रेखा को फच फच की आवाज आई तो उसने ध्यान से कान लगाए और तिरछी निगाहों से देखा तो अहसास हुआ कि माधुरी ने अपनी एक टांग उठा कर मनीष की टांग पर रख रखी थी और मनीष ने अपनी उंगली माधुरी की चूत में घुसा रखी थी.

चूत ही मालिश होकर फच फच का शोर कर रही थी.

माधुरी भी मनीष का साथ देते हुए उसे चूम रही थी.

मनीष फुसफुसाया- जानू, एक बार रेखा के मम्मे छुवा दो.

रेखा सिहर गई.

माधुरी बोली- नहीं, उससे दूर रहो. अगले महीने उसकी शादी है. तुम्हारा भरोसा नहीं, मम्मे मसल मसल कर उसे गर्म कर दो फिर चढ़ जाओ उसके ऊपर.

ये सब सुन सुनकर रेखा की चूत भी पानी छोड़ गयी.

उसका मन किया कि वह मनीष का हाथ पकड़ कर अपनी चूत में घुसा ले कि ले राजा तू भी अपने अरमान पूरे कर ले.

पर रेखा ने अपने को काबू किया कि नहीं अनुज की अमानत अनुज को ही दूँगी.

माधुरी वापिस रेखा से चिपट कर लेट गयी.

थोड़ी देर में फिर मनीष का हाथ उसके मम्मे मसलने लगा.

माधुरी बोली- तुम मानोगे या नहीं.

मनीष फुसफुसा कर बोला- केवल एक बार रेखा के निप्पल छुवा दे, फिर सो जाऊंगा, कसम से!

माधुरी ने एक आह भरी और धीरे से अपना हाथ रेखा के ऊपर रखते हुए उसके मम्मों पर रख दिया.

रेखा चुप पड़ी रही.

अब माधुरी ने अहिस्ता से रेखा की फ्रॉक के ऊपर के बटन खोले और रेखा के मम्मे पकड़ लिए.

रेखा कसमसाई और बोली- क्या कर रही है?

माधुरी बोली- कोई पहली बार थोड़े ही कर रही हूँ, चुपचाप सो जा!

थोड़ी देर के बाद माधुरी हिली और अपना हाथ हटाया और अब रेखा के मम्मों पर एक मरदाना हाथ था.

रेखा सहम गयी.

वह समझ गयी कि यह मनीष का हाथ है.

वह कुछ सोच पाती, इतने में मनीष ने उसकी गोलाइयों को सहलाते हुए सीधे उसके निप्पलस को गोल गोल सहलाना शुरू किया.

रेखा के निप्पल कड़क हो चले थे.

उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह करे तो करे क्या.

मनीष बारी बारी से उसके दोनों मम्मे सहला रहा था.

माधुरी बीच से हट गयी थी और मनीष उससे चिपटा हुआ था.

रेखा का हाथ पीछे हुआ तो उसका हाथ मनीष के ताने हुए लंड से टकरा गया.

उसे करंट सा लगा. कोई मरदाना लंड पहली बार वह छू रही थी तो घबराहट और शर्म के बावजूद भी रेखा ने मनीष के लंड को अपने हाथों में जकड़ लिया.

अब मनीष ने उसके कान के पीछे चूमते हुए उसका चेहरा घुमाया और उसके होंठों को चूम लिया.

शायद मनीष का मन उसकी चूत में उंगली करने का भी था क्योंकि उसने रेखा की फ्रॉक उठाने की कोशिश की तो माधुरी उठ बैठी और मनीष से बोली- अब तुम्हारा काम पूरा हुआ, या तो चुपचाप सो जाओ या हम दूसरे कमरे में जा रही हैं.

मनीष गुडनाईट बोलते हुए करवट बदल कर लेट गया.

अब तीनों सोने की कोशिश में लग गए.

आधी रात के बाद रेखा की आँख खुली तो उसे बेड हिलता नजर आया.

उसने सोने का नाटक करते हुए करवट ली तो अँधेरे में देखा कि मनीष माधुरी के ऊपर चढ़ा है, दोनों धकापेल चुदाई में मशगूल हैं. दोनों के कपड़े पूरे उतरे हुए हैं.

मनीष माधुरी के मम्मे बारी बारी से चूस रहा था.

माधुरी बोली- क्या खा जाओगे इन्हें या रेखा के मम्मे समझ कर चूस रहे हो?

मनीष फुसफुसा कर बोला- जान आज रेखा के मम्मे चुसवा दे, मजा आ जायेगा.

माधुरी बोली- नहीं, जो हो गया इससे ज्यादा अब कुछ नहीं.

मनीष ने अपनी रफ़्तार बढ़ाते हुए कहा- जानू, वादा कर रहा हूँ कि सिर्फ मम्मे चुसवा दो, फिर मैं सो जाऊंगा.

माधुरी बोली- पहले मेरी आग तो बुझाओ.

रेखा की चूत पानी छोड़ गयी.

उसका मन किया कि वह भी कपड़े उतार फेंके और उनके साथ लग जाए कि लो मेरी भी आग बुझा दो.

पर उसने अपने पर काबू किया कि नहीं, उसे अनुज की अमानत अनुज को दी सौंपनी है. वो चुदाई नहीं करवाएगी.

इधर माधुरी मनीष के ऊपर चढ़ कर चुदाई करने लगी.

उसके मम्मे और बाल लहरा रहे थे; वो हांफ रही थी.

मनीष की भी आहें निकल रही थीं.

रेखा के लिए सब कुछ असहनीय हो रहा था. पर वह न तो उनके साथ चुदाई में शामिल हो सकती थी, न ही उठ कर अपने कमरे में जा सकती थी.

वह दम साध कर पड़ी रही और चुपचाप आहें निकालती रही.

माधुरी भी अब बेकाबू सी हो रही थी, वह बोली- आज तुम्हारी आखिरी बूँद तक निचोड़ दूँगी, वर्ना तुम रेखा को चोदोगे.

मनीष बोला- तेरी जैसी चुदाई कोई नहीं कर सकता, पर जब से आज रेखा के मम्मों की झलक देखी है. मन तड़फ रहा है उन्हें चूसने के लिए!

माधुरी बोली- इसीलिए उसे भी मैंने बिना ब्रा के ही फ्रॉक पहनाई थी कि तुम्हें जन्नत के नज़ारे करा सकूँ.

अब मनीष ने नीचे से उछल कर धक्के देने शुरू किये तो एक झटके में माधुरी मनीष के ऊपर पसर गयी.

दोनों का हो गया था. दोनों चिपट कर वहीं लुढ़क गए.

सुबह रेखा उठ कर अपने रूम में चली गयी.

थोड़ी देर में उठकर माधुरी भी आ गयी.

रेखा ने उसे प्यार से झिड़कते हुए कहा- कमीनी, पूरी रात तो सोने नहीं दिया. ऊपर से मम्मे दबवा कर गर्म और कर दिया. रही सही कसार मनीष ने अपना मूसल मेरे हाथ में देकर पूरी कर दी. वो तो मैंने काबू कर लिया अपने ऊपर वर्ना लुट जाती मेरी इज्जत!

माधुरी ने उसे चूम कर कहा- ऐसे कैसे लुटने देती मैं? अभी तो तेरा ब्याह करना है. फिर पहले अनुज की इज्जत तू लूटियो, फिर मैं लूटूंगी.

रेखा हंस दी, बोली- मेरा वाला तो सीधा सादा है. उसे कुछ पता भी नहीं होगा कि ये औज़ार लटका क्यों रहा है.

दोनों हंस पड़ीं.

देर रात तीनों वापिस घर आ गए.

अगले दो महीने रेखा की शादी और फिर हनीमून में निकल गए.

माधुरी और रेखा की रोज बातें चटकारे लेकर होतीं. माधुरी तो रेखा की चुदाई गाइड बन गयी थी.

अनुज भी थोड़ा शर्मीला तो था पर चुदाई में पूरा था. उसे कामसूत्र का बड़ा चस्का था. उसने कामसूत्र की विडियो दिखा दिखा कर रेखा को हर स्टाइल में चोदा.

दोनों न वक़्त देखते न जगह, अकेले रहते थे तो बस खाली समय में एक ही काम था चुदाई.

शुरू-शुरू में तो सब कुछ अच्छा चला, रेखा भी अनुज को नित नयी अदाओं से खूब रिझाती.

पर धीरे धीरे रेखा चुद चुद कर परेशान हो गयी थी.

असल में वो अपने कैरियर के प्रति सजग थी.

शादी से ठीक पहले एक सरकारी स्कूल में उसकी जॉब लग गयी थी तो वो काम पर भी पूरा ध्यान देना चाहती थी.

उधर अनुज भी दौरों पर जाता रहता था तो जितने दिन भी वो रेखा के पास रहता उसे चुदाई भरपूर चाहिए होती.

रेखा उसका साथ तो देती पर कभी कभी उसे इन सबसे झुंझलाहट हो जाती.

इसी तरह छह महीने बीत गए.

माधुरी से भी वो पिछले चार महीने से नहीं मिली थी.

एक दिन माधुरी ने रेखा को बताया- मनीष दुबई जा रहा है!

तो रेखा बोली- तू मेरे पास आ जा!

माधुरी हंसी, बोली- मुझे बुला रही है अनुज के पास, देख ले मैं तो उस पर घुड़सवारी करुँगी.

रेखा हँसती हुई बोली- तू बहुत बड़ी कमीनी है. तू बस आ जा!

माधुरी ने प्रोग्राम बनाया और शनिवार को पहुँच गयी रेखा के पास.

रेखा ने उस दिन हाफ डे ले लिया था. अनुज की तो छुट्टी थी, तो वह घर पर ही था.

अनुज माधुरी से बहुत संजीदगी से मिला बल्कि माधुरी ने ही उसे छेड़ा- क्यों, क्या डर लगता है साली से?

अनुज कुछ नहीं समझा, बस मुस्कुरा दिया.

मौसम खुशनुमा था, तीनों ने दो दिन खूब घूम फिर कर मस्ती की.

अब अनुज भी सहज हो चला था माधुरी के साथ.

और कब तक नहीं होता ... माधुरी बात बात पर उसे चूम लेती, गले लग जाती, रात को दोनों के बीच घुस जाती.

अब तीनों के नॉन-वेज मजाक भी शुरू हो गए.

सोमवार की सुबह रेखा को तो स्कूल जल्दी जाना था तो वह तो तैयार होकर नाश्ता करके चली गयी.

अनुज सुबह 9.30 जाता था ऑफिस तो उसी ने बाद में नाश्ता बनाकर माधुरी को उठाया.

माधुरी ने उससे बनावटी नाराजगी दिखाते हुए कहा- कल से सुबह की सारी तैयारी मैं करुँगी.

अनुज मुस्कुराते हुए बोला- क्या क्या करोगी?

माधुरी बोली- नाश्ता बनाउंगी, घर सम्भालूंगी और तुम्हें सम्भालूंगी.

अनुज हंसा, बोला- मुझे क्या संभालोगी?

तो माधुरी भी बेबाकी से बोली- नहला धुला कर राजा बेटा बना कर ऑफिस भेजूंगी.

दोनों हंस पड़े.

अनुज जाने लगा तो माधुरी बोली- रेखा तो 2 बजे के बाद आएगी, मैं घर पर बोर हो जाऊंगी. तुम थोड़ी देर से चले जाना. फिर मैं भी तुम्हारे साथ चलती हूँ, मार्किट घूमूंगी, बाद में घर आ जाऊंगी.

उसके हाँ कहने पर माधुरी फटाफट नहाने घुस गयी और झटपट तैयार हो गयी.

अनुज उसे देखता रह गया.

माधुरी ने एक छोटी स्कर्ट और टॉप पहना था. वह बिल्कुल कॉलेज गर्ल लग रही थी.

अनुज बोला- इतनी हसीं लड़की को मार्किट में अकेली कैसे छोड़ूंगा?

सुनकर माधुरी अनुज के गले से लटक गयी- तो फिर मत छोड़ो मेरे राजा. दोनों दिन भर मस्ती करेंगे, किसी पब में डिस्को करेंगे और रात को डिनर लेकर घर आयेंगे.

अनुज हंस कर बोला- ऑफिस में बॉस से और घर पर बीवी से पिटवाओगी तुम!

माधुरी ने अनुज को किस कर लिया. उसकी लिपस्टिक अनुज के गाल पर लग गयी.

हँसते हुए अनुज ने साफ़ किया और माधुरी का हाथ पकड़कर कार में बिठा लिया.

अनुज ने उसको ऑफिस के पास ही एक मॉल में उतारा और कहा- अभी ऑफिस पहुंचकर फोन करके बताता हूँ कि कितनी देर में मैं तुमको मॉल में मिल सकता हूँ.

माधुरी मटकती हुई मॉल में चली गयी.

आज वो भी माल लग रही थी.

खूबसूरती के साथ ड्रेस सेन्स गजब का था उसमें!

अनुज का नसीब अच्छा था, आज उसके बॉस ने उसे फील्ड का कोई काम सौंपा तो अनुज ने उनसे कह दिया कि कुछ देर उसे अपना काम है तो वो दोपहर बाद कम्पनी का काम करेगा.

अनुज सीधा मॉल में भागा और माधुरी को मिल लिया.

माधुरी लिपस्टिक ले रही थी. माधुरी ने एक महँगी लिपस्टिक ली.

अनुज उसका पेमेंट करने लगा तो माधुरी ने हंस कर कहा- आज तुम्हारा वालेट खाली हो जाएगा और लिपस्टिक का पेमेंट तो तुम्हें करना ही चाहिए क्योंकि आधी तो तुम्हारे गालों पर ही लगेगी. इसपर अनुज झेंप सा गया.

दोनों ने दो-तीन घंटे खूब मस्ती की.

उन्हें देखकर ऐसा लगता था कि दोनों की अभी अभी शादी हुईं है.

माधुरी ने आइसक्रीम ली तो अनुज ने उसी की कोन से चाट चाट कर आइसक्रीम खायी.

जब माधुरी नाईट ड्रेस देखने लगी तो अनुज इधर उधर होने लगा.

तो माधुरी ने उसका हाथ पकड़कर अपने से सटा कर खड़ा किया, बोली- तुम ऐसे ही सट कर खड़े रहो, मुझे मालूम पड़ जाएगा कि कौन सी नाइटी बेड पर धमाल करेगी.

अनुज बोला- तुम्हें मेरे सट कर खड़े होने से कैसे मालूम पड़ेगा?

माधुरी ने उसके कान में फुसफुसा कर कहा- तुम्हारी पैन्ट का उभार बता देगा.

अनुज ने उसे हलके से चपत लगा दी.

माधुरी ने दो नाइटी लीं.

अनुज ने बहुत कहा पेमेंट के लिए ... पर माधुरी ने अपने कार्ड से पेमेंट किया.

दोपहर को माधुरी को मॉल से घर छोड़ता हुआ अनुज अपने काम पर चला गया.

फ्लैट पर रेखा आ गयी थी.

माधुरी ने उसे मॉल से लिया सामान दिखाया पर जैसा अनुज और उसका तय हुआ था, माधुरी ने रेखा को यह नहीं कहा कि अनुज मॉल में उसके साथ था, बस यही कहा कि अनुज ने उसे मॉल से पिक किया और घर छोड़ते हुए अपने काम पर चला गया.

दोपहर को रेखा ने बाहर से लंच मंगवाया था.

माधुरी ने उससे कह दिया कि कल से सुबह का ब्रेकफास्ट और लंच की जिम्मेदारी उसकी है.

दोनों बहनें शाम को फिर घूमने निकल लीं.

आज तो दोनों गजब ढा रही थीं. जींस और टाईट टॉप्स.

लेट इवनिंग शो की उन्होंने टिकट बुक करा ली थी.

अनुज को बता दिया था.

वह सीधा उन्हें मूवी में मिल गया.

थियेटर में माधुरी फिर बीच में ही बैठी और पूरी मूवी अनुज का हाथ थामे रही.

रेखा जानती थी कि उसे टोकने का कोई फायदा नहीं.

मूवी कुछ ज्यादा ही हॉट थी.

अनुज के हाथ का दबाव इंटिमेट सीन्स पर बढ़ जाता.

माधुरी भी नजर बचा कर उसे चिकोटी काट लेती.

डिनर लेकर घर आने पर माधुरी ने दरियादिली दिखाते हुए रेखा से कहा- चल आज रात की मूवी तुम दोनों अकेले बना लो, मुझे सुबह बताना कि क्या क्या किया.

रेखा कुछ बोलती इससे पहले माधुरी अपने कमरे में चली गयी और दरवाजा बंद कर लिया.

सही मायनों में वो हॉट फील कर रही थी और अब उसे कुछ चाहिए था.

माधुरी ने बेड पर पहुंचकर अपने सारे कपडे उतारे और अपने बैग से वाइब्रेटर निकाला.

वह मूवी देख कर बहुत असहज थी, ऊपर से अनुज के हाथ की गर्मी और नजदीकी ने उसके अंदर वासना की आग को जला दिया था.

उसने मनीष को विडियो काल की.

मनीष बिजी था तो माधुरी ने अपने को वाइब्रेटर के हवाले कर दिया.

उसने अपने को लिहाफ में ढक लिया था ताकि आवाज बाहर न पहुंचे.

15-20 मिनट की मसाज और पानी छोड़ने के बाद माधुरी उठी और शावर लिया.

वह अपने लिए कॉफ़ी बनाने दबे पाँव रसोई में पहुंची.

रेखा और अनुज के गरमागर्म सेक्स की आहें बाहर आ रही थीं.

माधुरी कॉफ़ी तो भूल गयी, दबे पांव रेखा के कमरे के बाहर पहुंची.

उनके रूम का डोर लॉक नहीं था, भिड़ा हुआ था.

माधुरी ने आहिस्ता से पर्दा खिसकाया तो अंदर का नजारा खुल गया.

उनके रूम का डोर लॉक नहीं था, भिड़ा हुआ था.

माधुरी ने आहिस्ता से पर्दा खिसकाया तो अंदर का नजारा खुल गया.

अंदर अनुज नीचे बेड के पास खड़ा होकर बेड पर नंगधड़ंग लेटी रेखा के मम्मे चूम रहा था.

उसकी उंगलियाँ रेखा की चूत की मसाज कर रही थीं.

रेखा कसमसा रही थी. वो बार बार उसे अंदर आने को कह रही थी.

अनुज ने रेखा को ऊपर सरकाया और उसकी टांगें चौड़ा कर उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी.

रेखा की आह निकल गयी, बोली- अब ज्यादा मत तड़फाओ और अंदर आ जाओ.

बाहर खड़ी माधुरी के जिस्म में करंट दौड़ने लगा.

उसे लगा कि अभी अनुज जो कुछ कर रहा है वो रेखा के साथ नहीं बल्कि उसके साथ कर रहा है.

अंदर अब अनुज ने रेखा को नीचे लिटा दिया और उसकी चूत में अपना लंड पेल कर फुल स्पीड से चुदाई करने लगा.

रेखा बोली- आज मार ही डालोगे, थोड़ा धीरे करो.

अनुज बोला- आज तो तुम्हारी नहीं, बल्कि माधुरी की चूत चोद रहा हूँ, उसे तो मजा आ जाएगा.

माधुरी के मन में आया कि वह अंदर चली जाये और अनुज का लंड पकड़कर अपनी चूत में कर ले और कहे- हाँ राजा, और जोर से पेल मेरी चूत में!

अनुज के धक्के बढ़ते जा रहे थे.

रेखा भी पूरा साथ दे रही थी उसका!

अब रेखा का होने को आ गया था, उसने अपने शरीर को अकड़ना शुरू किया और अनुज को कस कर भींच लिया.

अनुज भी निढाल होकर उसके ऊपर लेट गया. उसका सारा माल रेखा की चूत से निकल कर बाहर गिरने लगा.

रेखा झुंझलाती हुई उठी यह कहती हुई- सारा बेड सड़ा दिया.

माधुरी जल्दी से वहां से हटी और अपने रूम में चली गयी. वह पसीने पसीने हो गयी थी.

उसकी आंखों में अनुज का तना हुआ लंड घूम रहा था.

वह दोबारा शोवर के नीचे खड़ी हो गयी.

सुबह माधुरी की आँख अलार्म से 6 बजे खुल गयी.

वह शोर्ट नाईटसूट पहन कर बाहर आई तो रेखा किचन में थी.

रेखा उसे देख कर चौंकी, पूछा- क्या हुआ, कैसे जल्दी उठ गयी?

माधुरी बोली- कमीनी रात भर हल्ला मचा कर सोने नहीं दिया, अब पूछ रही है कि क्या हुआ. तू जा, आज से नाश्ता और लंच मेरी जिम्मेदारी!

रेखा हंस कर बोली- अगर तेरा मन था तो तू भी आ जाती अंदर! तू तो बेशर्म जन्मजात है. अब जा तू सो, मैं देख लूंगी.

माधुरी नहीं मानी और साथ लग कर सारा काम निपटा लिया.

रेखा चली गयी.

अनुज अभी सो ही रहा था.

रेखा के जाने के बाद माधुरी फ्रेश हुई और कुछ मन में तय करके अनुज के बेड रूम में गयी.

अनुज अभी अभी उठा ही था. वह उसे देख कर मुस्कुराया.

माधुरी अल्हड़पन से लहराती ही सीधी अनुज की बाँहों में जा गिरी और बोली- मैं अभी थोड़ी देर सोऊंगी. तुम भी सो जाओ.

अनुज ने उसे चूम कर उसे लिटा लिया.

माधुरी अनुज से चिपक कर आँख बंद करके लेट गयी.

अनुज की धड़कनें बढ़ गयी थीं. अनुज बिना टीशर्ट के केवल शॉर्ट्स में था.

माधुरी अनुज की शॉर्ट्स में उठते उसके उभार को महसूस कर रही थी.

उसने धीरे से आँख खोल कर मुस्कुराते हुए ऊपर देखा.

odinchacha
odinchacha
252 Followers
12