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अनुज उसे ही देखकर मुस्कुरा रहा था.

माधुरी ने उसे चूम लिया और फिर अपना सर उसकी छाती पर टिका दिया.

अनुज उसके बाल सहलाता हुआ उसे और करीब कर रहा था.

तब अनुज ने माधुरी को ऊपर किया और उसके होंठों को चूम लिया.

अब माधुरी भी लिहाज शर्म छोड़ कर अनुज के ऊपर चढ़ कर लेट गयी और ताबड़तोड़ चुम्मी लीं.

अनुज भी उसका पूरा साथ दे रहा था.

उसकी टांगें माधुरी की टांगों को घेरे हुए मचल रही थीं.

माधुरी अनुज का उभार अपनी चूत के दाने पर महसूस कर रही थी.

अब माधुरी ने अनुज के निप्पलस को चूमा और उठकर बैठी.

अनुज ने उसकी बाँहें ऊपर उठाकर उसका टॉप उतार दिया.

अब माधुरी के मांसल मम्मे अनुज को ललचा रहे थे.

माधुरी अनुज की चौड़ी छाती पर लेट गयी और अपने होंठ अनुज के होंठों से भिड़ा दिए.

अनुज उसकी नंगी कमर पर उंगलियाँ फेरने लगा.

उसने माधुरी को कस कर भींच लिया अपने से!

माधुरी ने अभी अनुज के बाल पकड़ कर उसे अपनी ओर खींचा और अपनी जीभ घुसा दी उसके मुंह में!

दोनों चिपट गए एक दूसरे से!

अनुज ने ऊपर की चादर पैर से नीचे गिरा दी.

उसने माधुरी को नीचे लिटाया और उसके मम्मे मुख में ले लिए.

वह पागलों की तरह कभी एक को मुंह में रखता, कभी दूसरे को चूमता. वह पके हुए आमों जैसे माधुरी के मम्मों को पूरा मुंह में लेने की कोशिश कर रहा था.

माधुरी के मम्मे रेखा के मुकाबले भारी थे और माधुरी भी अपने हाथों से पकड़कर उन्हें अनुज के मुंह में धकेल रही थी तो अनुज भी पगला रहा था.

अपना एक हाथ माधुरी ने नीचे किया और अनुज का औजार शॉर्ट्स के ऊपर से ही पकड़ कर मसल दिया.

अब तो अनुज भी बेकाबू हो गया.

वह बेड से नीचे उतर कर खड़ा हो गया और उसने माधुरी की शॉर्ट्स नीचे खींच दीं और अपनी शॉर्ट्स भी उतार दीं.

अब दोनों पूरे नंगे थे.

अनुज का औज़ार पूरा तना हुआ खड़ा था.

माधुरी ने शर्मा कर अपनी आँखें बंद कर लीं.

अनुज ने उसको टांगों से पकड़कर नीचे खींचा और नीचे घुटनों पर झुककर माधुरी की मखमली फांकों में अपनी जीभ घुसा दी.

माधुरी कसमसा कर मचल उठी.

उसने अपने आशिक को पूरा स्पेस देते हुए अपनी टांगें और चौड़ा दीं और अपने हाथों से अपनी फांकों को और खोल दिया.

अनुज पूरे मन से उसकी चूत को चूसने लगा. उसे भी जन्नत का मजा आ रहा था.

माधुरी अपने हाथों से अपने मम्मे मसल रही थी. अब वह तड़फ रही थी अनुज को अपने अंदर लेने के लिए!

उसने अनुज के बाल पकड़कर उसे ऊपर खींचा.

जैसे ही अनुज ने उसे छोड़ा, माधुरी झटके से उठ कर बैठी और खड़े हुए अनुज का खड़ा हुआ लंड अपने मुंह में कर लिया और लगी लपर-लपर चूमने चूसने!

अनुज का औज़ार मनीष के मुकाबले मोटा था और पराये लंड का मज़ा तो कुछ और होता ही है.

जब अनुज को लगा कि अब वह और नहीं सह पायेगा तो उसने अपने को माधुरी से छुड़ाया और माधुरी को नीचे लिटाकर उसकी टांगों को नीचे से पकड़कर ऊपर पंखे की तरफ करके अपना मूसल एक झटके में ही घुसेड़ दिया.

माधुरी चीख पड़ी, बोली- आराम से घुसेड़ो. तुम्हारा बम्बू है या पूरा तम्बू है. फाड़ दोगे मेरी ... तो मनीष को क्या जवाब दूँगी.

खैर अब दोनों की रेलमपेल शुरू हो गयी.

माधुरी पूरा साथ दे रही थी अनुज का ... और अनुज भी पूरे दम ख़म से चोद रहा था माधुरी को!

दोनों और आग पूरी लगी थी.

कमरे का माहौल सुबह-सुबह ही भरपूर गरमा गया था, हर दीवार सीत्कारों की गवाह थी.

अनुज और माधुरी दोनों ही आशिकों की तरह चुदाई को अंजाम दे रहे थे.

उनकी आहों के बीच निकलती उनकी वासनामयी बातें उनकी सुहागरात को भी मात कर रही थी.

माधुरी अनुज को वो मजा दे रही थी जो उसने कभी मनीष को भी नहीं दिया था.

कारण सिर्फ वही कि पराये मर्द से चुदाई जब बिना किसी डर के हो रही हो तो माहौल ऐसा गर्माता है कि आग को भी आग लग जाए.

अनुज को भी दूसरी चूत मिल रही थी ... वह भी इतनी मस्त ... कोई जल्दी नहीं, कोई डर नहीं!

तो अनुज भी पूरा दम लगा रहा था जैसे यह चुदाई आखिरी हो.

बेड का हर पुर्जा हिलाकर दोनों शांत हुए.

अनुज ने अपने माल से माधुरी की चूत भर दी.

जीजा और साली की चुदाई के बाद दोनों निढाल होकर वहीं पड़ गए.

तभी माधुरी का मोबाईल बजा.

रेखा थी, पूछ रही थी- अनुज कहाँ है? उसका फोन उठ नहीं रहा.

माधुरी बोली- मैं तो अपने कमरे में दोबारा सो गयी थी, अनुज शायद वाशरूम में होगा, तैयार हो रहा होगा.

अनुज वाशरूम से आया और माधुरी को चूमकर बोला- साथ नहायेंगे. पर पहले एक ब्लैक कॉफ़ी पिला दो.

माधुरी बोली- मुझे क्या गिफ्ट दे रहे हो?

अनुज बोला- बताओ क्या दूं, जो तुम कहोगी वो दूंगा. मुझे इतना मजा आज तक कभी नहीं आया.

माधुरी बोली- तुम्हें आजकल में रेखा को तैयार करना है कि वह रात को तुम दोनों के सेक्स में मुझे इन्वोल्व करे.

अनुज चौंका कि रेखा क्यों मानेगी.

माधुरी बोली- मैं उसको अच्छे से जानती हूँ. वो पक्की चुदक्कड़ है और हम दोनों के बीच सब कुछ होता रहा है. बस तुम उसे उकसा लेना और फिर उसको लेकर मेरे रूम में आ जाना. मैं बिना कपड़ों के ही सोती हूँ और तुम दोनों के आने पर सोने का नाटक करती रहूंगी. एक बार जब शर्म हट जायेगी तो सब कुछ हो जाएगा. फिर हम तीनों बिना झिझक मस्ती कर सकेंगे. जो कुछ करना है वो कल तक कर लेना लेना; मैं शायद परसों चली जाऊंगी.

अनुज ऑफिस चला गया और माधुरी लम्बी होकर सो गयी.

उसकी आँख रेखा के आने पर ही खुली.

रेखा ने उसे बताया कि उसने कल की छुट्टी ली है, दिन भर मस्ती करेंगी और बाह्रर घूमेंगी.

दोनों ने खाना खाया और गप्पें मारने बैठ गयीं.

अचानक माधुरी बोली- चल शौपिंग करने चलती हैं, अनुज तो ऐसे भी लेट ही आयेगा.

दोनों निकल लीं और रात को अनुज के साथ ही लौटीं.

माधुरी ने मौक़ा देख कर अनुज को बोल दिया कि आज वह रेखा को उकसाए, ज्यादा जिद न करे, कल फिर उकसाए, काम हो जाएगा.

रात को माधुरी तो अपने रूम में सो गयी पर अनुज की आँखों में नींद नहीं थी.

उसे तो बस माधुरी के मम्मे और चूत ही नजर आ रही थी.

उसने रात को रेखा को थ्रीसम पोर्न दिखाई और बिना माधुरी का नाम लिए खूब गर्माया.

रेखा भी गर्म होकर उसकी बातों में हाँ में हाँ मिलाती गयी.

अनुज ने रेखा को यह विश्वास दिलाया कि उससे ज्यादा गर्म बीवी कोई और हो ही नहीं सकती जो बाहर काम करने के बाद भी अपनी पति का इनता ख्याल रखती है.

चुदाई के वक़्त अनुज ने रेखा से कहलवा ही लिया कि वाकई थ्रीसम सेक्स में मजा तो बहुत आता होगा.

अगले दिन अनुज के जाने के बाद माधुरी ने रेखा से कहा- चल आज पार्लर होकर आती हैं.

रेखा उसे लेकर एक पार्लर में गयी. दोनों ने वहां अपने पूरे जिस्म को चमकवया और मैनीक्योर और पेडीक्योर भी करवाया.

दोपहर बाद जब दोनों बाहर लंच लेकर घर पहुंची तो माधुरी ने रेखा से कहा- चल आज प्राइवेट पार्ट्स की भी वेक्सिंग कर लें.

रेखा बोली- मेरी तो चिकनी हो रही है, तू कर ले.

माधुरी बोली- चिकनी तो मेरी भी हो रही है. पर अपने से करने में आस पास कुछ बाल रह जाते हैं. चल आज दोनों एक दूसरी की कर दें.

दोनों में शर्म तो कुछ थी नहीं.

वाकयी बाद में दोनों ने महसूस किया कि अपने आप करने में और दूसरे से करवाने में बहुत फर्क है.

जो मखमली अहसास अब उन्हें हो रहा था, वैसा अपने से करने में नहीं होता था.

दोनों अब चिपट कर सो गयीं और देर शाम पूरी फ्रेश होकर उठी.

माधुरी के लिए आज की रात कातिलाना रात थी.

उसे शादी से पहले रेखा से लगी शर्त कि रेखा अनुज को उसके पास सेक्स के लिए लाएगी, को जीतना है.

माधुरी तो जो एक बार ठान लेती, उसे कैसे भी पाकर ही रहती थी.

तो उसने अनुज को तो पा लिया था, बस अब बात यह थी कि रेखा के बेड पर कुछ ऐसा माहौल बने कि रेखा खुद अनुज को लेकर माधुरी के पास आ जाये और फिर तीनों सेक्स करें.

शाम को अनुज अपने टाइम से आ गया था.

माधुरी ने अगले दिन की अपनी फ्लाईट बुक करवा ली थी दिन में ही.

रेखा ने बहुत जिद की उससे अभी और रुकने की ... पर उधर मनीष आ रहा था तो माधुरी ने अपनी फ्लाईट बुक करवा ही ली.

आज माधुरी और रेखा बहुत फ्रेश और खुश थे.

एक तो रेखा को बहुत दिनों बाद दिन में आराम मिला था और बॉडी मसाज के बाद दोनों बहुत रिलैक्स महसूस कर रही थीं.

अनुज के आने से पहले दोनों नहाकर फ्रेश हुईं.

इतने दिनों बाद दोनों साथ साथ नहायीं. नहाकर दोनों ने ही फ्रॉक डाली.

वही वाली फ्रॉक जो दुबई में होटल में डाली थी.

रेखा बोली भी- इन फ्रॉक के साथ तो बड़ी हसीन रात की कहानी जुड़ी है.

तो माधुरी मुस्कुरा दी- अब तो हर फ्रॉक के साथ एक हसीं रात जुड़ी है तेरी और मेरी. हमें कितने अच्छे पति मिले हैं जो हमारा कितना ख्याल रखते हैं.

माधुरी ने आगे कहते हुए रेखा को भड़काया- मनीष तो मेरी हर ख़ुशी का ख्याल रखता है तो मैं भी उसकी हर ख़ुशी का ख्याल रखती हूँ, चाहे वो बात मुझे पसंद हो या न हो. मैं मनीष का दिल कभी नहीं तोड़ती.

वह अपनी बात से रेखा के दिल को मजबूत कर रही थी कि रेखा भी आज रात को बेड पर अनुज की जिद के आगे झुक जाए.

रेखा मुस्कुरा कर बोली- हाँ ये तो है. वहां दुबई होटल में भी तूने आखिर मनीष की जिद पर ही उससे मेरे मम्मे मसलवा ही दिए थे.

माधुरी बोली- मजे तो तूने भी लिए न ... और उसे तुझे कोई दिक्कत भी तो नहीं हुई आज तक. और मैंने मनीष को जितना तुझसे तय हुआ था उससे आगे बढ़ने भी नहीं दिया. अबकी बार आएगी तो सारी लिमिट ख़त्म, अबकी बार तीनों मजे करेंगे.

रेखा ने अपनी जुबान निकाल कर उसे चिढ़ा दिया.

पर हाँ ... हँसते हँसते रेखा ने कहा कि वो रात उसकी जिन्दगी की हसीं यादगार रात रहेगी.

बात हंसी में आगे बढ़ गयी.

पर यह तो था कि रेखा को उस रात का ख्याल आकर गुदगुदी तो हुई थी.

रेखा ने डिनर लगा दिया.

अनुज बोला- आज जल्दी क्यों?

रेखा बोली- डिनर करके आइसक्रीम खाने चलेंगे.

बाहर से मस्ती करके अच्छे मूड में तीनों 10 बजे तक लौट आये.

माधुरी के तो पूरे चेहरे पर अनुज ने आइसक्रीम पोती थी, तो वह तो घर आते ही नहाने और फिर सोने का कह कर चली गयी.

जाते जाते उसने रेखा की निगाह बचा कर अनुज को आँख मार दी.

अनुज ने भी मुस्कुरा कर उसे जवाब दिया- अकेले अकेले नहायेंगी?

माधुरी बोली- आपकी बीवी के साथ तो बचपन से जवानी तक नहाई हूँ. अब आपकी हिम्मत हो तो आ जाइए, आज आपके साथ भी नहा लूंगी.

सब हंस पड़े.

माधुरी ने अपने कमरे का दरवाजा बंद कि पर लॉक नहीं किया.

अनुज ने यह देख लिया कि उसने रूम लॉक नहीं किया है.

वह और रेखा अपने कमरे में चले गए.

अनुज ने तो डोर लॉक करते ही रेखा को गोदी में उठा लिया.

उसने रेखा को एक चोकलेट दी जो वो ऑफिस से आते समय खरीदता हुआ आया था.

रेखा बोली- आज ज्यादा मस्ती आ रही है?

अनुज बोला- हाँ, कल की कसर आज निकालनी है.

दोनों वाशरूम में घुस गए.

शावर लेते समय भी अनुज रेखा को चूमता चाटता ही रहा और मम्मे मसलता रहा.

रेखा बोली- मेरे मम्मे तो तुमने मसल मसल कर लाल कर दिए हैं. अब निप्पलों पर काटते भी हो, क्या दर्द नहीं होता मुझे. एक बार तुम्हारे निप्पल काट कर देखती हूँ.

अनुज बोला- औरतों के चार मम्मे होने चाहिए थे. एक बार दो मसल लिए, थोड़ी देर बार दूसरे दोनों!

रेखा बोली- सब समझ रही हूँ, तुम्हें दूसरे के मम्मे चाहियें मसलने के लिए.

अनुज हंस पडा.

रेखा बोली- दूसरी वाली के मम्मे उसका वाला कल इतना रगड़ेगा कि पूरे हफ्ते की कसर निकाल लेगा.

अनुज बोला- तुम्हें कैसे मालूम?

रेखा बोली- रह चुकी हूँ इनके साथ. और मेरे और माधुरी के बीच कुछ छिपा नहीं है.

अनुज ने मुस्कुराते हुए पूछा- कहीं मनीष ने तुम्हारे भी तो नहीं रगड़ दिए?

रेखा हंस कर बोली- उसकी इतनी हिम्मत कहाँ ... और अगर रगड़ भी देगा तो क्या तुम्हें ऐतराज है?

अनुज तुरंत बोला- नहीं मुझे ऐतराज क्यों होगा जब तुम्हारे और माधुरी के बीच कुछ बटा ही नहीं है.

बात आगे बढ़ती ... इससे पहले रेखा ने अपने मम्मे अनुज के मुंह में ठूंस दिए.

नहाकर दोनों नंगे ही बेड पर आ गए.

नींद आँखों से कोसों दूर थी.

अनुज ने पोर्न लगा दी.

दोनों देर रात तक एक दूसरे को छेड़ते मूवी देखते रहे.

रात का एक बज गया.

दोनों गर्म हो रहे थे.

अनुज ने रेखा को लिटाकर उसकी टांगों के बीच अपना मुंह लगा दिया और उसकी पानी बहाती चूत का सारा रस चाट लिया.

तब अनुज ने चोकलेट खोल कर उसको आधी रेखा की चूत में डाल दी.

रेखा उसे रोकती भी रही पर अनुज ने कुछ चोकलेट उसके मम्मों पर भी मल दी.

फिर लगा रेखा के पूरे बदन को चूमने चाटने!

रेखा ने भी उसके लंड पर अपनी चूत से कुछ चोकलेट निकाल कर मल दी और दोनों 69 होकर एक दूसरे को चाटने लगे.

अब रेखा पूरी गर्म हो चुकी थी और चाह रही थी कि अनुज उसके अंदर आ जाए.

अनुज ने उसकी चूत में उंगली डाल कर जोर जोर से मालिश शुरू की और उसके मम्मे रगड़ने शुरू किये.

रेखा की कसमसाहट बढ़ती गयी और उसकी आहें निकालनी शुरू हुईं.

तब अनुज बोला- आज तेरे मम्मे कुछ ज्यादा ही कड़क हो रहे हैं. मुझे लग रहा है कि तुझे मैं नहीं मनीष मसल रहा है.

सुन कर रेखा और कसमसा गयी. उसे दुबई के होटल की रात याद आ गयी.

उसने अनुज की खुशामद करते हुए उससे ऊपर आने को कहा.

अनुज आहिस्ता से उसके ऊपर आया और अपना लंड पूरा पेल दिया रेखा की गहराई में.

पर बजाय चुदाई की स्पीड बढाने के वह रुक गया और रेखा से बोला- अगर बुरा न मानो तो क्यों न आज माधुरी को भी बुला लें यहाँ ... तीनों मस्ती करेंगे.

रेखा चौंकी पर बिना नाराज हुए बोली- माधुरी ऐसी नहीं है, बुरा मान जायेगी. तुम मेरी चोदो न! पूरे मजे दूंगी मैं ही!

अनुज ने उसे पेलना शुरू किया और फिर स्पीड रोक ली.

रेखा बोली- रुको नहीं, बहुत मजा रहा था. रुको मत प्लीज़!

अनुज बोला- एक काम करो, तुम दोनों तो साथ सोती-नहाती रही हो, एक बार तुम चली जाओ उसके पास. अगर वो तैयार हो तो मुझे बुला लेना, वर्ना कोई बात नहीं.

रेखा ने मना भी किया.

पर अनुज की जिद के आगे वो मजबूर हो गयी.

वह कपड़े पहनने लगी तो अनुज बोला- कपड़े तो उतरने ही हैं तो पहनना क्यों? जब तक तुम आवाज नहीं दोगी ... प्रोमिस, मैं बेड पर नहीं आऊंगा.

रेखा बोली- अगर उसका रूम लॉक हुआ तो मैं उसे जगाऊंगी नहीं और न ही तुम मुझ पर फिर दवाब दोगे.

अनुज बोला- मंजूर है. उसे मालूम था कि दरवाजा तो खुला है.

रेखा और अनुज साथ साथ दबे पाँव नंगे ही माधुरी के रूम की ओर गये.

दरवाजा धकेला तो खुला था.

रेखा अंदर घुसी, अँधेरा था.

उसने हल्के से माधुरी को आवाज दी.

पर वह तो मकड़ी की भांति पसर कर गहरी नींद का बहाना कर सो रही थी.

रेखा ने अनुज की ओर देखा और आगे बढ़ बेड पर लेटी माधुरी की चादर हटाई तो देखा कि वह बिना कपड़ों के नंगी सो रही है.

अनुज ने रेखा को आगे बढ़ने का इशारा किया.

रेखा बेड पर चढ़ गयी और धीरे से माधुरी से चिपट गयी.

माधुरी कसमसाई और उसने एक आँख खोल कर रेखा से पूछा- कमीनी तू यहाँ कैसे? और वो भी बिना कपड़ों के?

रेखा ने उसे चूमते हुए कहा- कल तू चली जायेगी तो सोचा कि आज कुछ मस्ती कर लूं तेरे साथ, तेरे मम्मे चूस लूं, रगड़ लूं तेरा दाना!

कहकर रेखा चिपट गयी माधुरी से और उसके होंठ से होंठ भिड़ा दिए.

दोनों कस कर चिपट गयीं.

माधुरी ने रेखा से पूछा- आज तेरी चूत को अनुज ने कैसे छोड़ दिया?

इस पर रेखा बोली- अब तेरी चूत अनुज के दिमाग पर हावी है. वह कह रहा है कि पहले माधुरी की चूत चुसवा दो, फिर चुदाई की बात करूँगा.

तो माधुरी बोली- ले आती उसे भी अपने साथ, मुझे क्या फर्क पड़ता है कि वह चूसे या तू चूसे.

रेखा बोली- लायी हूँ न साथ!

इतना कहते ही अनुज आगे आ गया और माधुरी को होंठ पर चूम लिया.

माधुरी बोली- वाह अनुज, आपके तो मजे आ गए ... एक के साथ एक फ्री. आ जाओ आप भी लग जाओ!

कह कर माधुरी ने टांगें खोल दीं और अनुज सीधा उसकी टांगों के बीच घुस गया.

उसने माधुरी की टांगें चौड़ाई और अपनी जीभ घुसा दी उसकी मखमली चूत में!

ऊपर रेखा ने अपने मम्मे माधुरी के मुंह में ठूस दिए.

माधुरी की सीत्कारें शुरू हो गयीं.

अनुज के हाथ उसके मम्मे मसल रहे थे.

तभी अनुज उपर हुआ और माधुरी के ऊपर लेट कर उसे पूरा काबू कर लिया.

अब दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीं और अनुज का एक हाथ उसकी चूत की फांकों को रगड़ कर दाने को मसल रहा था.

रेखा बेड से नीचे उतर आई और उसने अनुज को ऊपर धकेला.

अब अनुज का लंड माधुरी के हाथ में आया तो उसने उसे सीधा अपने मुंह में रख लिया और टोपा ऊपर कर थूक लगाया और लपर लपर चूसने लगी.

नीचे रेखा ने माधुरी की टाँगें चौड़ा कर उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी.

माधुरी अब चुदासी हो रही थी और अनुज का लंड भी अपनी माशूका के अंदर जाने को बेताब था.

माधुरी अनुज से बोली- अंदर आ जाओ.

तीनों ने एक दूसरे को ढीला छोड़ा.

अब रेखा माधुरी के सर की ओर अपनी टाँगें चौड़ा कर बैठ गयी और उसने अपनी चूत माधुरी के मुंह पर रख दी.

माधुरी ने तुरंत अपनी जीभ रेखा की चूत में कर दी.

नीचे अनुज ने माधुरी की टांगों को खोल कर उपर चौड़ा करके उठाया और अपना मूसल घुसेड़ दिया उसकी चूत में!

माधुरी चीखी- पराया माल है तो फाड़ दोगे क्या?

अनुज ने धीरे धीरे स्पीड देनी शुरू की.

माधुरी के मुंह में रेखा की चूत थी और रेखा के हाथ उसके मम्मे मसल रहे थे.

साली और बीवी सेक्स के खेल में तीनों वासना के ज्वर में बह रहे थे.

अनुज को मालूम था कि यह चुदाई का आखिरी मौका है, इसके बाद पता नहीं कब मौक़ा मिले.

माधुरी की जीभ और चूत दोनों मौज ले रहे थे और रेखा के लिए यह मौका था माधुरी का अहसान उतरने का!

और अब माधुरी और रेखा दोनों के लिए ही थ्रीसम चुदाई के मौके खुले थे.

मजे की बात यह कि दोनों के पतियों को पूरी कहानी मालूम नहीं.

अब रेखा माधुरी के ऊपर से हट गयी ताकि अनुज उसे पूरी स्पीड में चोद कर भरपूर मजा दे सके.

रेखा खुद चुदासी हो रही थी, वह माधुरी के पास लेट गयी और अनुज से बोली- एक बार मेरी भी खुजली मिटा दो, अब तो मैंने तुम्हारे दिल की पूरी कर दी.

बात सही थी.

अनुज ने माधुरी को छोड़ा और फटाफट घुसेड़ दिया अपना लंड अपनी बीवी की चूत में!

रेखा को मालूम था कि अनुज अब ज्यादा देर नहीं टिक पायेगा तो उसने नीचे से धक्के देते हुए अनुज को उकसाया.

अनुज ने पूरे दम खम से चुदाई की स्पीड बढ़ाई.

इधर माधुरी को अहसास हो गया था कि अब रेखा उसे खलास करके ही छोड़ेगी.

तो वह उठी और रेखा की ऊपर बैठते हुए अनुज के होंठ से होंठ भिड़ा दिए.

अनुज की चुदाई रुक गयी.

अब माधुरी ने बैठे बैठे ही अपनी टांगें चौड़ा दीं और अनुज को अंदर आने का इशारा किया.

क्या सीन था.

नीचे रेखा लेटी थी टांगें फैलाये और अपने हाथों से अपने मम्मे मसलती.

उसके ऊपर उकडू बनी माधुरी बैठी थी अपनी टांगें चौड़ाये और उसकी चूत में घुसा था अनुज जो संभाल कर उसे चोद रहा था.

अब तीनों का पतन का समय हो चुका था और एक ही झटके में अनुज ने अपना सारा माल माधुरी की चूत में निकाल दिया.

तीनों वहीं निढाल होकर लुढ़क गए.

सोते समय माधुरी ने बताया कि उसकी फ्लाईट सुबह 9 बजे की है.

तो तीनों फ्रेश होकर सो गए.

सुबह फटाफट तैयार होकर रेखा तो अपने स्कूल गयी और अनुज और माधुरी एयरपोर्ट के लिए तैयार हो गए.

रेखा के जाते ही माधुरी अनुज से बोली- जल्दी से आ जाओ, एक सेशन करेंगे.

अनुज बोला- लेट हो गए तो फ्लाईट निकल जायेगी.

माधुरी बोली- फ्लाईट 10 बजे की है, मैंने झूठ बोला था.

तब तक माधुरी ने अनुज की ज़िप खोल कर उसका लंड बाहर निकाल लिया और लगी चूसने!

अब अनुज बोला- ऐसे नहीं, करना है तो ढंग से करेंगे.

माधुरी ने जल्दी से अपने और अनुज दोनों के कपड़े उतार फेंके.

दोनों गुत्थमगुत्था हो गए और रात की सारी कसर निकाली.

माधुरी ने अनुज को चूम कर कहा कि उसे ऐसा मजा सेक्स में कभी नहीं आया जितना पिछले दो दिनों में आया है. पर अब उन्हें रुकना होगा. कहीं ऐसा न हो कि आपस के रिश्ते खराब हो जाएँ.

तब माधुरी बोली कि रेखा से उसे दिक्कत नहीं है; उसे तो जैसा वो कहेगी वह करेगी. पर एक बार मनीष का मन टटोलना होगा. अगर वह भी तैयार है तो फिर उन्हें ऐसे मस्ती करने में कोई ऐतराज नहीं और अगर मनीष या अनुज को कोई दिक्कत महसूस होती है तो ये यहीं फुल स्टॉप!

To be Continued.

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