खानदानी निकाह 46

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ, निस्संतानता की समस्या​
1.3k words
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Part 46 of the 67 part series

Updated 01/16/2024
Created 01/21/2022
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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 46

निस्संतानता की समस्या​

अम्मी बोली "मैं तुम्हारी बहनो की जिंदगी को लेकर बहुत चिंतित हूँ और नहीं जानती कि क्या करूं?"

ये कह कर अम्मी सिसकने लगीं और रोने लगीं। मुझे अपनी बहनो और अपनी माँ के लिए भी बहुत बुरा लगा। मुझे अपनी खाला पर गुस्सा आ रहा था। मैंने गुस्से भरे लहजे में पूछा, "अम्मीजान! ये तो बहुत ग़लत है। ऐसा कैसे हो सकता है।"?

वे मेरी बहन के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं? उसकी गलती क्या है? उन्हें किसी बेहतर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और अब मेडिकल दवाओं के विकास के साथ यह कोई ऐसी समस्या नहीं है, जिसे ठीक नहीं किया जा सके। " मैंने जारी रखा ।

अम्मीजान ने कहा, "वे पहले ही कई डॉक्टरों से परामर्श ले चुके हैं और सभी कहते हैं कि आपकी बहन या उनके पति को कोई समस्या नहीं है। ऐसा हो सकता है कि अभी समय नहीं आया है। आपके कजिन रिजवान के साथ कुछ छोटी-मोटी समस्या है, लेकिन फिर भी यह इतना बड़ी समस्या नहीं है कि वह बच्चा पैदा न कर सके। इसलिए स्वाभाविक रूप से तुम्हारी खाला सारा दोष तुम्हारी बहन पर डाल रही है और उसकी एक और शादी करना चाहती है। दरअसल उसकी एक सहेली है जिसकी बेटी के साथ वह रिजवान का निकाह करना चाहती है ।"

मैं स्तब्ध और चुप था। मैं हमारे मुस्लिम समाज की स्थिति जानता था और जानता था कि अम्मी सही थीं। हालात ऐसे बन गए थे की वह रिजवान की एक और शादी कर सकते थे और मेरी बहनो को घर में दर्जा कम हो सकता था और हमारा कानून भी कुछ नहीं कर सकता। उस स्थिति को संभालना कठिन था। मैं और अम्मीजान दोनों चुप रहे और कुछ देर तक कुछ हल निकालने की सोच में डूबे रहे, लेकिन कुछ नहीं कर सके ।

मैंने कहा अम्मी रिजवान की बहने मेरे पत्निया है, क्या उन्हें ये खौफ नहीं है कि मैं भी उनको तलाक दे सकता हूँ और यदि खाला ने ऐसा किया तो मैं उनकी बेटियों को तलाक दे दूंगा । तो अम्मी ने कहा हमारे यहाँ आज तक कोई तलाक नहीं हुआ है । तुम ऐसा ख़याल कभी मन में नहीं लाओगे । हमे इसका कोई और हल निकालना होगा । और मुझे तुम्हारी बहनो में से सब से ज्यादा फ़िक्र रुखसाना की है क्योंकि वह सबसे बड़ी और सीधी है ।

मैंने माँ से पूछा, "अम्मीजान! आप रुखसाना आपा को इतनी दरगाहों पर ले जा रही हैं और उससे भी कोई फायदा नहीं है। आप क्या सोचती हैं? मेरा सुझाव है कि हम बेहतर चिकित्सा उपचार लें। हालाँकि यह बहुत महंगा है और 100%, संभावना हमेशा नहीं होती है लेकिन फिर भी हम शांत बैठकर रुखसाना बाजी की जिंदगी बर्बाद होते नहीं देख सकते। आप अपनी सहेलियों से भी सलाह लें और शायद कोई महिला कुछ सुझाव दे पाए।"

अम्मी कुछ देर तक झिझकीं, जैसे सोच रही हों कि मुझे कुछ बताये या नहीं, फिर एक लंबे विराम के बाद उन्होंने अपना मन बनाया और कहा, "देखो सलमान! यह बहुत व्यक्तिगत है और मेरे लिए भी यह बहुत अजीब और हैरान करने है।" मेरे बेटे, ऐसी बातों पर तुमसे चर्चा नहीं करती, लेकिन मुझे नहीं पता कि क्या करना चाहिए । हमारे परिवार में और कोई और नहीं है, जिससे मैं अपनी ऐसी चिंताएँ साझा कर सकूँ, इसलिए मैं तुम्हें बताती हूँ। मैंने पहले ही अपनी सहेलियों से इस विषय पर चर्चा कर ली है और सभी के पास कोई समाधान नहीं है। अमीना फूफी जो कि दूसरी गली की एक बूढ़ी औरत हैं, उन्होंने एक बहुत ही अजीब-सा उपाय सुझाया है। उन्होंने सुझाव दिया कि चूंकि रुखसाना में कोई समस्या नहीं है और रिजवान में शुक्राणुओं की संख्या थोड़ी कम है, इसलिए तुम्हारी बहन को घर से निकालने के बजाय उसे विवाहेतर सम्बंध बनाना चाहिए और किसी और से गर्भवती होना चाहिए। यह बहुत गलत सुझाव था। हम ऐसी बातें सोच भी नहीं सकते। "

मैंने भी अम्मी को टोकते हुए कहा, "यह बहुत ही असामान्य समाधान है। हमारे परिवार की स्थिति और परिवार और रुखसाना की प्रतिष्ठा के बारे में सोचो, अगर किसी को ऐसी बातें पता चलेंगी। बूढ़ी अमीना फूफी को ऐसी बातें सुझाते हुए शर्म आनी चाहिए।" मैं गुस्से में था।

अम्मीजान ने मुझे रोकते हुए कहा, " सलमान! तुम्हें यकीन नहीं आएगा कि हताशा की हालत में मुझे भी ये उपाय सही लगा ।

हालाँकि, बेटे के साथ ऐसी बातें करना बहुत गलत है। लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। आप सही कह रहे हो यह बहुत गलत है। सोचो भी, अगर रुखसाना ने ऐसा किया और किसी को पता चल गया तो हमारे खानदान की इज्जत और रसूख का क्या होगा और रुखसाना पर क्या बीतेगी? साथ ही जिस आदमी के साथ रुखसाना ऐसे सम्बन्ध बनायेगी वह इंसान रुखसाना और हमारे खानदान को ब्लैकमेल भी कर सकता है और बच्चा पैदा करने के बाद भी वह उससे इस रिश्ते को जारी रखने के लिए कह सकता है क्योंकि रुखसाना है ही इतनी खूबसूरत और प्यारी । या वह हमें ब्लैकमेल करने के लिए पैसे आदि की भी मांग कर सकता है। इसके अलावा एक और समस्या यह भी है कि अगर रुखसाना उस रास्ते पर चली जाए और उसे जो बच्चा होगा वह उसके पिता जैसा हुआ तो क्या उसके ससुराल वालों को शक नहीं होगा? फिर रुखसाना को ऐसा आदमी कहाँ मिलेगा जो उसकी मदद करे? "

मैं भी दंग रह गया। यह पहली बार था जब अम्मीजान मुझसे इस तरह की बात कर रही थीं और ये पहली बार था जो ऐसी उदासी और परेशानी के आलम में उन्होंने मुझसे ऐसी-ऐसी बातें कीं, जिनके बारे में हम परिवार में बात करने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे। मैं स्थिति को समझता था इसलिए चुप रहा और कोई रास्ता सोचता रहा, लेकिन कुछ नहीं सूझ रहा था।

2-3 दिन के बाद जब मैं शाम को खेतो से वापस आया तो मैंने देखा कि अम्मीजान का मूड बहुत खराब था, ऐसा लगता था कि वह कुछ देर से रो रही थीं और उनकी आंखें लाल थीं और वह बहुत उदास थीं। मैंने सोचा, शायद यह मेरी बहन रुखसाना आपा से सम्बंधित होगा, इसलिए मैं उसके पास गया और उससे पूछा कि मामला क्या है? वह फिर रोने लगी और कुछ देर बाद रुक गई और रोते हुए उसने मुझे बताया कि रुखसाना ने उन्हें बताया था कि उसके ससुराल वालों ने उसके पति के लिए दूसरी दुल्हन की तलाश शुरू कर दी है। आज वह मौलवी से बात कर रहे थे और फिर दूसरी लड़की के पिता इस मामले और अन्य बातों पर चर्चा करने उनके घर आए थे। वे रमज़ान के लगभग एक महीने बाद शादी करने की योजना बना रहे थे। वहाँ रुखसाना आपा अपने घर में रो रही थी और अम्मी ने मुझे बताया कि उसने कहा था अगर इसके बाद रिजवान तलाक देने के बारे में सोचता है तो वह आत्महत्या कर सकती है, क्योंकि वह तलाक के बाद अपने माता-पिता के पास नहीं आना चाहती।

यह, हमारे लिए, आसमान से गिरी मुसीबत की तरह था। मैं गुस्से में कुछ नहीं बोल पाया और अम्मीजान से कहा कि हमें जल्दी कुछ करना होगा। अम्मीजान कुछ दृढ़ मूड में लग रही थी और उसने अपना चेहरा और आँखों से आँसू पोंछे और ठोस स्वर में कहा, "मुझे अपने बच्ची की जान बचाने के लिए कुछ करना होगा। मैं अपनी बेटी को शर्म से मरने या ऐसी ही ताने सुन-सुन कर मरने नहीं दे सकती। उसे इस तरह ससुराल से नहीं निकालने दूँगी। मैं उन्हें इस तरह उसकी जिंदगी बर्बाद नहीं करने दे सकती।"

मैं चुप रहा और मुझे अपनी रुखसाना आपा की ऐसे हालत पर बहुत अफ़सोस हुआ और मैं अपने कमरे में जाकर बिस्तर पर गिर गया और रोने लगा। अम्मी ने बाजी (रुखसाना आपा) से मोबाइल पर काफी देर तक बात की, मैं अपने कमरे में था इसलिए उनकी बातें समझ नहीं पाया लेकिन दोनों देर तक बातें करती रहीं।

मुझे परेशान देख मेरी चारो कजिन जीनत, रुखसार, अर्शी और जूनि जो मेरी बेगमे भी थी मेरे पास बैठ गयी और मुझे शांत करा कर पूछने लगी की क्या हुआ?

कहानी जारी रहेगी

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