एक नौजवान के कारनामे 231

Story Info
2.4.19 मेरी सुहागरात और भाभी की संतान की मुराद
1.2k words
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Part 231 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-4

सुहागरात

PART 19

संतान की मुराद

ऐश्वर्या भाभी की योनि पूरी मेरे वीर्य से भरी हुई थी. मेरा एक हाथ अब ऐश्वर्या के चूतड़ों को हल्के हल्के मसल रहा था और उन रेशमी गोल गोल गुब्बारों को बड़े ही प्रेम से सहला रहा था।

ऐश्वर्या भाभी भी मेरे सख्त लंड के साथ खेल रही थी। मैंने उसके रस भरे होटों पर अपने होटों को रख दिया और उसके होटों को चूसने लगा और अपनी जीभ को भी उसके मुंह में डाल कर गोल गोल घुमाने लगा। मैंने ज्योत्सना की गांड को ऊपर ही उठाये रखा और मेरा लंड भी उसकी चूत में पड़ा रहने दिया। मैंने कहा भाभी मेरे वीर्य को अपने अंदर ले जाओ और ऐसे ही टाँगे उठा कर लेती रही!

कुछ देर बाद जब चूत ने मेरा काफी वीर्य अपने में जज्ब कर लिया तब मैंने ऐश्वर्या भाभी को सीधी लिटा दिया, और वो चूतड़ और टाँगे ऊपर उठा कर ही लेटी रही। भाभी ऐश्वर्या पूरी तरह से तृप्त लग रही थी. मैंने ऐश्वर्या भाभी को उसके लबों पर चूमा।

ज्योत्स्ना ने मुझे मुस्कुरा कर देखा और मैं उसे लेकर बिस्तर पर चल गया और हमारे होंठ जुड़ गए। इसके बाद दोनों लेट गए और किस करने में लग गए और लंड महाराज फिर सर उठाने लगेl मैंने उसे अपने ऊपर खींच लिया और उसे कस कर पकड़ लिया. मैं अपने सीने पर उसके स्तनों के एहसास का आनंद ले रहा था। जब लंड महराज उसे चुभने लगे तो उसने मुझे दबोच लियाl वो मेरे ऊपर बैठ गयी।

ज्योत्स्ना के शानदार स्तन ग्रुत्वकर्षण के नियमों का उलंघन करते हुए दृढ़ और सीधे थे । उसके निप्पल उसके स्तनों की तरह ही गर्व से खड़े थेl फिर वह मेरे ऊपर लेट गयीl मैंने ख़ुद को उसकी आँखों में देखते हुए उसे पकड़ रखा था और उसका पूरा शरीर मेरे शरीर से लिपट गया था। उसने अपने कूल्हों को ऊपर उठा दिया और मेरा लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी। उसने लंड को चूत के मुँह पर लगा दिया. छूने और छेड़ने से तब तक लंड भी अपने पूरे आकार में आ चूका था ।

उसने फिर मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत में घुसाया। मैंने उसके कूल्हों को पकड़ा और उसे आगे की तरफ़ खींचा, जिससे मेरा लंड उसके गहराई से घुस गया। वह धीरे-धीरे नीचे होती गयी और मेरा पूरा लंड उसके अंदर गया। मैंने भी एक धक्का अपने नितम्ब उठा कर ऊपर को धक्का लगा दिया, जिससे लंड पूरा जड़ तक अंदर समा गया l वह धीरे-धीरे ऊपर नीचे होने लगी वह 6-7 इंच ऊपर उठती और फिर नीचे बैठ जाती मैं उसके अंदर अपना लंड आते जाते देखने लगा।

वह मेरे लंड की सवारी करने लगी। मैंने अपने हाथों को उसके स्तनों पर ले गया और स्तनों को दबाने और निप्पलों को मरोड़ने लगा. फिर वो कराहती हुई ऊपर नीचे होने लगी और उसकी गति बढ़ने लगी।

मेरे चूतड़ भी उसका लये मिला कर साथ देने लगे.ऐश्वर्या भाभी ज्योत्स्ना के मम्मों को खूब चूस रही थी, ज्योत्स्ना की आँखें बंद थी और वो चुदाई का पूरा आनन्द ले रही थी।हलके धक्कों के बाद मैंने तेज़ी से धक्के मारने शुरू कर दीये और थोड़े ही तेज़ धक्कों के बाद ज्योत्स्ना छूटने लगी और वो ज़ोर ज़ोर से हाय हाय करने लगी और उसने मुझको कस कर अपनी बाहों में बाँध लिया। ऐसा लगभग 10-15 मिनट चला तो वह थक गयी तो झुक कर मुझे लिप किस करने लगी तो मैंने नीचे से धक्के लगाने शुरू कर दिए l उसके गोल सुडोल स्तन मेरे छाती से चिपक गए।

फिर मैंने एक ही झटके में ज्योत्स्ना को बिस्तर पर पटक कर और एक ही झटके में जोरदार धक्के के साथ अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चुत में जड़ तक घुसा दिया. मैंने उसके दोनों पैरों को अपने बाए कंधे पर लिया। और टाँगे जोड़ दी, जिससे उसकी टाइट चूत और टाइट हो गयी और मैंने फिर धीरे-धीरे लंड को अंदर बहार करना शुरू कर दियाl मुझे इस बार पहले से भी कुछ ज़्यादा मज़ा आया l ज्योत्स्ना बोली प्लीज ज़ोर से करो, बहुत मज़ा आ रहा है, ओह्ह! आह! हम्म्म! ऐसे ही ज़ोर से करो लंड उसकी चूत के दीवारों को रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा थाl मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी । वह चीखने लगी जोर से और तेज करो आह्हः ओह्ह्ह और फिर उसका बदन काम्पा और ऐंठा और वो झड़ गयी । और उसने मुझे अपने ऊपर खींच लाया और मुझे किस करने लगी।

मैं उसके पीछे चला गया और उसे घोड़ी बना दिया, मैंने अपना लंड उसके योनी के पीछे रखा। मैंने अपने दोनों हाथों से उसके गोल नितंबो को रगड़ते हुए उसकी पीठ को महसूस किया।

बाद में फिर अपना लंड पकड़ कर उसकी चूत को उंगलियों से खोल दिया और उसके छोटे से छेद में फिट कर हल्का-सा धक्का दिया तो लंड अंदर फस गया। बस मेरे लंड अंदर करते ही ज्योत्स्ना कराहने लगीl ओह्ह्ह! प्लीज धीरे करो, उसका पूरा शरीर हिल गया थाl उसने अपना शरीर पीछे को धकेल दिया और मैंने भी थोड़ा दबाब दिया तो लंड सररर से पूरा अंदर चला गया और उसकी बच्चेदानी से टकराया l मुझे लगा इस बार मेरा लंड ज़्यादा अंदर तक गयाl

ज्योत्स्ना बोली यस-यस यस ऐसे ही ज़ोर से करोl उसने मेरा पूरा लंड अपने अंदर महसूस कियाl वह बार-बार अपने चूतड़ आगे पीछे करते रही और मैं भी उसके ताल से लय मिला कर धक्के लगता रहा और कि मेरे हर धक्के पर मेरे अंडे उसके योनि के ोंठोऔर भगनासा के साथ बार-बार टकराये। हर बार टकराने पर उसके मुँह से आह निकलती थीl फिर वह रुक गयी तो मैंने अपने हाथ उसकी पीठ पर फेरते हुए उसके बूब्स को पकड़ लिया l तो उसने मुँह पीछे घुमा लिया तो मैं भी झुक कर उसको किस करने लगाl

फिर मैंने उसके कंधो को पकड़ा और मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिएl धीमे नहीं, बहुत तेज और ज़ोर के धक्के हर धक्के के साथ उसका पूरा शरीर हिल जाता और वह बोलती और ज़ोर से चोदोl मुझे चोदो-चोदो और ज़ोर से और उसकी आवाज़ मुझे और उत्तेजित कर रही थीl उसकी आवाज़ सुन कर मैं अगला धक्का और ज़ोर से लगाता था l फिर मैंने उसके कूल्हों को पकड़ लिया और उसके शरीर को पीछे करने लगा और लंड पर खींच लिया।

मुझे चोदो, मुझे चोदो, प्लीज! चोदो मुझे! मैं तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ।' उसका शरीर फिर कांपने लगा और वह झड़ने लगी और निढाल हो आगे को बेड पर झुक गयी पर मैंने धक्के लगाने जारी रखे और फिर वह बोली प्लीज मेरे अंदर ही करना l उसके बाद मैं भी झड़ गया और उसके ऊपर गिर गया उसके साथ चिपक कर उसकी बाहो में खो गया।

इसी तरह बार-बार चोदते हुए मैंने ज्योत्स्ना के साथ पूरी रात बिताई, हम पूरी रात पूरे मजे लेते हुए बार-बार लगातार हम चुदाई करते हुए एक दुसरे में खोये रहे। पता ही नहीं चला इस तरह प्यार करते-करते कब सुबह हो गयी।

मैंने भाभी से कहा- देखिये भाभी, वैसे आज के बाद आपको यहाँ आने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि मैं जानता हूँ आपकी संतान की मुराद जल्द ही पूरी हो जायेगी है. फिर भी अगर कभी भी आप यहाँ आना चाहें तो आ सकती हैं। क्यों ज्योत्स्ना?

ज्योत्स्ना बोली- बिल्कुल भाभी! आप जब चाहें आ जाए । ऐश्वर्या बोली- थैंक यू कुमार, आपने मेरी बड़ी सहायता की है, मैं बहुत खुश हूँ। आपने मेरी सालो की प्यास को एकदम बुझा दिया है और मुझे पूरा भरोसा है मेरी संतान की मुराद भी जल्द ही पूरी हो जायेगी ।

कहानी जारी रहेगी

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