एक नौजवान के कारनामे 233

Story Info
2.5.1 मधुमास (हनीमून) मधु (शहद)
1.5k words
5
9
00

Part 233 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 1

मधु (शहद)

रोज़ी ने हमारे लिए हलवा बनाया था क्या मैंने उसे माइक्रोवेव में थोड़ा गरम किया था और उसमे वह ख़ास दवा थोड़ी सी डाल दी और हलवे को क्रीम से सजा दिया।

हम दोनों फिर हलवा खाने लगे मैं ज्योत्स्ना को अपने हाथो से खिला रहा था तो ज्योत्स्ना भी मुझे अपने हाथो से हलवा खिलाने लगी । ज्योत्स्ना के गालो पर कुछ हलवा लग गया । मैंने इशारा किया की हलवा गालो पर लग गया है तो ज्योत्स्ना ने गाल आगे कर दिए। मैं गालो पर लगे हलवे को चाट गया और मैंने उसकी उंगलिया चाट ली तो उसमे भी मेरी उंगलिया चाट ली और हम फिर किस करने लग गए । बता नहीं सकता ये सब कितना कामुक था । मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा था, मैं उसे देखता रहा।

तभी मुझे एक शैतानी सूझी ।

मैंने शैम्पेन की बोतल को उठाया और उसके बूब्स पर दो बार उड़ेल दिए । उसने मुझे आश्चर्य से देखने लगी ये क्या कर रहे हो दीपक मैंने भी कुछ हलवा और क्रीम को लिया और उसके बूब्स और ओंठो पर लगा दिया । उसके चेहरे पर आये हुए भाव अनमोल थे ।वह मेरी हर हरकत देख रही थी।

मैं बस मुस्कुरा दिया और झुक कर चाटने लगा। मैं थोड़ा सा हलवा चाटता और उसके मुँह के पास आकर उसे अपने मुँह में पड़ा हलवा और क्रीम खिलाने लगता वह भी मजे ले ले कर खाने लगती और फिर हम तब तक किश करते रहते जब तक मुँह में पड़ा हलवा और क्रीम ख़तम नहीं हो जाते थे. हमें उस क्रीम और हलवे को साफ करने में देर नहीं लगी और उसके बाद मैं बस उसके स्तन और निप्पलों को चाटता और चूसता रहा। मैं बता सकता था कि वह फिर से उत्तेजित हो रही थी।

मैंने अपना सिर बग़ल में घुमाया और नीचे की ओर उसकी चूत की तरफ बढ़ा। मैं उसकी चूत के होठों को नमी और शैंपेन की बूंदों जो उसकी चूत और जाँघों तक छिटक गई थी से चमकती हुई देख रहा था । मैं उसको चूमते हुए नीचे उसकी नाभि और यनि के आस पास चूमते हुए उसकी योनि को चूमा और फिर चाटने लगा । उसकी योनि के रास और शैम्पेन के मिले जुले रस का अध्भुत स्वाद था।

मैंने एक आम को पकड़ लिया जो उसकी चूत की सिलवटों की तरह मुलायम और कोमल था। मैंने आम पर, मसाले के छींटे छिड़कते हुए उस मसाले को आम में अवशोषित होने दिया और आम को ज्योत्स्ना की योनि के ऊपर रगड़ और मसल कर लगा दिया । मैंने देखा मसाले में शामिल फीकी मिर्च अपना असर दिखाने लगी ।- वह उह ओहि करके उछल गयी और पल भर में उसकी योनि की त्वचा रसभरी और गुलाबी हो गयी है, ।

मैंने उस फल को चाट लिया जो उसके योनि में आधा घुसा हुआ था, फिर मेरे उसके मीठे और दिलकश स्वाद का आनंद लिया । मैंने उसके रस को चाटते हुए कुछ समय बिताया और, आम और दारु मिले चिपचिपे गीलेपन को देखकर अपनी जीभ को उसकी भगनासा से जोड़ दिया। वो मेरी जीभ, मिर्च, फल के मिले जुले असर से वो कराह रही और उसकी कमर तड़पते हुए बल खा रही थी ।

मैं ऊपर हुआ और अपने ओंठ उसकेओंठो के पास ले गया और उसे उस आम का प्रसाद दिया जो उसके जैसा स्वादिष्ट था । उसने अपना मुँह खोला, मानो मेरे लंड को चूसने के लिए, लेकिन फल पर रुक गई। वो जल्दी से मेरे लंड को पकड़ने लगी लेकिन मैं फिर वापस नीचे पहुंच गया, एक स्ट्रॉबेरी को पकड़कर उसके मुंह में रख दिया।

"इसे चबाओ, लेकिन इसे निगलना नहीं ।" मैंने उससे कहा। उसने वैसा ही किया, और जब यह चबाने से नरम और मुलायम लुगदी जैसा हो गया तो मैंने अपना लंड उसके मुँह में सरका दिया। रसभरी का कुछ रस और कुछ लुगदी उसके मुंह के किनारे से बाहर फिसल गई। ज्योत्स्ना ने अपनी जीभ फिराते हुए यह सब रस और लुगदी मुँह में रखने की असफल कोशिश की, और इस कोशिश में उसकी जीभ मेरे लंड के चारो और फिर गयी जिससे मेरा लंड रसभरी स्टॉबेर्री के रस से लाल हो गया था। फिर ज्योत्स्ना ने अपने शरीर को मेज पर आगे की ओर ले जाते हुए मेरे लंड को और ज्यादा मुँह के अंदर लेने की कोशिश की और लंड की फिर से अपने होंठों में ले लिया।

मैंने अपना लंड निकाला और उसके मुँह में कई रसभरी स्टॉबेरिया डाल दीं। इस बार मैंने उसके बाल पकड़े और उसके सिर को घुमाया, जिससे उसके होंठ खुल गए क्योंकि मैंने इस बार अपने लंड को थोड़ी ज्यादा ताकत से ज्योत्स्ना के मुँह के अंदर धकेल दिया । उसने फिर मेरा लंड अधिक से अधिक अपने मुँह में लेने की कोशिश की।

मेरा हाथ उसके स्तन और उसके नितम्बो तक चला गया । मेरा हाथ और नीचे गया, दाएं और बाएं नितम्बो के बीच की दरार में होती हुई मेरी उंगलियाँ उसके गीलेपन की ओर बढ़ रही थीं। मैंने उसकी योनि में आगे से एक उंगली डाली, और उसकी योनि की संकरी दीवारी की दृढ़ता को महसूस किया । और उसके मुँह से मेरे लंड को निकालने से पहले उसे उत्तेजित करने के लिए उसकी योनि के दाने को सहलाना शुरू कर दिया ।

मैं फिर से बैठ गया, और उसकी योनि को अपने मुंह में लेने से पहले केले के एक स्लाइस के साथ उसकी भगनासा को रगड़ रहा था और फिर से, उसकी चूत को चाटने लगा । मैंने ज्योत्स्ना को पीछे होने और मेरे लिए अपनी टाँगे फैलाने के लिए कहा। जो उसने किया, उसके अपने हाथो ने उसकी योनि के होंठों तक पहुँच कर, उन्हें अलग किया ताकि मैं अपने चेहरे को उसके अंदर और गहराई से डुबो सकूँ। मैंने थोड़ा सा मसला हुआ केला अपने ओंठो से हटाया और उसके ओंठो के पास ले गया ।

प्रीती उसके बाद मैंने ज्योत्स्ना की चूत पर लगा केले का टुकड़ा अपने मुँह से उठा कर उसे मुँह के पास ले गया तो ज्योत्स्ना वह एक पल के लिए अपने होंठों को ऊपर उठा कर मुड कर और बोली "जब तक मैं तुमसे न कहूँ, तब तक अपने होठों को मत छोड़ना।" उसने अपना सर घुमाया और अपने स्तनों को मेज पर पड़े फलो पर ढकेला जिस पर वे आराम कर रहे थे । उसके होंठ मेरे होंठो से जुड़ कर केले को खोजते हैं। मैंने केले को ज्योत्स्ना के मुँह में दबा कर सरका देता हूँ और उसे वह थोड़ा सा चबा कर निगल गयी ।

एक सजा के रूप में मैं और मैंने उसे उसकी गांड को एक उंगली का उपयोग करते हुआ थोड़ा सा खोलते हुए उसमे कटे हुए आलू बुखारे का एक लाल टुकड़ा ले कर क्रीम में डुबो कर दबा कर फसा दिया । वो कराह पड़ती है । प्लीज वहां नहीं वहां बहुत दर्द होता है ऐसा मैंने पढ़ा और सुना है । मैंने उसकी कराह को अनसुना करते हुए और उसके नितम्बो को चूमा फिर चाटते हुए उसकी गांड को भी चाटा । पर उसकी गांड में फल के कारण हल्का सा दर्द और जलन होने लगी और उसकी गांड हिलने लगी और गांड के छेद को वो अंदर बाहर करके कोशिश करने लगी। जिससे वो फल का टुकड़ा बाहर निकल जाए तो मैंने उसकी गांड में जीभ घुसा कर चाटा अपनी ऊँगली की मदद से आलू बुखारे के उस टुकड़े को गांड पर थोड़ा और उसके मांस में दबाया । उसकी आँखों बंद हो गयी और वो फिर कराहते हुए बोली प्लीज रुक जाओ, नहीं तो मैं मर जाऊँगी ।

मैं शहद के जार से एक चम्मच भरा और उसे अपने लंड पर उड़ेल दिया । वो अपना मुँह मेरा लंड अपने मुँह के अंदर लेने के लिए आगे ले आयी। मैंने मुस्कुरा कर उसे किश किया तो उसने भी लंड को गालो से सहलाया और लंड के अग्रभाग को अपने ओंठो में ले लिया जिससे उसके होंठ शहद से सन गए और साथ में उसके गालो पर शहद लग गया।

मैंने एक और चम्मच शहद लिया और उसे केवल उसके होंठ और मेरे लंड को धीरे धीरे धार बना कर डाल दिया, और जानबूझकर कूल्हों को हो पीछे कर मुँह से निकाल कर हिला कर लंड को उसके गालो पर थपथपा दिया जिससे चिपचिपा शहद उसके गालो पर लग गया ।फिर उसके खुले हुए ओंठो से लंड के अग्रभाग को चिपका दिया जिसे उसने ओंठ खोल कर लंडमुंड को फिर ओंठो में दबा लिया । मैं अपने लंड को फिर बाहर निकाला तो उसके ओंठ मेरे अंडकोषों को चुम कर सहलाने लग गए ।

मैं फिर नीचे पहुँच कर उसकी गांड में फसे आलूबुखारे के टुकड़े को आगे पीछे किया । वासना और जुनून के कारण फल से उसे चोदने की मेरी कोशिशें सख्त और मजबूत हो गयी । मैंने उसकी गांड और योनी तक अपनी पहुंच को आसान कर लिया । मैंने उसकी गांड में फसे हुए आलूबुखारे के टुकड़े को निकाला उसक एक टुकड़ा दांतो से काट कर खाया, और ज्योत्स्ना को बताया कि यह क्या है तो ज्योत्स्ना ने अपना सर मेरे अंडकोषों को छोड़ कर घुमाया उस आलूबुखारे के टुकड़े को देखा और अपने मुँह में ले लिया । उसका चेहरा मेरे लंड पर लगे स्ट्रॉबेरी के रंग और रस से सना हुआ लाल हो गया - मैंने उसकी उसकी चूत में भी लाल स्ट्रॉबेरी के कुछ टुकड़े दबा दिए ।

आगे मैंने हनीमून कैसे मनाया और हमने क्या क्या किया आगे क्या हुआ? ये अगले CHAPTER- 5 मधुमास (हनीमून)-2 में पढ़िए ।

Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
Share this Story

Similar Stories

राजमहल 1 राज्य के वारिस के लिए राजकुमार की तीसरी शादी और सुहागरातin First Time
महारानी देवरानी 001 प्रमुख पात्र -राजा और रानी की कहानीin Novels and Novellas
Her Irish Neighbor She asks her Irish neighbor for an unusual birthday present.in First Time
शादी में धमाल शादी में लड़की के साथ धमाल और उसके बाद की कहानीin Romance
Four Wishes and an Elf When Santa's helper stays for Xmas things go awry.in Romance
More Stories