मानव और राकेश

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"आअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह फककककक उउउउउउइइइइइइइ डैडी " मैंने तेजी से साँस ली. "मैं...मुझे लगा था कि आपने सिर्फ सुपाड़ी को अंदर डालने को कहा था?"

डैडी हंस पड़े. "हाँ बेबी, हाँ मेरे गांडू. बस सुपाड़ा, मैंने कहा था की सुपाड़ी को तुम्हारी गांड की गहरायी में डालना है, अब तू अपनी पहली गांड चुदाई का मज़ा ले..." उसने मेरे शरीर को मोड़ दिया ताकि मैं खुद को आईने में देख सकूं.

मैं हिल रहा था, अपने आप को पकड़ने की कोशिश कर रहा था, मेरी आँखों में आंसू थे, चेहरे पर दर्द के निशाँ, मेरे अपना छोटा लंड पूरी तरह से तना हुआ था और प्री कम की जैसे नदी बह रही थी, मेरी गोल गोल चूतड़ों के बीच डैडी का बड़ा मोटा मूसल लंड मेरी गांड में धंसा हुआ था, अभी भी एक अच्छा पांच इंच का लंड मेरे अंदर जाने का इंतजार कर रहा था.

वो मेरे ऊपर दबाव बनाता रहा और मैंने देखा, इंच-दर-इंच के रूप में उसका मोटा लम्बा मूसल लंड मेरी गांड में धंस रहा था

"चल, गांडू अब एक अच्छी रंडी की तरह मेरे लंड को पूरा निगल जा. इसे अपनी गांड में पूरा घुसा ले उम्फ " राकेश ने कहा कि उसने मेरी बाहों को नीचे कर दिया और मुझे पूरी तरह से अपने मुर्गा पर खींच लिया,

अचानक उन्होंने अपने घुटनों को ऐसे हिलाया जिससे मेरे पैरों का संतुलन बिगड़ा और उसी वक़्त उन्होंने मुझे अपने ऊपर ज़ोर का धक्का दिया

मैं धम से उनके लंड पर जा गिरा और उनका मोटा मूसल लम्बा लौड़ा मेरी गांड में पूरा समां गया

आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्हह आआअह्ह्ह्ह हे भगवान् आआह्ह्ह्ह डैडी

"बहुत अच्छे मेरे गांडू तूने मेरा पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया है, तेरी सील तोड़ गयी अब तू कुंवारी नहीं है मेरी रंडी, उम्फ हम्म हम्म फक्क, तेरी छूट बहुत तंग है रंडी, लगता है बहुत मेहनत करनी पड़ेगी इसे खोलने में, तू वाकई में बहुत तंग है मेरी जान

राकेश ने मुझे अपने लंड पर थोपना जारी रखा, मेरी तेज सांसें तेज, गर्म हांफती रहीं.

"हे भगवान! आह! हे भगवान! आह! हे भगवान! आह! ओह! ओह! ओह! ओह! कृप्या!" मैंने भीख माँगी, मैंने नीचे देखा और अपने ही लंड को अपने पेट के खिलाफ चट्टान की तरह देखा.

उस विशालकाय लंड का अपनी गांड की गहराई में एहसास मुझे झड़ने के करीब ला रहा था

मुझे ऐसे लग रहा था की कोई चीज़ मुझे दो हिस्सों में फाड़ रही हो

यह बहुत बुरा लगा... लेकिन इतना अच्छा लगा. अचानक झांटें मेरी चूतड़ों पर चुबने लगीं, मुझे अपनी कमर में बिजली की एक चिंगारी महसूस हुई, मेरी गेंदें कसने लगीं.

मेरे ही लंड ने वीर्य के एक विशाल तूफ़ान को उगल दिया और मेरी छाती, ठोड़ी और गाल पर मेरे वीर्य के छींटे पड़े.

"हे भगवान् कैसा गांडू है रे तू, तू सिर्फ लंड चूसने से झड़ गया, अपनी गांड में लंड लेते ही झड़ गया, हाँ तू प्राकृतिक रूप से एक कुत्तिया एक रंडी है, रंडी भी इतना जल्दी नहीं झड़ती हरामी साले गांडू "" राकेश ने मेरे कान में फुसफुसाया.

मैं उसके बालों वाली छाती के खिलाफ वापस झुक गया, उसने अपने हाथों से मेरे मम्मे पकड़ लिए और उन्हें मसलने लगा और अपने लंड को धीरे धीरे मेरी गांड में हिलाने लगा

"यह अब पूरा तेरी गांड में घुस चूका है रंडी, मेरी कुत्तिया, मेरे गांडू, बहन के लौड़े बोल तू मेरी रंडी है मेरी गुलाम है, तेरा जन्म मेरी सेवा करने और मेरे लंड को खुश करने के लिया हुआ है " उसने मेरी कमर के चारों ओर से कस्ते हुए फुसफुसाया और मुझे अपने लंड पर दबा रखा था

"उह हह. उह हुह, डैडी. हाँ डैडी मैं आपकी रंडी हूँ, आपका गुलाम हूँ मेरा जन्म आपके लंड की सेवा करने के लिए हुआ है आह आआआह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह बहुत मोटा और बड़ा है आपका लंड ".

""अपनी गांड में मेरे लंड को महसूस करो? है ना? तुम अपने कुंवारी गांड में मेरे लंड को फडकता हुआ महसूस करते हो? क्या तुझे यह पसंद आया रंडी? बोल कुत्तिया अच्छा लग रहा है ना?" उसने अपने कूल्हे तेज़ी से ऊपर और नीचे करके मेरी गांड मारनी शुरू कर दी, मेरा शरीर उसके ऊपर फैल गया

उसने मेरी कमर के चारों ओर दोनों बाहों को लपेट दिया, मुझे फिसलन भरा लंड अब आसानी से मेरे छेद के अंदर और बाहर फिसल रहा था, मेरा पूरा शरीर दर्द की वजह से सुन्न हो गया था और उसमें करंट दौड़ रहा था

"यह अच्छा लग रहा है, तेरी छोटी से कुंवारी और कमसिन गांड की सील मैंने तोड़ दी है बता गांडू कैसा लगा " उसने पूछा, उसकी पसीने से तर जांघें अब मेरी चिकनी गांड के गालों के खिलाफ थप्पड़ मार रही थीं.

अचानक उसने मुझे उठा दिया और मेरी गांड से उसका लंड निकल गया, उसने मुझे अपने लंड पर झुकाया और बोला "चल गांडू रंडी मेरे लौड़े पर से अपनी गांड का स्वाद चख, मेरे लौड़े को चाट चाट कर उसे गीला कर, चूस इसे कुत्तिया "

मैं उसके लंड पर झुक गया और उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और अपनी गांड के स्वाद को चाटने और चूसने लगा

वो खड़े हो गए, "अपना मुँह खोल गांडू "

जैसे ही मैंने मुँह खोला उन्होंने पूरा लंड मेरे गले के अंदर ठूंस दिया

"ममममहह मममफ मममफ ग्ल्ल्क ममंग" मैं बस गू गू कर रहा था और उन्होंने मेरे गले की गहराई तक मुझे अपने लंड से चोदना शुरू कर दिया

"चूस साली ले ले अपनी गांड का स्वाद आह मेरा लंड अभी तेरी गांड में से निकला है और तू उसे चूस रहा है गांडू " आह चूस

दो मिनट तक वो मेरे गले को ऐसे ही चोदते रहे मेरे मुँह से फिर से थूक की लार निकल रही थी और उनका लंड और भी ज़्यादा चिकना हो गया था

उन्होंने मुझे फिर कुत्तिया बन जाने को कहा

मैं सोफे पर हाथ रख कर कुत्तिया बन गया और वो मेरे पीछे आ गए और अपने मोठे मूसल लंड को मेरी गांड के छेद पर सेट किया

और एक ही झटके में अपना लंड मेरी गांड में जड़ तक डाल दिया

"आअह्ह्ह आह्ह्ह्ह उईईई माँ आह मंमंफ़फ़फ़फ़ मंमंफ़फ़फ़फ़ "

"तू कुत्तिया " वो गुर्राए, और मेरी गांड पर ज़ोर से थप्पड़ मारा

आह

थप्पड़

आह डैडी

वो थप्पड़ मरते रहे और अपने लंड से धीरे धीरे मुझे चोदने लगे

अपना लंड पूरा सुपाड़े तक बाहर निकालते और फिर पूरा लंड मेरी गांड में घुसा देते थे

मैं बस हर धक्के पर "आह आह आआह्ह्ह डैडी " बोल पा रहा था

डैडी गुर्राए. "तूने कहा था की tum सीधे हो. तूने मुझे पूरे हफ्ते अपनी इस कुंवारी गांड की तस्वीरों के साथ छेड़ा. तू एक अजनबी से मिलने के लिए यहाँ तक आया ताकि तू किसी तरह मेरे लंड की एक झलक पा ले. फिर तू अपने घुटनों पर गिर गया, मेरी गेंदों से वीर्य को चूसा और अब यहाँ तू एक रंडी कुत्तिया की तरह चुद रहा है."

थप्पड़

थप्पड़

थप्पड़

थप्पड़

वो मेरी गांड अब तेज़ी से चोद रहे थे

आह आअह्ह्ह ऊऊह्ह्हह्ह डैडी

"तू मेरा नाम भी नहीं जानता था, गांडू लेकिन अब मैं तेरा मालिक हूं. तेरी गांड मेरी है, रंडी. यह तंग गांड फक्क फक्क. उम्फ. कमबख्त। उम्फ. रंडी तेरी गांड का भोंसड़ा बनाना है उम्फ."

राकेश अब मुझसे पूरी ताकत से चोद रहे थे, कठिन और तेज़ उसने मुझे, मेरी गांड की गहराई तक चोदे जा रहे थे

उन्होंने मुझे अपमानित करना जारी रखा

मैंने दर्पण में खुद की एक झलक देखी, मेरा लंड अब फिर से फड़फड़ा रहा था

मेरी गांड में अब दर्द नहीं था बस मज़ा और आनंद था

"हाँ डैडी चोदो मुझे, फाड़ दो मेरी गांड, और ज़ोर से, अपने मोठे मूसल लंड से मेरी गांड फाड़ दो आह आआह्ह्ह आहह्ह्ह्हह्ह डैडी "

""कमबख्त गांडू आह आआअह्ह ले ले मेरा लंड आआह बहुत तंग गांड है तेरी"

उनकी साँसे उखड रही थीं, मैं महसूस कर सकता था, उन्होंने आगे बढ़ कर मेरे सर के बाल पकड़ लिए और मुझे घोड़ी की तरह बेरहमी से चोदते रहे

"आअह्ह्ह्ह रंडी आआह्ह्ह्ह मेरे गांडू. मैं तुम्हारी गांड में झड़ने वाला हूँ, मैं अपने अमृत से तेरी चूत को भर रहा हूँ, तू फिर कभी सीधे नहीं रहेगा. बस मेरी छोटी सी रंडी कुत्तिया होने वाला है. हर रोज अपनी गांड में वीर्य लेगा. हर रोज तेरे चेहरे पर वीर्य. तू मेरी गेंदों को चाटेगा और कहेगा 'धन्यवाद, डैडी.' अभी कहो मेरे गांडू "

"थथथथथथथथथथथैंक यू डैडी... उह! उह! उह! उह आअह्ह्ह्ह मैं आपका गुलाम हूँ, आपकी रंडी हूँ आअह्ह्ह ऊऊह्ह्हह्ह!" मैं सिसकार रहा था, उनके हर धक्के से मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी निकल कर ज़मीन पर गिर रही थी

"यहाँ आआह्ह्ह आअह्ह्ह फक्क्क्क गांडू मैं तुम्हारे अंदर झड़ रहा हूँ. मैं तेरी कुंवारी गांड में अपना वीर्य भरने वाला हूँ, तुझे अपना गुलाम बनाने वाला हूँ, तू मेरी रंडी बनेगी, तू इसके लिए तैयार हैं गांडू?

राकेश ने मेरे बालों को पकड़ लिया और मेरे सिर को मोड़कर अपने चेहरे के पास ले आया और अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी थी. अब उसकी जीभ और उसका लंड दोनों एक साथ मेरे छेद से अंदर-बाहर हो रहे थे.

"हे भगवान् डैडी मेरी गांड में अपना वीर्य डाल दो, बना लो मुझे अपनी रंडी आआह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह!" मैंने भीख माँगी.

बड़े, बालों वाली बाहें मेरे चारों ओर लिपटी हुई थीं और मुझे कस कर खींच रही थीं क्योंकि वह अपने लंड को मेरी गांड की गहराइयों में ले गया

""भाड़ में जाओ, मैं झड़ रहा हूँ आआअह्हह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह. ले लो. मेरे अमृत को अपनी गांड में ले कुत्तिया " उसने कहा और मेरी गांड उसके वीर्य से भरने लगी, करीब एक मिनट तक उसने मेरी गांड में अपना वीर्य निकाला और फिर मेरे ऊपर झुक गया और प्यार से मेरे मम्मे पकड़ कर उन्हीं धीरे धीरे मसल रहा था

गांडू, मेरी रंडी, मेरी कुत्तिया बता कैसा लगा

"डैडी बहुत प्यारा, इतना मज़ा मुझे आज तक नहीं मिला"

उनका मूसल अब तेज़ी से छोटा हो रहा था, और फिर उन्होंने उसे मेरी गांड में से निकाल लिया और वहीँ सोफे पर बैठ गए

मैं भी उनके पास ज़मीन पर थक कर गिर गया

हम दोनों ही वहाँ पसीने से तर थे

कुछ देर बाद, पता नहीं क्यों मैं हिम्मत कर उठा और उनके लंड को अपने मुँह में लेकर चाटने लगा और उसे साफ़ करने लगा, उन्होंने मुझे दूर हटाया और बोले साले पहले मेरे फर्श को साफ़ कर

मैं झुका और फर्श पर से अपना सारा वीर्य चाटने लगा, मैं खुद भी हैरान था की मैं कितना सारा प्री कम और वीर्य निकाला था, खैर मैं सारा चाट गया और फर्श साफ़ कर दिया

फिर मैं उनके पैरों के बीच में जा कर बैठ गया और उनके लंड और उनकी गेंदों को चाट चाट कर साफ़ करने लगा

मैं बस गुम हो चूका था. एक बूढ़े आदमी द्वारा, वह मेरे मुंह में झडा था और अब वह मेरी गांड में झडा था. उसने मेरी कुंवारी कमसिन गांड की सील तोड़ी थी और मेरे गले की सील की भी धज्जियाँ उदा दी थीं और मुझे अपने ड्राइंग रूम में अपने सोफे पर एक सीधे आदमी से एक गांडू बना दिया था जैसे कि यह दुनिया की सबसे आसान चीज थी. और सबसे बड़ी बात मैंने उसे स्वेच्छा से सब कुछ दिया था. मेरे भगवान, और क्या हो सकता था?

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