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दशम अध्याय
आनंद की तालाश की यात्रा
भाग 42
अध्भुत मुख मैथुन
जैसे ने एल्दा की लार से भरा मुहँ से मेरी कमर के झटके से हिलते लंड के सुपाडे को पहली बार चूसा, मेरे मुहँ से हल्की-सी मादक आह निकल गयी। मैंने अपने कूल्हों को इधर-उधर घुमाना शुरू किया और मेरे पैर सीधे हो गए और कस गए, जबकि मेरी गर्दन को चूसने से दर्द होने लगा। जल्द ही मैंने अपना सिर पीछे कर लिया और अपने शरीर को और आगे बढ़ाया।
एल्दा ने अपने अंगूठे और तर्जनी ऊँगली से लंड को थाम दुसरे हाथ से उस जगह को बहुत कोमलता से सहलाया और फिर अपने नर्म मुलायम होंठ लंड की त्वचा पर रख देती है। उंहहहहह्ह्ह्हह" मैंने धीमे से आह भरी। इस बीच बेर्टा ने मेरे ओंठ चूमने शुरू कर दिए । हमारी जीभे लड़ रही थी और लार का आदान प्रदान हो रहा था।
एल्दा ने मेरे उत्तेजित लंड की नोक को चूमा, फिर उसे कोमलता से चूमना शुरू कर दिया, जिससे उसके होठों को लंड की साटन सतह पर स्पर्श करने की अनुमति मिली। उसने फिर प्री-कम को चाटा और अपने होठों का उपयोग करते हुए चमड़ी को पीछे धकेल दिया ताकि घुंडी का अधिक से अधिक भाग निकल आये और उसके होठों में प्रवेश कर उसकी प्रतीक्षा करने वाली जीभ को चूमे।
फिर एल्दा ने ऐसे थपथपाया और चाटा जैसे वह एक लॉलीपॉप का आनंद ले रही हो, वह अपनी जीभ को मेरे लंड के चारों ओर घुमा रही थी, इसे घुंडी के नीचे संवेदनशील घाटी में चला रही थी और यहाँ तक कि उसने अपनी जीभ को मेरे लंड की नोक पर छोटे से छेद में घुसने की कोशिश की।
पूरी कोशिश कर और पूरा मुँह खोल कर वह मेरे लंड को आधे से ज्यादा उसके मुंह में नहीं ले पा रही थी। । उसने जीभ से मेरे लिंग को ऊपर और नीचे चाटना शुरू कर दिया, इस तरह से लंड को अपनी लार से ढँक दिया जिसने मुझे पूरी तरह से उत्तेजित कर दिया। उसकी जीभ ने लंडमुंड और शाफ्ट के बीच गहरी नाली बनाई, फिर लंड के सिर के नीचे के हिस्से में घुमाया।
उसने लंड से अपना मुँह लगभग हटा लिया; उसने अपनी जीभ को उसकी नोक में डाल दिया। मैं कराह उठा और उसके सिर को पकड़ लिया, उसके चेहरे को पकड़े हुए जैसे ही मैंने उसके मुँह से अंदर और बाहर चोदना शुरू किया। एल्दा मेरी गेंदों को सहलाने लगी। उसने अपनी उंगलियाँ मेरे लंड के बेस पर हल्के से दौड़ाईं और भारी बोरी के पिछले हिस्से को सहलाने के लिए मेरे पैरों के बीच पहुँच गई। वह मुझे लगभग चरमोत्कर्ष तक उत्तेजित करने में सफल रही और रुक गयी।
पूरी लंबाई को चाटते हुए, उसने फिर इसे अपने मुंह में ले लिया, जिसे देखकर मैं दंग रह गया कि वह लिंग को अपने मुँह में समयोजित कर पायी थी आप लंड उसके गले तक अंदर चला गया था।
कुछ ही मिनटों के बाद बेर्टा और एल्दा दोनों ने अपनी स्थिति बदल ली। इस बदलाव के बबाद भी वे दोनों मेरे लंड के साथ खेलती रही और लंड के ऊपर अपने हाथ एक साथ चलाती रही इससे पहले कि मुझे यह समझ आये कि क्या हो रहा है। मैंने महसूस किया कि होंठों की एक जोड़ी ने मेरे लंड को घेर लिया है और नीचे की ओर से उँगलियों से लंड को पकड़ लिया था, जिससे लंड सीधा खड़ा रहे।
अब एल्दा की जगह बेर्टा ने ले ली और उसके नाज़ुक होंठ बहुत ही कोमलता से लंड की नर्म त्वचा को जगह-जगह चूम रहे थे, वो लंड मुंड पर पुच-पुच करती वह चुम्बन ले रही थी। एक दो बार सुपाडा चाटने के बाद बेर्टा ने थोड़े और ओठ चौड़े किये और मुहँ खोला। धीरे से लंड के सुपाडे के चारो ओर ओठो का घेरा बना लिया। बेर्टा की लार से सनी लसलसी जीभ अब सुपाडे के चारो ओर घूम रही थी।
बेर्टा की लार से सनी गुनगुनी जीभ मेरे फूले हुए टमाटर की तरह लाल हो चुके सुपाडे के चारो तरफ नाच रही थी, बीच-बीच में मुहँ खोलकर बेर्टा अपनी लम्बी जीभ लंड पर फिराती हुई नीचे की तरह ले जाती और फिर शरारतपूर्ण तरीके से वापस मुहँ में ले आती।
बेर्टा मेरे लंड के सुपाडे पर जीभ फिर रही थी। सुपाडे को जीभ से चाट रही थी जैसे कोई लोलीपोप चूसता है। उसके बाद बेर्टा ने सुपाडे को कसकर ओठो से जकड लिया। ओठ बंद करके सुपाडा चूसने लगती, जैसे बच्चे टॉफी चूसते है और धीरे-धीरे अपना सर हिलाने लगी, मैं बेर्टा के मुँह में कामुक लम्बी कराहे भर रहा था।
मैंने नीचे देखा और देखा कि बेर्टा मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूस रही थी जबकि एल्दा ने मेरा लंड पकड़ रखा था। एल्दा ने बेर्टा के लिए मेरा लंड एक ऐसे स्थिति अपने हाथ से पकड़ रखा तह जिससे बेर्टा को लंड चूसने में कोई दिक्कत न हो। । कुछ देर बाद इसी का अनुसरण करते हुए एल्दा ने मेरा लंड चूसा और बेर्टा ने मेरा लंड उसके लिए पकड़ा। इसी तरह दोनों ने कई बार बारी-बारी से मेरा लंड चूसा।
मेरे लिए ये अद्भुत अनुभव था दो लड़कियों ने एक साथ बारी-बारी से मेरा लंड चूस रही थी। फिर उन दोनों ने मेरा लंड अब एकसाथ चूसना शुरू कर दिया। बेर्टा मेरे लंडमुंड को मुँह में ले कर चूसने लगी और एल्दा बाकी के खड़े हुए कठोर लंड की पूरी लम्बाई को चूसने लगी।
उनका सामंजस्य अद्भुत था। फिर दोनों ने आधा-आधा लंड चूसना शुरू कर दिया। एक ने दायी और से चूसना शुरू किया और दूसरी ने बायीं और से चूसना शुरू कर दिया। दोनों ऊपर से शुरू करती फिर लंड पर झीभ फेरते हुए नीचे तक जाती फिर जड़ से वापिस ऊपर तक आती। मैं जन्नत में था।
कुछ देर बाद मेरा हाथ बेर्टा के सर तक पंहुच गया, उसके सुनहरे बालो को मजबूती से पकड़ लिया और उसके सर को नीचे की तरफ ठेलने लगा। उसने पूरा लंड गटक लिया। लंड उसके ओठो को चीरता हुआ, खुरधुरी जीभ पर से गुजरता हुआ गले तक पंहुच गया। बेर्टा ने मुहँ से ही लम्बी साँस ली और लंड की जड़ के चारो ओर सख्ती से अपने ओठ कसे दिए मेरी मादक कराहे गूजने लगी, हिलती कमर के साथ पूरा शरीर कम्पन करने लगा।
एल्दा ने मेरे नितम्बो पर दबाब देकर और छोड़ कर अपनी कमर हिलाने को कहा, मैं कमर को जोर-जोर के झटके देने लगा। कसे ओठो से गुजरता हुआ लंड पूरा का पूरा मुहँ में समा जाता और फिर एक झटके में बाहर आ जाता। लेकिन अब बेर्टा के मुहँ और लंड के बीच में उसका हाथ था जिससे वह ज्यादा तेज धक्के को नियंत्रित कर सकती थी। उसने अपने हाथ की उंगली और अंगूठे से एक छल्ला लंड की जड़ में बना लिया था। इससे वह लंड के सीधा खड़ा रख पा रही थी और इधर उधर होने या तिरछा हो जाने को रोक सकती थी। जब मैं नितम्बो को जोर-जोर से उछालने लगा तो बेर्टा ने अपने ओठो का कसाव थोडा कम कर दिया और लंड की जड़ से अपने हाथ का घेराव हटा लिया ताकि लंड आसानी से पूरा का पूरा मुहँ में चला जाये और भरपूर आनंद मिले।
दुनिया का कोई भी लंड हो वह औरत के किसी भी छेद में पूरा का पूरा समा जाने को आतुर होता है। बार-बार बेर्टा को अहसास हो रहा था कि खून के भरा, फड़कता गरम लंड उसके नरम-नरम गुनगुने गीले मुहँ में ठेला जा रहा है। कमर को जोर-जोर हिलाने से पूरी तरह से खून से लबालब भरा फड़कता सुपाडा जीभ की पूरी लम्बाई तय करके मुहँ के आखिरी छोर गले तक जा रहा है।
वासना की उत्तेजना की प्रबलता के कारन मैंने अपनी आँखे बंद कर ली, बेर्टा भी मेरी कमर से लयमिलाकर अपना सर लंड पर ऊपर नीचे करने लगी। अब लंड जिस अधिकतम गहराई तक मुहँ में जा सकता था जा रहा था। लंड के अन्दर जाते ही वह अपने जीभ लंड पर फेरने लगती। इससे लंड गीला हो जाता था और आसानी से अन्दर बाहर हो रहा था। कमरे में बस लंड चूसने और कराहने की आवाजे ही सुनाई पड़ रही थी।
कहानी जारी रहेगी