जुड़वाँ बहनें

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सीमा बोली, “धत्त, जीजू, तुम बड़े गंदे हो। मैं इसे मुँह में कैसे ले सकती हूँ।”

धरम ने कहा, “ठीक है, मुँह में मत लो। हाथ में तो पकड़ सकती हो।”

धरम ने सीमा हाथ पकड़ कर अपने लंड के पास कर दिया। सीमा ने शरमाते हुए धरम का लंड अपने हाथ में ले लिया। उसका हाथ मेरी चूत और धरम के लंड के पानी से भीग गया तो वो अपना हाथ बेड के चदर से साफ़ कर करने लगी।

धरम ने कहा, “तुम्हें ये पानी अच्छा नहीं लग रहा है। लो मैं अपना लंड साफ़ कर देता हूँ। फिर तुम इसे हाथ में ले लेना।”

धरम ने टॉवल से अपना लंड साफ़ कर दिया और फिर से सीमा के हाथ के पास कर दिया। सीमा ने इस बार बिना कुछ कहे धरम का लंड अपने हाथ में ले लिया और देखने लगी।

थोड़ी देर बाद सीमा बोली, “दस बज रहे हैं, नहाना नहीं है क्या?”

धरम बोले, “नहाना है। पहले तुम एक बार मेरे लंड को चूम लो, फिर नहा लेंगे।”

सीमा ने इनकार कर दिया तो धरम ने अपना लंड सीमा के मुँह के पास कर दिया। धरम ने सीमा से फिर कहा, “प्लीज़! सीमा, एक बार चूम लो।”

सीमा ने शरमाते हुए धरम के लंड को चूम लिया। उसके बाद हम नहाने के लिये जाने लगे। अभी तक हम सब ने एक साथ नहीं नहाया था।

मैंने सीमा से कहा, “तुम भी साथ में नहाने चलो, हम सब साथ ही नहायेंगे।”

वो बोली, “नहीं, तुम दोनों नहा लो, मैं उसके बाद नहा लुँगी। मुझे शरम आती है।”

मैंने कहा, “अब काहे कि शरम। तुम धरम का लंड अपने हाथ से पकड़ चुकी हो। उसके लंड को चूम भी चुकी हो। मुझे धरम से चुदवाते हुआ भी देख चुकी हो। अब बाकी क्या बचा है। आ जाओ।”

मैं उसका हाथ पकड़ कर बाथरूम में ले गयी। धरम भी मेरे पीछे-पीछे बाथरूम में आ गया। धरम ने सीमा का हाथ पकड़ कर उसे शॉवर के नीचे खड़ा कर दिया तो उसका सारा बदन भीग गया। हम सब एक दूसरे से मज़ाक करते हुए नहाने लगे। मैं धरम के बदन पर साबून लगा रही थी और धरम मेरे बदन पर साबून लगा रहे थे।

मैंने सीमा से कहा, “तुम भी अपने जीजू के बदन पर साबून लगा दो।”

उसने शरमाते हुए धरम के बदन पर साबून लगाना शुरु कर दिया। धरम ने अपना लंड सीमा के सामने कर दिया और कहा, “इस पर भी तो साबून लगा दो।”

सीमा कुछ नहीं बोली और चुपचाप धरम के लंड पर भी साबून लगाने लगी। सीमा के साबून लगाने से धरम का लंड खड़ा हो गया तो धरम ने कहा, “सीमा, अब रहने दो। अब मैं तुम्हारे बदन पर साबून लगा देता हूँ।”

सीमा एक दम चुप रही। धरम ने सीमा के बदन पर साबून लगाना शुरु कर दिया। धरम ने सीमा के बूब्स को साबून लगा-लगा कर खूब मसला। उसके बाद सीमा की चूत पर साबून लगाना शुरु कर दिया। वो कुछ नहीं बोली। थोड़ी ही देर में वो जोश में आ गयी और सिसकरियाँ भरने लगी। धरम ने एक अँगुली सीमा की चूत में डाल दी और अंदर-बाहर करना शुरु कर दिया। सीमा जोश के मारे एक दम पागल सी होने लगी। वो मुझे पकड़ कर मुझसे एक दम चिपक गयी और मेरे होंठों को चूमने लगी। वो बहुत ज्यादा जोश में आ चुकी थी।

थोड़ी देर बाद सीमा की चूत से पानी निकलने लगा। पूरा पानी निकल जाने के बाद सीमा ने धरम का हाथ पकड़ा और उसकी अँगुली अपने चूत से निकाल दी। धरम हट गये और शॉवर के नीचे नहाने लगे। सीमा थोड़ी देर तक मुझसे चिपकी रही, फिर उसके बाद वो बैठ गयी और नहाने लगी। जब धरम के बदन का सारा साबून धुल गया तो उन्होंने अपना लंड सीमा के मुँह के पास कर दिया और कहा, “चूसोगी इसे?”

सीमा ने चुपचाप धरम का लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। वो बड़े प्यार से धरम का लंड चूस रही थी। धरम ने उसके सिर पर अपना हाथ फिराना शुरु कर दिया। वो बहुत देर तक धरम का लंड चूसती रही। थोड़ी देर बाद धरम ने मुझे आँख मारी तो मैं समझ गयी कि वो झड़ने वाला है।

कुछ ही देर बाद सीमा के मुँह में धरम के लंड का पानी निकलने लगा। मैं सोच रही थी कि सीमा धरम के लंड का पानी थूक देगी लेकिन उसने धरम के लंड का सारा पानी निगल लिया। पूरा पानी निगल जाने के बाद उसने मेरी ही तरह धरम का लंड चाटना शुरु कर दिया और चाट-चाट कर एक दम साफ़ कर दिया। वो बहुत खुश थी और धरम भी बहुत खुश थे। उसके बाद हम सब नहाने लगे। नहाने के बाद हम सब बाथरूम से बाहर आ गये। सीमा ने कपड़े उठाने चाहे तो धरम ने कहा, “हमारे अलावा घर में तो कोई नहीं है। संडे को हम सारा दिन नंगे ही रहते हैं। आज तुम भी कपड़े मत पहनो।”

वो मना करने लगी तो मैंने सीमा से कहा, “अब मान भी जाओ। ज्यादा नाटक मत करो।”

वो बोली, “तू बड़ी बेशरम है और मुझे भी बेशरम बना रही है।”

मैंने कहा, “अब काहे की शरम। आज तुम ऐसे ही रहो।”

वो कुछ नहीं बोली। हम सब नंगे ही रहे। मैंने बस ऊँची हील के सैंडल पहन लिये क्योंकि धरम का और मेरा भी मानना था कि हाई हील के सैंडल पहनने से मेरा फिगर खासतौर से गाँड और भी ज्यादा सैक्सी लगती है और चाल में भी एक नज़ाकत आ जाती है । मैं खुद भी हाई हील के सैंडल पहन कर काफी सैक्सी महसूस करती हूँ। मैंने सीमा को भी ऊँची हील वाले सैंडल पहना दिये और उसका हाथ पकड़ा और किचन में नाश्ता बनाने चली गयी। हम दोनों ने नाश्ता बनाया और फिर नाश्ता ले कर बेडरूम में आ गये। बेड पर बैठ कर हम सब नाश्ता करने लगे।

धरम ने सीमा को छेड़ा, “सीमा, हेमा तो अपने बाल साफ़ करके रखती है लेकिन तुम अपने बाल साफ़ नहीं करती क्या?”

वो थोड़ा शरमाते हुए बोली, “मौका नहीं मिला। नहीं तो मैं भी अपने बाल साफ़ करके ही रखती हूँ।”

धरम बोले, “अगर तुमको ऐतराज़ ना हो तो लाओ मैं तुम्हारे बाल साफ़ कर दूँ। मैं तो हेमा के बाल साफ़ कर देता हूँ।”

वो बोली, “जीजू, रहने दो, मैं खुद ही साफ़ कर लुँगी।”

मैंने कहा, “अगर धरम कह रहे हैं तो आज उनसे ही अपने बाल साफ़ करा लो।”

वो कुछ नहीं बोली। नाश्ता करने के बाद मैं ड्रेसिंग टेबल से शेविंग किट निकाल कर ले आयी। धरम ने सीमा से कहा, “सीमा, अब तुम लेट जाओ।”

सीमा चुपचाप लेट गयी। धरम ने सीमा की टाँगें फैला दी और उसके बाल साफ़ करने शुरु कर दिये। सीमा को गुदगुदी होने लगी तो उसने सिसकरियाँ भरना शुरु कर दिया। थोड़ी ही देर में धरम ने सीमा की चूत के बाल साफ़ कर दिये। उसके बाद धरम ने उसकी चूत पर हाथ फिराना शुरु कर दिया और बोले, “अब तुम्हारी चूत अच्छी लग रही है।”

सीमा पहले ही बहुत ज्यादा जोश में आ गयी थी। धरम के हाथ फिराने से थोड़ी ही देर में वो झड़ गयी। उसकी चूत से पानी निकलता देख धरम ने कहा, “साली जी, तुम्हारी चूत से तो पानी निकाल रहा है।”

वो बोली, “जीजू, आज तक मेरी चूत को राज के अलावा किसी दूसरे ने नहीं साफ़ किया था इसलिये मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी। मैं अपने आपको रोक नहीं पायी और पानी निकल गया। मैं इसी लिये आप को मना कर रही थी।”

धरम ने कहा, “कोई बात नहीं है। मैं तो हेमा की चूत का पानी रोज ही चाट लेता हूँ। आज मैं तुम्हारी चूत का पानी भी चाट कर देखुँगा कि उसका टेस्ट कैसा है।”

इतना कह कर धरम ने सीमा के चूत पर अपनी जीभ लगा दी और उसकी चूत को चाटने लगे। सीमा पागल सी होने लगी। थोड़ी देर बाद जब उसकी चूत साफ़ हो गयी तो धरम हट गये। सीमा बेड पर पड़ी हुई अभी भी सिसकरियाँ भर रही थी। मैं चाहती थी कि सीमा खुद ही धरम से चुदवाने के लिये तैयार हो जाये। तब ही उसकी आग भड़केगी और मैं उसकी सैक्स की आग को भड़काना चाहती थी। थोड़ी देर बाद वो शाँत हो गयी।

दोपहर के बारह बजे धरम ने कहा, “रानी, चुदवाने के लिये तैयार हो जाओ।”

मैंने कहा, “मैं तैयार हूँ।”

धरम ने कहा, “अगर सीमा मेरे लंड को चूस कर खड़ा कर दे तो तुम्हें चोदने में और मज़ा आयेगा।”

मैंने कहा, “सीमा से पूछ लो।”

धरम ने अपना लंड सीमा के मुँह के पास कर दिया। सीमा थोड़ी देर तक देखती रही। फिर उसने शरमाते हुए धरम का लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। पहले वो थोड़ा शरमाते हुए चूस रही थी लेकिन जब वो जोश में आ गयी तो उसने तेजी के साथ धरम का लंड चूसना शुरु कर दिया।

जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो उसने अपना लंड सीमा के मुँह से बाहर निकाला और मेरी चूत में घुसेड़ दिया। उसके बाद धरम ने मुझे चोदना शुरु कर दिया। सीमा भी जोश में आ गयी थी लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी। वो केवल धरम को मुझे चोदता हुआ ध्यान से देखती रही। धरम ने सीमा के बूब्स को पकड़ लिया और उसके बूब्स को मसलते हुए मुझे चोदने लगे। धरम ने सीमा से पूछा, “सीमा, कैसा चोद रहा हूँ हेमा को?”

सीमा बोली, “बहुत ही अच्छी तरह।”

बीस-पच्चीस मिनट की चुदाई के बाद धरम की स्पीड एक दम बढ़ गयी। सीमा भी जोश के मारे अपनी चूत को सहला रही थी। थोड़ी देर बाद जब धरम झड़ गये तो उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल कर सीमा के मुँह के पास कर दिया और पूछा, “चाटोगी इसे?”

सीमा तो जोश में थी। उसने धरम का लंड अपने हाथ में ले लिया और चाटने लगी। मैं मन ही मन खुश हो रही थी। मैंने सीमा से पूछा, “कैसा लग रहा है?”

वो बोली, “ठीक ही है।”

मैंने सीमा की चूत पर हाथ लगाया तो उसकी चूत एक दम गीली हो चुकी थी। मैंने सीमा की चूत में अपनी अँगुली डाल दी और अंदर बाहर करने लगी। वो अभी भी धरम का लंड चाट रही थी। जोश में आकर वो सिसकरियाँ भरने लगी और थोड़ी ही देर बाद वो झड़ गयी।

जब उसने धरम का लंड चाट-चाट कर साफ़ कर दिया तो मैंने सीमा से कहा, “तुमने धरम का लंड तो चाट कर साफ़ कर दिया। अब मैं तुम्हारी चूत को भी चाट कर साफ़ कर देती हूँ।”

धरम ने मुझसे कहा, “तुम क्यों तकलीफ करती हो। मैं ही सीमा की चूत को चाट कर साफ़ कर देता हूँ।”

सीमा कुछ नहीं बोली। धरम ने सीमा की चूत को चाटना शुरु कर दिया। जब धरम ने सीमा की चूत को चाट कर साफ़ कर दिया तो मैंने धरम से कहा, “मेरी चूत को कौन चाट कर साफ़ करेगा?”

धरम ने कहा, “आज तुम सीमा से साफ़ करा लो।”

मैंने सीमा से कहा तो उसने मेरी चूत को चाट कर साफ़ करना शुरु कर दिया। उसके बाद हम सब बेड पर लेट कर आराम करने लगे। लगभग तीन बजे धरम ने मुझसे कहा, “हेमा, अगले राऊँड के लिये तैयार हो जाओ।”

मैंने कहा, “मैं तैयार हूँ।”

सीमा भी जाग रही थी। धरम ने सीमा से पूछा, “मेरा लंड चूसोगी?”

उसने शरमाते हुए कहा, “हाँ।”

धरम ने अपना लंड सीमा के मुँह के पास कर दिया और सीमा ने उसे मुँह में लेकर चूसना शुरु कर दिया। धरम मेरी चूत को चाटने लगे। सीमा इस बार धरम के लंड को बड़े प्यार से चूस रही थी। वो अपने हाथों से धरम की दोनों गोलियाँ भी सहला रही थी। जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो उसने अपना लंड सीमा के मुँह से बाहर निकाला और सीमा से कहा, “मज़ा आ गया। इस बार तुमने मेरा लंड बड़े प्यार से चूसा है।”

धरम मेरे ऊपर आ गये और मुझे चोदने लगे। सीमा बैठ कर बड़े ध्यान से देख रही थी और अपनी चूत को सहला रही थी। उसकी आँखें एक दम गुलाबी हो गयी थी। धरम बहुत ही तेजी के साथ मुझे चोद रहे थे। दस मिनट चुदवाने के बाद मैं झड़ गयी तो धरम ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी। लगभग बीस मिनट की चुदाई के बाद जब मैं फिर से झड़ गयी तो धरम ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मुझसे डॉगी स्टाइल में होने को कहा। मैं डॉगी स्टाइल में हो गयी। धरम मेरे पीछे आ गये और मुझे चोदने लगे। वो बहुत ही तेजी के साथ मुझे चोद रहे थे। दस-पंद्रह मिनट तक और चोदने के बाद धरम झड़ गये और उनके साथ ही साथ मैं भी झड़ गयी। धरम ने अपना लंड मेरी चूत से निकाल कर सीमा के मुँह के पास कर दिया तो सीमा ने धरम के लंड को चाटना शुरु कर दिया।

उसके बाद मैंने सीमा से अपनी चूत को चाटने को कहा तो उसने मेरी चूत को भी चाट-चाट कर साफ़ कर दिया। लगभग पाँच बजे धरम फिर से तैयार हो गये। इस बार सीमा ने बिना कुछ कहे ही धरम का लंड चूसना शुरु कर दिया। धरम मेरी चूत को चाट रहे थे।

जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो धरम ने सीमा से कहा, “लेट जाओ।”

वो चुपचाप लेट गयी। धरम उसकी टाँगों के बीच आ गये और अपना लंड सीमा की चूत पर रख दिया। सीमा फिर भी कुछ भी नहीं बोली। मैं समझ गयी कि वो चुदवाने के लिये एक दम तैयार है। मैंने धरम से कहा, “ये क्या कर रहे हो?”

वो बोले, “कुछ नहीं। मैं केवल अपना लंड थोड़ी देर तक सीमा की चूत पर रगड़ुँगा।”

मैंने कहा, “अच्छा ठीक है। लेकिन कुछ और मत करना।” वो अपना लंड सीमा की चूत पर रगड़ने लगे। दो मिनट में ही सीमा झड़ गयी तो धरम हट गये।

सीमा ने धरम को पकड़ लिया और बोली, “आग लगा कर भाग रहे हो। अपने लंड के पानी से इस आग को बुझा दो प्लीज़।”

धरम ने कहा, “बाद में बुझा दुँगा।”

वो कुछ नहीं बोली। उसके बाद धरम ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगे। बीस-पच्चीस मिनट की चुदाई के बाद जब धरम झड़ने वाले थे तो उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया और मुझसे बोले, “इस बार मैं अपने लंड के पानी से सीमा की चूत की आग बुझा देता हूँ।”

वो फिर से सीमा की टाँगों के बीच आ गये। उन्होंने सीमा की चूत पर फिर से अपना लंड रगड़ना शुरु कर दिया। सीमा जोश से पागल हुई जा रही थी। दो-तीन मिनट बाद धरम के लंड से पानी निकलने लगा तो धरम ने सारा पानी सीमा की चूत पर और उसके आसपास गिरा दिया। लंड का पूरा पानी गिरा देने के बाद धरम ने सीमा से पूछा, “मैंने आग पर पानी डाल दिया है। अब आग ठंडी हो गयी?”

सीमा बोली, “इस तरह तो आपने मेरी आग को और भड़का दिया। मेरी आग तभी ठंडी होगी जब आप हेमा की तरह ही मुझे भी खूब चोदेंगे।”

धरम बोले, “मेरा लंड तुमने देख ही लिया है। इसे अपनी चूत के अंदर ले पाओगी। तुम्हारी चूत फट जायेगी।”

वो बोली, “जब हेमा आपका इतना बड़ा लंड अपनी चूत के अंदर ले लेती है तो मैं भी इसे पूरा अंदर ले लुँगी। मैं अपनी चूत की आग में जल रही हूँ। मुझे तो बस केवल आपसे चुदवाना है भले ही मेरी चूत फट जाये। मेरी आग बुझा दो प्लीज़।”

धरम ने कहा, “अगर तू कहती हो तो मैं अगले राऊँड में तुम्हें चोद दुँगा। तुम हेमा से पूछ लो। उसको कोई ऐतराज़ तो नहीं है।”

हेमा बोली, “सीमा तैयार है तो भला मुझे क्या ऐतराज़ हो सकता है। आखिर ये मेरी बहन है।”

अब आगे की कहानी सीमा की ज़ुबानी:

रात के सात बजे मैंने धरम का लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। थोड़ी ही देर में धरम का लंड खड़ा हो गया। धरम ने मुझे लिटा दिया और मेरी टाँगों के बीच आ गये। उन्होंने मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया। मेरे सारे बदन ने सुरसुरी सी होने लगी। मैं जोश से पागल हुई जा रही थी। दो मिनट में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। मैंने धरम को अपनी बाँहों में जोर से जकड़ लिया। धरम मेरे होंठों को चूमने लगे। थोड़ी देर बाद धरम ने मुझसे डॉगी स्टाइल में होने को कहा। मैं बहुत ज्यादा जोश में थी और तुरंत ही डॉगी स्टाइल में हो गयी। धरम मेरे पीछे आ गये। उन्होंने मेरी चूत की लिप्स को फैला कर अपने लंड का टोपा बीच में रख दिया। मेरे सारे बदन में गुदगुदी सी होने लगी और मैं सिसकरियाँ भरने लगी।

धरम ने मेरी कमर को पकड़ा और बोले, “सीमा, अब मैं तुम्हारी चूत में अपना लंड घुसाने जा रहा हूँ। अब तुम दर्द सहने के लिये तैयार हो जाओ।”

मैंने कहा, “मुझे चाहे जितना दर्द हो मैं तो बस केवल आपका पूरा लंड अपनी चूत के अंदर लेना चाहती हूँ। आपने मेरी सैक्स की आग को भड़का दिया है। मैं आप से खूब चुदवाना चाहती हूँ।”

हेमा बोली, “अगर तू ही चुदवाती रहेगी तो मेरा क्या होगा। मैं तो चुदवाये बिना नहीं रह सकती।”

मैंने कहा, “मुझे चुदवा लेने दे फिर तू भी चुदवा लेना।”

धरम ने अपना लंड मेरी चूत के अंदर दबाना शुरु कर दिया। उसका लंड धीरे-धीरे मेरी चूत के अंदर घुसता जा रहा था। पहले तो मुझे बहुत कम दर्द हुआ लेकिन जब उसका लंड और ज्यादा गहरायी तक मेरी चूत के अंदर चला गया तो मुझे दर्द होने लगा। मैंने धरम को रोका नहीं। वो अभी भी अपना लंड मेरी चूत में दबाता जा रहा था। उसका लंड मेरी चूत में और ज्यादा गहरायी तक घुसता जा रहा था। मैंने अपने होंठ जकड़ लिये जिससे मेरे मुँह से चींख ना निकले। जब मेरी चूत का दर्द बर्दाश्त से बाहर हो गया तो मैंने धरम से रुक जाने को कहा। वो रुक गया। मैंने पूछा, “कितना घुसा है तुम्हारा लंड?”

वो बोला, “अभी तो केवल पाँच इंच ही घुस पाया है!”

मैं राज के पाँच इंच के लंड से चुदवाने की आदी थी और धरम का लंड पाँच इंच तक मेरी चूत में घुस चुका था। मुझे बहुत ज्यादा दर्द इसलिये भी हुआ क्योंकि धरम का लंड राज के लंड से बहुत ज्यादा मोटा था। थोड़ी देर बाद मैंने धरम से और ज्यादा लंड चूत के अंदर ना घुसाते हुए चोदने को कहा।

उसने अपना लंड पाँच इंच तक ही मेरी चूत में डालते हुए अंदर बाहर करना शुरु कर दिया। मेरी चूत ने धरम का लंड एक दम जकड़ रखा था। थोड़ी देर बाद जब मेरी चूत कुछ ढीली हो गयी तो मेरा दर्द काम हो गया।

मैं जोश में आ कर सिसकरियाँ भरने लगी। मैंने अपने चूतड़ भी आगे पीछे करने शुरु कर दिये। दो-तीन मिनट में ही मैं झड़ गयी। झड़ने के बाद मेरी चूत और ज्यादा गीली हो गयी तो धरम ने एक धक्का लगा दिया। मुझे बहुत तेज़ दर्द हुआ और मैं चिल्लाने लगी।

हेमा बोली, “क्या हुआ। अभी तो धरम का लंड केवल छः इंच ही घुसा है और तू चिल्ला रही है। अभी तो दो इंच बाकी है। जब धरम पूरा लंड अंदर डाल देगा तो तेरा क्या हाल होगा?”

“थोड़ा सब्र कर! मैं तो जीजू का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर लुँगी, चाहे जो हो जाये।”

धरम ने हेमा से कहा, “तुम सीमा का मुँह जोर से दबा दो, जिससे मैं अपना पूरा लंड इसकी चूत में डाल दूँ। नहीं तो जैसे पहले तुम चिल्लाती थी उसी तरह ये भी बहुत चिल्लायेगी और मैं एक बार में पूरा लंड इसकी चूत में नहीं डाल पाऊँगा। पूरा लंड डालने के लिये मुझे सीमा की कई बार चुदाई करनी पड़ेगी और उसे कई बार दर्द होगा।”

हेमा ने मेरे मुँह जोर से दबा कर पकड़ लिया। धरम ने पूरी ताकत के साथ तीन-चार जोरदार धक्के और लगा दिये। मैं दर्द के मारे तड़पने लगी। मेरा बदन थरथर काँपने लगा। मुँह दबा होने की वजह से मेरे मुँह से केवल गूँ-गूँ की आवाज़ ही निकाल पा रही थी। मेरा पूरा चेहरा पसीने से भीग गया। धरम का लंड अब एक दम जड़ तक मेरी चूत में समा चुका था। हेमा मेरा मुँह दबाये रही और धरम ने धक्के लगाने शुरु कर दिये। वो अभी धीरे-धीरे धक्के लगा रहे थे। चार-पाँच मिनट में ही मैं फिर से झड़ गयी तो मेरी चूत एक दम गीली हो गयी। अब धरम का लंड मेरी चूत में थोड़ा आसानी से अंदर बाहर होने लगा था। मेरा दर्द भी कुछ हद तक काम हो चुका था। अब मैं ज्यादा नहीं चिल्ला रही थी। हेमा ने अपना हाथ मेरे मुँह से हटा लिया।

हेमा ने मुझसे पूछा, “धरम का पूरा लंड अब तुम्हारी चूत के अंदर है। कैसा लग रहा है?”

मैंने कहा, “अच्छा लग रहा है लेकिन अभी भी दर्द बहुत दर्द हो रहा है।”

हेमा बोली, “अभी जब धरम की स्पीड बढ़ जायेगी तब फिर से दर्द होगा। तुम ये दर्द बर्दाश्त कर लेना। फिर बाद में तुझे बहुत मज़ा आयेगा।”

इतना कह कर हेमा ने अपनी चूत मेरे मुँह के पास कर दी और बोली, “तुम मेरी चूत को चाटो। इससे तुम्हें दर्द काम महसूस होगा!”

मैं हेमा की चूत को चाटने लगी। धरम ने अपनी स्पीड थोड़ा तेज़ कर दी। मुझे फिर से दर्द होने लगा और मैं कराहने लगी। मैंने अपने दोनों होंठ एक दूसरे पर कस लिये। दस मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गयी। अब तक मेरा दर्द और कम हो गया था। मेरे झड़ जाने के बाद धरम ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी। मैं फिर से कराहने लगी।

लगभग दस मिनट तक और चुदवाने के बाद मैं फिर से झड़ गयी। अब धरम का लंड मेरी चूत में आराम से अंदर बाहर होने लगा था। मेरा दर्द एक दम कम हो गया था। अब मैं भी अपने चूतड़ आगे-पीछे करके धरम का साथ देने लगी थी। धरम ने मुझे अब गज़ब की स्पीड से चोदना शुरु कर दिया। उसका हर धक्का मेरी बच्चे-दानी को पीछे ढकेल रहा था। मेरे पेट में भी दर्द होने लगा। उसका हर धक्का मेरे ऊपर भारी पड़ रहा था। मेरा सारा बदन पसीने से नहा गया था। मेरी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी। इस बार पाँच मिनट की चुदाई में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।

मैंने हेमा से कहा, “मैं नहीं जानती थी कि चुदवाने में इतना मज़ा भी आता है। मैं राज से चुदवाने में उसका साथ नहीं देती थी। मैंने राज के साथ बहुत बुरा किया है। राज तो धरम की तरह ही सैक्सी है। दोनों में अंतर केवल लंड के साइज़ का है। मुझे सैक्स में मज़ा नहीं आता था। धरम जैसे तुम्हें खूब चोदता है वैसे ही राज भी मुझे खूब चोदना चाहता है। मैंने उसे बहुत तड़पाया है। अब मैं उसे बिल्कुल नहीं तड़पाऊँगी। उससे खूब चुदवाऊँगी।”

हेमा ने कहा, “चलो ठीक ही है। देर से ही सही तुम्हें ये बात तो समझ में आ गयी। जानती हो सीमा जब पति का पेट अपनी बीवी से नहीं भरता तो वो दूसरी औरत के पास अपनी भूख मिटाने चला जाता है। इसलिये हर औरत को अपने पति की सैक्स की भूख को शाँत रखना चाहिये।”

मैंने कहा, “हाँ, अब मैं समझ गयी हूँ। तुमने मुझ पर बहुत उपकार किया है।”

अब तक मुझे चुदवाते हुए दस मिनट और बीत चुके थे। मैं पहले ही कई बार झड़ चुकी थी। धरम अभी भी मुझे उसी स्पीड में चोद रहे थे। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं चाहती थी कि धरम मुझे इसी तरह पूरी रात चोदते रहें। थोड़ी ही देर में मेरी चूत से फिर से पानी निकलने लगा। मैं बहुत ज्यादा जोश में आ गयी थी और बड़े प्यार से हेमा की चूत को चाट रही थी। धरम ने अभी भी मुझे उसी स्पीड में चोदना जारी रखा था।

अब तक मुझे चुदवाते हुए लगभग बीस मिनट और हो गये थे। धरम की स्पीड और तेज़ हो गयी तो मैं समझ गयी कि अब धरम का नंबर आ गया है। तभी मैंने ने हेमा की चूत को और ज्यादा तेजी से चाटना शुरु कर दिया। मैं फिर झड़ने वाली थी। तभी धरम ने मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया और रुक-रुक कर धक्के लगाने शुरु कर दिये। धरम के लंड से पानी निकलने लगा और मेरी चूत भरने लगी। धरम के साथ ही साथ मैं भी फिर से एक बार और झड़ गयी। जब हम दोनों पूरी तरह से झड़ गये तो धरम ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला। हेमा ने धरम के लंड को चाट-चाट कर साफ़ करना शुरु कर दिया और धरम मेरी चूत को चाट कर साफ़ करने लगा। धरम का लंड साफ़ करने के बाद हेमा मेरी चूत को देखने लगी तो मैंने कहा, “मेरी चूत को क्या देख रही है?”

हेमा बोली, “मैं देख रही हूँ कि आज पहली बार इतने मोटे और लंबे लंड से खूब चुदवाने के बाद तुम्हारी चूत कैसी दिख रही है।”

हेमा ने मेरी चूत को देखते हुए कहा, “धरम का लंड राज के लंड से बहुत लंबा और मोटा है। इसलिये तुम्हारी चूत तो एक दम चौड़ी हो गयी है और कई जगह से कट भी गयी है।”

मैंने कहा, “मैं भी अपनी चूत की हालत देखना चाहती हूँ।”

हेमा ड्रेसिंग टेबल से एक मिरर ले आयी और उस मिरर में मुझे मेरी चूत दिखाने लगी। मैंने अपनी चूत को मिरर में देखा तो मैंने कहा, “मैं नहीं जानती थी कि धरम से चुदवा कर मेरी चूत इतनी ज्यादा चौड़ी हो जायेगी। मेरी चूत तो कई जगह से कट भी गयी। जब राज मुझे चोदेंगे तो उनको पता चल जायेगा। मैं उनसे क्या कहुँगी। मैंने जोश में आ कर जीजू से चुदवा कर बहुत गलत काम किया है।”

हेमा बोली, “तुम्हें चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। मैं तुम्हें सैक्सी बनाने के लिये ही यहाँ लायी हूँ। मैंने राज से पहले ही कह दिया था कि तुम्हें सैक्सी बनाने के लिये मुझे तुम्हारी चुदाई धरम से करानी पड़ेगी। उस दिन जब तुम अपनी फ्रैंड के पास गयी थी तब राज ने मुझे सीमा समझा था और मुझे पकड़ लिया था। मैंने भी मज़ा लेने के लिये राज से खूब चुदवाया था। तुम केवल धरम से खूब चुदवाओ और मज़ा लो। राज की चिंता मत करो।”

थोड़ी देर बाद मेरी चूत एक दम डबल रोटी की तरह सूज गयी।

आगे की कहानी हेमा की ज़ुबानी:

रात के आठ बजे मैंने धरम के लंड को चूसना शुरु कर दिया। सीमा बोली, “हेमा, एक बार मुझे और चुदवा लेने दे।”

मैंने कहा, “आज संडे है और मैंने तुझे बताया था कि संडे को रात में धरम एक बार मेरी गाँड मारते हैं।”

सीमा बोली, “मैं तो भूल ही गयी थी। मैं भी ज़रा देखूँ कि तू इतना बड़ा लंड अपनी गाँड के अंदर कैसे लेती है।

मैंने कहा, “तू बस केवल देखती जा।”

धरम का लंड जब खड़ा हो गया तो मैं डॉगी स्टाइल में हो गयी। धरम ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगे।

सीमा बोली, “तू मुझे बेवकूफ़ बना रही है। धरम तो तेरी चूत की चुदाई कर रहे हैं।”

मैंने कहा, “अभी जब मैं झड़ जाऊँगी तो धरम का लंड और मेरी चूत एक दम गीली हो जायेगी। वो पानी ऑयल का काम करेगा!”