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पाँच मिनट बाद मैं झड़ गयी तो धरम का लंड एक दम गीला हो गया। धरम ने मेरी चूत का पानी मेरी गाँड पर लगा दिया। उसके बाद उन्होंने अपना लंड मेरी गाँड के छेद पर रखा और अंदर दबाने लगे। हेमा आँखें फाड़े देखती रही। थोड़ी ही देर में धरम का पूरा का पूरा लंड मेरी गाँड में घुस गया। उसके बाद धरम धक्के लगाने लगे। मैंने भी आगे पीछे होकर धरम का साथ देना शुरु कर दिया।

सीमा बोली, “ये तो पूरा तेरी गाँड के अंदर चला गया।”

मैंने कहा, “देख लिया ना तुमने। अगर तुम्हें भी गाँड मरवानी हो तो धरम को बता देना।”

सीमा बोली, “इतना बड़ा लंड मैं अपनी गाँड में कैसे ले पाऊँगी। मुझे तो धरम का लंड अपनी चूत के अंदर लेने में ही बहुत दर्द सहना पड़ा।”

मैंने कहा, “ये धरम का काम है। एक बार में तू धरम का पूरा लंड अपनी गाँड के अंदर नहीं ले पायेगी। इसके लिये तुझे धरम से कम से कम दो-तीन बार गाँड मरवानी पड़ेगी। तब कहीं जाकर तू इसका पूरा लंड अपनी गाँड के अंदर ले पायेगी लेकिन इसमें दर्द बहुत होगा। तुझे तो केवल दर्द बर्दाश्त करना पड़ेगा।”

अब तक धरम को मेरी गाँड मारते हुए बीस-पच्चीस मिनट हो चुके थे और वो झड़ने ही वाले थे। उन्होंने खूब जोर-जोर से धक्के लगाने शुरु कर दिये थे। दो-तीन मिनट में ही वो मेरी गाँड में झड़ गये। झड़ने के बाद जब धरम ने अपना लंड मेरी गाँड से बाहर निकाला तो सीमा मेरी गाँड देखने लगी। धरम ने अपना लंड टॉवल से साफ़ किया और लेट गये। हम तीनों नंगे ही सो गये। मैंने और सीमा ने तो अपने सैंडल भी नहीं उतारे थे।

दूसरे दिन सुबह धरम ने कहा, “अब कौन मुझसे चुदवायेगा।”

सीमा बोली, “मैं चुदवाऊँगी।”

सीमा ने धरम का लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी। फिर थोड़ी ही देर बाद उसने धरम का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं समझ गयी कि अब सीमा की सैक्स की भूख जाग चुकी है। थोड़ी देर बाद जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो उसने सीमा को बेड के किनारे लिटा दिया और खुद ज़मीन पर खड़े हो गये और उसकी टाँगों के बीच आ गये।

उन्होंने सीमा की टाँगों को पकड़ कर दूर-दूर फैला दिया और अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया। सीमा इतने ज्यादा जोश में थी कि उसने अपने चूतड़ ऊपर उठा दिये। धरम ने एक धक्का मारा तो सीमा के मुँह से एक आह सी निकाल गयी। धरम का लंड एक ही धक्के में आधे से ज्यादा सीमा की चूत में समा चुका था। धरम ने जब दूसरा धक्का लगाया तो सीमा फिर से चिल्ला पड़ी। धरम का पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। फिर धरम ने धक्के मारने शुरु कर दिये।

धरम भी नयी चूत पा कर बहुत ज्यादा जोश में था और खूब जोर जोर के धक्के लगा रहा था। सीमा भी जोश से पागल हुई जा रही थी और वो अपने चूतड़ उठा-उठा कर धरम का साथ दे रही थी। इस बार धरम ने सीमा को लगभग पैंतालीस मिनट तक चोदा और फिर उसकी चूत में ही झड़ गये।

सीमा इस बार की चुदाई के दौरान चार बार झड़ चुकी थी। उसे इस बार की चुदाई में खूब मज़ा आया। धरम ने अपना लंड सीमा की चूत से बाहर निकाला तो सीमा ने झट से उसका लंड पकड़ लिया और चाटने लगी। उसने धरम का लंड चाट-चाट कर साफ़ कर दिया। उसके बाद धरम ने भी सीमा की चूत चाट कर साफ़ करनी शुरु कर दी। उसके बाद हम सब ने साथ ही साथ नहाया और नाश्ता किया। दस बजने वाले थे। धरम तैयार हो कर ऑफिस जाने लगे।

सीमा ने भी मुस्कुरा कर उसको बॉय-बॉय किया। सीमा ने मुझसे पूछा, “मैं भी धरम से गाँड मरवाना चाहती हूँ। बहुत ज्यादा दर्द तो नहीं होगा?”

मैंने कहा, “तू राज से चुदवाने की आदी थी लेकिन फिर भी धरम का लंड तुझे अंदर लेने में बहुत तकलीफ हुई। तूने कभी गाँड नहीं मरवायी है। तेरी गाँड का छेद बहुत छोटा होगा। सोच ले कितना दर्द होगा। लेकिन जब दो-तीन बार गाँड मरवाने के बाद धरम का पूरा तेरी गाँड में आराम से अंदर-बाहर होने लगेगा तो उसके बाद चूत चुदवाने से भी बहुत ज्यादा मज़ा गाँड मरवाने में आयेगा।”

सीमा बोली, “ठीक है। मैं सारा दर्द किसी तरह बर्दाश्त कर लुँगी। तू धरम से कह दे कि आज रात से मेरी गाँड मारना शुरु कर दे।”

मैंने कहा, “बहुत दर्द होगा। तू एक बार फिर से सोच ले। अगर एक बार धरम ने तेरी गाँड मर ली तो पूरा लंड तेरी गाँड के अंदर डालने के लिये वो तेरी गाँड दो-तीन बार ज़रूर मारेग। भले ही तू कितना चिल्लाये या मना करे। मैंने तुझे बताया था ना कि धरम ने शुरु-शुरु में मेरी गाँड कैसे मारी थी।”

सीमा बोली, “मैंने सोच लिया है। मैं धरम से ज़रूर गाँड मरवाऊँगी।”

मैंने कहा, “ठीक है। मैं धरम से कह दुँगी।”

अभी ग्यारह ही बजे थे कि कॉल-बेल बजी। मैंने दरवाजा खोला तो धरम थे। मैंने पूछा, “आज इतनी जल्दी कैसे? ऑफिस नहीं गये क्या?”

वो बोले, “किसी वजह से ऑफिस तीन दिनों के लिये बंद है।”

मैं खुश हो गयी। मैंने धरम से कहा, “सीमा भी तुमसे गाँड मरवाना चाहती है।”

धरम बोले, “तुमने उसे अपनी पूरी कहानी बता दी ना?”

मैंने कहा, “हाँ, मैंने सब बता दिया है। वो राज़ी है।”

धरम ने कहा, “फिर ठीक है। मैं उसकी गाँड भी मार दुँगा।”

उसके बाद मैंने और सीमा ने खाना बनाया। फिर हम सब खाना खाने लगे। खाना खाने के बाद हम सब ने थोड़ा आराम किया। दो बजे धरम ने सीमा से कहा, “तुम गाँड मराने के लिये हेमा से कह रही थी। तैयार हो?”

सीमा बोली, “हाँ, मैं तैयार हूँ।”

धरम ने उसे अपना लंड चूसने के लिये कहा तो सीमा धरम का लंड चूसने लगी। थोड़ी देर बाद जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो उसने सीमा से डॉगी स्टाइल में होने को कहा। सीमा डॉगी स्टाइल में हो गयी। धरम ने उसकी चूत में अपना लंड डालना शुरु किया तो सीमा को थोड़ा सा दर्द हुआ क्योंकि उसकी चूत अभी भी पूरी तरह से चौड़ी नहीं हुई थी।

दो-तीन धक्कों के बाद धरम का पूरा लंड सीमा की चूत में घुस गया। सीमा केवल हल्की हल्की आह भर रही थी। धरम ने उसे चोदना शुरु कर दिया। वो जोर-जोर से धक्के लगाता हुआ सीमा को चोद रहा था। पाँच मिनट बाद ही सीमा झड़ गयी तो धरम ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और उसने सीमा की चूत का पानी उसकी गाँड के छेद पर लगा दिया। उसके बाद धरम ने अपनी एक अँगुली सीमा की गाँड में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा। सीमा ने केवल एक सिसकरी सी ली। थोड़ी देर बाद धरम ने अपनी दूसरी अँगुली भी सीमा की गाँड में डाल दी। सीमा ने फिर से एक सिसकरी भरी। धरम सीमा की गाँड में अँगुली डालते हुए कुछ सोच रहे थे।

मैंने पूछा, “क्या सोच रहे हो?”

वो बोले, “मैं ये सोच रहा हूँ कि सीमा की गाँड में पूरा लंड एक ही बार की चुदाई में कैसे डाला जाये। जिससे इसे केवल एक ही बार दर्द सहना पड़े और सीमा मेरा पूरा लंड अपनी गाँड के अंदर ले ले। तुम ऐसा करो थोड़ा सा बटर ले आओ।”

मैंने किचन से बटर ला कर धरम को दे दिया। उसने ढेर सारा बटर सीमा की गाँड पर और अपने लंड पर लगा लिया। फिर उसने सीमा की गाँड में तीन अँगुलियाँ डाल दी और अंदर-बाहर करने लगा।

सीमा को इस बार कुछ ज्यादा ही दर्द महसूस हुआ। उसने सिसकरियाँ भरनी शुरु कर दी। थोड़ी देर बाद जब धरम की अँगुलियाँ सीमा की गाँड में आराम से अंदर बाहर होने लगी तो वो शाँत हो गयी। धरम ने मुझसे एक कपड़ा लाने को कहा। मैं कपड़ा ले आयी तो धरम ने वो कपड़ा सीमा के मुँह में ठूँस दिया।

उसके बाद उसने सीमा को लिटा दिया और उसके चूतड़ के नीचे दो तकिये रख दिये। अब सीमा की चूत और गाँड एक दम ऊपर उठ गयी। फिर धरम ने मुझसे एक रस्सी लाने को कहा। मैं रस्सी ले आयी तो उसने सीमा के हाथ पैर इस तरह बाँध दिये कि वो हिल भी नहीं सकती थी। सीमा मुझे घबरायी नज़रों से देखने लगी। मैं अब जान गयी कि सीमा को कोई नहीं बचा सकता। आज धरम अपना पूरा लंड सीमा की गाँड के अंदर डाल कर रहेगा।

हाथ पैर बंधने के बाद धरम ने अपने लंड का टोपा सीमा की गाँड के छेद पर रखा और दबाना शुरु किया। धरम का लंड बहुत ही मोटा था। अभी केवल उसके लंड का टोपा ही सीमा की गाँड में घुसा था कि वो कसमसाने लगी। धरम ने दबाना जारी रखा तो उसका लंड सीमा की गाँड में दो इंच घुस गया। सीमा के चेहरे पर पसीना आ गया।

फिर धरम ने अपना लंड थोड़ा बाहर खींचा और एक जोरदार धक्का लगा दिया। उसका लंड सीमा की गाँड में तीन इंच तक घुस गया। सीमा की आँखों में आँसू आ गये। मैं जानती थी कि असली दर्द अब शुरु होने वाला है। धरम ने एक झटका और मारा तो उसका लंड चार इंच तक घुस गया। सीमा के मुँह से गूँ-गूँ की आवाज़ निकलने लगी। उसने अपने चूतड़ इधर-उधर हिलाना चाहा लेकिन धरम ने उसे इस तरह से बाँध दिया था कि वो अपने चूतड़ ज्यादा नहीं हिला पायी। धरम के लंड और सीमा की गाँड पर बटर लगा होने की वजह से अभी सीमा को ज्यादा तकलीफ नहीं हो रही थी। धरम ने तो मेरी गाँड केवल मेरी चूत का पानी ही लगा कर मारी थी।

मैंने धरम से कहा, “तुमने तो मेरी गाँड बटर लगा कर नहीं मारी थी और मुझे ज्यादा तकलीफ हुई थी। ये तुम्हारी साली है इसलिये तुम इसकी गाँड आराम से मर रहे हो?”

वो बोला, “उस समय मैं ज्यादा जोश में था और मैंने कोई आइडिया नहीं सोचा था।”

धरम ने दो-तीन धक्के और लगा दिये तो उसका लंड सीमा की गाँड में छः इंच तक घुस गया। सीमा कराहने लगी और उसके मुँह से जोर-जोर से गूँ-गूँ की आवाज़ निकलने लगी। सीमा को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था और उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे। उसकी गाँड से थोड़ा खून निकाल आया।

धरम ने और ज्यादा लंड उसकी गाँड में घुसाने की कोशिश नहीं की और धक्के लगाने लगा। दस-पंद्रह मिनट गाँड मरवाने के बाद सीमा की गाँड कुछ ढीली हो चुकी थी और उसका दर्द एक दम कम हो गया था। अब धरम का लंड सीमा की गाँड में छः इंच तक आराम से अंदर-बाहर हो रहा था। सीमा भी अब शाँत पड़ी हुई थी। धरम ने मुझसे सीमा के मुँह से कपड़ा निकालने को कहा। मैंने सीमा के मुँह से कपड़ा निकाल लिया तो वो जोर-जोर से साँसें लेने लगी।

उसने कहा, “जीजू, तुमने मेरी गाँड में बेरहमी से अपना लंड डाल कर मुझे बहुत तड़पाया है। तुम बड़े बेरहम हो।”

धरम बोले, “सीमा, अभी पूरा लंड तुम्हारी गाँड के अंदर कहाँ घुसा है। अभी तो दो इंच बाकी है। मैंने तो तुम्हारी दर्द भरी आवाज़ सुनने के लिये तुम्हारे मुँह से कपड़ा निकलवा दिया है। अभी तो जब मैं पूरा लंड तुम्हारी गाँड के अंदर डालूँगा तब तुम चिल्लाओगी।”

सीमा घबरा कर बोली, “मैं नहीं जानती थी कि अभी आपका पूरा लंड अंदर नहीं गया है। प्लीज़। धीरे डालना। मैं तो आपका पूरा लंड अपनी गाँड के अंदर लेना चाहती हूँ।”

धरम ने धक्का लगाना शुरु किया। वो अभी अपना लंड और ज्यादा सीमा की गाँड में नहीं डाल रहे थे। सीमा को मज़ा आ रहा था।

अचनक धरम ने एक जोरदार धक्का जड़ दिया। सीमा चिल्लाने लगी। उसका चेहरा अभी पसीने से भीगा हुआ था। धरम ने सीमा की गाँड मारनी शुरु कर दी। थोड़ी देर बाद जैसे ही सीमा का दर्द कुछ कम हो जाता तो धरम एक धक्का जोर का लगा देता और उसका लंड सीमा की गाँड में और ज्यादा गहरायी तक घुस जाता। इसी तरह धरम सीमा की गाँड मारता रहा। दस मिनट बाद धरम का पूरा का पूरा लंड सीमा की गाँड में घुस गया तो मैं ताली बजाने लगी।

सीमा ने पूछा, “क्या बात है हेमा?”

मैंने कहा, “बधाई हो। तुमने धरम का पूरा लंड अपनी गाँड के अंदर ले लिया है।”

सीमा के चेहरे पर दर्द और खुशी दोनों झलक रही थी। पूरा लंड अंदर डाल देने के बाद धरम ने सीमा की गाँड मारनी शुरु कर दी। पहले उसने धीरे-धीरे धक्के लगाये लेकिन जब सीमा का दर्द एक दम कम हो गया तो उसने बहुत ही तेजी के साथ सीमा की गाँड मारनी शुर कर दी। अब सीमा को भी मज़ा आ रहा था। वो भी अपने चूतड़ धरम के हर धक्के के साथ ऊपर उठा रही थी। अब उसके चेहरे से दर्द की लकीरें गायब हो चुकी थी और उसकी आँखें एक दम नशीली हो गयी थी। धरम ने लगभग पंद्रह मिनट तक और सीमा की गाँड मारी और उसकी गाँड में ही झड़ गया।

धरम ने जैसे ही अपना लंड सीमा की गाँड से बाहर निकाला तो सीमा ने मुझसे एक मिरर लाने को कहा, वो अपनी गाँड की हालत देखना चाहती थी। मैं मिरर ले आयी और मैंने मिरर में सीमा को उसकी गाँड दिखायी। वो मुस्कुराने लगी। उसकी गाँड एक दम सुरंग की तरह दिख रही थी। थोड़ी देर बाद सीमा बाथरूम जाना चाहती थी लेकिन वो खड़ी नहीं हो पा रही थी।

मैंने उसको सहारा दिया और बाथरूम ले गयी। बाथरूम से वापस आने के बाद वो लेटी रही और मैं नाश्ता बनाने चली गयी। हम सबने नाश्ता किया उसके बाद थोड़ी देर आराम करने लगे। अभी पाँच बज रहे थे कि धरम ने सीमा की चूत को सहलाना शुरु कर दिया।

सीमा बोली, “जीजू, अभी रहने दो। मेरी गाँड में अभी भी बहुत दर्द हो रहा है।”

धरम ने कहा, “आज मैं तुम्हारी गाँड अभी दो बार और मारूँगा, नहीं तो तुम्हारी गाँड का छेद फिर से छोटा हो जायेगा और तुम्हें फिर से बहुत ज्यादा तकलीफ होगी।”

मैं बोली, “सीमा, धरम ठीक कह रहे हैं। अभी तक तुम्हारी गाँड का छेद खुला है। बाद में वो फिर से सिकुड़ जायेगा। आज कम से कम दो बार और गाँड मरवा लो।”

सीमा राज़ी हो गयी। धरम ने सीमा की चूत को सहलाना जारी रखते हुए अपना लंड सीमा के मुँह में दे दिया। सीमा धरम का लंड चूसने लगी। थोड़ी देर बाद जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो धरम ने सीमा को डॉगी स्टाइल में कर दिया। उसने अपना लंड एक झटके से सीमा की चूत में डाल दिया और उसे चोदने लगा। सीमा की चूत भी अभी ज्यादा ढीली नहीं हुई थी इसलिये उसे थोड़ा सा दर्द महसूस हुआ।

थोड़ी देर बाद वो शाँत हो गयी और आराम से चुदवाने लगी। पाँच मिनट में ही सीमा झड़ गयी और धरम का लंड गीला हो गया। अब धरम ने अपना लंड सीमा की चूत से निकाल कर उसकी गाँड के छेद पर रख दिया। फिर धरम ने सीमा की कमर को पकड़ कर थोड़ा स दबाया तो सीमा कराहने लगी।

अभी धरम का लंड उसकी गाँड में केवल तीन इंच ही घुसा था। धरम ने एक झटका और मारा तो सीमा चिल्लाने लगी। धरम का लंड सीमा की गाँड में चार इंच तक घुस गया। सीमा अभी संभल भी नहीं पायी थी कि इस बार धरम ने पूरी ताकत के साथ एक धक्का और लगा दिया और उसका लंड सीमा की गाँड में पाँच इंच तक घुस गया। सीमा जोर-जोर से चिल्लाने लगी लेकिन धरम ने उसके चिल्लाने पर कोई ध्यान नहीं दिया। उसने दो-तीन बहुत ही जोरदार धक्के और लगा दिये तो उसका पूरा का पूरा लंड सीमा की गाँड में समा गया। सीमा एक दम तड़पने लगी।

धरम रुका नहीं और उसने धक्के पर धक्के लगाने शुरु कर दिये। सीमा चिल्लाती रही और धरम धक्के पर धक्के लगाये जा रहा था। लगभग दस मिनट बाद जाकर सीमा का दर्द कम हुआ और वो शाँत हो गयी। धरम ने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी। अब सीमा को भी मज़ा आने लगा और वो आहह ऊऊहह करते हुए धरम से गाँड मरवाती रही। लगभग बीस मिनट और गाँड मारने के बाद धरम उसकी गाँड में झड़ गये। पूरी तरह झड़ जाने के बाद धरम ने अपना लंड सीमा की गाँड से बाहर निकाला और सीमा से बोला, “इस बार तुम आराम नहीं कर पाओगी। मैं अभी तुम्हारी गाँड फिर से मारूँगा। उसके बाद तुम्हारी गाँड एक दम चौड़ी हो जायेगी।”

मैं समझ गयी कि धरम अब क्या करने वाले है। उन्होंने अपना लंड टॉवल से साफ़ करके सीमा के मुँह में डाल दिया और बोले “इसे चूस-चूस कर फिर से खड़ा करो!”

सीमा धरम का लंड चूसने लगी। लगभग दस-पंद्रह मिनट में धरम का लंड फिर से खड़ा हो गया। सीमा अभी भी डॉगी स्टाइल में ही थी। धरम ने उसे लेटने नहीं दिया था। उन्होंने अपना लंड फिर से सीमा की गाँड के छेद पर रखा और धक्के पर धक्का लगाने लगा।

सीमा चिल्लाती रही लेकिन धरम उसके चिल्लाने पर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा था। वो बहुत ही तेजी के साथ सीमा की गाँड मारने लगा। थोड़ी देर बाद सीमा शाँत हो गयी और उसने अपने चूतड़ आगे पीछे करते हुए धरम का साथ देना शुर कर दिया। इस बार धरम ने लगातर एक घंटे तक बिना रुके सीमा की गाँड मारी और फिर झड़ गया। सीमा और धरम दोनों पसीने से लथ पथ थे। उसने अपना लंड सीमा की गाँड से बाहर निकाला और हट गया। मैंने देखा कि अब सीमा की गाँड एक दम चौड़ी हो चुकी थी। उस रात धरम ने फिर किसी को नहीं चोदा।

सुबह हम सब नहाने के लिये बाथरूम गये। हम सबने अपने बदन पर साबून लगा रखा था। उसी समय धरम ने बाथरूम में ही सीमा को डॉगी स्टाइल में होने को कहा तो वो डॉगी स्टाइल में हो गयी। धरम ने उसकी गाँड के छेद पर अपना लंड रखा और एक जोरदार धक्का मारा। साबून लगा होने की वजह से इस बार एक ही धक्के में धरम का पूरा का पूरा लंड सीमा की गाँड में घुस गया। इस बार सीमा को ज्यादा दर्द भी नहीं हुआ। धरम ने उसकी गाँड मारनी शुरु कर दी।

लगभग दस-पंद्रह मिनट सीमा की गाँड मारने के बाद धरम ने मुझसे डॉगी स्टाइल में होने को कहा। मैं भी सीमा के बगल में डॉगी स्टाइल में हो गयी। मेरे बदन पर भी साबून लगा हुआ था। धरम ने अपना लंड सीमा की गाँड से बाहर निकाला और एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड मेरी गाँड में डाल दिया और मेरी गाँड मारने लगा। सीमा उठना चाहती थी तो धरम ने कहा, अभी तुम ऐसे ही रहो। मैं अभी तुम्हारी गाँड फिर से मारूँगा। सीमा बहुत ज्यादा जोश में थी और वो उसी तरह डॉगी स्टाइल में ही रही।

लगभग दस मिनट मेरी गाँड मारने के बाद धरम ने अपना लंड मेरी गाँड से बाहर निकाला और फिर से सीमा कि गाँड में पूरा का पूरा लंड एक ही झटके से डाल दिया। इस बार सीमा ने केवल एक आह सी भरी। धरम ने तेजी के साथ सीमा की गाँड मारनी शुरु कर दी। शॉवर का पानी धरम के सिर पर गिर रहा था। इस स्टाइल में वो मुझे पहले भी कई बार चोद चुका था। मैं जानती थी कि जब तक शॉवर का पानी बंद नहीं होगा तब तक वो नहीं झड़ेगा। दस मिनट तक धरम ने सीमा की गाँड मारी और फिर मेरी गाँड मारने लगा। इसी तरह वो अदल बदल कर मेरी और सीमा की गाँड मारता रहा। अब तक लगभग एक-डेढ़ घंटे हो चुके थे।

सीमा ने मुझसे कहा, “आखिर धरम कब झड़ेंगे।”

मैंने कहा, “तुम शॉवर बंद कर दो।” सीमा ने उठ कर शॉवर बंद कर दिया। उसकी प्यास अभी भी नहीं शाँत हुई थी और वो फिर से धरम के सामने डॉगी स्टाइल में हो गयी। धरम ने अपना लंड मेरी गाँड से बाहर निकाला और सीमा कि गाँड में डाल दिया। इस बार सीमा के मुँह से कोई आवाज़ नहीं निकली तो धरम ने सीमा से कहा, “इस बार तुम्हारे मुँह से कोई आवाज़ नहीं निकली। अब जाकर तुम्हारी गाँड एक दम मेरे लंड के साइज़ की हो चुकी है।”

धरम ने दस मिनट तक और सीमा की गाँड मारी और उसके बाद उसकी गाँड में ही झड़ गया।

उसके बाद हम सब ने नहाया और फिर बाथरूम से बाहर आ गये। सीमा ने कहा, “इस बार मुझे दर्द भी नहीं हुआ और गाँड मराने में मज़ा आ गया। अब मैं पूरी तरह समझ गयी कि सैक्स में कितना मज़ा आता है।”

दोपहर को मैंने और सीमा ने खाना बनाया। खाना खाने के बाद हम सब आराम करने लगे। शाम के लगभग चार बजे कॉलबेल बजी तो मैंने दरवाजा खोला। वो राज थे। राज अंदर आ गये। सीमा ने नाश्ता लगाया और हम सब नाश्ता करने लगे।

राज ने मुझसे पूछा, “मेरा काम हो गया?”

मैंने कहा, “हाँ, हो गया।”

मैंने देखा कि सीमा नशीली निगाहों से राज को देख रही थी। मैं समझ गयी वो अब जोश में है और राज से चुदवाना चाहती है। मैंने धरम से कहा, “चलो हम दोनों थोड़ा मार्केट हो आयें।”

धरम समझ गये। मैं धरम के साथ मार्केट चली गयी। हम दोनों मार्केट से दो घंटे बाद वापस आये तो देखा कि सीमा सिर्फ सैंडल पहने एक दम नंगी ही एक चादर ओढ़ कर बेड पर लेटी थी और राज ने केवल एक लुँगी पहन रखी थी। मैं समझ गयी कि सीमा ने राज से चुदवा लिया है।

धरम ने मज़ाक करते हुए सीमा से पूछा, “मज़ा आया?”

वो बोली, “हाँ, बहुत मज़ा आया। आप ही ने तो मुझे सैक्सी बनाया है।”

राज ने बड़े प्यार से मेरे गालों को चूम लिया और बोले, “मैं तुम्हारा पूरी ज़िंदगी एहसानमंद रहुँगा।”

शाम के आठ बज रहे थे। मैं सीमा के साथ खाना बनाने जाने लगी तो राज ने कहा, “तुम सब जिस तरह रहते थे उसी तरह हो जाओ और तब खाना बनाओ।”

धरम ने भी कहा, “तुम दोनों एक दम नंगी हो जाओ। फिर खाना बनाओ।”

मैंने और सीमा ने ऊँची हील के सैंडलों के अलावा अपने सारे कपड़े उतार दिये। राज ने अपने कपड़े नहीं उतरे थे। मैंने राज से कहा, “आप क्यों लड़कियों की तरह शर्मा रहे हैं। आप भी तो कपड़े उतारिये!”

राज ने भी थोड़ा शरमाते हुए अपने कपड़े उतार दिये। धरम कपड़े नहीं उतार रहा था। मैंने धरम से कपड़े उतारने को कहा तो वो बोला, “सीमा जब मेरे कपड़े उतारेगी तब ही मैं अपने कपड़े उतारूँगा।”

राज ने सीमा को इशारा किया तो उसने धरम के कपड़े उतार दिये।

उसके बाद हम दोनों खाना बनाने जाने लगे तो राज ने धरम से कहा, “तुम एक बार मेरे सामने सीमा कि चुदाई कर दो, उसके बाद ये दोनों खाना बना लेंगी!”

धरम ने सीमा से पूछा तो वो बोली, “ठीक है।”

धरम ने सीमा को डॉगी स्टाइल में कर दिया और उसे चोदने लगा। राज सीमा को चुदवाते देख रहे थे। तभी धरम ने राज से कहा, “आप क्यों चुपचाप बैठे देख रहे हैं। आप हेमा की चुदाई शुरु कर दो!”

राज ने मुझे भी डॉगी स्टाइल में कर दिया और मुझे चोदने लगे। धरम मुझे चुदवाते हुआ देख रहा था और राज सीमा को।

लगभग दस मिनट की चुदाई के बाद जब धरम सीमा की चूत में झड़ गया तो उसने राज से कहा, “आप कहो तो मैं सीमा की गाँड भी मार लूँ?”

राज ने कहा, “ये तो बहुत अच्छा है। आप इसकी गाँड मारो मैं हेमा की गाँड मारता हूँ!”

उसके बाद धरम ने अपना लंड सीमा की चूत से बाहर निकाला और उसकी गाँड मारने लगा। इधर राज ने भी मेरी गाँड मारनी शुरु कर दी। चुदाई का ये खेल लगभग एक घंटे तक चलता रहा। हम सब बहुत खुश थे। उसके बाद मैं और सीमा खाना बनाने चले गये। खाना बन जाने के बाद हम सब ने खाना खाया। रात के ग्यारह बज रहे थे। धरम और राज ने बारी-बारी से पूरी रात मेरी और सीमा की खूब चुदाई की और गाँड भी मारी। पूरी रात हम सब नहीं सोये थे। सुबह होने पर हम सब सोये।

दोपहर के ग्यारह बजे हम सब उठ गये। नाश्ता करने के बाद राज ने धरम से कहा, “अब मैं वापस जाना चाहता हूँ।”

सीमा ने राज से कहा, “अगर तुमको कोई ऐतराज़ ना हो तो मैं आठ-दस दिन धरम से और चुदवा लूँ।”

राज ने कहा, “मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है लेकिन तब तक मैं क्या करूँ?”

धरम ने कहा, “आप हेमा को साथ ले जाओ और उससे अपना काम चला लो।”

मैंने कहा, “ठीक है।”

मैं राज के साथ चली गयी। मैंने राज से खूब चुदवाया और गाँड भी मरवायी। इधर सीमा ने भी धरम से जी भर कर चुदवाया और खूब गाँड मरवायी। दस दिन बाद हम दोनों अपने अपने घर आ गये।

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Anonymous
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2 Comments
AnonymousAnonymousabout 1 year ago

दीदी

Deepak1718Deepak1718about 4 years ago

बहुत ही शानदार

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