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Click hereरमेश: "और माँ हमसे भी चुदना चाहती थी? तो ये बात उसने कभी बताया क्यों नहीं ... हम तो ख़ुशी-खुशी उसको चोदते पापा ..."
मोहनलाल: "घर में एक बेटी भी थी और हम तुमलोगो के सामने कभी सेक्स को लेकर इतना सहज नहीं हो पाए बेटा. आज उसकी आत्मा को जरूर शांति मिल जाएगी ..."
इधर मयूरी सोच रही है की 'उसके अपने पापा और भाइयो से चुदना' और 'उसके दोनों भाइयो का अपनी माँ को चोदना' कोई बड़ी बात नहीं थी. ये तो शायद हर घर में होता है, बस कोई किसी को बताता नहीं है. इतनी देर में उसको ये तो समझ आ गया था की हर बाप अपनी जवान बेटी को चोदने की ईक्षा रखता है, हर भाई अपनी बहन को चोदना चाहता है, हर बेटी और बहन अपने बाप और भाई से चुदवाना चाहती है. बस कोई शुरुआत नहीं कर पता.
मोहनलाल आगे कहता है: "तुम्हारे नाना और मैं तुम्हारी माँ को इतना चोदते थे की हमे आज तक नहीं पता की तुम दोनों मेरे बेटे हो की अपने नाना के. हाँ पर मुझे ये पता है की काजल मेरी बेटी है क्यों की इसके जनम के 2 साल पहले ही तुम्हरे नाना गुजर गए थे."
रमेश और सुरेश को ये सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ. फिर कुछ सोचते हुए रमेश ने कहा:
रमेश: "मतलब की आप रिश्ते में हमारे पापा भी हो सकते है और साला भी. क्यों की अगर हम नाना के वीर्य से पैदा हुए है तो हमारी माँ तो हमारी बहन भी हु ना. और इस हिसाब से आप हमारे साले हुए ..."
मोहनलाल: "हाँ... कह सकते हो ..."
सुरेश: "तो साले सब.. आज बेटीचोद बनकर कैसा लग रहा है?"
मोहनलाल (थोड़ा असहज होते हुए): "क्या ....??"
सुरेश: "देखो पापा, अगर आप हमारे साले हुए तो मैं आपको कभी-कभी साला तो बुला ही सकता हूँ. और आप मेरी माँ के पति है तो आप मेरे पिता भी हुए. फिर आप मेरे सामने ही अपनी बेटी की चुदाई कर रहे है तो आप बेटीचोद तो हुए ही ...?"
मोहनलाल: "हाँ बेटा ... वैसे बात तो सही है ..."
रमेश (मजाक में): "तो साले मोहनलाल ... कैसा लग रहा है बेटीचोद??"
सब हसने लग जाते है .... काजल और मयूरी भी लंड चूसना छोड़कर कर इस ठहाके में इनका साथ देती है.
खैर, काजल और मयूरी फिर से मोहनलाल का लंड चूसने में लग जाते है. मोहनलाल का लंड सुरेश के लंड के ही साइज का था. वो दोनों कभी उसका सुपाड़ा चूसते कभी लंड...
रमेश और सुरेश, काजल और मयूरी को अपने बाप का लंड चूसते हुए देखकर फिर से उनका लंड खड़ा हो जाता है. उनके लंड फिर से एक बार चुदाई की मांग कर रहे थे. रमेश काजल और मयूरी को कहता है:
रामह: "काजल, मयूरी ... तुमदोनो प्लीज घोड़ी बन जाओ और उसी पोज़ में पापा का लंड चुसो "
दोनों ख़ुशी-ख़ुशी घोड़ी बन जाते है और अपनी-अपनी गांड मटका-मटका के मजे लेते हुए मोहनलाल का लंड चूसने लगते है. रमेश काजल की चूत में पीछे से लंड डालता है और सुरेश मयूरी की चूत में. अब दृश्य बड़ा ही मनमोहक हो जाता है.
सबसे आगे मोहनलाल सोफे पर बैठा है और उसकी बहु और बेटी घोड़ी बनके उसका लंड चूस रहे है. दोनों की गोल-गोल चूचियां लटक रही है और और हिल रही है. उसके पीछे उसके दोनों बेटों में से एक अपनी बहन की चूत चोद रहा है और दूसरा अपनी भाभी की चूत मार रहा है. घोड़ी के स्टाइल में होने की वजह से दोनों की चूत थोड़ी और टाइट हो जाती है और उनको चोदने वाले लंड जल्दी ही लगभग 7-8 मिनट की चुदाई में ही झड़ जाते है.
अब चोदने की बारी मोहनलाल की थी. पर वो पहले मयूरी को चोदना चाहता था. उसने मयूरी को कहा:
मोहनलाल: "बहु ... मेरी जान ... अब तुम्हारी चुदाई मै करूँगा "
मयूरी: "जी बाबूजी ... मैं बड़ी ही खुसनसीब हूँ जो आपसे मुझे अपने पापा जैसा प्यार मिल रहा है "
मोहनलाल: "मतलब तुम भी अपने बाप से चुदती थी?"
मयूरी: "जी पापा और अपने भाइयों से भी ..."
मोहनलाल: "अच्छी बात है ... अब अपने ससुर से बिलकुल अपने बाप जैसे प्यार लो ... आओ और मेरा लंड अपनी चूत में ले लो "
मयूरी: "बिलकुल पापा ..."
मोहनलाल: "काजल, जा अपने भाइयों से चुदाई करवा ले जबतक मै बहु की चूत की कुटाई कर रहा हु "
काजल: "जी पापा "
मयूरी सोफे पर लेट जाती है और मोहनलाल अपना लंड उसकी चूत पर सेट कर के एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में उतार देता है. और यहाँ से ससुर और बहु की घनघोर चुदाई शुरू होती है.
मयूरी: "बाबूजी ... चोदो.. और जोर से चोदो बाबूजी ..."
मोहनलाल: "ले मेरी जान ... मेरे सपनो की परी ... आज मेरा लंड सच में ले ले. अपने सपने में मैंने तुमको बहुत चोदा है ... आज वास्तव में तुझे चोदने का मौका मिला है ... आज तो तेरी चूत की चटनी बना दूंगा ..."
इधर काजल रमेश और सुरेश को अपनी सेवा का फिर से मौका देती है. इस बार चूत में रमेश का लंड था और मुँह में सुरेश का ... दोनों भाई मिलके लगे चोदने अपनी बहन को.
करीब 20 मिनट की लगातार चुदाई के बाद फिर से सब लोग आराम करने लगते है. पर आज आराम वाला दिन ही नहीं था. इस शाम को तो जैसे बस चुदाई ही होनी थी. थोड़ी देर में फिर से सब गरम हो गए. अब मोहनलाल ने काजल को अपने पास बुलाया और कहा:
मोहनलाल: "बेटा, अपने बाप का लंड अपने चूत में लेगी न?"
काजल: "पापा, आज आप पूरी तरह से बेटीचोद बन जाओ. और मैं इस घर की रंडी बन जाना चाहती हूँ. मैं चाहती हु की जिसको जब-भी मन करे, मुझे आके चोद दे. आओ पापा. कूट दो मेरी इस चूत को अपने इस मुसल जैसे लंड से ...."
अब काजल को निचे लिटा कर मोहनलाल लगा चोदने अपनी बेटी को. इधर रमेश और सुरेश मिलकर मयूरी की चोदने वाले थे. पर रमेश ने अचानक से कहा:
रमेश: "मयूरी ... अब मैं तेरी गांड और सुरेश तेरी चूत मारेगा."
मयूरी: "आओ मेरे राजा ... मैं तो कई दिनों से ऐसे नहीं चुद पायी हु .... अपने मायके में मैं अपने दोनों भाइयो से ऐसे ही चुदती थी. आज तुमने मेरे भाइयों की याद दिला दी."
फिर रमेश ने मयूरी को खड़ा कर के उसकी एक टांग सोफे पर रखा और खड़े-खड़े ही उसकी गांड में अपना लंड घुसा देता है. आगे से सुरेश भी उसकी चूत में अपना लंड प्रवेश करता है और मयूरी अब दोनों तरफ से चुदाई करवा रही थी.
घर में फिर से सब लोग चुदाई में लगे हुए थे. ये किस्मत का खेल ही था जो एक सामान्य घर के सामान्य से रिश्तो को कुछ ही घंटों में इतना विशेष बना दिया. इस घर में पिछले 2-3 घंटो में बहुत सारे रिश्ते बदल गए. अब सब लोगों के मन से एक-दूसरे को लेकर शर्म-हया जैसी कोई चीज़ ख़तम हो गयी थी, पर प्यार और गहरा हो गया था. साथ ही साथ कई सारे रहस्यों से पर्दा भी उठ चुक्का था.
लेखक से:
ये मेरी जिंदगी की पहली रचना है. मैं सेक्स और चुदाई के कहानियो का बचपन से शौक़ीन रहा हूँ. विशेष रूप से रिश्तो में चुदाई की कहानियों का बड़ा प्रशंसनीय रहा हूँ. हालाँकि ऐसा कुछ कर नहीं पाया पर हमेशा से ही मन में कुछ ऐसी कहानियो का चित्रण किया करता था. मेरी पाठकों से आग्रह है की आपको ये कहानी कैसी लगी, कृपया मुझे बताएं।
Bahut acchi story Hain ,main or mere do Bhai or Bahen Bhai AISA sex Karte Hain ,meri Bibi Bhai him teeno Bhai se chudvati Hain bahut Maza Aata hain
Baheno ki farz hai ke ghar me bhai yo aur papa ko chut v balls ke subah sham darshan krve n bhog bhi lagave
Very nice story. Bahut maja aaya. Aisi parivarik chudai ki story likhte rahiye