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Click hereकुछ देर मैं उनकी गाँड अपनी जीभ से चोदता रहा। फिर मैंने अपना लंड जो अब तक तन्ना कर लोहे की रॉड बन चुका था, उनके मुख के पास लाया और उनके मुख में पेलने लगा। नसीफा मैडम भी मेरे लंड को अपने मुख में पूरा का पूरा लेकर चूसने लगी। साथ में वोह मेरे लंड को थूक से भी तर कर रही थी। उन्हें पता था कि मैं अब उनकी गाँड मारने वाला हूँ इसलिए जितना हो सके उतना वो उसे चीकना बना रही थी जिससे उन्हें गाँड मरवाने में कम दर्द हो।
अब मैं उनके पीछे आ चुका था। उनकी गाँड अपनी पूर्ण छटा के साथ हवा में उठी मेरे लंड को आमंत्रण दे रही थी। मैंने अपने लंड का सुपाड़ा उनकी गाँड पर टेका। फिर दोनों हाथों से मैं उनकी गाँड जितना चीर सकता था उतनी चीरी और कस कर एक करारा शॉट लगाया। मेरा आधा लंड एक ही बार में उनकी गाँड में ठँस गया था।
इस हमले के लिये शायद वो तैयार नहीं थी।
“अरे हरामी यह क्या कर दिया… किसी की गाँड ऐसे मारी जाती है? कम से कम कुछ देर वहाँ लंड रगड़ता, बात करता, बताता कि गाँड मैं लंड डालने जा रहा हूँ… और तू साला ऐसा है कि एक ही बार में मूसल की तरह ठोक दिया। क्या तेरा बाप तेरी अम्मी की ऐसे ही मारता है? बाहर निकाल…! बहुत दर्द हो रहा है! मैं कितने चाव से तुझसे गाँड मरवाने वाली थी… तूने एक ही बार में बर्बाद कर दिया!”
“साली नसीफा! पहले तो बड़ी अकड़ रही थी। मैंने तो पहले ही कहा था आज मैं तेरी गाँड फाड़ के रहुँगा । अभी तो केवल आधा गया है। अब मैं पूरा डालने वाला हूँ!” ऐसा कह कर मैंने पहले से भी तगड़ा एक शॉट और मारा और इस बार मेरा लंड उनकी गाँड में जड़ तक समा गया।
“अरे मादरचोद, मुझ पर से नीचे उतर… ना तो तुझसे से कार सीखनी, ना तुझसे चुदवाना, ना तुझे ईंग्लिश पढ़ाना… अरे मर गयीईईईई..... साले तूने मेरी गाँड फा....आआआ....ड़ दी!”
इधर नसीफा मैडम बड़बड़ाए जा रही थी और मैं धीरे धीरे लंड हिलाता उनकी गाँड में लंड के लिये जगह बना रहा था। कुछ ही देर में मेर लंड आसानी से उनकी गाँड में अंदर बाहर होने लगा। अब उन्हें भी मज़ा आने लगा और वो अपने चूत्तड़ हिलाने लग गयी थी।
“हाँ इसी तरह… अब मज़ा आ रहा है। मेरी बात का मेरे दिलबर बूरा मत मानना। मैं जानती थी कि तुझसे गाँड मराने में मुझे बहुत मज़ा आयेगा तभी तो मैं तुझे घर लेके आयी। तेरी बातों से मुझे पता लग गया था कि तू गाँड का रसिया है। जब से तूने मेरे तरबूजों की तारीफ़ की तभी से मैं तुझसे गाँड मरवाने को तड़प उठी थी!”
“नसीफा रानी मेरी नज़र तो तेरी गाँड पर उस समय से है जब तू पहली बार क्लास लेने आयी थी। जब तू हाई हील के सैंडल पहन कर अपने बड़े-बड़े तरबूज जैसे चूत्तड़ मटकाती क्लास और स्कूल में फिरती थी तौ मेरा लौड़ा तेरी गाँड में घुसने के के लिये तड़प जाता था… लेकिन इतनी जल्दी मेरा लंड तेरी गाँड में जड़ तक घुसा हुआ होगा इसकी उम्मीद नहीं थी… लेकिन जो हुआ अच्छा ही हुआ… लो अब मेरे लंड की ठाप सहो!”
ऐसा कह कर मैं बेतहाशा उनकी गाँड मारने लगा। नसीफा मैडम भी गाँड उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी। करीब १० मिनट बाद मैंने ढेर सारा वीर्य उनकी गाँड में झाड़ दिया। जब मैंने लंड उनकी गाँड से निकाला तो उनकी गाँड से सफेद-सफेद मेरा वीर्य ज्वाला मुखी से लवा की तरह बाहर निकलने लगा।
जब तक नसीफा मैडम के हसबैंड और बच्चे वापस नहीं आ गये, मैं रोज उसके घर जाता रहा। मैं उसके घर जाते ही उसको पूरी नंगी कर देता था। वो नंगी ही घर के काम भी करती थी, मुझ से चुदवाती थी, गाँड मरवाती थी और ये सब करने के बाद मुझे ईंग्लिश भी पढ़ाती थी। बाद में स्कूल की छुट्टियाँ खतम होने पर, स्कूल में भी मौका देख कर स्कूल में ही किसी जगह पर अपनी सलवार नीचे करके मुझसे अपनी गाँड या चूत मरवाने लगी।
****** समाप्त ********
Amazing and a very hot story... made me so hot and wish I was in the place of Nafisa
हमारे स्कूल में भी chemistry की बहुत ही हॉट शजिया मैडम है… एक दम मॉडल की तरह बन संवर कर आती है… सब लड़के आँखे सेंकते है लेकिन वो किसी को भाव नहीं देती… जबकि सबको पता है की हमारे हिंदी के सर के साथ उसका चक्कर है… दोनो ही शादीशुदा है… स्टूडेंट्स तो बस मुठ मार कर रह जाते है