by chudaishaala
मेरा नाम अभि है और मै पुणे की रहने वाली हु. मेरी शादी हो चुकी है और मुझे एक दीपक नाम का 2 साल का बेटा है. मै अक्सर अपने खाली समय मे इंटरनेट पर सेक्स स्टोरी पढती रहती हु. मै भी अपने ससुर और देवर से चुदवाती हु. इसलीये मुझे पता है की, घर मे ही आप अपने रिश्तो के लोगो से चुदवाते हो तोह बाहर के किसी को पता भी नही चलता और बाहर आपकी बदनामी भी नही होती.
इसलीये मैने तुम्हारी मा और सुरज दोनो को बहोत भाग्यवान कहा है क्योंकी तुम्हारी मा को और तुम्हारे सुरज को घर मे ही कामसुख (शरीरसुख) मिल रहा है और किसी को इस बारे मे कभी भी शक भी नही होगा.
पर मैने कभी अपने जेटजी और जेठानी के बेटे से कभी भी नही चुदवाया है. नाही मेरे भतिजे के बारे मे कभी सोचा था. मेरा भतिजा भी इंजिनीरिंग के तिसरे साल मे पढता है. पर तुम्हारी स्टोरी पढकर तोह मेरे मन मे भी मेरे भतिजे से चुदवाने के लिये चुत तपड उठी है इसलीये मै भी अबसे मेरे भतिजे को पटाने की पुरी कोशिश करूंगी. बस मुझे भी तुम्हारी मा की तरह भगवान मुझे भी भाग्यवान बनाये.
मेरा नाम रूपाली है. मैने तुम्हारी मा और भतीजे की सेक्स स्टोरी पढी. सच मे वाकई लाजवाब है. मै हमेशा इंटरनेट पे ऐसी सेक्स स्टोरीस ढुंडकर पढती रहती हु. मुझे मेरे पती का दोस्त हमेशा चोदता है. जब मेरे पती आऊट ऑफ टाऊन होते है किसी कंपनी के काम से और बच्चे स्कूल मे जाते है तब पती का दोस्त हमारे घर आकर मुझे दिन भर पेलता रहता है.
सच मे तुम्हारी स्टोरी पढकर मुझे भी लगने लगा है की, काश मेरा भी कोई देवर, जेठजी और फिर ससुर जी होते तोह मै भी घर मे ही कामसुख (शरीर सुख) प्राप्त कर लेती तोह फिर बाहर के किसी आदमी की क्या जरूरत? बस...ऐसा सुख घर मे हर किसी को मिले...!
बहुत बढ़िया कहानी है. इसे पड़ते समय तो मुझे भी पैरों के बीच मे गिला गिला लग रहा था.