लूसी मेरी प्यारी पहली कुंवारी 12

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पुरुष को ध्यान रखना चाहिए कि सुहागरात के दौरान जब तक स्त्री सेक्स क्रिया के लिए तैयार और सहमत न हो तो सम्भोग क्रिया सम्पन्न नहीं होती और यदि होती भी हो तो सेक्स क्रिया का आनन्द एक तरफा होता है। इसलिए पुरुष पहले स्त्री के साथ फॉर प्ले (पूर्व-क्रीड़ा) करे ताकि वह सेक्स के लिए तैयार हो जाए, तभी आपका मिलन ठीक प्रकार से हो सकता है।

यदि पत्नी आपके साथ आलिंगन-चुम्बन में सहयोग देने लगे तो पुरुष को चाहिए कि वह उसके शरीर के कई उत्तेजक अंगों को छूने का प्रयास करे जैसे- स्तनों का स्पर्श करें, धीरे-धीरे उनको सहलाएँ तथा बाद में धीरे-धीरे दबाएँ।

इसके बाद आपको चाहिए कि उसकी कमर, जांघ तथा नितंब आदि की तारीफ करें और धीरे-धीरे अपने हाथों से उसके कपड़े को उठाकर, हाथों को अंदर डालकर जंघाओं को सहलाएँ।

इसके बाद धीरे-धीरे अपने हाथों से उसकी योनि को स्पर्श करें तथा छेड़खानी करें। भगोष्ठों पर भी धीरे-धीरे हाथ फेरे और स्पर्श को भंगाकुर तक पहुँचाये, साथ ही साथ उससे कामोत्तेजित बातें भी करते रहें ताकि उसके अंदर सेक्स की आग भड़कने लगे।

इस प्रकार से फॉर प्ले का उपयोग करके पत्नी को कामोत्तेजाना के मार्ग पर ले जाए ताकि उसके मन से किसी भी प्रकार का संकोच खत्म हो जाए। ऐसा करने से पत्नी का संकोच खत्म हो जाता है जिसके कारण से वह खुद ही पति को आलिंगन तथा स्तनों को दबवाने लगती है। अपने योनि का स्पर्श पति से करवाने लगती है। इस क्रिया के समय में उसकी सांसे भी तेज चलने लगेंगी और कांपने लगेंगी।

जब इस प्रकार की क्रिया पत्नी करने लगे तो पुरुष को समझ लेना चाहिए कि वह अब सेक्स के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। अब पुरुष को चाहिए कि अपने पत्नी के माथे को होठों से चूमे, इसके बाद उसके होठों को भी अपने होठों से चूमे तथा इसके साथ ही साथ उसके चेहरे के इधर-उधर तथा स्तन के पास के भागों को भी चूमते रहें। ऐसा करने से उसके अंदर की सेक्स उत्तेजना और भी बढ़ने लगेगी।

अब पति को चाहिए कि वह पत्नी को धीरे फॉर प्ले करने के साथ-साथ पलंग की तरफ ले जाकर लिटाने की कोशिश करे और उसके स्तनों पर के सारे कपड़े को उतार दें। फिर इसके बाद अपने हाथों से स्तनों को सहलाते हुए दबाएँ। इस प्रकार से क्रिया करते समय पत्नी के मुँह से कई प्रकार की आवाजें निकलती हैं। इसके बाद पत्नी के शरीर के नीचे के कपड़े भी पूरी तरह से उतार देना चाहिए। उसके

कपड़े को उतारने के लिए सबसे पहले उसके नाड़े को ढीला करें। इसके बाद जब वह केवल पेंटी पर रह जाये तो कुछ देर तक उसे इसी अवस्था में रहने दे तथा साथ ही साथ उसके पूरे शरीर को दबाना तथा सहलाना चाहिए। इसके बाद अपने लिंग को उसके तन से स्पर्श कराना चाहिए।

इस समय यदि पत्नी पति के इस प्रयास में साथ देती रहे तो पति को चाहिए कि वह पत्नी के स्तनों को और भी जोर से सहलाए। जब पति पत्नी के स्तनों को इस तरह से सहलाता है तो स्त्री को बहुत अधिक सुख तथा आनन्द मिलने लगता है। इस समय पत्नी के मन में कई प्रकार के विचार भी आते हैं जैसे- मेरा पति सबसे बलवान है, मेरी किस्मत इतनी अच्छी है जो मुझे ये मिले, मेरी आज रात सारी ख्वाहिशें पूरी हो जायेंगी और यह भी सोचती है कि यह मेरे साथ क्या-क्या कर रहे हैं।

इस अवस्था में कुछ स्त्रियाँ तो ऐसी भी होती हैं जो पति द्वारा पेटीकोट खोलने के प्रयास को रोकने का प्रयास करती हैं। लेकिन धीरे-धीरे वह अपने प्रयास को स्वयं ही खत्म कर देती हैं और निर्वस्त्र हो जाती हैं। फिर दोनों आपस में एक-दूसरे को बाहों में लेकर आलिंगन करने लगते हैं। वे दोनों कुछ समय तक इसी अवस्था में रहते हैं तथा इसके बाद पति को चाहिए कि वह अपनी पत्नी के माथे, स्तन, छाती तथा कानों के पास के भागों को चूमे। इस अवस्था में ही उसके नितंबों को सहलाते रहे। इसके बाद उसके स्तनों को दबाएँ तथा सहलाएँ और उसकी जांघों के बीच में हाथ फेरते रहें।

ऐसी स्त्रियाँ अपने पति से अधिक शर्माती हैं क्योंकि यह पति-पत्नी दोनों के लिए पहली मिलन की रात होती है। वह अपने हाथों से स्तनों को छिपाने तथा दोनों जांघों को सटाकर अपनी योनि को छिपाने का प्रयास करेगी तथा अपनी आँखों को बन्द कर लेगी। ऐसी स्थिति में पति को धैर्य से काम लेना चाहिए और किसी भी प्रकार का उतावलापन नहीं दिखाना चाहिए। उसे यह समझना चाहिए कि वह यहाँ पर सभी से अनजान है और इसलिए ऐसा कर रही है।

इसके बाद पति को चाहिए कि वह प्यार से पत्नी की सभी चिंता तथा फिक्र को दूर करे। इसके साथ ही साथ फोर प्ले करते रहें। ऐसा करने से कुछ ही देर में स्त्री की योनि गीली होने लगती है और उसमें भी सम्भोग की कामना होने लगती है। इस प्रकार से सेक्स क्रिया करने से दोनों की कामवासना अधिक तेज होने लगती है तथा कुछ देर में स्त्री भी अपनी जांघों को खोलने लगती है।

यदि किसी कारण से पत्नी में कामवासना न जाग रही हो तो पुरुष को चाहिए कि पत्नी के भंगाकुर को अच्छी तरह से सहलाए। इसके बाद अपनी तीन-चार ऊँगलियों को मिलाकर योनि में प्रवेश करके अंदर-बाहर, ऊपर-नीचे करना चाहिए। इस प्रकार क्रिया करने से ठंडी से ठंडी स्त्री भी कामोत्तेजित होकर सेक्स क्रिया करने के लिए उतावली हो जाती है।

यह बताना जरूरी है कि स्त्री की योनिद्वार अत्यधिक सिकुड़ी हुई होती है। इसमें पहली बार लिंग का प्रवेश करना आसान नहीं होता, बल्कि इसे आसान बनाना पड़ता है। इस काम के लिए पुरुष को पहले से ही कहीं क्रीम, वैसलीन या तेल जैसा कोई भी चिकना पदार्थ रखना चाहिए.

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Anonymous
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1 Comments
AnonymousAnonymousabout 3 years ago
Good information on Sex

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