एक नौजवान के कारनामे 011

Story Info
मानवी के दर्द का इलाज
928 words
4.63
277
00

Part 11 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

CHAPTER-2

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे

PART-6 मानवी-मेरी पड़ोसन

मैंने बोला भाभी पहले मुझे जांच करने दो आपको चोट कितनी और कहाँ लगी है और फिर मैंने धीरे-धीरे भाभी के कंधो से लेकर दो-दो ऊँगली की मदद से दबाब दे कर और दो-दो इंच धीरे-धीरे नीचे सरका कर पता लगाया चोट ज़्यादा गहरी नहीं थी और बोला भाभी खुशकिस्मती से आपकी चोट गहरी नहीं हैl

तो भाभी बोली पर अभी भी पीठ में दर्द हो रहा है तो मैंने कहा ये गिरने की वज़ह से है इसे अभी ठीक कर देता हूँl

उसके बाद मैंने 10 मिनट तक आइस पैक को उसकी चिकनी पीठ पर धीरे से लगाया। फिर इस क्षेत्र को सुखा दिया। उसके बाद मैंने भाबी की पीठ पर औषधीय तेल मिला दर्द निवारक मरहम लगाया और मरहम की मैंने भाभी के कंधो से शुरू होकर नीचे कूल्हों तक मेरी अंगुलियों से धीरे-धीरे मालिश की। जब मेरी उंगलियाँ मनस्वी भाभी की कोमल और चिकनी त्वचा पर फिसल रही थी तो मुझे उनके शरीर में सनसनी-सी महसूस हुई।

फिर मैंने पुछा अब कैसा लग रहा है तो भाभी बोली पहले से दर्द कुछ कम हुआ है पर अभी दर्द है l

मैंने उससे कहा कि अब मैं आपको मालिश कर देता हूँ यह आपको पूरा आराम मिलने में मदद करेगा। मैंने दृढ़ता से उसके नग्न कंधों को दबाया और मैंने उसकी गर्दन की मालिश की, वह गिरने के बाद तनावग्रस्त थी और मेरे हाथों ने उसे जो राहत प्रदान की वह शानदार थी।

मैंने उसकी रीढ़ की हड्डी और उसके किनारों पर मालिश करना शुरू कर दिया, मैंने अपनी उँगलियों से उसके उभरे हुए स्तनों के किनारे से मसलते हुए मालिश की जिससे मेरी हथेलियाँ उसकी रीढ़ के दोनों ओर दबाव डालते हुए तनाव को कम कर रही थी।

मैं धीरे-धीरे उसकी पीठ की मालिश कर रहा था और फिर जैसे-जैसे समय बीतता गया मेरे हाथ ऊपर जाने लगे और उसकी पीठ उसके कंधों पर। उसके स्तनों के बड़े और सुडोल होने में कोई संदेह नहीं था और मुझे उसके नग्न स्तन दिख रहे थे। मुझे अपने कठोर हो चुके लण्ड को काबू में रखने के लिए कठिनाई हो रही थी क्योंकि मैंने सिर्फ़ लुंगी पहनी हुई थी और इसलिए इसे छुपाना और भी मुश्किल था क्योंकि जब मैं उसे मसाज दे रहा था मेरा लंड उसके बदन को छू रहा था l

मुझे लगा, वह भी मालिश का मज़ा ले रही थी और जब मेरा लंड उसे बदन को छूटा था तो उसकी एक आह निकलती थी जो मुझे और आगे जाने के लिए उत्साहित करती थी l

मैंने अपने हाथों को सकी पीठ पीछे की तरफ़ से आगे स्तनों तक ले जाने लगा और एक बार जब मैं उसके स्तनों तक-तक पहुँच गया, तो मैंने उसके स्तन के किनारों को सामान्य से थोड़ी देर ज़्यादा तक मालिश किया, उसके निपल्स को बेड की चादर के खिलाफ दबाया जिससे उसके शरीर को आराम महसूस हुआ और वह और की उम्मीद कर रही थी और उसकी कराहो से मुझे समझ आ रहा था अब वह मुझे नहीं रोकेगी, क्योंकि मैं उसके कोमल नंगे बदन की चाहो को सुन और महसूस कर रहा था श्रवण को सुन सकता था।

फिर मैंने उसके स्तनों के किनारों पर थोड़ी देर मालिश की। उसकी कमर भरी हुई थी या यु कहिये थोड़ी गदरायी हुई थी जैसे दक्षिण भारतीय फ़िल्मो की नायिकाएँ होती हैं पर उसे मोटी नहीं कहा जा सकता, हालांकि शायद उत्तर भारतीय लोग उसे थोड़ी मोटी माने पर उसकी उम्र और दो बच्चो की माँ होने के नाते मैं उसे गदरायी हुई सेक्सी भाभी ही कहूंगा l

मैंने कमर में जो अतिरिक्त बसा इकट्ठी हो गयी थी उसे इकठ्ठा कर मापा और बोलै भाभी आप थोड़ी मोटी हो गयी हैं और आपको इसका आज फायदा ही हुआ है इसी अतिरिकी वसा के कारण आपको आज गहरी चोट नहीं लगी l

भाभी बोली क्या काका मुझे चोट लगी है और आप मुझे छेड़ रहे हो मैंने कहा नहीं भाभी आपको सच बोल रहा हूँ और उसकी पीठ की मालिश करता हुए मेरे हाथ कमर से बहुत नीचे उसकी गांड के ऊपरी हिस्से तक जा रहे थे और मेरे अपने हाथो से उसकी गांड की ऊपरी दरार को महसूस किया और उसकी मालिश करता रहा l

हर बार जब मैंने उसके बाजू, कंधे और स्तन की मालिश की, तो वह झूम थी। मेरा हाथ उसकी बगलो में गया और फिर सीधे उसके स्तन पर पहुँच गया। वह हिलने लगी जिससे मेरे उसके निप्पल पर पहुँच गए और मुझे उसके निपल्स को महसूस करने में मदद मिली। मैंने बहुत धीरे-धीरे उसके निपल्स को बिना स्पष्ट किए टटोलना शुरू कर दिया, मैं उसके स्तनों और निपल्स के एक झलक पाने की कोशिश कर रहा था। जब मैं उसके निपल्स के साथ खेल रहा था, मैंने महसूस किया कि वे छेड़ने और मालिश के साथ कंकड़ के समान कठोर हो गए थे। वह गूंगी नहीं थी और वह बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि मेरे हाथ कहाँ चल रहे हैं, इसलिए मैं घबराया नहीं और तब तक अपने हाथो को उसके स्तनों और गांड पर ऐसे ही चलने दिया जैसे मैं उसे गंभीरता से मालिश दे रहा हूँ जब तक कि उसने मुझे मालिश करने से रोक नहीं दिया।

वह यह भी जानती थी कि मैं उसके स्तन और गांड की मालिश उसकी पीठ से ज़्यादा कर रहा था। मुझे पता था कि वह अब मेरा लंड अंदर लेने के लिए त्यार थी, लेकिन मुझे अपनी चाल बहुत सावधानी से चलनी थी, इसलिए मैंने उसकी पीठ, गांड और उसके स्तन की मालिश करना जारी रखा।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

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