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Click hereएक साल की चुदाई के बाद भाई का लंड नीलोफर की चूत के लिए अब अजनबी नहीं रहा था।
बल्कि अगर यह कहा जाय कि नीलोफर के निकाह नामे में लिखा हुआ उस के हज़्बेंड का नाम तो सिर्फ़ एक कागज़ी करवाई थी।
जब कि हक़ीकत में उस का असल शोहर तो उस का अपना भाई ही था। जो हफ्ते में दो तीन दफ़ा अपनी बेहन नीलोफर को एक बीवी की तरह चोद कर अपना शौहर वाला फर्ज़ निबटा रहा था।
इस लिए ज्यों ही जमशेद का लंड उस की बेहन की चूत में दाखिल हुआ तो नीलोफर एक दम चिल्लाई आआआआहह... आहिस्ता...आहह" ।और उस की चूत ख़ुशी में झूमते हुए गुनगुना उठीl
"आइए आप का इंतिज़ार था l"
जमशेद हल्का-सा ऊपर उठा जिस की वज़ह से उस का लंड उस की बेहन की चूत से थोड़ा से बाहर निकला फिर दुबारा नीचे होते हुए उस ने दुबारा अपना लंड बेहन की चूत की वादियों में धकेल दिया।
इस के साथ उस ने अपने मुँह को थोड़ा नीचे किया और अपनी बेहन की छाती पर ऊपर नीचे होते हुए बेहन के बड़े-बड़े मम्मों के निपल को अपने मूँह में ले लिया और उस को सक करने लगा।
जब कि दूसरे साथ से उस ने बेहन के दूसरे मम्मे को काबू किया और नीलोफर के मम्मो को बहुत ज़ोर-ज़ोर से मसल्ने लगा।
नीलोफर भी आहहे भरती अपने भाई के लंड को अपनी चूत के अंदर महसूस कर के मज़े ले रही थी।
"हाईईईईई मेरे शोहर का मुझ से ताल्लुक सिर्फ़ एक निकाह नामे तक ही है। मेरे असल शौहर तो तुम हो मेरे भाई.मेरी फुद्दि को तुम्हारे लंड की आदत हो गई हैं भाई. अब तो में अपने शोहर से चुदवाते वक़्त भी अपनी चूत में तुम्हारे लंड का ही तसव्वुर करती हूँ भाई" नीलोफर ने सिसकियाँ लेते हुए जमशेद से कहा।
इस के साथ-साथ ही नीलोफर ने अपना एक हाथ अपनी चूत पर ले जा कर अपनी चूत के दाने को अपने हाथ से रगड़ना शुरू कर दिया।
अपनी बेहन की यह हरकत देख कर जमशेद मस्ती और जोश से बे हाल हो गया।
नीलोफर अपनी फुद्दि को ऊपर की तरह उठा-उठा कर अपने भाई का पूरा लंड अपने अंदर ले रही थी।
उस की फुद्दि अपनी पानी छोड़-छोड़ कर बहुत गीली हो गई थी। जिस की वज़ह से जमशेद को अपनी बेहन की चूत में लंड पेलने का बहुत ज़्यादा स्वाद मिल रहा था।
अपनी बेहन को चोदते-चोदते जमशेद रुका और अपना लंड बेहन की फुद्दि से निकाल लिया।
जमशेद का लौडा निलफोर की पानी छोड़ती फुद्दि से बहुत ज़्यादा गीला हो चुका था और उस के लंड पर उस की बेहन की फुददी का सफेद जूस लगा हुआ साफ़ नज़र आ रहा था।
जमशेद ने अपने लंड को अपनी बेहन नीलोफर की आँखों के सामने लहराते हुआ कहा "देखो तुम्हारी चूत कितनी मनी छोड़ रही है मेरे लंड को अपने अंदर ले कर मेरी जान।"
नीलोफर: ज़ाहिर है भाई जब आप इतने जोश से मेरी चूत की चुदाई कर रहे हो तो फुद्दि गरम हो कर पानी तो छोड़ेगी ना।
जमशेद अपनी बेहन की बात पर मुस्कुराया और उस ने अपने लंड पर लगे हुए बेहन का जूस को बिस्तर की चादर से सॉफ कर के एक झटके से लंड दुबारा अपनी बेहन की फुद्दि में डाल दिया।
अब जमशेद ज़ोर-ज़ोर से अपनी बेहन की चूत को चोद रहा था और साथ ही साथ वह कभी अपनी बेहन के एक मम्मे को तो कभी दूसरे मम्मे को अपने होंठो और हाथो से चूस्ता और दबाता जा रहा था कमरे में चुदाई की " ठप्प्प्प्प्प ठप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प के साथ-साथ नीलोफर के मुँह से आहह-आहह की आवाज़े भी निकल रही थी।
उधर बाथरूम में यह सारा नज़ारा ज़ाहिद के लिए ना क़ाबले बर्दाश्त था।
ज़ाहिद फॉरन अपनी शर्ट उतार कर बिल्कुल नंगा हो गया और अपने लंड को हाथ में थामे दबे पाऊँ बिस्तर की तरफ़ बढ़ता चला गया।
और कमरे में जा कर नीलोफर के सिरहाने के पीछे खामोशी से खड़ा हो गया।
और नज़दीक से दोनों बेहन भाई की चुदाई को देखते हुए अपने लंड की हल्के-हल्के मूठ लगाने लगा।
बिस्तर पर लेटी हुई नीलोफर की आँखे अपने भाई के लंड के स्वाद की शिद्दत की वज़ह से बंद थीं।
जब कि जमशेद भी अपनी बेहन के ऊपर झुका हुआ उस के होंठो का रस पीने में मसरूफ़ था।
इस लिए अपनी पूर जोश चुदाई में मगन दोनों बेहन भाई को ज़ाहिद की अपने पास मौजूदगी का फॉरन अहसास नहीं हुआ।
चुदाई में मशगूल जमशेद ज्यों ही अपनी बेहन के होंठो से अल्हेदा हो कर ऊपर उठा। तो उस की नज़रें उस की बेहन के सर के बिल्कुल पीछे खड़े एएसआइ ज़ाहिद पर पड़ी ।
ज़ाहिद को यूँ बेकरार हालत में अपने इतने नज़दीक देख कर जमशेद एक लम्हे के लिए घबराया और हक्का बक्का रह गया।
इस से पहले के जमशेद अपना मुँह खोलता, ज़ाहिद ने अपनी मुँह पर अपनी उंगली रखते हुए जमशेद को ख़ामोश रहने का इशारा किया।
जमशेद ज़ाहिद के इशारे के मुताबिक ना चाहते हुए भी ख़ामोश रहने पर मजबूर हो गया।
ज़ाहिद की नज़रें नीलोफर के जवान, खूबसूरत और नंगे जिस्म पर वहसियाना अंदाज़ में जमी हुई थीं।जब के दोनों बेहन भाई की चुदाई का सारा मंज़र देख कर उस का लंड फूल तन का खड़ा था।
जमशेद ने जब ज़ाहिद को इस तरह अपनी बेहन के नंगे बदन का जायज़ा लेते देखा। तो ना जाने क्यों जमशेद को ज़ाहिद की इस हरकत पर गुसे आने की बजाय जमशेद को ज़ाहिद का इस तरह नीलोफर के नंगे बदन को घूर्ना अच्छा लगने लगा।
इस लिए उस ने ज़ाहिद की कमरे में मौजूदगी के बावजूद अपनी बेहन की चूत में घुसे हुए अपने लंड को एक लम्हे के लिए भी नहीं रोका। बल्कि वह जोश में आते हुए और ज़ोर-ज़ोर से अपनी बेहन को चोदने लगा।
नीलोफर की आँखे अभी तक बूँद थीं और वह हर बात से बे ख़बर अपना मुँह को हल्का से खोले अपने भाई के लौन्डे को अपनी फुद्दि के अंदर बाहर होता हुआ एंजाय कर रही थी।
ज़ाहिद अभी तक नीलोफर के सर के पीछे खड़ा कुछ सोच रहा था।
फिर अचानक ज़ाहिद के दिमाग़ में एक ख़्याल आया। जिस पर उस ने अपने फंफंाते हुए लंड को अपने हाथ में था और थोड़ा आगे बढ़ कर अपने सामने लेटी हुई नीलोफर के खुले हुए गुलाबी होंठो के दरमियाँ अपना लंड रख दिया।
नीलोफर के होंठो के दरमियाँ लंड रखते ही ज़ाहिद के लंड की टोपी से उस का लंड का थोड़ा से वीर्य निकला। जिस ने नीलोफर के होंठो को गीला कर दिया।
अपनी आँखे मुन्दे बिस्तर पर लेटी नीलोफर अपने भाई का लंड नज़ाने कितनी बार चूस चुकी थी। इस लिए वह मर्द के लंड के स्वाद को अच्छी तरह पहचानती थी।
"जमशेद भाई तो मेरी चूत को चोद रहा है तो फिर मेरे मुँह में यह गरम-गरम लंड किस का है" यह सोचते ही नीलोफर ने हड़बड़ा कर अपनी आँखे खोलीं तो देखा कि एएसआइ ज़ाहिद उस के पास खड़ा अपना मोटा ताज़ा लंड उस के होंठो के दरमियाँ रगड़ने में मसगूल है।
नीलोफर ज़ाहिद की इस हरकत के लिए तैयार नहीं थी। क्योंकि उस ने तो यह सोचा भी ना था। कि उस की ज़िन्दगी में कभी ऐसा मोका भी आए गा जब एक अजनबी उस के मुँह में इस तरह अचानक अपना लंड घुसेड दे गा और वह कुछ भी ना कर पाए गी।
इस लिए उस ने फॉरन अपने भाई जमशेद की तरफ़ देखा जो कि ज़ाहिद की मौजूदगी में भी उसे चोदने में मसरूफ़ था।
नीलोफर की तरह जमशेद भी ज़ाहिद का इस हरक्त पर हेरान हुआ। मगर उस ने ज़ाहिद को रोकने की कोई कॉसिश इस लिए नहीं की। क्योंकि वह इस तरह के सीन कई दफ़ा पॉर्न मूवीस में देख चुका था।
जब एक लड़का का लंड लड़की की चूत में और दूसरा उस के मुँह में होता है और जमशेद को इस तरह के सीन देखने में मज़ा आता था।
इस लिए आज ज़िन्दगी में पहली बार मूवीस में देखा हुआ सीन जमशेद ना सिर्फ़ लाइव देख रहा था। बल्कि वह और उस की सग़ी बेहन इस से सीन का ख़ुद एक हिस्सा भी बन चुके थे।
नीलोफर की नज़रें सावलिया अंदाज़ में अपने भाई की तरफ़ गईं।उस का ख़्याल था कि शायद उस का भाई जमशेद एएसआइ ज़ाहिद को अपनी हरकत से रोकने की कॉसिश करेगा।
मगर वह यह नहीं जानती थी कि अपनी बेहन को कई बार चोद कर बेहन चोद बन जाने वाला उस का भाई जमशेद आज एएसआइ ज़ाहिद के लंड को अपनी ही बेहन के मुँह में जाता देख कर एक बेगैरत भी बन चुका है।
और फिर जमशेद ने नीलोफर की आँखों में आँखे डाल कर उसे इशारे से कहा कि जो हो रहा है उसे होने दो।
कहानी जारी रहेगी