अम्मी बनी सास 010

Story Info
भाई बहन की चुदाई.
777 words
4.17
327
00

Part 10 of the 92 part series

Updated 06/10/2023
Created 05/04/2021
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

लज़्जत और जोश में डूबी हुई नीलोफर अब अपने हिप्स को उठा-उठा कर आगे पीछे करने लगी।और बे इकतियार उस के मुँह से सिसकारियाँ फूटने लगीं।

नीलोफर के मुँह से निकलती हुई सिसकियाँ जमशेद के साथ-साथ ज़ाहिद को भी बुरी तरह से गरमा चुकी थीं और उस के हाथ भी अपने लंड पर तेज़ी से फिसल रहे थे।

दूसरी तरफ़ जमशेद ने अब अपनी बेहन के पावं की उंगलियो को चाटते-चाटते अपना मुँह आहिस्ता-आहिस्ता बेहन की टाँग की पिंदलियों के ऊपर से फेरते हुए उस की गुदाज रानों की तरफ़ बढ़ना शुरू कर दिया

नीलोफर की गोश्त से भरी हुई मोटी-मोटी रानों पर ज्यूँ-ज्यूँ उस के भाई की आग बरसाती गरम ज़ुबान फिरने लगी। तो नीलोफर का जिस्म मज़े के मारे बिस्तर पर मचलने लगा।

रानों के दरमियाँ से होता हुआ जमशेद का मुँह निलफोर की फुददी के बहुत नज़दीक पहुँचन चुका था।

अपनी बेहन की चूत के इतने नज़दीक पहुँचते ही बेहन की चूत की प्यारी-प्यारी खुसबु का नशा जमशेद के दिमाग़ पर छाने लगा।

इसी नशे में डूबते हुए जमशेद ने अपनी बेहन के चूतड़ को दोनों हाथों से पकड़ा।और नीलोफर की गान्ड को सहलाते हुए उस की टाँगे चौड़ी कीं और अपने मुँह को आगे बढ़ाते हुए अपनी बेहन की चूत की गुदाज होंठो पर अपने होंठ रख कर बेहन की रस भरी चूत को चूमने लगा।

जमशेद का मुँह नीलोफर की चूत से टकराते ही नीलोफर की चूत का दाना (क्लिट) गरम हो कर उस की चूत के ऊपर एक शान से अकड़ कर खड़ा होने लगा।

जमशेद ने अपनी बेहन की चूत पर अपनी ज़ुबान को ऊपर नीचे घुमाते हुए चूत के दाने (क्लिट) को अपने मुँह में भरा और बेहन के छोले को चूसने लगा।

चूत के दाने को अपनी ज़ुबान से रगड़ते-रगड़ते जमशेद ने दाने को अपने होंठो में भर कर काबू किया और फिर दाने को अपने होंठो से खींच कर ज़ोर से बाहर की तरफ़ खींचा और फिर छोड़ दिया l

जमशेद ने फिर यह हरकत कई बार दुहाराई. वह अब एक दीवाने की तरह अपनी बेहन की चूत को चाट रहा था।

अपने भाई के इस वहशियाना प्यार को पा कर नीलोफर की चूत से रस का झरना बहाने लगा और वह भी अपने चुतड उठा-उठा कर अपने भाई के मुँह पर वहशीपन अंदाज़ में ज़ोर-ज़ोर से मारने लगी।

"हाआआआ ओह" लज़्जत और जिस्मानी भूक से बेकाबू होते हुए नीलोफर की सिसकियाँ पूरे कमरे में ज़ोर-ज़ोर से गूंजने लगीं थीं।

बाथरूम में खड़े हुए ज़ाहिद को यह नज़रा देख कर अपने ऊपर काबू पाना मुश्किल हो रहा था।

उस का दिल भी यह चाह रहा था कि वह भी नीलोफर के जवान और खूबसूरत जिस्म से खैल कर अपने लंड को ठंडा करे।

मगर आगे बढ़ने की बजाय वह उधर ही खड़ा रह कर दोनों बेहन भाई की मस्तियों से लुफ्त अंदोज़ होता रहा।

उधर कमरे में अपने भाई से अपनी चूत चटवाती नीलोफर के सबर का पैमाना लबरेज़ हो गया।

और "भाई बस करो और जल्दी से मेरे अंदर डाल दो" कहते हुए उस ने जमशेद को उस के सिर के बालों से पकड़ कर अपने उपर खींच लिया।

जमशेद अपनी बेहन की बेताबी देख कर मुस्कराया और उस ने अपनी बेहन की लंबी टाँगों को अपने हाथ में थाम कर अपने कंधों पर रखा लिया ।

फिर अपने लंड को दूसरे हाथ से पकड़ कर बेहन की चूत के सुराख पर उपर नीचे रगड़ा।

जिस से जमशेद के लंड की टोपी उस की बेहन की चूत के रस से बहुत गीली हो गई.।

ज्यों ही जमशेद ने अपने लंड की टोपी अपनी बेहन की चूत के मुँह पर रखा l

तो मज़े से बे काबू नीलोफर के सारे बदन में एक कप कपि-सी तरी हो गई l

नीलोफर की चूत उस के भाई के चाटने और अपनी चूत के पानी से भीग-भीग कर पूरी गीली हो चुकी थी।

जब नीलोफर ने देखा के उस का भाई अपन लंड उस के अंदर डालने की बजाय उस की फुद्दि से सिर्फ़ छेड़ छाड़ ही कर रहा है तो उस के सबर का पेमाना लबरेज होने लगा।

नीलोफर: "भाई प्लीज़ अंदर डालो ना l"

जमशेद बोला: जान क्या डालू अंदर l"

नीलोफर: "भाई अंदर डालो ना प्लीज़ और मत तड़पाओ मुझे l"

"खुल के बताओ क्या डालू अंदर बाजी" जमशेद को शायद अपनी बेहन की बेचैनि देख कर उसे छेड़ने और मस्ती करने में मज़ा आ रहा था।

नीलोफर: "अपना लंड मेरी चूत में डालो और मुझे चोदो प्लीज़, मुझ से अब मज़ीद सब्र नहीं हो रहा भाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई! "

ये सुनते ही जमशेद ने अपनी बेहन की आँखो में आँखे डालते हुए अपने लंड का दबाव बेहन की चूत पर बढ़ाया। तो उस का लंड अपना रास्ता बनाता चूत में आराम से जाने लगा।

कहानी जारी रहेगी ...

Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
Share this Story

Similar Stories

What Will People Say? A Muslim mother's unique love for her son.in Incest/Taboo
Our Secret Thanksgiving Brother, sister and niece.in Incest/Taboo
मेरी बहनों ने मेरे लंड का मजा लिया मेरी बहनों ने मेरे लंड का मजा लिया।in Incest/Taboo
Behind My Brothers Back Pt. 01 After getting caught with SIL's panties, I cover her in cum.in Incest/Taboo
Widow Aunt's Wonderful Gifts My aunt gifts me some surprises on my birthday.in Incest/Taboo
More Stories