तीसरा कौन

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नेहा और आबिदा ने कमसे काम १ घंटे तक सोहा की छूट और गांड बदल बदल के चोदी, इस दौरान सोहा को भी नहीं पता की वो कितनी बार झाड़ चुकी थी उसके बदन की सारि ताकत ख़तम हो चुकी थी. जैसे ही आबिदा को पता चला की उसके लौड़े का रस निकलने वाला है तो उसने नेहा को न हिलने का इशारा किया और पूरी ताकत अपने लौड़े में समेत के उसने सोहा की गांड फाड़नी चालू कर दी. सोहा उस हमले को सेह ना सकी और फिरसे नेहा के लौड़े पर झड़ गयी, आबिदा ने भी आखरी कुछ धक्के लगाए और सोहा इरफ़ान को गालिया देते हुए उसने अपना माल सोहा की गदरायी गांड के गहरायी में ख़ाली कर दिया.

आबिदा के झड़ते ही उसने इरफ़ान को अपने पास बुलाया, "चल भोसड़ीके आजा और देख कैसे तेरे गांड भर दी मेरे पानी से, चल चाट अब मेरा पानी तेरे इस रंडी सोहा की गांड से मादरचोद". इरफ़ान चुपचाप किसी गुलाम की तरह सोहा की तरफ बड़ा और अबिदाने उसका सर सोहा की गांड पर दबाया, इरफ़ान की जबान अब अपनी बीवी सोहा की गांड से निकलता एक हिजड़े के लौड़े का पानी का स्वाद लेने लगी. सोहा की गांड से उसने आबिदा का वीर्य पूरा चाट चाट के खा लिया और चुपचाप पलंग के निचे गर्दन झुकाके बैठ गया, नेहा ने भी सोहा को अपने बाँहों में लेते हुए पलटी मार ली और सोहा उसके निचे टाँगे फैलाके चुदवाने के लिए तैयार थी.

सोहा के चुत में नेहा किन्नर का लंड अब भी अंदर तक घुसा हुवा था, सोहा की चुदासी फुद्दी ने उसके लौड़े को जखड़ रखा था और जैसे ही नेहा ने उसे अपने निचे लिया तो सोहने खुद अपनी गांड उठाते हुए नेहा को उसको चोदने का इशारा किया. नेहा ने भी सोहा को किसी २ कौड़ी की लावारिस रंडी की तरह पटक पटक के चोदना चालू किया, सोहा की ३८ इंच की उभरी हुई दुधारू चूँचिया पूरी ताकत से मसलते हुए उसने नेहा की बच्चेदानी फाड़ के रख दी. नेहा का लंड अब सोहा के अंदर घुसके उसके बच्चेदानी पर जोर जोर से ठोकर मारने लगा, सोहा के मुँह से फिरसे करहाने की और सिसकियों की आवाज निकलने लगी. नेहा की कमर पर अपनी टांगे लपेट कर सोहा ने भी अपनी गांड ऊपर लेके उस किन्नर का लंड अपनी फटी हुई भोसड़ी में लेने लगी.

सोहा की गोरी गोरी चूँचिया बुरी तरफ से मसली और मरोड़ी जा चुकी थी, चूसने और काटने के निशान उसके गले पर, गर्दन पर और चूँचियों पर साफ दिखाई दे रहे थे,इरफ़ान के घर की इज्जत आज उसके आँखों के सामने ऐसे लूट चुकी थी की क्या बताऊ. एक और नेहा सोहा की चुदाई कर रही थी तो दूसरी और आबिदा इरफ़ान के मुँह में लंड देके उससे अपना लौड़ा साफ़ करवा रही थी, उसके मुँह पर थप्पड़ मरते हुए तो कभी थूकते हुए आबिदा उसको जमके जलील कर रही थी. सोहा किसी गर्मायी और हवस में अंधी हुई आवारा कुतिया की तरह चींख रही थी, उसको नेहा के लौड़े से चुदने में कितना मजा आ रहा था ये उसकी सिसकिया साबित कर रही थी...

"आह्ह्ह्हह्ह नेहहाआआ, फाड़ मेरी चुत मेरी जाननननननन काट के रख दे मेरी भोसड़ी, चोद मादरचोद, और जोर लगा कुतिया आह्ह्ह्ह अम्म्मीईई" कहते हुए सोहा नेहा के लौड़े के निचे टाँगे फैलाके चुदवा रही थी. नेहा बड़ी देर से उसकी गांड और चुत में लैंड घुसाके सोहा को चोद रही थी पर उसके लौड़े ने भी अब जवाब देना चालू कर दिया, जैसे जैसे उसका टाइम ख़तम हो रहा था वैसे वैसे वो और भी जंगली तरीके से सोहा पर टूट पड़ी. सोहा की चुदाई इस कदर हो रही थी की बेचारा पलंग भी हिलने लगा था, पुरे कमरे में सोहा की चिंखे भर चुकी थी और नेहा का लौड़ा उसका भोसड़ा फाड़ चुदाई कर रहा था. नेहा का जोश अब धीरे धीरे काम होता जा रहा था, उसके टट्टों में उबलता वीर्य उसके लंड के सुपडे की और सरकने लगा था, सोहा के निप्पल्स उसने जोर से खिंच के मरोड़ दिए थे.

"ले मेरी रांड, पि ले मेरे लौड़े का पानी तेरे फुद्दी में बहनचोद, साला रंडी की नाजायज औलाद इरफ़ान, देख मादरचोद आज से तेरी बीवी हम हिजड़ों के बच्चे पैदा करेगी मादरचोद...." कहते हुए नेहा ने अपना लौड़ा पूरा का पूरा सोहा के चुत में घुसाया और वही उसका सूपड़ा सोहा के बच्चेदानी को चीरता हुआ अपना माल छोड़ने लगा. गरमा गरम माल जैसे हो सोहा के बच्चेदानी में गिरने लगा तो उसने नेहा को जोर से अपनी बाँहों में भर लिया और वो भी उस लौड़े पर अपना चुतरस छोड़ने लगी. सोहा के अंदर आखरी बून्द खाली करके नेहा उसके ऊपर लेटी रही, धीरे धीरे नेहा का लंड मुरझाके बाहर आ गया और फिरसे आबिदा ने इरफ़ान को अपने बीवी के पास भेज दिया. इरफ़ान को पता था उसे क्या करना है, अपने रंडी बीवी सोहा की फुद्दी से निकता नेहा हिजड़े का वीर्य उसे खाना था तो उसने अपनी जबान सोहा के फ़टे हुए भोसड़े में घुसा दी.

सोहा बिना कुछ किया आँखे बंद करके सोती रही और उसका शौहर उसकी फुद्दी से निकलता हुवा वीर्य पिता रहा, इरफ़ान को देख के दोनों हिजड़े मतलब नेहा और आबिदा जोर जोर से हसने लगे. "यही औकात है तेरी मादरचोद, अब तुमको और तुम्हारे बीवी को कोठे पर बेच दूंगी और पैसे कमाऊंगी, बड़ी नखरे कर रही थी तेरी बीवी आज देख कैसे रांड बनके चुदवा रही थी बहनचोद" ऐसे जलील करते हुए नेहा और आबिदा रूम से निकल गयी और रूम बाहर से लॉक कर दिया. इरफ़ान चुपचाप अपनी बेबसी और गलती पर पछता के रोने लगा, उसकी आवाज सुनके सोहा ने जैसे तैसे आँखे खोली और वो इरफ़ान की तरफ देख के हसने लगी. इरफ़ान को उस हसी का मतलब नहीं समझ आ रहा था, उसे लगा सोहा अब भी नशे में है और नशे की हालत में वो उसपे है रही है.

सोहा अपनी जिंदगी की सबसे बेहतरीन कामसुख से विभोर होके वैसे ही नंगी लेटी रही, उसका नंगा खूबसूरत बदन देख के अब इरफ़ान को भी उसे चोदने का मन होने लगा था, जो हुवा उसे भूलके वो सोहा के पास जैसे तैसे पहुंचा. सोहा के ओंठोंपर चूमते हुए उसने सोहा के गदराये बदन पर अपना बदन रखा वैसे सोहा जाग गयी और इरफ़ान को देखते हुए वो भी इरफ़ान को चूमने लगी. सोहा ने इरफ़ान को देख के कहा, "खोल दे अब मुझे, आज तो तेरी बेगम तेरे भी लुल्ली से चुदेग़ी हिजड़े." इरफ़ान को गांड दिखते हुए उसने अपने हाथ जो उसकी पीठ पर बंधे हुए थे उसने इरफ़ान के मुँह के सामने कर दिए. इरफ़ान ने अपनी दांतो से सोहा के हाथ पर लगी उसकी ब्रा निकाल दी और सोहा की गांड की तरफ देख ने लगा, सोहे ने भी इरफ़ान के हाथ खोल दिए और उसको बिस्तर पर लीटा दिया.

दवाई की वजह से इरफ़ान की लुल्ली अब तक खड़ी थी, अपनी नंगधडंग जवान बीवी का हुस्न देख के उसको को बहती गंगा में हाथ धोने का मौका मिल गया. सोहा ने अपनी गांड इरफ़ान के मुँह पर रख के अपना मुँह इरफ़ान के लुल्ली की तरह कर दिया और इरफ़ान की लुल्ली मुँह में ले ली. सोहा की गांड का छेद अब इरफ़ान के सामने था, आबिदा के लौड़े से निकले वीर्य की कुछ बुँदे अब भी सोहा की गांड से बाहर आ रही थी. इरफ़ान ने बिना कोई शिकायत किये सोहा की गांड में अपनी जबान घुसा दी, सोहा की ४४ इंच की फूली हुई गांड के चुत्तड़ अपने हाथ से फैलते हुए वो सोहा की गांड और फुद्दी दोनों चाटने लगा. सोहा ने भी इरफ़ान की लुल्ली मुँह में लेके चूसना चालु किया, कभी टट्टे तो कभी लुल्ली मुँह में लेके वो इरफ़ान को भी मजा देने लगी.

दोनों को अब मजे आने लगा और उनकी सिसकियाँ भी उस कमरे में गूंजने लगी, बाहर आबिदा और नेहा को भी पता चला की ये सिसकियाँ कहा से आ रही है. नेहा और आबिदा ने अपने कपडे पेहेन लिए थे और दोनों बैठके दारु के जाम लगा रही थी. नेहा ने अपने कदम उस कमरे की तरफ बढ़ाये तो आबिदा भी उसके पीछे पीछे चल दी, नेहा ने जैसे ही बाहर से कमरे का दरवाजा खोला तो उसको बहोत जोर की हसी आ गयी. आबिदा को देखते हुए वो बोली, "आबिदा लगता है अब इन दोनों को भी अब मजा आ रहा है, चल आजा मस्त बैठके इनकी चुदाई का मजा लेते है." आबिदा ने भी अपना मोबाईल लिया और उन दोनों की विडिओ बनानी चालू कर दी, सोहा भी पूरा जोर लगा के इरफ़ान को इरफ़ान अपने बीवी को चूस रहे थे.

आबिदा विडिओ निकालते हुए सोहा के पास आयी और उसने इरफ़ान के लुल्ली पर थूकते हुए सोहा का सर पूरा उस पर दबा दिया, इरफ़ान उस मिलनेवाले सुख को मजे ले ले कर सोहा की गांड और चुत का पानी पि रहा था. अब आबिदा मुड़ी इरफ़ान के पास, सोहा की गांड पर थूकते हुए उसने इरफ़ान के बाल पकड़ के उसका मुँह उस ागंद के छेद पर दबा दिया. कुछ देर बाद सोहा को अपनी फुद्दी से आवाज आयी तो उसने इरफ़ान से अलग होते हुवे बिस्तर पर नंगी लेट गयी, इरफ़ान को देखते हुए बोली, "आजा बहनचोद अब तू भी चढ़ जा मेरे ऊपर, आज देखती हूँ कितना दम है तेरे इस लुल्ली में कुत्ते". इरफ़ान को सोहा की ऐसे बत्तमीज़ी की बिलकुल भी आदत नहीं थी पर उसने बिला कुछ कहे सोहा के सामने बैठ गया, अपनी लुल्ली उसके सोहा के चुत पर रख के उसने जोर से धक्का मारा तो उसकी लुल्ली सोहा की चुदी-चुदाई भोसड़ी में घुस गयी.

"आअह्हह्ह्ह्हह कुत्तेएएएएएए धीरे कर बहनचोद, तेरे अम्मी का भोसड़ा नहीं है ये सुवर" कहते हुए सोहा ने अपनी फुद्दी अंदर से थोड़ी टाइट कर ली, सोहा की गीली फुद्दी ने अब इरफ़ान के लुल्ली को जाखड़ लिया था. इरफ़ान ने भी जोर जोर से अपने बीवी को चोदना चालू किया, बड़े दिनों बाद आज इरफ़ान की लुल्ली में पूरा जोश भर चूका था, सोहा को बाजारू रांड समझके पूरी ताकत से इरफ़ान छोड़ रहा था. सोहा की सिसकियाँ पुरे कमरे में फिर से घूमने लगी, उसके हिलते चूँचे इरफ़ान का जोश और बढ़ा रहे थे, सोहा की चूँचिया देख के पागल इरफ़ान ने उसके फड़फड़ाते कबूतर अपने मुट्ठी में भर लिए. "ले बेहेन की लौड़ी खाजा मेरा भी लौड़ा छिनाल, आज देख कैसे रंडी की तरह चुदाई करता हूँ तेरे माँ की लौड़ी, चुद ले मेरे लौड़े से कुतिया"

इरफ़ान के झटकोंसे अब सोहा की फुद्दी को मजा मिलने लगा था, अपनी गांड उठाके उसने भी इरफ़ान की लुल्ली को अपनी फटी हुई भोसड़ी में जगह देने लगी थी. इरफ़ान की कमर पर अपने पैरों से झप्पी लगते हुए उसने भी चुदाई का मजा लेना चालू कर दिया, आआह्ह्ह्हह्ह अमम्म्मीईई फाड़ दे बहनचोद, चोद तेरे बीवी को हिजड़े, घुसा दे पुरे अंदर आज, चोद चोद के रंडी बना दे मुझे इरफानननननन". सोहा का जोश देख के इरफ़ान को भी अपने आप पर गर्व महसूस होने लगा, अपने बीवी को लावारिस रंडी की तरह चोदने में उसको भी मजा सुख मिल रहा था. पर इस सबका असर तो आबिदा और नेहा के ऊपर भी तो हो ही रहा था, उन दोनों मियां-बीवी की चुदाई देख के आबिदा का लौड़ा अब फिरसे गर्दन उठाने लगा था, नेहा तो कबसे अपना लौड़ा एक हाथ से मसलते हुए उन दोनों के चुदाई का विडिओ बना ने लगी थी.

नेहा अब विडिओ बनाते बनाते सोहा के सर की तरह आ गयी और उसने अपने लौड़े से नेहा के मुँह को मारना चालू किया, सोहा ने लौड़े की मार से बचने के लिए झट से नेहा का लौड़ा अपने मुँह में भर लिया. सोहा के मुँह में कैसे ही नेहा का लौड़ा गया तो उसने एक हाथ से सोहा का गाला दबाया और जोर जोर से उसका मुँह चोदने लगी, इरफ़ान को देख के नेहा बोली, "देख इरफ़ान मेरे पालतू कुत्ते कैसे तेरी बीवी मेरे लौड़े को मुँह में लेके चूस रही है हरामी, साला नामर्द है तू हिजड़े". नेहा से जलील होकर भी इरफ़ान को कोई फरक नहीं पड़ा, वो तो अपनी ही दुनिया में खो के अपने बीवी को सबके सामने नंगी करके चोद रहा था, सोहा की चूँचिया वो ऐसे दबा रहा था की आज उनको उखाड़ ही देगा.

आबिदा भी उन तीनो को देख के अच्छी ख़ासी गरम हो चुकी थी, उसका लौड़ा भी अब पूरा खड़ा होके किसी छेद में घुसने ले लिए तैयार था पर किसके ये सोच के वो बैठे बैठे दारू का जाम पि रही थी. नेहा भी सोहा का मुँह किसी फुद्दी या गांड की तरह चोदे जा रही थी, लौड़े का सूपड़ा सोहा के गले तक घुसाके वो कुछ देर वैसे ही रुक जाती, फिर अपना लौड़ा पूरा बाहर निकाल के सोहा के थूक देती। सोहा आज सच में ख़िलौने की तरह इस्तमाल हुई जा रही थी, उसके शरीर का हर एक छेद कभी नेहा, कभी आबिदा तो कभी इरफ़ान रगड़ रगड़ के पेल रहे थे. सोहा की तो अब सिसकियाँ निकलनी भी बंद हो चुकी थी बस गले ने उसके थूक से निकलने वाली चॉक-चॉक कि धुन निकल रही थी, उसकी फुद्दी भी इरफ़ान के लुल्ली से घायल होके पानी निकालने के लिए तैयार हो चुकी थी.

इरफ़ान की चुदाई से परेशान सोहा की चुत ने आख़िर हार मान ही ली, उसकी फुद्दी से पूरा पानी कबका नेहा और आबिदा ने ख़ाली कर दिया था पर अब भी बचा कुछ पानी उसने इरफ़ान के लुल्ली पर त्याग दिया. आज दवाई की असर से इरफ़ान का लौड़ा बिलकुल भी झड़ने के मूड में नहीं लग रहा था, सोहा झड़ने की वजह से उसका बदन थरथर काँप रहा था पर इरफ़ान उसकी फ़िक्र किये बिना सोहा के चुत की चमड़ी और फाड़ने पर तुला था. सोहा की चुत अब पूरी गीली भी हुई थी और ढ़ीली भी, इरफ़ान को अब उसकी चुत में मज़ा नहीं आ रहा था तो उसने अपनी लुल्ली बाहर निकाली और सोहा को खींचते हुए उसको पलटा दिया. सोहा के मुँह से नेहा का लौड़ा इस बिच निकल गया और सोहा अपने पेट के बल पर लेट गयी, उसकी नंगी चुदी हुई गांड इरफ़ान के सामने आ गयी.

इरफ़ान की लुल्ली अब सोहा के चुतरस से भीगी थी, ५-६ इंच की वो काली लुल्ली चमक रही थी और इरफ़ान ने अपने बीवी की गांड के चुत्तड़ फैलाते हुए गांड का छेद खोला और उसपे थूकते हुए उस छेद को भी गिला कर दिया. सोहा की गांड का छेद थोड़ा सूज गया था, इस बहनचोद आबिदा ने और नेहा ने मिलके उसके बीवी की गांड का भोसड़ा बना के रख दिया था. इरफ़ान ने अपनी लुल्ली गांड के छेद पर रखी और धक्का मार के सोहा की गांड में घुसा दिया, नेहा के लौड़े से मुँह चुदवाने वाली सोहा को इरफ़ान के छोटे लुल्ली से अब कुछ ज्यादा तकलीफ तो हुई नहीं पर एक बार उसकी सिसकी जरूर निकली.

चूतड़ों को फैलाते हुए इरफ़ान ने अपनी बीवी सोहा को कुतिया बनाया और दनादन झटके देते हुए उस गांड का मजा लेने लगा, आगे से नेहा और पीछे से इरफ़ान मिलके सोहा को चोदे जा रहे थे. इरफ़ान ने अपने हाथ अब सोहा की हिलती चूँचियों पर लाये और उनको बुरी तरह से मसलने लगा, सोहा के बाल एक हाथसे खींचते हुए वो अपने बीवी की गांड मारने लगा. सोहा अब किसी २ कौड़ी की वैश्या की तरह अपने शौहर और उसके मालिकन नेहा किन्नर से चुद रही थी, उसका बदन चुदाई का हर एक घाव ले रहा था पर चुदने की मनीषा अब तक काम नहीं हुई थी. आबिदा का लंड अब उसकी बात सुनने के बस में नहीं था, ७ इंच का काला लौड़ा हाथ पे पकड़ के अब आबिदा अपने खुर्सी से उठी और वो इरफ़ान के पीछे जा कर खड़ी हो गयी.

इरफ़ान अपने बीवी की गांड मार ही रहा था की उसको आबिदा ने पीछे ने धक्का देते हुए आगे की ओर दबाया, इरफ़ान का मुँह अब सोहा के गर्दन की तरफ झुक गया और पीछे से उसकी गांड भी खुल गयी. उसकी गांड पर जोर से थप्पड़ मारते हुए आबिदा बोली, "बस कर भोसड़ीके और कितना मारेगा इस रंडी की गांड, चल कुत्ते अब मेरे लौड़े से चुदवा यही तेरी औकात है माँ के लौड़े". इरफ़ान चुपचाप झुक गया, आबिदा का लौड़ा उसके गांड के छेद पर मंडराने लगा और अगले ही पल आबिदा ने अपना लौड़ा इरफ़ान की गांड में आरपार कर दिया. हाय्यियय अम्मीईई कहते हुए इरफ़ान ने अपने दर्द को बयान किया पर आबिदा को कुछ फरक ही था, उसके बाल अपनी मुट्ठी से खींचते हुए इरफ़ान से कहा, "चिल्ला क्यों रहा है कुत्ते की औलाद, भूल गया क्या तेरे मालकिन का लौड़ा सुवर?"

इरफ़ान का मुँह अब आबिदा ने सोहा की मुँह की तरह किया और नेहा से बोली, "ले नेहा इस बहनचोद रंडी का मुँह भी चोद ले, आज इस हरामी को मूत पीला दे तेरा, साला देख कैसे अपने बीवी की गांड चोद के मजे ले रहा है". आबिदा का कहा मान के नेहा ने अपना लौड़ा सोहा के मुँह से निकाला और इरफ़ान का सर अपने लौड़े की तरह लेते हुए उसके मुँह में अपना लौड़ा ठूस दिया. आबिदा ने भी जोर जोर इरफ़ान की गांड बजानी चालू की, अबिबा की इस हरकत से इरफ़ान और सोहा दोनों की गांड एक साथ चुदने लगी, इरफ़ान की लुल्ली भी सोहा की गांड में अंदर बहार होने लगी. नेहा कभी इरफ़ान तो कभी सोहा के मुँह में लौड़ा घुसा देती, उनके हालत तक अपना लंड घुसाती और चोद चोद कर उनकी साँसे उखाड़ देती.

सोहा और इरफ़ान को अपनी हो रही मुँह चुदाई की वज़ह से सांस लेना मुश्किल हो रहा था, दोनों किसी कुत्ते की तरह ज़बान बाहर निकाल कर हांफ रहे थे और नेहा उनका मुँह चोद के उनके मुँह पर थूक भी रही थी. इरफ़ान को अपनी आदत के चलते गांड चुदवाने में मजा आने लगा, सोहा की गांड में धक्के मरना उसने बंद कर दिया और चुपचाप अपने गांड चुदाई का मजा लेने लगा. आबिदा का लौड़ा इरफ़ान की गांड को कबका फाड़ चूका था, गांड में हो रही गुदगुदी के चलते अब इरफ़ान की लुल्ली ने जवाब देना चालू कर दिया. अपने लुल्ली को सोहा की गांड में हिलाते हुए वो भी अपना पानी अपनी बीवी की गांड में गिराने के लिए व्याकुल हो रहा था, नेहा का लौड़ा चूसते हुए इरफ़ान किसी औरत की तरह गांड मरवाने लगा.

आबिदा के चुदाई के सामने इरफ़ान के लुल्ली ने आख़िरकार जवाब दे ही दिया, झड़ने की ख़ुशी उसके मुँह से सिसकी बन के बाहर निकलने ही वाली थी की नेहा ने अपना लौड़ा उसके हलक तक घुसा दिया. मुश्किल से कुछ बुँदे इरफ़ान की लुल्ली से निकली पर इसका आभास सोहा को जैसे हुवा ही नहीं, आबिदा के चुदाई के सामने इरफ़ान के लुल्ली ने आख़िरकार जवाब दे ही दिया, झड़ने की ख़ुशी उसके मुँह से सिसकी बन के बाहर निकलने ही वाली थी की नेहा ने अपना लौड़ा उसके हलक तक घुसा दिया. मुश्किल से कुछ बुँदे इरफ़ान की लुल्ली से निकली पर इसका आभास सोहा को जैसे हुवा ही नहीं, झड़ने के बाद इरफ़ान की लुल्ली मुरझा के अपने आप सोहा की गांड से बाहर निकली और उसके लुल्ली का पानी भी थोड़ा बाहर छलका. आबिदा ने अब इरफ़ान के बाल खींचके उसका मुँह सोहा की गांड में घुसाया और बोली, "मादरचोद, इस रंडी की गांड गंदी कर दी तूने तेरे इस नापाक लुल्ली से? अब क्या तेरा बाप आके साफ़ करेगा कुत्ते?"

आबिदा के दबाव के चलते इरफ़ान ने सोहा की गांड से निकलता अपने ही लुल्ली का पानी जबान से चाटना चालू किया, किसी पालतू कुत्ते की तरह वो अपने ही बीवी सोहा की गांड को चाट रहा था और हां याद रहे दोस्तों ये सब नेहा रेकॉर्ड कर रही थी. इरफ़ान सोहा की गांड चाट ही रहा था की उतने में नेहा ने सोहा को पीछे की ओर धकेला, सोहा गिरती हुई सीधा इरफ़ान के लुल्ली के पास गिर पड़ी. इरफ़ान की लुल्ली अब उसके सर के पास थी, झड़ने के बाद भी कुछ चिपचिपा सा पानी उस लुल्ली से चिपक के लटक रहा था. नेहा ने सोहा का मुँह अब उस लुल्ली पर दबाया और बोली, "ले छिनाल, साफ़ कर तेरे नामर्द शौहर की लुल्ली बहनचोद, चूस कुतिया चूस इस नामर्द इरफ़ान की लुल्ली"

नशे में बेहोश सोहा ने चुपचाप इरफ़ान की मुरझाई हुई लुल्ली अपने मुँह में लेके चूसना चालू किया, उसकी नंगी छूट अब नेहा के बीलकुल करीब थी और नेहा ने भी अपना लौड़ा सोहा के फुद्दी पर रगड़ते हुए कहा, "क्या मस्त नजारा है इरफ़ान, आज तुम मियां बीवी एक साथ हमसे चुदवा रहे हो, आजके बाद ऐसे ही तुमको हमारे लौड़े से चुदवाना है समझा रंडी के पिल्लै?" अपने शौहर की लुल्ली मुँह में चुसनेवाली सोहा को कौन क्या बोल रहा है और आसपास क्या चल रहा है इसकी थोड़ी बहोत जानकारी आने लगी थी, उसकी चुत के पास नेहा का लौड़ा महसूस होते ही उसके खुद अपनी टाँगे फैलाई और चुदने के लिए तयार हो गयी. इरफ़ान के चाटने से सोहा की भोसड़ी पहले से ही गीली थी, लगातार हो रही चुदाई के कारण सोहा की चुत पर सूजन चढ़ चुकी थी, लाल लाल चुत का दाना फूल के मूंगफली के दाने के जैसे बाहर निकल के खड़ा हुवा था. नेहा ने अपने लौड़े का सूपड़ा उस रंडी सोहा के फुद्दी के दाने पर रगड़ना चालू किया और सोहा फिर से तड़पने लगी, इरफ़ान की लुल्ली चूसते हुए उसने खुद भी अपनी गांड ऊपर उठाना चालू किया.

इरफ़ान की लुल्ली मुँह में होने के कारण सोहा ज्यादा आवाज नहीं कर सकी पर उसके बदन की तड़प साफ़ दिखाई दे रही थी पर नेहा को उसको तड़पने में शायद मजा आ रहा था. सोहा को अब लौड़े की सख्त जरुरत महसूस हो रही थी पर नेहा बस उसके चुत का दाना रगड़ रही थी और सोहा का अब गुस्सा आने लगा तो वो नेहा को बोली, "साली रंडी की औलाद, घुसा बहनचोद तेरा लंड मेरे चुत में कुतिया चोद मुझे गन्दी नाली की पैदाइश, मजे ले मेरे भोसड़े के चोद चोद के भोसड़ा बना दे". नेहा सोहा की तरफ हसते हुए बोली, "तेरे माँ की चुत रंडी, देख कैसे खुद चुदवा रही है बाजारू रंडी, कल तो बड़ा पुलिस ठाणे की बात कर रही थी छिनाल, अब क्या हुवा?" सोहा का एक चूंचा उसने पूरी ताकत से मसाला, लौड़े का सूपड़ा उसकी चुत पर रखके सोहा को गालिया देने लगी और अगले ही पल एक झटका लगाते हुए उसने अपना पूरा लौड़ा सोहा के अंदर भर दिया. इरफ़ान की लुल्ली मुँह में होने के कारण सोहा ज्यादा चिल्ला नहीं पायी, खुद अपने दोनों पैर फ़ैलाते हुए उसने नेहा को अपनी फुद्दी चोदने ले किये जगह बना दी और किसी लावारिस कुतिया की तरह वो फिरसे चुदने लगी.

इधर इरफ़ान को भी अब मजा आने लगा था, उसकी गांड में आबिदा का लंड जोर जोर से अंदर बाहर हो रहा था, दूसरी तरह उसकी बेगम में उसकी मुरझाई लुल्ली को चूस चूस के उसने फिर से जान फूँक दी थी. आबिदा के झटकों के वजह से सोहा का मुँह अब इरफ़ान की लुल्ली से चुद रहा था, इरफ़ान का मुँह और नेहा का मुँह आमने सामने आ गया तो इरफ़ान ने खुद नेहा के चूँचे चूसना चालू किया. नेहा के निप्पल्स भी चुदाई के नशे के कारण उभर आये थे, उसके लौड़े की हर एक नस साफ साफ दिखाई दे रही थी और किसी मर्द की तरह वो इरफ़ान के सामने उसके बीवी की इज्जत लूट रही थी. नेहा ने अब इरफ़ान के बाल पकड़ के उसको निचे दबाया, इरफ़ान का मुँह अब बिलकुल सोहा के फुद्दी से टकराने लगा था, इरफ़ान और सोहा लगभग 69 पोजीशन में एक दूसरे पर लेट चुके थे और दोनों अपने अपने गांड और चुत में किन्नरों का लौड़ा लेके चुद रहे थे.

सोहा और इरफ़ान की चुदाई से निकलने वाली आवाजें पुरे कमरे में चुदाई का माहौल बना रही थी, गांड से पक-पॉक की आवाजें सुनाई दे रही थी और सोहा भी मस्ती से नेहा के लौड़े को अपनी रंडी चुत में लेके चुदवा रही थी. इरफ़ान का मुँह नेहा ने सोहा के फुद्दी पे दबाते हुए कहा, "चूस ले नामर्द, देख तेरे बीवी की फुद्दी कैसे चुद रही है मेरे लौड़े से हरामी, चूस इस रांड सोहा की फुद्दी मादरचोद". आबिदा के सामने इरफ़ान किसी कुत्तिया की तरह झुक के अपनी गांड चुदवा रहा था, उसकी गांड पर जोर जोर थप्पड़ मार मार के आबिदा ने उसकी गांड लाल कर दी थी. सोहा के चुत का दाना अपने मुँह में लेके इरफ़ान ने चूसना चालू किया और सोहा को अब दुगना मज़ा मिलने लगा, उसने अपने दोनों हाथ इरफ़ान के सर की तरफ ले गयी और इरफ़ान का सर अपनी भोसड़े पर दबाते हुए उसको गालियां देने लगी.

"आअह्ह्ह्हह अललह्ह्ह्ह चुस्स्स इरफानन चूस मादरचोद तेरे माँ का भोसड़ा साले गांडू की औलाद, हिजड़े से गांड मरवाने वाला जाहिल सुवर है बहनचोद, देख तेरी बीवी कैसे बड़े बड़े लौड़े लेके चूस रही है कुत्ते, खाजा मेरी भोसड़ी रंडी की औलाद" इरफ़ान तो अब अपने बीवी से भी ज़लील हो रहा था. सोहा के सामने, अपनी ही बीवी के सामने वो एक हिजड़े का लौड़ा अपनी गांड में लेके अपनी गांड चुदवा रहा था, और उसकी बीवी उसके सामने नेहा हिजड़े के लौड़े से अपनी फुद्दी चुदवा रही थी. इतने में नेहा ने अपना लंड सोहा की फुद्दी से बाहर निकाला और इरफ़ान के मुँह में ठूस के बोली, "यही औकात है तेरे शौहर की रंडी, देख बहनचोद नामर्द कैसे मेरे लौड़े को चूस रहा है, खाजा गांडू, हिजड़े का लौड़ा चूसनेवाले सड़कछाप आवारा कुत्ते". सोहा की फुद्दी खाली होने से उसको अब मजा आना बंद हुवा तो उसने झट से अपनी गांड उठाते हुए बोली, "मालिकन जी, इस सुवर की औकात नहीं की ये आपका लौड़ा चूसे, इस मादरचोद को तो बस कुत्ता बनाके गांड चुदाई के लिए इस्तेमाल करो आप."

सोहा की बात पर हस्ते हस्ते आबिदा ने अपना लौड़ा और जोर जोर इरफ़ान की गांड में घुसाना चालू किया, इरफ़ान की गांड का छेद कबका सूज गया था, उसकी मुरझाई हुई लुल्ली को चूसने से अब सोहा ने भी मन कर दिया. पीछे से आबिदा और आगे से नेहा का लंड लेते हुए इरफ़ान किसी रंडी की तरह चुद रहा था, सोहा ने अब नेहा का लौड़ा अपने चुत में लेने के लिए नेहा से कहा, "सुना नहीं क्या तूने रांड साली, घुसा ना तेरा लंड मेरे भोसड़े में हरामी साली, इस हिजड़े से तो तेरा लौड़ा बड़ा है बहनचोद, चोद मुझे". नेहा ने भी तुरंत अपना लंड इरफ़ान के मुँह से बहार निकाला, सोहा की टाँगे खींचते हुए वो उसको अपनी और खींचने लगी और झट से लंड को सोहा फ़टे हुए चुत में घुसा के उसको चोदने लगी. सोहा ने भी अपनी गांड ऊपर कर के चुदने लगी, नेहा को अपनी ओर बुलाते हुए उसने नेहा को चूमना चालू किया और उसके कान में बोली "जोर जोर से से चोदो मालकिन, आज से ये सोहा आपके लौड़े की खिदमत करेगी, आपकी गांड साफ़ करनेवाली पालतू कुतिया हूँ फाड़ दे मुझे नेहा आअह्हह्ह्ह्ह अम्म्मीईई".