तीसरा कौन

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इरफ़ान को अपने कानों पर विश्वास ही नहीं था की उसकी घरेलु सीधी सधी बीवी आज क्या क्या कर रही है, पर दोष तो उसका न? उसके ही करम थे की आज सोहा नेहा से अपनी भोसड़ी चुदवा रही थी. इरफ़ान की गांड चोदनेवाली आबिदा अब इरफ़ान को चोद झड़ने वाली थी, उसके टट्टों में उबलता हुवा रस धीरे धीरे सूपड़े की तरफ बढ़ने था, अपने आप को झड़ने से बचने के लिए उसने इरफ़ान की गांड से बाहर निकला. सोहा तो बग़ल में नंगी लेती थी, उसके हिलते हुए बोबे हाथ में जखड़ते हुए आबिदा ने अपना लंड सोहा के मुँह में भरा और फिर से वो सोहा का मुँह चोदने लगी, कभी लंड तो कभी अपने टट्टे सोहा के मुँह देने लगी. सोहा ने भी किसी आज्ञाधारी रंडी की तरह आबिदा का लौड़ा और उसके टट्टे चूसने चालू किया, इतना ही नहीं अब तो वो अपनी जबान आबिदा की गांड के आसपास भी घुमाने लग। जैसे ही सोहा की जबान आबिदा को अपने गांड के छेद पर महसूस हुई तो उसने भी अपनी गांड सोहा के मुँह पर रख दी और जोर जोर से अपनी कमर हिलाते हुए अपनी गांड का छेद सोहा के नाक और जबान पर रगड़ने लगी

आबिदा ने जोर से हुंकार भरते हुए कहा, "आअह्ह्ह्हह मेरी रांड सोहा, चूस ले हरमान, मेरे गांड में घुसा तेरी जबान माँ की लौड़ी, देख ले बहनचोद नामर्द सुवर कैसे तेरी बीवी मेरी गांड चाट रही है भोसड़ीके"

सोहा को तो जैसे होश ही नहीं था, अपनी सुदबुद वो कबकी खो चुकी थी, उसमे बची थी वो बस एक हवस, चुदवाने की आग और उसका नामर्द शौहर उसकी ये सारी बाते देख के अपने आप को कोसने के अलावा कुछ नहीं कर सका। सोहा की फुद्दी चोद चोद कर नेहा का लौड़ा भी अपना उबलता हुवा वीर्य निकालने के लिए बेताब था पर सोहा की फुद्दी तो अब भी गरम थी, ५-६ बार झड़ने के बाद भी उसके फुद्दी को लौड़ा लेना था।आगे से नेहा और आबिदा ने मिलके फिरसे सोहा को रंडी की तरह इस्तेमाल करना जारी रखा, सोहा की जबान हवस में अंधी होक एक हिजड़े की गांड के छेद में घुसने की कोशिश कर रही थी और आगे से गांड उठा उठा के नेहा के लौड़े से चुद रही थी. सोहा के ज़बान से मिलने वाला अदभुत गांड चटाई का सुख आबिदा का लंड सहन नहीं कर पाया, सोहा के गांड पर अपना मुँह दबाते हुए उसने एक के बाद एक अपने वीर्य को सोहा की चूचियों पर गिरना चालू किया. सोहा को अपने बदन पर गरम गरम वीर्य महसूस हो ही रहा था की तब तक नेहा का लौड़ा भी उसकी फुद्दी को अपने पानी से भरने लगा. दोनों किन्नर फिरसे अपना वीर्य सोहा नामक रंडी पर बहल कर चुकी थी, इरफ़ान के बेबस नामर्द कुत्ते की तरह ये सब देख रहा था की तभी नेहा से उसे अपने पास बुलाया.

नेहा: चल कुत्ते आके चाट ले तेरे बीवी का भोसड़ा, देख कैसे तेरे बीवी की चुत मेरे माल से भर पड़ी है नामर्द, साफ़ कर दे इस रंडी का भोसड़ा तेरे ज़बान से.

इरफ़ान नेहा के आदेश का पालन करते हुए अपने बीवी की फुद्दी के पास गया और अपनी जबान उसने उस चुदी-चुदाई भोसड़ी में घुसा दी, नेहा के लौड़े के वीर्य से सोहा की चुत महक रही थी और उसका नामर्द शोहर उसके चुत से एक हिजड़े का वीर्य चाट रहा था. आबिदा ने सोहा के चुंचो के ऊपर का माल अपने उंगलियों से एक गिलास में भरना चालू किया, एक एक बून्द उसने गिलास में जमा की और वो गिलास अपने लौड़े के निचे ले गयी. वीर्य से भरे उस गिलास में आबिदा ने अपना मूत निकालना चालू किया तो नेहा ने भी दूसरा ग़िलास उठाके उस गिलास में अपना मूत भरने लगी. इरफ़ान ने किसी गुलाम की तरह अपने बीवी के भोसड़ी को जबान से चाट चाट के साफ़ किया और वो आबिदा और नेहा की तरफ देखने लगा. नेहा और आबिदा ने अपना मूत से भरा ग़िलास इरफ़ान की तरफ रख दिया, सोहा के बाल पकड़ के नेहा ने उसको बिस्तर पर बिठाया और इरफ़ान को इशारा किया.

नेहा: चल इरफ़ान आज की मेहनत का फ़ल है ये तेरे लिए पि जा मादरचोद, तेरे जैसे सड़कछाप पालतू कुत्ते के लिए मेरा मूत भी किसी अमृत से काम नहीं है भोस्डिके

आबिदा ने भी अपना ग़िलास सोहा की तरफ बढ़ाया, सोहा तो अब भी नशे में थोड़ी झूम ही रही थी पर आज वो इतनी बुरी तरह से चुदी थी की उसका गाला प्यास से सूखा जा रहा था. आबिदा ने जैसे ही अपना गिलास आगे किया तो उसने बिना कुछ सोचे समझे मूत और वीर्य से भरा ग़िलास गटागट पि के ख़ाली कर दिया। इरफ़ान तो आँखे फाड़ के सोहा को देखने लगा, तभी उसके लौड़े पर एक जोर का आघात हुआ, नेहा ने अपना घुटना इरफ़ान के टट्टों पर ऐसे मारा की इरफ़ान की चींख निकल गयी. इरफ़ान के हाथ का गिलास छूटते छूटते बचा पर उसमें से थोड़ा मूत जमीन पर गिर गया, एक हाथ से ग़िलास हाथ से अपने लौड़े को सहलाते हुए वो किसी कुत्ते की तरफ़ कुईंईइन-कुईंईइन करने लगा.

नेहा ने गिलास उसके मुँह की तरफ बढ़ाते हुए कहा, "साले बहनचोद मेरे मूत पिने की औकात नहीं तेरी और ऊपर से निचे जमीन पर गिरा दिया? चल रंडी की औलाद पि ले चुपचाप". इरफ़ान ने आँखों में दर्द लिए नेहा के मूत से भरा ग़िलास मुँह को लगाया और नेहा हिजड़े का मुत पीनेलगा, सोहा भी उसको देख रही थी की कैसे उसका शौहर किसी दूसरे इंसान का मूत पि रहा था. पूरा ग़िलास खाली करवाने के बाद नेहा ने उसको जमीन पर गिरा हुवा मूत भी अपने ज़बान से चाट चाट के पिने को बोलै, इरफ़ान ने बिना कुछ कहे जमीन पर झुकते हुए उस मूत को चाटने लगा. नेहा और आबिदा ने आज जमके चुदाई का मज़ा लिया था, सोहा को आज पहेली बार चुदाई का सुख मिल रहा था.

जो मज़ा, जो जन्नत का सुख इरफ़ान उसको जभी ना दे सका आज वही कामसुख उसको दो हिजड़ों में दिया था, उनके बड़े बड़े लौड़े सोहा की चुत और गांड को ऐसे भेद गए थे की सोहा ने आज जीते जी जन्नत देख ली. आबिदा अब नेहा को अपने साथ बाथरूम में लेके गयी वो उसी बेडरूम के अंदर बना था, सोहा के मुँह पर पानी मार मार के उसने सोहा को पुरे होश में लाना चालू किया. धीरे धीरे सोहा भी अब नशे से लगी थी, उसकी आँखे अब पूरी खुल के अपना नंगा चुदाई वाला बदन सामने के आईने में देख रही थी.

बुरी तरह के चुदाई की हर एक निशानी उसके नंगे बदन पर साफ़ दिखाई दे रही थी, उसके सीने पर लटकी हुई ३८ इंच की चूँचियाँ काली-नीली होक उसके निप्पल सूज चुके थे. गर्दन छाती पेट पर काटने के और चूसने के निशान छप गए थे, बालों की हालत तो ऐसे थी जैसे किसीने उसका जबरदस्त दुःसहवास किया हो और पीठ तो आबिदा के पंजों के निशान से ऐसे लाल हुई थी जैसे की उसकी चमड़ी किसीने छील के रही है. आबिदा ने जो पानी उसके मुँह पर मारा था वो अब निचे की और सरकते हुए उसके चुत पर लगा और पहेली बार उसको अपने चुत की हालत का अंदाजा होने लगा. चुत की बाहरी दीवारें फट चुकी थी, चुत के फ़टने से निकला हुवा खून अब अभी चुत के आसपास लगा हुवा था और पानी से अब उसकी फटी चुत चरमराने लगी. सोहा की हालत देख के मुस्कुराती आबिदा ने अब पानी उसके फुद्दी पर जान बुझके छिड़कना चलु किया और सोहा का दर्द और बढ़ने लगा.

सोहा ने अपना हाथ चुत पे लाते हुए पानी की मार से बचाना चाहा पर आबिदा ने उसका हाथ हटाते हुए उसकी फुद्दी पूरी पानी से गीली कर दी, अपने हाथ की उंगलिया झट से सोहा की चुत में घुसते हुए बोली, "क्यों रंडी अब दर्द कैसे होता है पता चला? अब जाना इस फटे हुए भोसड़े को लेके कल पुलिस थाने और हां मेरे पास है तेरे चुदाई का साबुत वो भी दिखा देना..." सोहा बिना कुछ बोले खड़ी रही, उसकी आँखों से पानी बहना चालू हुवा पर उस निर्दयी आबिदा को तो जैसे कुछ उसका इल्म ही नहीं था वो तो बस सोहा को और उसके शौहर इरफ़ान को गाली दे दे के जलील किये जा रही थी. माना की गलती इरफ़ान की थी पर उसकी सजा तो सोहा भुगत रही थी, सोहा का दर्द अब गुस्से में बदल रहा था, उसने कुछ देर तो आबिदा की बातें बिना कुछ पर अचानक कुछ ऐसे हुवा की नेहा और इरफ़ान भागते हुए बाथरूम की तरफ दौड़े.

बाथरूम में पड़े एक पुराने बियर की बोतल से सोहा से आबिदा का सर फाड़ के रख दिया था, आबिदा जमीन पर पड़े पड़े फड़फड़ा रही थी और कुछ ही देर में उसके प्राण उसके शरीर को त्याग चुके थे. सोहा की इस हरकत से नेहा थरथर कापने लगी, इरफ़ान तो भुत बनके अपने बीवी को देख रहा था की तभी टूटी हुई बियर की बोतल लेके सोहा नेहा की तरफ बढ़ने लगी. अपनी और आनेवाली सोहा को देख के नेहा की गांड फट गयी, उसने भागने की कोशिश तो की पर सोहा ने उसके बाल पकड़ते हुए उसको पीछे की और खिंच लिया. नेहा जैसे जमीन पर गिरी वैसे ही सोहा ने उस टूटे हुए बियर की बोतल को नेहा के पेट से आरपार का दिया, नेहा की एक आखरी चींख निकली और अगले ही पल नेहा की आँखे और साँसे बिलकुल बन हो गयी.

नेहा और आबिदा की लाश देख के इरफ़ान भी थरथर कापने लगा, सोहा का अवतार देख के उसकी गांड से चुदाई का सारा भुत ही निकल गया था और सोहा के सामने भिक मांगते हुए उसने सोहा से माफ़ी मांगी. सोहा ने बड़े प्यार से अपने शौहर को अपनी बाँहों में भर के कहा, "आज से ये सोहा बस आपकी है इरफ़ान, मुझे कुछ नहीं चाहिए बस आप और आपका प्यार मेरे लिए काफी है पर मेने जो किया है उसकी सजा तो मुझे मिलनी ही चाहिए, आप फ़िक्र ना करे मैं ख़ुद को पुलिस कर दूंगी पर आप सिर्फ बच्चों का ध्यान रखना." सोहा ने अपने आप को अलग करते हुए अपने कपडे पहने लिए, पर्स से मोबाईल निकालते हुए वो किसी को फोन मिलाने लगी तभी इरफ़ान ने उसको रोका और कहा, "सोहा यहाँ कुछ नहीं हुवा जो हुवा है वो तक़दीर का खेल था और वैसे भी गलती मेरी है तो सजा भी मैं ही भुगतूँगा तुम नहीं."

सोहा मान ही नहीं रही थी पर इरफ़ान ने बच्चों की कसम देके सोहा को तैयार होके घर जाने को बोल दिया, अपने शौहर का आदेश लेके सोहा चुपचाप घर से बाहर निकली और घर की तरफ जाने लगी. इधर इरफ़ान ने कुछ देर अपने दिमाख के घोड़े दौड़ाये, सोहा के हाथ से बने सारे निशान और सारे साबुत वो मिटाने लगा, दोनों की लाश को एक दूसरे के आजुबाजु लाते हुए उसने बड़ी चालाकी से ये दिखाया की इन दोनों ने ही एक दूसरे की जान ली है. हर एक बात की पुष्टिः करने के बाद उसने खुद ही पुलिस को बुला लिया, और आबिदा दुकान पर ना आने के कारण ये खुद उसका हाल पूछने आया ऐसा दिखाके उसने सबको गुमराह किया.

कमरे में ना तो कोई साबुत मिला और ना ही कोई सुराग, इरफ़ान के प्लान के हिसाब से पुलिस ने भी यही मान लिया की आबिदा और नेहा ने ही झगडे में एक दसूरे की जान दी है. मामला रफा दफा करके इरफ़ान अपने घर आ गया, सोहा को सारी कहानी बताते हुए उसने सोहा के मन का भार हलका कर दिया. आते आते इरफ़ान ने सारे साबुत साड़ी रिकॉर्डिंग और कैमरे अपने साथ लेके आ गया और उसके साथ वो दवाई लेना नहीं भुला जिसके वजह से उसकी लुल्ली आज घंटों तक कड़ी थी. सोहा और इरफ़ान अब दोनों खुश थे, इरफ़ान को अपने लुल्ली को लौड़े में तबदील बनाने की दवाई भी मिल चुकी थी...

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