एक नौजवान के कारनामे 052

Story Info
विर्जिनिटी टेस्ट.
1.5k words
5
177
00

Part 52 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

CHAPTER-5

रुपाली-मेरी पड़ोसन

PART-17

सुपर संडे-ईशा का विर्जिनिटी टेस्ट

मैं--ईशा तुम्हारी हृदयगति देखता हूँ। कहते हुए मैंने उसकी कलाई छोड़ दी। फिर स्टेथेस्कोप को अपने कानों में लगाकर उसका नॉब ईशा की छाती में लगा दिया। मेरा हाथ उसकी चूचियों को छू गया। उसे थोड़ा असहज महसूस हो रहा था। । मैं उसकी छाती के ऊपर झुके हुए उसकी आँखों में देख रहेा था उसक दिल और भी ज़ोर से धड़कने लगा। अब मैंने नॉब को थोड़ा-सा नीचे खिसकाया, उसके बदन में कंपकपी-सी दौड़ गयी। मैं टॉप के ऊपर से बायीं चूची के ऊपर नॉब को दबा रहा था । उसकी साँसें भारी हो गयीं।

मैं--ईशा तुम्हारी हृदयगति भी तेज है। कुछ तो बात है।

उसने मासूम बनने की कोशिश की।

पता नहीं ऐसा क्यूँ हो रहा है? "

मैं ने अभी भी नॉब कोउसकी बायीं चूची के ऊपर दबाया हुआ था। मेरे दबाने से अब चूचियाँ टाइट होने लगीं। फिर मैंने छाती से स्टेथेस्कोप हटा लिया लेकिन मेरी नज़रें उसकी चूचियों पर ही थीं।

मैं--ईशा तुम कोई छोटी बच्ची नहीं हो की तुम्हें मालूम ही ना हो की तुम्हारी नाड़ी और हृदयगति तेज क्यूँ हैं। तुम्हें मुझसे कुछ भी छुपाना नहीं चाहिए।

अब ईशा दुविधा में थी की क्या कहूँ और कैसे कहूँ? उसे कुछ तो कहना ही था।

"मैं वह...मेरा मतलब! मुझे रात भर डर लगता रहा और नींद भी ठीक से नहीं आयी हो सकता है ये उसका ही प्रभाव हो!"

ईशा ठीक से जवाब नहीं दे पा रही थी। इस सब के दौरान ईशा टेबल पर लेटी हुई थी और मैं उसकी छाती के पास खड़े हुआ था।

मैं--ईशा जिस तरह से तुम्हारी चूचियाँ ऊपर नीचे उठ रही हैं, मुझे लगता है कुछ और बात है।

अपनी चूचियों के ऊपर मैं के डाइरेक्ट कमेंट करने से ईशा शरमा गयी । मैंने उनका ध्यान मोड़ने की भरसक कोशिश की।

"नहीं नहीं मैं... ये तो आपके..."

उसने जानबूझकर अपनी बात अधूरी छोड़ दी और अपने दाएँ हाथ से इशारा करके बताया की मेरे उसकी चूची पर स्टेथेस्कोप लगाने से ये हुआ है। उसके इशारों को देखकर मैं ज़ोर से हंस पड़ा ।

मैं--अगर इस बेजान स्टेथेस्कोप के छूने से तुम्हारी हृदयगति इतनी बढ़ गयी तो किसी मर्द के छूने से तो तुम बेहोश ही हो जाओगी और फिर कल तुमने जीतू को वह सब कैसे करने दिया।

मैं हसा! ईशा भी मुस्कुरा दी।

मैं--ठीक है ईशा । ईशा तुम्हारी बात मान लेता हूँ की तुम्हें रात में ठीक से नींद नहीं आयी और तुम कल की घटनाओ के कारण डरी हुई थी और अब चेकअप करने से तुम थोड़ी एक्साइटेड हो गयी।

ये सुनकर ईशा ने राहत की साँस ली।

मैं--लेकिन ईशा तुम्हें बता दूं की ये अच्छे लक्षण नहीं हैं। तुम्हारी नाड़ी और हृदयगति इतनी तेज चल रही हैं कि अगर तुम संभोग कर रही होती तब भी इतनी नहीं होनी चाहिए थी।

मैं--ईशा अब तुम लेट जाओ. मुझे तुम्हारे पेट की जाँच करनी है।

ईशा फिर से टेबल में लेट गयी। मैंने बिना पूछे उसके पेट के ऊपर से स्कर्ट को हटा दिया ।

मैंने उसके पेट को अपनी अंगुलियों से महसूस किया और हथेली से पेट को दबाकर देखा। उसने पेट की मुलायम त्वचा पर मेरे गरम हाथ महसूस किए. मेरे छूने से उसके बदन में कंपकपी-सी हो रही थी। उसके पेट को दबाकर लिवर आदि अंदरूनी अंगों को टटोला। फिर अचानक उसकी नाभि में उंगली घुमाने लगा उससे ईशा को गुदगुदी होने लगी । गुदगुदी होने से ईशा अपने नितंबों को हिलाने लगी और हसने लगी।

मैं--ठीक है। हो गया। ईशा अब पेट के बल लेट जाओ।

ईशा टेबल में अपने पेट के बल लेट गयी। अब उसके बड़े नितंब मैं की आँखों के सामने ऊपर को थे और मेरी चूचियाँ उसके बदन से दबकर साइड को फैल गयी थीं। अब मैं ने स्टेथेस्कोप लगाकर मेरी पीठ में जाँच की। उन्होंने एक हाथ से स्टेथो के नॉब को उसके टॉप के ऊपर दबाया हुआ था और दूसरा हाथ मेरी पीठ के ऊपर रखा हुआ था।

मैं--ईशा एक गहरी साँस लो।

मैंने उनके निर्देशानुसार लंबी साँस ली। लेकिन मेरी अँगुलियाँ उसकी ब्रा के हुक के ऊपर चली गयी मेरी इस हरकत से ईशा साँस रोक नहीं पाई और उसकी साँस टूट गयी। फिर ईशा हसने के कारण थोड़ा नार्मल हो गयी और मैंने ब्रा के ऊपर से अपनी अँगुलियाँ हटा ली।

स्टेथो से जाँच पूरी होने के बाद, मैंने मैं के हाथ टॉप के अंदर नंगी कमर ले जा कर उसकी चिकनी कमर को महसूस किया । उसकी कमर की नंगी त्वचा पर और टॉप के अंदर मेरे हाथ के स्पर्श से उसके बदन की गर्मी बढ़ने लगी।

अब मैंने उसके नितम्बो की एक बार दबाया और फिर उसे दुबारा पीठ के बल होने को कहाः और उसे बोला ईशा तुम्हारे श्रोणि प्रदेश (पेल्विक रीजन) की जाँच करेंगे और ईशा । अगर तुमने पैंटी पहनी है तो उसे उतार दो क्यूंकी मुझे तुम्हारी योनि की जाँच करनी है।

ईशा ने पैंटी उतारने के लिए अपनी स्कर्ट को ऊपर उठाया, शरम से उसका मुँह लाल हो गया था। फिर उसने स्कर्ट के अंदर हाथ डालकर अपनी पैंटी को नितंबों से नीचे खींचने की कोशिश की। मैं नीचे से उसकी स्कर्ट के अंदर पैंटी उतारने का नज़ारा देखने लगा । लेकिन ईशा असहाय थी और उसे मेरे सामने ही पैंटी उतारनी पड़ी।

मैं -- ईशा! अपनी पैंटी मुझे दो। ईशा मैं इसे यहाँ रख देता हूँ।

ऐसा कहकर मैंने उसके कुछ कहने का इंतज़ार किए बिना उसके हाथों से पैंटी छीनकर दूसरी टेबल के पास रख दी। ईशा फिर से टेबल में लेट गयी। अब मैंने उससे कुछ भी कहने की बजाय सीधे खुद ही उसकी स्कर्ट को कमर तक ऊपर खींच दिया और उसकी टाँगों को फैला दिया। उसके बाद मैंने उसकी टाँगों को उठाकर टेबल में बने हुए खाँचो में रख दिया। अब ईशा लेटी हुई थी और उसकी दोनों टाँगें ऊपर उठी हुई थी। मेरी गोरी चिकनी जाँघें और चूत मेरी आँखों के सामने बिल्कुल नंगी थी। शरम और घबराहट से उसके दाँत भींच गये। उसकी चूत पर बालो का झुरमुट था।

ईशा लेटे लेटे मुझे देख रही थी। अब मैंने उसकी चूत के होठों को अपनी अंगुलियों से अलग किया। और चूत के होठों पर अपनी अंगुली फिराई और फिर उन्हें फैलाकर खोल दिया। उसके बाद मैंने अपनी तर्जनी अंगुली (दूसरी वाली) में ल्यूब लगाकर धीरे से उसकी चूत के अंदर घुसायी। उसकी चूत पहले से ही गीली हो रखी थी, चेकअप के नाम पर मेरे द्वारा उसके बदन को छूने से । उसकी चूत के होंठ गीले हो रखे थे और मेरी अंगुली बड़ी मुश्किल से उसकी चूत में घुसी।

"ओओओऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!"

ईशा की सिसकारी निकल गयी।

मैं -- ईशा रिलैक्स,ये सिर्फ़ जाँच हो रही है। मुझे अब तुम्हारे कौमार्य की जाँच करनी है। (विर्जिनिटी टेस्ट)

ईशा चौंकते हुए बोली डॉक्टर साहब वो क्या होता है।

ईशा कौमार्य परीक्षण यह निर्धारित करने की प्रक्रिया है कि क्या एक लड़की या महिला कुंवारी है या नहीं। ईशा को कोई उम्मीद नहीं थी की मैं ऐसा टेस्ट भी करूंगा।

तो ईशा बोली डॉक्टर अंकल मुझे आपको कुछ बताना है कल जीतू ने मेरे साथ छेड़ खानी करते करते अपनी पेण्ट उतार दी थी और मैंने शर्म के मारे अपने आँखे बंद कर ली थी उसके बाद उसने अपनी एक ऊँगली मेरी टांगो के बीच में डाल दी थी मुझे बहुत जोर से दर्द हुआ था और मैं चिलायी थी तभी आप आ गए थे और उसके बाद मैंने महसूस किया था मेरी योनि के बाहर सफ़ेद और चिपचिपा पदार्थ लगा हुआ था।

मैंने कहा ईशा अभी फैसला हो जाएगा कल तुमने और जीतू ने क्या क्या किया था ये टेस्ट यही निर्धारित करने के लिए है कि तुमने कभी संभोग किया है या नहीं किया है।

परीक्षण में तुम्हारी योनि के अंदर अक्षुण्ण हाइमन की उपस्थिति की जांच भी शामिल है और दो उंगलिया डाल कर जांच करना भी शामिल है जिसमे अगर अक्षुण्ण हाइमन नहीं भी उपस्थित है तो भी दो उंगलिया डालने से यह निर्धारित किया जाता है कि लड़की ने कभी संभोग किया है, या संभोग नहीं किया है। इसी जांच के परिणाम के आधार पर, डॉक्टर यौन आदतों पर एक निष्कर्ष निकालता है।

मैंने अपनी अंगुली उसकी चूत से बाहर निकाल ली, मैंने देखा वो उसक चूतरस से सनी हुई थी। मैंने फिर से दो अंगुलीया बड़ी मुश्किल से चूत में डाली और बड़ी मुश्किल से हिलायी । उसकी चूत वास्तवमे बहुत टाइट थी चूत में अंगुली हिलाने से ईशा उत्तेजना से टेबल में लेटे हुए कसमसाने लगी।

"ओओओओऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!"

उसे चूत के अंदर मेरी अँगुलियाँ हिलती महसूस हो रही थीं। मैंने एक हाथ की अँगुलियाँ चूत में डाली हुई थीं और दूसरे हाथ से मे में स्पैचुला को पकड़ा और दूसरे हाथ से चूत के होठों को फैलाकर स्पैचुला को ईशा की चूत में डाल दिया।

"आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह! प्लीज़ रुकिये। मैं इसे नहीं ले पाऊँगी।"

ईशा बेशर्मी से चिल्लाई। उसके निप्पल तन गये और ब्रा के अंदर चूचियाँ टाइट हो गयीं। ठंडे स्पैचुला के उसकी चूत में घुसने से ईशा कसमसाने लगी। उत्तेजना से ईशा तड़पने लगी। स्पैचुला ने उसकी चूत के छेद को फैला रखा था । इससे मुझे चूत के अंदर गहराई तक दिख रहा था और मुझे उसका कौमार्य सुरक्षित नज़र आया कुछ देर तक जाँच करने के बाद मैंने स्पैचुला को बाहर निकाल लिया।

मैं -- ठीक है ईशा। इसकी जाँच हो गयी। अब तुम अपनी टाँगें मिला सकती हो।

लेकिन ईशा ऐसा करने की हालत में नहीं थी। ईशा मेरे सामने अपनी टाँगें, जांघों और चूत को बिल्कुल नंगी किए हुए थोड़ी देर तक उसी पोजीशन में पड़ी रही। फिर कुछ पलों बाद उसने अपने को संयत किया और अपनी स्कर्ट को नीचे करके चूत को ढक लिया।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
Share this Story

story TAGS

Similar Stories

The Bond Ch. 01 Wherein Anesha struggles to stay a virgin.in NonConsent/Reluctance