अम्मी बनी सास 042

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निकाह, सुहागरात की तयारी.
1.6k words
4.62
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Part 42 of the 92 part series

Updated 06/10/2023
Created 05/04/2021
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ज़ाहिद ने भी शाज़िया के भारी जिस्म के गिर्द अपने बाजुओं को लपेटा। और एक हाथ से अपनी बहन के भारी मम्मे को मसल्ते हुए अपनी बहन के गुदाज होंठो पे अपने होन्ट रख कर उन को चूसना शुरू कर दिया।

शाज़िया को अपनी सहेली नीलोफर और उस के भाई जमशेद की मौजूदगी में ज़ाहिद भाई की इस हरकत पर शरम तो आई। मगर वो चाहने के बावजूद अपने भाई को सब के सामने उसे प्यार करने से रुक ना पाई।

इधर टीवी लवंज में बैठे ये सब लोग अपनी खुशी के ये लम्हे एक दूसरे के साथ शेयर करने में मगन थे।

मगर वो सब इस बात से बे खबर थे। कि ज़ाहिद और शाज़िया की अम्मी रज़िया बीबी टीवी लाउन्ज के साथ वाले कमरे से पर्दे की ओट में खड़े हो कर, अपने बच्चो का ये घिनौना तमाशा बड़ी खामोशी से देख देख कर अपने दिल ही दिल में कुढ रही है।

थोड़ी देर एक दूसरे से छेड़ छाड़ करने के बाद सब लोग अपनी अपने कमरों में जा कर सोने के लिए लेट गये।

दूसरे दिन सुबह शाज़िया सो कर उठी, तो उस ने पेशाब करते वक्त अपनी चूत पर लगे पॅड को अच्छी तरह चेक किया।

जब शाज़िया को यकीन हो गया कि उस का पीरियड मुकम्मल तौर पर ख़तम हो चुका था। तो शाज़िया ने सोचा कि उसे अब अपनी अम्मी को इस बारे में बता देना चाहिए।

ये सोच कर शाज़िया रज़ाई बीबी के कमरे में गई। और बिस्तर में लेटी हुई अपनी अम्मी से कहा“अम्मी मेरे पीरियड्स अब ख़तम हो चुके हैं और में आज ही नहा भी लूँगी”।

“अच्छा ठीक है फिर में ज़ाहिद ने बात करती हूँ” अपनी बेटी की बात को समझते हुए रज़िया बीबी ने बहुत धीमी आवाज़ में जवाब दिया।

फिर उसी दिन नाश्ते के बाद रज़िया बीबी ने अपने बेटे ज़ाहिद से कहा “ज़ाहिद बेटा तुम्हारी बहन आज नहा कर पाक हो जाएगी ,इसीलिए अब तुम लोग जब चाहो अपना निकाह पढ़वा लो।”

“हाईईईईईईईईई! अम्मी आप कितनी अच्छी हैं” अपनी अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद ने रज़िया बीबी को प्यार से कहा।

ज़ाहिद तो कब से इस लम्हे का मुंतीज़ार था। इसीलिए अपनी अम्मी की बात सुन कर उस का दिल खुशी से झूम उठा।

वो दौड़ता हुए शाज़िया के कमरे में पहुँचा। तो उस ने जमशेद और नीलोफर को भी शाज़िया के कमरे में ही माजूद पाया।

ज़ाहिद ने जमशेद और नीलोफर को अपनी अम्मी से हुई बात के बारे में आगाह किया।

ज़ाहिद की बात सुन कर जमशेद ने खुशी से अपनी बहन नीलोफर को अपने गले से लगा लिया।

असल में जब से नीलोफर और जमशेद ज़ाहिद के घर में मूव हुए थे। तो उस दिन से ले कर अब तक ज़ाहिद की तरह जमशेद का भी अपनी बहन नीलोफर से “परहेज” ही था।

इस की वजह ये थी कि नीलोफर की भी ये ख्वाहिश थी। कि अब वो अपने भाई को अपनी चूत उस की बीवी बन कर ही देगी ।

इसीलिए काफ़ी दिन से अपनी बहन की फुद्दि का मुँह ना देख पाने की वजह से ज़ाहिद की तरह जमशेद के दिमाग़ पर उस के लंड का खुमार चढ़ा हुआ था।

फिर सब के मशवरे से उसी रात 8 बजे निकाह का टाइम फिक्स कर दिया गया।

उन लोगो के पास वक्त बहुत कम था। इसीलिए सब उठ कर इकट्ठे ही शादी की तैयारी में मसरूफ़ हो गये।

सब से पहले ज़ाहिद और जमशेद ने बाज़ार जा कर फूलों की दुकान से बहुत सारे गुलाब के फूल खरीदे। और फिर घर वापिस आ कर ज़ाहिद और जमशेद ने मिल कर ऊपर की मंज़िल पर जमशेद और नीलोफर की सुहाग रात के लिए उन का कमरा सेट किया।

नीलोफर और जमशेद के कमरे को तैयार कर के ज़ाहिद, जमशेद और नीलोफर नीचे आ कर ज़ाहिद के कमरे में चले आए, जब कि शाज़िया किसी काम से अपने कमरे में चली गई।

ज़ाहिर सी बात है कि शादी के बाद दुल्हन “ब्याह” कर हमेशा दूल्हा के घर ही आती है।

इसीलिए ज़ाहिद ने भी अपनी बहन शाज़िया को अपनी दुलहन बना कर अपने कमरे में लेने और अपनी सुहाग रात उसी कमरे में मनाने का सोच रखा था।

इसी लिए ज़ाहिद ने जमशेद के साथ मिल कर पहले अपने पलंग को गुलाब के फुलो की पत्तियों से सजाया। और फिर मोतिया और गुलाब की लाडियाँ अपने बेड के इर्द गिर्द टाँग कर अपनी सुहाग की मसहरी भी बना ली।

जब ज़ाहिद और जमशेद और नीलोफर गुलाब की पत्तियों के साथ शाज़िया और ज़ाहिद के लिए सुहाग की मसेहरी बना रहे थे। तो उसी लम्हे शाज़िया बाहर से ज़ाहिद भाई के कमरे में दाखिल हुई।

उस वक्त ज़ाहिद के कमरे के फर्श पर चारों तरफ गुलाब की पत्तियाँ बिखरी पड़ी थी। जिन की खुसबू ने पूरे कमरे को महका दिया था।

ज़ाहिद के कमरे में दाखिल हो कर शाज़िया ने जब कमरे में बिछे हुए बेड पर नज़र दौड़ाई। तो वो अपने भाई के खूबसूरत से सजे हुए बेड से अपनी नज़रें ही ना हटा सकी।

“उफफफफफफफफफफ्फ़! आज मेरे साथ अपनी सुहाग रात मनाने के लिए मेरे भाई ने किस प्यार और शौक से हमारे “सुहाग सेज” के बिस्तर को सजाया है, हाईईईईईईई! बिस्तर की सजावट को देख कर दिल तो करता है, कि अभी अपनी शलवार उतार कर इस बिस्तर पर लेट जाऊ और भाई के लंड से अभी ही चुदवा लूँ।” शाज़िया ने इतनी खूबसूरती से सजे अपने बिस्तर को देख कर दिल ही दिल में सोचा।

जब नीलोफर ने शाज़िया को कमरे में आ कर बहुत ही खोए हुए अंदाज में अपने भाई के बिस्तर की तरफ देखते पाया। तो नीलोफर ने मज़ाक में शाज़िया के सर के उपर से गुलाब की पत्तियाँ निच्छावर करते हुए उसे कहा “भाभी जान आप बड़ी बे शरम दुल्हन हैं,जो अपने निकाह से पहले ही अपनी सुहाग रात की महसेरी (बेड) देखने चली आई हैं, लगता है आप को बड़ी आग लगी हुई है।”

“बकवास मत करो निलो की बच्ची,अभी तुम खुद अपने हाथ से अपना बिस्तर सेट कर के आई हो, और तंज़ तुम मुझ पर कर रही हो” शाज़िया ने भी मज़ाक में अपनी सहेली की बात का उसी अंदाज़ में जवाब दिया।

दोनो सहेलियों की ये नोक झोंक सुन कर ज़ाहिद और जमशेद भी अपनी बहनों का साथ देते हुए हस पड़े।

फिर दोनो कमरे सजाने के बाद ज़ाहिद और जमशेद बाहर के काम निपटाने चले गये। जब कि नीलोफर और शाज़िया अपने अपने कमरों में जा कर अपनी शादी की तैयारी में मसरूफ़ हो गईं ।

इस दौरान रज़िया बीबी उन सब से अलग थलग अपने कमरे में ही मसूर (लॉक) हो कर बैठी रही। और उस ने अपने बच्चो के किसी काम में दखल अंदाज़ी नही की।

अपने कमरे में आ कर शाज़िया ने दरवाज़े को कुण्डी लगाई और अपनी कमीज़ उतार कर अपने कमरे के फर्श पर फैंक दी।

ज्यों ही शाज़िया ने अपनी कमीज़ को उतारा। तो उस की नज़र ड्रेसिंग टेबल के शीशे के ज़रिए अपने आधे नंगे जिस्म पर पड़ी।

अपनी कमीज़ उतार कर शाज़िया को ना जाने की सूझी। कि वो शीशे के सामने खड़े हो कर अपने बदन का जायज़ा लेने लगी।

शाजिया के मम्मे उस वक्त काले रंग के लो कट ब्रेजियर में कसे हुए थे। और अपने लो कट ब्रेज़ियर में मलबूस अपने आधे नंगे मम्मो को शीशे में से देख कर शाज़िया को खुद पर ही प्यार आने लगा।

थोड़ी देर अपने मम्मो को शीशे में निहारने के बाद शाज़िया ने अपने हाथ पीछे ले जा कर अपने ब्रेजियर की हुक को खोल दिया, और आयने के करीब हो कर अपने मोटे और भारी मम्मो को बगौर देखने लगी।

बे शक शाज़िया के मम्मो पर बे पनाह गोश्त होने की वजह से उस के मम्मे अपने ही वज़न से थोड़े नीचे को धलक से गये थे।

मगर 32 साल की होने के बावजूद भी शाज़िया के मोटे मम्मे अभी तक 18 साल की जवान किसी लड़की के मम्मो जैसे सख़्त और मज़ेदार थे।

शाज़िया ने अपने मम्मो के ब्राउन निपल्स को शीशे में देखते हुए अपने नाडे को खोल कर अपनी शलवार भी उतार दी।

शीशे के सामने अपने आप को मुकलम नंगा कर के शाज़िया ने अपनी गोश्त से भरी हुई रानों का जायज़ा लेना शुरू कर दिया।

इस दौरान अपनी गुदाज रानों को देखते हुए शाज़िया की नज़र जब अपनी फूली हुई फुद्दि पर पड़ी। तो उसे अंदाज़ा हुआ कि पिछले एक हफ्ते से शेव ना करने की वजह से उस की चूत पर हल्की हल्की झान्टे आई हुई हैं।

ज़हिरी बात है आज तो शाज़िया की सुहाग रात थी, और ये वो रात होती है जिस को मनाने का सपना जवानी की दहलीज़ पर अपना पहला कदम रखते ही हर लड़की देखने लगती है।

बेशक शाज़िया इस से पहले भी अपनी कंवारी चूत के साथ एक सुहाग रात मना चुकी थी।

मगर उस वक्त और आज की सुहाग रात में फरक ये था कि उस वक्त शाज़िया ने एक अजनबी मर्द के साथ अपनी जवानी शेयर की थी।

लेकिन आज की रात जिस मर्द ने शाज़िया की जवानी का रस पीना था। वो कोई आम मर्द नही बल्कि उस का अपना सगा भाई था।

जिस ने शाज़िया के साथ सुहाग रात मनाते हुए उस के गरम बदन को देखना,छूना,चूमना,चाटना और फिर चोदना था।

इसीलिए शाज़िया अपने जवान और प्यासे जिस्म को पूरी तरह से सॉफ कर के उसे इस अंदाज़ में अपने भाई को पेश करना चाहती थी। कि उस के नंगे, जवान और गुदाज जिस्म को देखते ही उस के भाई के होश ही उड़ जाए।

ये ही बात सोच कर गरम होते हुए शाज़िया ने अपनी फूली हुई चूत के लबों पर आहिस्ता से हाथ फेरा। तो उस के हाथ की उंगलियाँ उस की फुद्दि से टपकते पानी से भीग गईं।

“बसस्स्स्स्स्सस्स! थोड़ा सा सबर और कर ले बानो, आज तेरी ये दो साला प्यास मेरे सगे भाई के मोटे लंड से बुझने ही वाली है मेरी जान” शाज़िया ने पानी छोड़ती अपनी चूत को बड़े प्यार से समझाते हुए कहा।

फिर शाज़िया ने बाथरूम में जा कर अपनी चूत और अंदर आर्म्स पर हेर रिमूविंग क्रीम लगाई, और अपनी चूत की अच्छी तरह से शेव कर के अपनी फुद्दि को अपने भाई के लिए तैयार कर दिया।

जारी रहेगी

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